Biography of Albert Einstein in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टाइन महान विज्ञानिक जीवनी

Biography of Albert Einstein in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टाइन जितने महान वैज्ञानिक थे, उनका पहनावा उतना ही साधारण था, लेकिन उनका काम असाधारण, सिर पर बड़े बड़े बाल, बदन पर गिरी हुई चमड़ी की जैकेट, बिना सस्पैंडर की पतलून, पांव में बिना मोजे के जूते, खोलते समय ना होने ढीला करना पड़े ना पहनते समय उन्हें करना पड़े।

ऐसे ही एक शख्स जिन्हें देखकर कभी नहीं लगता था कि वह वही महान वैज्ञानिक है, जिसने विश्व को क्रांतिकारी सिद्धांत दिए हैं। जिसे विश्व पूरा सम्मान देता है। नोबेल पुरस्कार भी उसके कामों के सम्मुख बोना पड़ता है।यह महान व्यक्ति और कोई नहीं विश्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन थे।

दुनिया में बहुत बड़े-बड़े विज्ञानिक हुए हैं लेकिन उन सब अल्बर्ट आइंस्टाइन को हमेशा शीर्ष में रखते हैं। अल्बर्ट आइंस्टाइन एक सैद्धांतिक भौतिकवादी थे। वे सापेक्षता के सिद्धांत और सैद्धांतिक द्रव्यमान ऊर्जा समीकरण E = mc2 के लिए जाने जाते हैं।अल्बर्ट आइंस्टाइन को उनके प्रकाश ऊर्जा उत्सर्जन की खोज करने के लिए साल 1921 में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

अल्बर्ट आइंस्टाइन ने कई क्षेत्रों में अपना योगदान दिया है जैसे कि, सापेक्ष ब्रह्मांड, कोशिकाओं की गति, अनुभव का बर्निया, एक अनु वाले गैस का वर्णन तक, भौतिक का जेमितिकरण आदि 50 से भी अधिक शोध पत्र और विज्ञान के ऊपर कई सारी किताबें भी लिखी है।साल 1999 में टाइम्स पत्रिका ने उन्हें शताब्दी पुरुष घोषित किया था और उनकी गिनती विश्व के महान वैज्ञानिकों में से एक में की जाती है।

अल्बर्ट आइंस्टाइन ने लगभग 300 से भी अधिक वैज्ञानिक शोध पत्रों का प्रकाशन किया है।आज टाइम के बौद्धिक उपलब्धियां और अपूर्वता ने आइंस्टाइन वर्ड्स को बुद्धिमान का पर्यायवाची बना दिया है।

पूरा नाम- अल्बर्ट हेमर्न आइंस्टाइन

जन्म-14 मार्च 1879, उलमा जर्मनी

मृत्यु-18 अप्रैल 1955, न्यू जर्सी अमेरिका

पिता का नाम- हेमर्न आइंस्टाइन

माता का नाम – पाओलीन कोच

निवास -जर्मनी, इटली, ऑस्ट्रिया और अमेरिका

नागरिकता – जर्मनी, बेल्जियम और अमेरिका

विवाह – दो बार, पहली- मारिअक के साथ और दूसरी -एलिसा लोवेन के साथ

बच्चे – कदमुनी मार्गट

जाति – यहुदी

क्षेत्र – भौतिक दर्शन

शिक्षा – डीटीएच और जोरिक विश्वविद्यालय से

डॉक्टरी सलाहकार- अल्फ्रेड क्लेनर

शिष्य – अर्नेस्ट और नाथौन रोसेन

ख्याति – प्रकाश ऊर्जा प्रभाव, द्रव्यमान उर्जा सब तू लेता और बोस आइंस्टाइन आंकड़े

सम्मान – भौतिकी नोबेल NOBEL पुरस्कार (1921), कोप्ले पदक, मैक्स प्लांट पदक, शताब्दी के महान पुरस्कार (1999)

