How Glass is made – कांच कैसे बनती है?

इंसान द्वारा बनाई गई सबसे खूबसूरत चीजों में से एक कांच है। ऐसा इसलिए हम कहते हैं क्योंकि हर व्यक्ति यह नहीं जानता कि वह कैसा दिखता है? अगर कांच नहीं होती। आज हम हरेक क्षेत्र में इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। ऐसे में हमारे मन में यह सवाल अक्सर आता है कि How Glass is made – कांच कैसे बनती है? कांच का गिलास एक पहेली सा है। क्योंकि, काश किसी भी व्यक्ति की वास्तविकता को दिखाता है। अगर आपका गिलास को हल्के से भी धरती पर गिरा देंगे तो टूट कर के बिखर जाएगी।

कांच का गिलास रेत से बनी होती है। फिर भी आप पूरी तरह से पारदर्शी होती है, और शायद सबसे आश्चर्यजनक रूप से यहां के एक ठोस सामग्री की तरह व्यवहार करता है। लेकिन यहां बस एक प्रकार का अजीब तरल पदार्थ जब ठंडा होकर के ठोस हो जाता है तो कांच का गिलास बनता है। आपके घर में अधिकांश कमरों में एक कांच की खिड़की होगी यदि नहीं है तो कांच का दर्पण होगा। या कांच का लाइट बल्ब होगा। कांच से बनी कोई ना कोई सामान आपके घर में जरूर होगी। गिलास या कांच दूल्हा की सबसे पुरानी और सबसे बहुमुखी मानव निर्मित सामग्री में से एक मानी जाती है। चलिए इसके बारे में हम आज के इस लेख में कुछ जान लेते हैं।

What is Glass – कांच क्या है?

आपको यकीन नहीं होगा कि, कांच का गिलास (Glass) तरल रूप से बना होता है। साधारण रेत जो ज्यादातर सिलीकान डाइऑक्साइड से बनी होती है, जिसे तब तक गर्म करके रखा जाता है जब तक कि वह तरल ना बन जाए। साधारण रेत को तब तक गर्म किया जाता है जब तक कि युवा पिघल करके तरल ना हो जाती है। इस रोहित को लगभग 1700 डिग्री सेल्सियस (3090 डिग्री फॉरेनहाइट) की गर्मी में इतने ऊंचे तापमान पर पिघलाया जाता है, तब जाकर के हमें कांच का गिलास मिलता है।

जब निकलती हुई है तब ठंडी हो जाती है, तो यह आपके द्वारा शुरू किए गए किरकिरी पीले समान की तरह दिखाई देता है। इसे कई प्रक्रियाओं से गुजारा जाता है, तब जाकर के पारदर्शी गिलास हमें मिलता है। लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप रेत को कितना ठंडा करते हैं, आप कितना भी इसे ठंडा कर लीजिए यह कभी भी ठंडा होकर के ठोस वस्तु में नहीं बदलता। एक तरह से देखा जाए तो यह ठंडा जमा हुआ पदार्थ ही होता है। ज्यादातर वैज्ञानिक इसे इसी नाम से संबोधित करना ज्यादा पसंद करते हैं। यह एक ठोस और तरल दोनों के बीच में रोज की तरह है जिसमें एक ठोस के कुछ क्रिस्टल भ्रम और एक तरल की कुछ आणविक विशेषताएं होती है।

काश हमारे घरों में इतनी लोकप्रिय सामग्री है कि हम इसे हर जगह इस्तेमाल करते हैं। चाहे हमें अपने घर को सजाना है, या हमें अपने घर को रोशनी से चमकाना है। सभी जगह आप इसका कांच या गिलास का इस्तेमाल देख सकते हैं। पारदर्शी होने के अलावा, इसे बनाना काफी सस्ता है। निकले हुए कांच को कोई भी आकार देना आसान है। यही वजह है कि हमें घर सजाने और कांच की कई तरह के सामान बाजार में देखने को मिल जाती है। इसके अलावा कांच का गिलास किसी भी तरह के रसायन से जल्दी प्रतिक्रिया नहीं करता है। इसकी इस खासियत के चलते कांच का इस्तेमाल मेडिकल क्षेत्र में देखने को मिलता है। कांच की सबसे अच्छी बात यह है कि आप इसे पूर्ण नवीकरण कर सकते हैं। जितनी बार आप चाहे उतनी बार इसे पूर्ण नवीकरण कर सकते हैं।

How is Glass made? – कांच कैसे बनता है?

