
हां – अक्सर रात में बहुत से छोटे-छोटे धूमकेतु हमारी सौरमंडल में घुस जाते हैं और उनमें से बहुत से धूमकेतु तो हमारी पृथ्वी से टकरा भी जाते हैं। लेकिन क्योंकि वे ठोस चट्टान के बजाय बड़े पैमाने पर बर्फ से बने होते हैं। एक छोटा धूमकेतु एक शुद्र ग्रह की तुलना में टूटने की अधिक संभावना होती है क्योंकि या पृथ्वी के वायुमंडल में गिर जाता है और गर्म हो जाता है। हम अपने इस लेख में इस बारे में जानकारी लेंगे की Has a Comet ever hit our planet? क्या कोई धूमकेतु तभी हमारे ग्रह से टकराया है?

आगे बढ़ने से पहले हमें यह जानकारी होना बेहद जरूरी है कि आखिर धूमकेतु होते क्या है? आप में से बहुत से लोगों ने इन्हें आकाश में टूटते हुए तारे के रूप में जरूर देखा होगा। मान्यताओं के हिसाब से टूटता हुआ तारा को देखने से अगर आप कुछ मानते हैं तो आपकी मन्नते पूरी हो जाती है। भले ही बहुत से लोग इसे अंधविश्वास मानते हैं तो बहुत से लोग अक्सर टूटते हुए तारे को यानी कि धूमकेतु को भाग्य के तौर पर देखते हैं।
Has a Comet ever hit our planet? क्या कोई धूमकेतु तभी हमारे ग्रह से टकराया है?
धूमकेतु क्या है? What is Comet?
धूमकेतु ऐसे छोटे-छोटे खगोलीय पिंड होते हैं जो ज्यादातर पत्थर, धूल बर्फ और गैस के के बने हुए छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं। यह ग्रह के समान सूर्य की परिक्रमा करते हैं। छोटे पद वाले धूमकेतु सूर्य की परिक्रमा एक अंडाकार पद में 6 से 200 वर्ष में पूरा करते हैं। कुछ धूमकेतु का पथ बलात्कार होता है और वह मात्रा एक बार ही दिखाई देता है। लंबे पथ वाले धूमकेतु एक परिक्रमा करने में हजारों साल लगा देते हैं।

हमारे अंतरिक्ष में दो तरह के पिंड घूमते हैं एक उल्का पिंड तो दूसरा धूमकेतु के नाम से जाना जाता है। धूमकेतु को पुच्छल तारा भी कहा जाता है। इसके पीछे जलती हुई पूछ दिखाई देती है इसलिए इसे ज्यादातर लोग पुच्छल तारा भी कहते हैं। उल्का पिंड की अपेक्षा धूमकेतु ज्यादा तेजी से घूमते हैं। हमारे सौरमंडल के अंतिम छोर पर अरबों धूमकेतु सूर्य के चारों तरफ परिक्रमा कर रहे हैं।
धूमकेतु के चार भाग है:-
- नाभि (Nucleus)
- कोमा (Coma)
- पूछ
किसी भी धूमकेतु में नाभि धूमकेतु का केंद्र होता है जो पत्थर और बर्फ का बना हुआ होता है। नाभि के चारो और गैस और धूल के मिश्रण मौजूद होते हैं। हाइड्रोजन के बादल भी इसमें देखने को मिलते हैं। इसमें मौजूद कोमा जो पानी और कार्बन डाइऑक्साइड और दूसरे गैसों के मिश्रण से बने घने बादल का समूह होता है।
धूमकेतु को सूर्य की एक परिक्रमा करने में हजारों और कभी-कभी लाखो वर्ष तक लग जाते हैं। हालांकि कुछ धूमकेतु ऐसी भी है जिन्हें 100 या सैकड़ों वर्ष लगते हैं। हमारे आकाशगंगा में मौजूद बहुत से धूमकेतु का आकार छोटे से पिंड के सामान होता है तो कुछ धूमकेतु का आकार 1 किलोमीटर के बराबर होता है तो वहीं कुछ धूमकेतु का आकार चंद्रमा जितना बड़ा भी हो सकता है।
धूमकेतु जब भी सूर्य के ज्यादा नजदीक होते हैं तो उसे जलने लगते हैं और उनका एक सिरा चमकने लगता है जिसे हम में से ज्यादातर लोग पुच्छल तारा के रूप में भी जानते हैं। जब धूमकेतु सूर्य से दूर चला जाता है तो या ठोस में पुनः परिवर्तित हो जाता है और नाभि के रूप में जम जाती है।
क्या कभी कोई धूमकेतु हमारी धरती से टकराई है?
हां – साल 1908 मे तुंगुस्का के रूसी क्षेत्र में एक धूमकेतु आकर के गिरा था। जिसकी वजह से साइबेरिया के जंगलों के 2000 वर्ग किलोमीटर के जंगल तबाह हो गए थे।