Biography of Albert Einstein in Hindi – अल्बर्ट आइंस्टीन की जीवनी

अल्बर्ट आइंस्टाइन का जन्म 14 मार्च, 1879 को, जर्मनी में हुआ था, अल्बर्ट आइंस्टाइन यहूदी धर्म से आते हैं। इनका परिवार यहूदी है, इनके पिता एक इंजीनियर और सेल्समेन थे। बचपन से ही अल्बर्ट आइंस्टाइन पढ़ने में अच्छे थे और हर समय क्लास में अव्वल आते थे। इनकी भाषा जर्मनी है, बाद में उन्होंने इटालियन और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान प्राप्त किया था।

साल 1880 में इनका परिवार म्यूनिख शहर चला गया था, जहां पर इनके पिता और चाचा ने एक कंपनी खोली थी। यह कंपनी बिजली के उपकरण बनाती थी।एक समय म्यूनिख शहर के मेले में उन्होंने बिजली का इंतजाम भी किया था।इनकी माता ने इन्हें सारंगी बजाना सिखाया था लेकिन इन्हें पसंद नहीं आया। इनको संगीत के प्रति रुचि कभी नहीं थी। इनकी प्राथमिक शिक्षा कैथोलिक प्राथमिक स्कूल में हुई थी।

आजतक ने शुरू में मॉडल और बिजली के यांत्रिक उपकरणों का निर्माण शुरू किया था, साल 1899 मैं अल्बर्ट आइंस्टाइन को मैक्स तलमूद ने 10 वर्षीय आज टाइम को विज्ञान में महत्वपूर्ण ग्रंथ से परिचय कराया था। तलमूद अल्बर्ट आइंस्टाइन के दोस्त हैं और यह भी धर्म के छात्र थे। तलमूद ने पूरे दिल से कई धर्मनिरपेक्ष शैक्षिक हितों के माध्यम से आइंस्टाइन को प्रेरित किया था।

आइंस्टाइन का व्यक्तिगत जीवन

आइंस्टाइन एक भावुक, प्रतिबंध और जातिवाद विरोधी थे, अल्बर्ट आइंस्टाइन प्रेस्टन नेशनल एसोसिएशन ऑफ द एडवांसमेंट ऑफ वर्ल्ड पीपल संस्थान के मेंबर भी रहे थे। जहां से अल्बर्ट ने अफ्रीकी अमेरिकियों के नागरिक अधिकारों के लिए ‘सबसे खराब बीमारी’मानते थे। वे नागरिक अधिकार कार्यकर्ता W.E.B DO BOIS के साथ जुड़ गए थे।

साल 1946 के समय अल्बर्ट आइंस्टाइन पेंसिलवेनिया में लिंकन यूनिवर्सिटी का भी दौरा किया था। यह विश्वविद्यालय एक अश्वेत महाविद्यालय था। अल्बर्ट आइंस्टाइन ने एक बार अपने भाषण में कहा था कि उनका कहना था कि “पिस्टन के एक निवासी याद करते हैं कि आइंस्टाइन ने कभी कॉलेज छात्रों के लिए कॉलेज की शिक्षा में शुल्क का भुगतान भी किया था”

आइंस्टाइन का वैज्ञानिक समय और कार्य

अल्बर्ट आइंस्टाइन ने अपने पूरे जीवन काल में सैकड़ों किताबें और पत्रों को प्रकाशित किया था। अब तक अल्बर्ट आइंस्टाइन की 300 से भी ज्यादा वैज्ञानिक और गैर वैज्ञानिक शोध पत्र को प्रकाशित किया जा चुका है। वह खुद के काम के अलावा दूसरे वैज्ञानिकों के साथ भी सहयोग करते थे। जिसमें बोस आइंस्टाइन के आंकड़े ,आइंस्टाइन रेफ्रिजरेटर और अन्य कई शामिल है।