वर्ष 1945 में जब अमेरिकी वैज्ञानिकों ने न्यू मैक्सिको के रेगिस्तान में एक परमाणु बम के प्रोटोटाइप का परीक्षण किया था तो विस्फोट के प्रभाव के तत्काल क्षेत्र में रेत कांच के रूप में बदल गया था। सौभाग्य से हमें इस बारे में पता चला कि कांच को हम कितनी आसानी से बना सकते हैं।

वाणिज्य तौर पर कांच को बनाने के लिए एक बड़े से संयंत्र में, रेत और अपशिष्ट कांच गिलास, सोडा ऐश (Sodium Carbonate), और चूना पत्थर (Calcium carbonate) के साथ में मिलाकर के एक भट्टी में गरम करते हैं। सोडा रेत के गलनांक को कम कर देता है, जो निर्माण के दौरान ऊर्जा बचाने में मदद करती है। लेकिन, आपको यह जानकर के हैरानी होगी कि सोडा यानी कि सोडियम कार्बोनेट के इस्तेमाल से एक ऐसा कांच का गिलास बन जाता है जो आसानी से पानी में घुल जाता है। ऐसा होने से रोकने के लिए हम इसमें चूना पत्थर यानी कि सोडियम कार्बोनेट मिलाते हैं। इस पूरी प्रक्रिया से बने उत्पाद को सोडा लाइम सिलका कहा जाता है। यह साधारण कांच है जिसे हम अपने चारों तरफ देख सकते हैं।

एक बार जब रेत पिघल जाती है, तो इसे या दो बोतलों, गिलास और अन्य कंटेनर को बनाने के लिए सांचा में डाला जाता है, यात्रियों के लिए कांच की पूरी तरह से सपाट चादर है बनाई जाती है। इसके अलावा कई सिंगार ने सवारने वाले सामान इस पिघले हुए कांच से बनाई जाती है।

इसे रंग देने, के लिए इसमें अलग-अलग तरह के पदार्थों का इस्तेमाल किया जाता है जिससे वे अलग-अलग रंग के बन जाते हैं। आम तौर पर तैयार गिलास की उपस्थिति में या गुणों को बदलने के लिए अन्य रसायनों का इस्तेमाल भी किया जाता है। उदाहरण के लिए हरे रंग का कांच बनाने के लिए बिजली हुई रेत में लोहा और क्रोमियम के रसायन का इस्तेमाल किया जाता है। ओवन प्रूफ बोरोसिलिकेट ग्लास जो मजबूत गिलास होता है इसे बनाने के लिए बोरऑन ऑक्साइड का इस्तेमाल किया जाता है। वही लेड ऑक्साइड मिलाने से यह एक महीन क्रिस्टल ग्लास बन जाता है जिससे अधिक आसानी से काटा जा सकता है। कांच को अत्यधिक बेशकीमती कटलेट क्रिस्टल रंग के साथ चमकाया जाता है क्योंकि यह इसके बीच से गुजरने वाले प्रकाश को अपवर्त्य कर देती है।

कुछ विशेष प्रकार के कांच को अलग प्रक्रिया से बनाया जाता है जैसे कि बुलेट प्रूफ कांच। बुलेट प्रूफ कार एक सैंडविच या कांच और प्लास्टिक की कई परतों के टुकड़े होते हैं। जिसमें कांच और प्लास्टिक को एक के ऊपर एक परत दर परत बिछा करके बनाया जाता है। वही गाड़ी और कार में इस्तेमाल होने वाली विंडशील्ड कांच को बनाने के लिए पिघले हुए कांच को जल्दी ठंडा कर दिया जाता है। ताकि यह बहुत ज्यादा सख्त हो जाए। देखा जाए तो अलग अलग धातु कांच को अलग-अलग रंग देते हैं।

Is glass a solid… or liquid? – क्या कांच ठोस या तरल है?

