रोमांटिक गाने के “बादशाह” के नाम से जाने जाने वाले कुमार सानू (Kumar Sanu) के गानों ने आपको भी जरूर दीवाना बनाया होगा। कुमार सानू ने बॉलीवुड फिल्म इंडस्ट्री को कई सारे रोमांटिक गाने दिया है। कुमार सानू प्रसिद्ध भारतीय पार्श्वगायक हैं। हिंदी फिल्म डिस्ट्रिक्ट का 90 का दशक कुमार सानू की आवाज के लिए जाना जाता है। इस दौर में कुमार सानू के एक से एक सुपरहिट गाने आए थे। आज भी लोग इन के गानों के दीवाने हैं। यही वजह है कि आज भी हिंदी फिल्म इंडस्ट्री के सबसे पसंदीदा गायकों की सूची में इन्हें ऊपर रखा जाता है। साल 2009 में इन्हें पदम श्री सभी सम्मानित किया जा चुका है। आज के हमारे इस लेख में हम लोग कुमार सानू के जीवन के बारे में विस्तार से जानकारी उपलब्ध कराने वाले हैं। Biography of Kumar Sanu in Hindi . Kumar Sanu Biography in Hindi
कुमार सानू की जीवनी – Kumar Sanu Biography in Hindi
कुमार सानू का जन्म 20 अक्टूबर, 1957 को पश्चिमी बंगाल के कोलकाता में हुआ था। कुमार सानू का असल नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। कुमार सानू के पिता का नाम पशुपति भट्टाचार्य है, जो भी एक गायक और संगीतकार थे। वह अपने पिता और बड़ी बहन के साथ कोलकाता के सिंधी इलाके में रह रहे थे। कुमार सानू ने अपनी जिंदगी में दो शादियां की है। पहली शादी उन्होंने रीटा भट्टाचार्य से 80 के दशक में की थी। रीटा भट्टाचार्य से उनके 3 बच्चे हैं, जैस्सी, जीको और जान कुमार सानू। जान कुमार सानू बिग बॉस के 14 वें सीजन में नजर आए थे। जान कुमार सानू भी कुमार सानू की तरह ही एक गायक है।
अपने कैरियर की सफलता के दौरान उनका नाम बॉलीवुड की एक्ट्रेस मीनाक्षी से भी जोड़ा गया था। जिसके चलते उनका तलाक का भी सामना करना पड़ा था।मीनाक्षी और रीटा दोनों से अलग हो जाने के बाद में कुमार सानू ने बीकानेर की लड़की सलोनी से शादी कर ली। जिससे उनके दो लड़कियां हैं सन्नो और एना। Kumar Sanu Biography in Hindi
कुमार सानू का जीवन परिचय संक्षिप्त में
नाम | कुमार सानू |
वास्तविक नाम | केदारनाथ भट्टाचार्य |
जन्मतिथि | 20 अक्टूबर 1957 |
जन्म स्थान | कोलकाता |
पत्नी का नाम | 1. रीटा भट्टाचार्य 2. सलोनी भट्टाचार्य |
धर्म | हिंदू |
पहला गाना | ‘जश्न है मोहब्बत का’ फिल्म हीरो हीरालाल |
कुमार सानू (Kumar Sanu) ने अपनी गायकी कैरियर की शुरुआत साल 1986 में आई बांग्लादेशी फिल्म “तीन कन्या” से की थी। जिसके बाद वह अपने कैरियर बनाने के लिए कोलकाता से मुंबई चले आए। यहां पर उन्होंने साल 1989 में आई फिल्म हीरो हीरालाल से अपने बॉलीवुड कैरियर की शुरुआत की। इस फिल्म में उन्होंने “जश्न है मोहब्बत का” गाने में अपनी आवाज दी थी।
साल 1989 में ही जगजीत सिंह ने कुमार सानू को कल्याणजी-आनंदजी से मिलवाया था। पहली मुलाकात में उन्होंने कुमार सानू का नाम बदलने की सलाह दे दी थी। कुमार सानू का वास्तविक नाम केदारनाथ भट्टाचार्य है। जिसे केदारनाथ भट्टाचार्य से कुमार सानू नाम रख लिया। कुमार सानू का यह नाम रखने के पीछे भी एक बड़ी वजह थी। दरअसल सानू अपनी आवाज को किशोर कुमार से प्रेरित समझते थे।साल 1990 में पहली बार आशिकी के लिए फिल्म फेयर का अवार्ड भी मिला। लगातार 4 सालों तक उन्हें फिल्म फेयर का अवार्ड मिला था। साजन (1991), दीवाना (1992), बाजीगर (1993) और 1942: ए लव स्टोरी के लिए फिल्मफेयर का सर्वश्रेष्ठ गायक का पुरस्कार इन्हें मिला है। कुमार सानू ने अपने कैरियर में अनु मलिक, जतिन ललित और हिमेश रेशमिया जैसे बड़े-बड़े संगीतकार के साथ काम किया। Kumar Sanu Biography in Hindi
90 के दशक में अपनी आवाज से लोगों को दीवाना बनाने वाले कुमार सानू एक समय ऐसा वक्त भी आया जब बदलते वक्त के साथ संगीत से उन्होंने अपनी दूरी बना ली। जिसके बाद उन्होंने लंबे समय तक कोई भी गाना नहीं गाया था। लेकिन साल 2012 में आई फिल्मराउडी राठौर के गाने “छम्मक छल्लो”से उन्होंने वापसी की। इसके साथ ही उन्होंने साल 2015 में आई फिल्म दम लगा के हईशा में उनकी आवाज के साथ देखा गया। Kumar Sanu Biography in Hindi
कुमार सानू से जुड़ी कुछ रोचक जानकारियां
- कुमार सानू ने अपने शुरुआती दिनों में संगीत उपकरण को बजाते थे।
- उन्होंने संगीत उद्योग में 7 वर्ष तक संघर्ष किया है। आखिर में उन्हें साल 1987 में जगजीत सिंह ने उन्हें हिंदी फिल्म “आंधियां” में एक गाना गाने का मौका दिया था।
- उनके नाम 1 दिन में 28 गीत गाने का रिकॉर्ड है और यह रिकॉर्ड गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज है।
- उनके परिवार के कुछ सदस्यों ने शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षण लिया था। लेकिन कुमार सानू ने ऐसा कोई भी प्रशिक्षण नहीं लिया है।
- उन्होंने ए आर रहमान के साथ कभी कार्य नहीं किया। क्योंकि वह उनके रात में संगीत रिकॉर्डिंग करने के तरीके को नापसंद करते थे।
- कुमार सानू के पिता पशुपति भट्टाचार्य एक स्थानीय नाटक कलाकार थे और उन्हें संगीतकार के रूप में भी जाना जाता है।
- बचपन में, लोग उन्हें छन्नू कहते थे, जिसके बाद उन्होंने अपना नाम सानू रख लिया था।
- कुमार सानू भारतीय जनता पार्टी के सदस्य हैं।
- जवाब बॉलीवुड संगीत उद्योग में आए तो उनका नाम गलती से सानू की जगह शानू लिखा गया जिसके बाद में उन्हें ने सुधार लिया।
- वह ब्राजील फुटबॉल टीम के एक बहुत बड़े प्रशंसक हैं। कुमार सानू ने ब्राजील फुटबॉल खिलाड़ियों जीको के नाम पर अपने बेटे का नाम जीको रखा है।