1905 में मीराबिलिस पेपर

यह पेपर 4 लेखों से संबंधित है जिसे आइंस्टाइन ने 1905 को ऑन लीडर फिजिक्स नाम की एक विज्ञानिक पत्रिका में प्रकाशित किया था, जिनमें प्रकाश बिजली प्रभाव इसमें कर्ता विचारों को जन्म दिया। ब्राउनियन गति विशेष शिक्षा और E = mc2 शामिल है। इन 4 लेखों ने आधुनिक भौतिकी की लीव के लिए काफी योगदान दिया है और अंतरिक्ष समय तथा द्रव पर लोगों की सोच को बदला है। इनके चार लेख इस प्रकार है

  1. एक अनुमानी नजरिया उत्पादन और प्रकाश के परिवर्तन के संबंध पर
  2. एक स्थिर तरल में निलंबित छोटे कणों की गति पर गर्मी की आणविक गतिज थ्योरी के लिए आवश्यक
  3. आगे बढ़ते कानों के बिजली के गतिमान (इलेक्ट्रोडायनेमिक) पर
  4. क्या एक शरीर की जड़ता अपनी उर्जा सामग्री पर निर्भर करती है।

उष्मागति और अस्थिरता

साल 1900, में ओनलेडर भौतिकी को प्रस्तुत आज साइन का पहला शोध पत्र था। या 1901 में कैशितव घटना की व्याख्या से निष्कर्ष शीर्षक के साथ प्रकाशित किया गया है,जिसमें पता चलता है कि अणुओं की उपस्थिति हेतु ब्राउनियन गति को ठोस सबूत की तरह उपयोग किया जाता है।1903 और 1904 में उनका शोध मुख्य रूप से प्रसार घटना पर परमिट परमाणु आकार का असर पर संबंधित है।

अल्बर्ट आइंस्टाइन के अविष्कार

अल्बर्ट आइंस्टाइन ने बहुत से अविष्कार किए जिसके लिए उनका नाम प्रसिद्ध वैज्ञानिकों में गिने जाने लगे, उनके कुछ अविष्कार इस प्रकार है

प्रकाश की क्वांटम थ्योरी

आइंस्टाइन की प्रकाश की क्वांटम थ्योरी में उन्होंने ऊर्जा की छोटी थैली की रचना की जिसे फोटोअन कहा जाता है, जिनमें तरंग जैसे विशेषता होती है। उनकी इस थ्योरी में उन्होंने कुछ धातुओं से इलेक्ट्रॉन के उत्सर्जन को समझा, उन्होंने फोटोइलेक्ट्रिक इफेक्ट की रचना की, इस छोरी के बाद उन्होंने टेलीविजन का आविष्कार किया।जो कि दृश्य को शिल्प विज्ञान के माध्यम से दर्शाया जाता है, आधुनिक समय में बहुत से ऐसे उपकरणों का आविष्कार हो चुका है, E = mc2 आइंस्टाइन ने द्रव्यमान और ऊर्जा के बीच एक समीकरण प्रमाणित किया और उसको आज न्यूक्लियर ऊर्जा कहते हैं।

स्पेशल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी

अल्बर्ट आइंस्टाइन की इस थ्योरी में समय और गति के संबंध को समझाया गया है।ब्रह्मांड में प्रकाश की गति को निरंतर और प्रकृति के नियम के अनुसार बताया है। जनरल थ्योरी ऑफ रिलेटिविटी – अल्बर्ट आइंस्टाइन ने प्रस्तुत किया कि गुरुत्वाकर्षण स्पेस टाइम क्वांटम curveक्षेत्र में है जो कि द्रव्यमान उनके होने को बताता है।

ब्राउनियन मूवमेंट

या अल्बर्ट आइंस्टाइन की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी खोज कहा जाता है,जहां उन्होंने परमाणु के निलंबन में जिगजैग मूवमेंट का अवलोकन किया, जोकि अनु और परमाणु के अस्तित्व के प्रमाण में सहायक है।हम सभी जानते हैं कि आज के समय में विज्ञान के अधिकतर सभी ब्रांच में मुख्य हैं।