यह बड़ा ही दिलचस्प सवाल है। इसका उत्तर यह है कि कांच ठोस और तरल दोनों होती है। इस तरह की किसी पदार्थ को कैसे परिभाषित किया जाए यह आज भी लोगों के बीच में चर्चा का विषय बना हुआ है। कई वैज्ञानिक और कई लोग इसे ठोस कहते हैं तो कई लोग इसे ठंडा तरल कहते हैं। असल में देखा जाए तो कांच ना तो ठोस है और ना ही तरल, यह दोनों के बीच का एक रूप है। जिसे वैज्ञानिकों द्वारा आज तक कोई नाम नहीं दिया गया। बस हम इसे केवल कांच या गिलास के रूप में ही जानते हैं।

वास्तव में देखा जाए तो उनके भिन्न प्रकार के ठोस होते हैं। जीन की संरचना बहुत ही पैदा होती है और जो कुछ भी हम फोर्स के रूप में वर्णित करते हैं वह बिल्कुल उसी तरह व्यवहार नहीं करता है। लोहे की एक गांठ और रबड़ की एक गांठ के बारे में सोचें। स्पष्ट रूप से दोनों ठोस है, और फिर भी रब्बर लोहे से बहुत अलग है। अंदर, रबड़ और लोहे के परमाणु अलग-अलग स्ट्रक्चर में होते हैं। जहां लोहे के परमाणु एक दूसरे से काफी ज्यादा नजदीक और जुड़े हुए होते हैं। तो वही रबड़ के परमाणु की बात करें तो यह आपस में उतनी कठोरता से जुड़े हुए नहीं होते। लोहे की एक नियमित जांच के लिए संरचना होती है। जबकि रबड़ एक बहुलक परमाणु की श्रंखला में बिखरा हुआ होता है। या आप पानी के बारे में सोच सकते हैं। जैसा कि आपने देखा होगा, पानी लगभग एक आदित्य ठोस है क्योंकि यह जमने पर शुरू में फैलता है। संक्षेप में ठोस, तरल और गैस के हमारे विचारों में सब कुछ अच्छी तरह से फिट नहीं होता है और तब भी ठोस, तरल पदार्थ और गैस का व्यवहार करता है।

Amorphous Solid – आनाकार ठोस

चलिए हमारी यह चर्चा फिर से हम गिलास की तरफ लौटते हैं। किसी कांच के अंदर माइक्रोस्कोप से देखा जाए तो हमें छोटे-छोटे परमाणु इसके अंदर दिखाई देंगे। कांच के अंदर मौजूद परमाणु का नियमित पैटर्न या संरचना में मौजूद होते हैं। इसलिए कांच को कभी भी अनाकर ठोस के रूप में परिभाषित नहीं किया जा सकता है। आप कांच को जमे हुए Super cooled liquid बोल सकते हैं। ज्यादातर वैज्ञानिक और लोग किसी भी कांच के टुकड़े को तरल सॉलिड पदार्थ के रूप में ही बोलना पसंद करते हैं। गिलास एक प्रकार का तरल है जिसे कभी सेट नहीं किया जा सकता। यह चीज आपको कई बार विज्ञान की किताबों में पढ़ने के लिए मिल जाएगा। इसलिए हम इससे ऐसे परिभाषित कर सकते हैं की गिलास एक तरल है जो कभी सेट नहीं होता, कांच थोड़ा तरल जैसा है और थोड़ा ठोस जैसा। इस की आंतरिक संरचना ऐसी होती है जो एक तरल और ठोस की संरचना के बीच नहीं होती है। जिसमें कुछ ठोस के क्रम और कुछ तरल की विशेषताएं होती है।