जोरिक यूनिवर्सिटी में उनको प्रोफेसर की नियुक्ति मिली और लोगों ने उन्हें महान वैज्ञानिक मानना शुरू कर दिया। साल 1905 में 26 साल की आयु में उन्होंने सापेक्षता के सिद्धांत का अविष्कार कर दिया था। इस विषय पर उन्होंने केवल 4 लेख लिखे थे जिन्होंने बहुत दिक्कत चेहरा बदल दिया। इसी सिद्धांत का प्रसिद्ध समीकरण E = mc2 है जिसके कारण ही परमाणु बम बन सका, इसी के कारण इलेक्ट्रिक एलॉय की बुनियादी रखी गई, इसी के चलते ध्वनि चलचित्र और टीवी पर शोध हो सके, आइंस्टाइन को अपने इसी खोज के लिए विश्व प्रसिद्ध नोबेल पुरस्कार मिला था।

स्नातक की डिग्री लेने के बाद उन्होंने विद्यार्थियों को पढ़ाने के बारे में विचार किया लेकिन अल्बर्ट के अधिक ज्ञान की वजह से प्रारंभ में उन्हें नौकरी नहीं मिली,साल 1902 में अल्बर्ट आइंस्टाइन को स्विजरलैंड के शहर में एक अस्थाई नौकरी मिल गई, अब उन्हें अपने शोध लेखको लिखने और प्रकाशित करने का बहुत समय मिल गया।उन्होंने डॉक्टर की डिग्री प्राप्त करने के लिए मेहनत करना शुरू कर दिया और अंत में उन्हें डॉक्टरेट की उपाधि भी मिल गई।

अल्बर्ट आइंस्टाइन के कुछ प्रमुख विचार

  • दो चीजें अनंत है, ब्रह्मांड और मनुष्य की मूर्खता; और मैं ब्रह्मांड के बारे में दृढ़ता से नहीं कह सकता।
  • जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की है उसने कभी कुछ नया करने की कोशिश नहीं की है।
  • प्रत्येक इंसान जीनियस है, लेकिन यदि आप किसी मछली को उसकी पेड़ पर चढ़ने की योग्यता से जांच करेंगे तो वह अपनी पूरी जिंदगी यही सोचकर जिएगा कि वह मूर्ख है।
  • एक सफल व्यक्ति बनने का प्रयास मत करो, बल्कि मूल्यों पर चलने वाला इंसान बनो।
  • जब आप एक अच्छी लड़की के साथ बैठे हो तो एक घंटा 1 सेकंड के समान लगता है। जब आप धड़कते अंगारे पर बैठे हो तो 1 सेकंड 1 घंटे के समान लगता है, यही सापेक्षता है।
  • क्रोध मूर्ख की छाती में ही बसता है।
  • यदि मानव जीवन को जीवित रखना है तो हमें बिल्कुल नई सोच की आवश्यकता होगी।
  • कोई भी समस्या चेतना के उच्च स्तर पर रहकर नहीं हल किया जा सकता, जिस पर वह उत्पन्न हुई है।
  • बिना सवाल किसी अधिकृत व्यक्ति का सम्मान करना सत्य के खिलाफ जाना है।
  • बीते हुए कल से सीखना, आज में जीना, कल के लिए आशा रखना। सबसे महत्वपूर्ण चीजें हैं, प्रश्न पूछना बंद मत करना।
  • मूर्खता और बुद्धिमता में यह फरक है की बुद्धिमता की एक सीमा होती है।
  • जिंदगी एक तरह से साइकिल को चलाने के समान है,जिस प्रकार आगे बढ़ने के लिए हमें साइकिल पर संतुलन की जरूरत होती है,ठीक उसी तरह संतुलित जीवन जीकर हम जिंदगी में आगे बढ़ सकते हैं।
  • यदि आप किसी कार्य को करने के सारे नियम जानते हैं,तो आप उस कार्य को किसी से भी बेहतर तरीके से कर सकते हैं।
  • समुद्री जहाज किनारों पर सबसे ज्यादा सुरक्षित है, पर वो किनारों पर खड़े रहने के लिए नहीं बना है।

Interesting fact about Albert Einstein – अल्बर्ट आइंस्टाइन के बारे में रोचक तथ्य

अल्बर्ट आइंस्टाइन 1 दिन कहीं भाषण देने जा रहे थे,रास्ते में जाते समय उनके ड्राइवर ने उनसे कहा कि मैं आप का भाषण इतनी बार सुन चुका हूं कि लोगों के सामने मैं ही आपका भाषण दे सकता हूं। उसकी बात सुनकर उन्होंने उससे कहा ‘ठीक है, आज तुम्हें मेरी जगह भाषण देना’ अल्बर्ट आइंस्टाइन के ड्राइवर की पोशाक पहनकर उसका स्थान ले लिया और अपना स्थान ड्राइवर को दे दिया। भाषण हॉल में ड्राइवर ने सचमुच, आइंस्टाइन के जैसा ही, धुआंधार भाषण दिया।

भाषण देने के बाद जब लोगों ने प्रश्न पूछना शुरू किया और ड्राइवर पूरे आत्मविश्वास के साथ जवाब भी सही दिए।लेकिन किसी एक ने ऐसा कठिन प्रश्न पूछ लिया कि ड्राइवर को उसका उत्तर नहीं पता था। इस पर ड्राइवर ने कहा, ” अरे इस प्रश्न का जवाब दो इतना सरल है कि मेरा ड्राइवर ही आपको बता देगा” । ऐसा कह कर उसने ड्राइवर वाली पोशाक पहने अल्बर्ट आइंस्टाइन को जवाब देने के लिए खड़ा कर दिया।

महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आइंस्टाइन ने अपने दिमाग में ही शोध का विजुअल प्रयोग कर रखा था, यह उनके लवरेटरी प्रयोग से ज्यादा सटीक होता था। आइंस्टाइन को उनके प्रयोग के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया,लेकिन इसके साथ मिलने वाली राशि पर उनका अधिकार नहीं हो पाया। जरा सी उनके तलाक के दौरान बीवी से सेटलमेंट के दौरान देनी पड़ी। भले ही आज टाइम को दुनिया के सबसे महान विज्ञानिक माने, लेकिन वह बचपन में सीखने और पढ़ने में कमजोर और धीमे थे।

वह यूनिवर्सिटी में दाखिला के लिए पहले एंट्रेंस एग्जाम में फेल हो गए थे, एक पैथोलॉजिस्ट ने आइंस्टाइन के शव परीक्षण के दौरान उनका दिमाग चुरा लिया था। उसके बाद हुआ 20 सालों तक जार में बंद रहा, आइंस्टाइन अपनी खराब यादास के लिए बदनाम थे। यह सच है कि वह अक्सर तारीखें, नाम और फोन नंबर भूल जाते थे।

जर्मन वैज्ञानिक आइंस्टाइन को इजरायल के राष्ट्रपति पद का प्रस्ताव दिया गया,लेकिन उन्होंने इसे विनम्रता पूर्वक मना कर दिया।इतने बड़े विज्ञानिक के साथ कोई विवाद ना हो, ऐसा हो नहीं सकता। साल 1902 में एक अवैध संतान के पिता बने। साल 1879मैं जन में आइंस्टाइन की कानूनी रूप से 1909 और 1919 में दो शादियां हुई थी। आइंस्टाइन समित डार्विन एलेन पोए और सद्दाम हुसैन जैसी हस्तियों ने अपनी पहली शादी कजन से की थी।

अल्बर्ट आइंस्टाइन की मृत्यु

आइंस्टाइन की मृत्यु के बाद उनके परिवार की अनुमति के बिना उनका दिमाग निकाल ले लिया गया। यह अनैतिक कार्य Dr. Thomas Harvey ने उनके दिमाग पर रिसर्च करने के लिए किया था। साल 1975 में उनके बेटे Hans की आज्ञा से उनके दिमाग के 240 सैंपल कई वैज्ञानिकों के पास भेजे गए,जिन्हें देखने के बाद उन्होंने पाया कि उनके दिमाग में आम इंसान से ज्यादा कोशिकाएं मौजूद थी।

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