कांच को आप किसी तरह से भी Amorphous Solid नहीं कह सकते हैं। एक प्रकार का पानी बढ़ाना संभव है जिसे अनाकार बनती है। जिसे ठोस पानी और तरल बर्फ के बीच में वर्णित किया जाता है। ऐसा आप पानी को बहुत जल्दी ठंडा करके कर सकते हैं। बर्फ इतनी तेजी से बनती है कि उसके पास अपनी सामान्य, क्रिस्टलीय संरचना बनाने का समय नहीं होता है। तो आपको जो मिलता है वह बर्फ जैसा दिखता है लेकिन कुछ तरह से तरल पानी की तरह व्यवहार करता है। अन्य पदार्थों को भी अनाकार बनाया जा सकता है। सौर सेल अक्सर अनाकार सिलिकॉन से बने हुए होते हैं।

What do we Use glass for? – कांच का इस्तेमाल किन चीजों में होता है?

कांच का गिलास का इस्तेमाल बहुत सारी चीजों में होता है। जिनके बारे में आपको पहले से ही थोड़ी बहुत जानकारी तो है ही। सुबह उठते ही आपकी दिन की शुरुआत अपना चेहरा कांच के बने आईने के पास से शुरू होता है। वही आप जो घड़ी पहनते हैं उसमें लगा शीशा विकास का ही बना होता है। वही आपके घरों के छत के ऊपर लगे सोलर हीटर जो पानी को गर्म करते हैं वे भी कांच के छोटे-छोटे टुकड़े की सहायता से बने हुए होते हैं। आप जो चश्मा पहनते हैं उसमें लगे लेंस भी कांच के ही बने हुए होते हैं। इसके अलावा कांच को किसी भी आकार और रंग की बोतल में या जार में बदला जा सकता है।

कांच इतनी जल्दी किसी भी पदार्थ के साथ कोई भी प्रतिक्रिया नहीं करती है। इसकी खूबी के चलते इसका इस्तेमाल मेडिकल के क्षेत्र में काफी ज्यादा देखने को मिलता है। आपने अक्सर देखा होगा जब भी आप बीमार पड़ते हैं तब आपको जो दवाइयां दी जाती है वह कांच की शीशी में ही आती है। या जब आप डॉक्टर के पास जाते हैं तो वह आपके शरीर का तापमान थर्मामीटर के द्वारा नापा जाता है यह थर्मामीटर भी कांच से ही बनी हुई होती है।

इसके अलावा घर में सज्जो सवारने वाली वस्तुएं भी कांच की ही बनी होती है। लड़कियों को चूड़ियां पहनने का काफी शौक होता है, यह चूड़ियां भी कांच की बनी होती है। हमारे दैनिक जीवन में कांच एक अहम रोल अदा करता है। चाहे हम दिन की शुरुआत कर रहे हो, दवाइयों की शीशी, या फिर हमें घर सजाना हो हम इसका इस्तेमाल हर जगह करते हैं।

इसके अलावा तकनीकी चीजें मैं भी कांच का ही इस्तेमाल होता है। अभी जो आप इंटरनेट पर हमारा यह लेख पढ़ रहे हैं, इसमें कांच के गुण जिसे ऑप्टिकल फाइबर कहते हैं के माध्यम से डाटा को काफी तीव्रता से एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाया जाता है। आपके फोन के ऊपर लगे टच स्क्रीन या लैपटॉप के गिलास या एलसीडी पैनल या फिर गोरिल्ला ग्लास यह सारी चीजें कांच की बनी होती है। तो आप देख सकते हैं कि हम कांच का इस्तेमाल अपनी दैनिक जीवन में कितना अधिक करते हैं।

मेडिकल क्षेत्रों से लेकर के हर एक अत्याधुनिक और तकनीकी क्षेत्र तक हम गिलास और कांच का इस्तेमाल अपने दैनिक जीवन में करते हैं। कांच के बारे में इससे अधिक हम अपने इस लेख में क्या बता सकते हैं। कांच का अविष्कार उन जादुई सामग्रियों में से एक है जिसने हमारी पूरी दुनिया ही बदल कर रख दी है, जो अदृश्य रूप से पारदर्शी है।

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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