NPS (National pension system) क्या है? NPS in Hindi

अक्सर आपने सरकारी कर्मचारियों के मुंह से NPS के बारे में तो जरूर सुना होगा। यह एक पेंशन प्रणाली है। आप में से बहुत सारे लोग NPS के बारे में तो जरूर जानकारी रखते होंगे। अगर जानकारी रखती भी है तो आपको एनपीएस से संबंधित गहन के बारे में गहन जानकारी नहीं होगी। आखिर NPS को क्यों बनाया गया? पुरानी पेंशन प्रणाली और NPS में क्या अंतर है? NPS क्या है? What is NPS in Hindi

ऐसे कुछ सवाल है जो अक्सर लोगों द्वारा किए जाते हैं। बहुत सी संस्थाएं और संघ भी समय-समय पर एनपीएस के खिलाफ प्रदर्शन और उसका विरोध करते हैं। ऐसे में यह सवाल उठता है? NPS क्या है? What is NPS in Hindi

NPS (National Pension system) क्या है? – What is NPS in Hindi

NPS एक सरकारी पेंशन योजना है, असल में आप इसे एक रिटायरमेंट सेविंग अकाउंट कह सकते हैं। इसे पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण (PFRDA, Pension Fund regulatory and Development Authority) द्वारा प्रबंधित किया जाता है। यह योजना नागरिकों को रिटायरमेंट के समय Corpus बनाने में सहायता प्रदान करता है।

इस योजना को सरकार द्वारा साल 2004 में सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। हालांकि इस योजना को पहले केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए बनाया गया था। बाद में इसे साल 2009 में भारत के सभी नागरिकों के लिए खोल दिया गया।यानी इस योजना का लाभ सरकारी कर्मचारी के साथ-साथ विभिन्न प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारी एवं नौकरी पैसे वाले व्यक्ति जिनकी उम्र 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच में है, इस योजना का लाभ उठा सकते हैं।

NPS भारत में कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद पेंशन युक्त समाज बनाने के लिए सरकार द्वारा एक सराहनीय प्रयास है।एक नागरिक अपने कामकाजी जीवन के द्वारा नियमित रूप से अपनी बचत से कुछ अंश खाते में जमा करता है। रिटायरमेंट के समय इसी अंश को कर्मचारी को प्रदान किया जाता है।

सरकारी पेंशन योजना एनपीएस, भारत सरकार द्वारा प्रायोजित पेंशन योजना है। जिसे साल 2004 में इस लिए शुरू किया गया था ताकि सरकारी कर्मचारी को सेवानिवृत्ति आय प्रदान की जा सके।एक ग्राहक अपने एक कामकाजी जीवन के दौरान पेंशन खाते में पर नियमित रूप से योगदान कर सकता है।एक मुश्त में कॉरपस का एक हिस्सा वापस ले सकता है और सिस्कोष को सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय सुरक्षित करने के लिए एक वार्षिकी खरीदने का उपयोग कर सकता है।

डब्ल्यूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार भारत में जीवन प्रत्याशा वर्तमान समय में 65 वर्ष से बर्गर 2050 तक 75 वर्ष पहुंच जाएगा।ऐसे में देश में बेहतर स्वास्थ्य और स्वच्छता परिस्थितियों से जीवन की अवधि और अधिक बढ़ सकती है। इसके परिणाम स्वरूप सेवानिवृत्ति के पश्चात की वर्षों की संख्या भी बढ़ जाएगी। इस प्रकार जीवन की बढ़ती लागत, स्पीति और जीवन प्रत्याशा में सेवा निर्मिति की योजना को आज के जीवन को अनिवार्य हिस्सा बना दिया है। अधिक से अधिक नागरिकों को सामाजिक सुरक्षा मिल सके, इसके लिए भारत सरकार ने राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली की शुरुआत की है।

NPS account कैसे खोल सकते हैं?

प्रारंभ में भारत सरकार ने साल 2004 में यह सेवा केवल सरकारी कर्मचारियों के लिए लेकर लाई थी। लेकिन बाद में साल 2009 में इस सेवा को अन्य कर्मचारियों के लिए भी खोल दिया गया।एनपीएस खाता के अंतर्गत जो भी व्यक्ति इसका लाभ लेना चाहता है उसे एक विशिष्ट अस्थाई सेवा निवृति खाता संख्या PRAN नंबर दिया जाता है। यह खाता संख्या ग्राहक के जीवन पर्यंत बना रहता है। एनपीएस के खाता के अंतर्गत दो तरह के खाता आते हैं।

  1. Tier 1 Account (टियर 1 खाता) :- यह खाता रिटायरमेंट के लिए नॉन विड्रोल खाता है जो की बचत के लिए विशेष रूप से होता है।
  2. Tier 2 Account (टियर 2 खाता) :- इस खाते को आप स्वैच्छिक बचत सुविधा खाता कह सकते हैं। यानी कि गलत कभी भी इस खाते से पैसे की निकासी कर सकता है। इस खाते पर कोई भी लाभ नहीं होता है।

एनपीएस खाता कौन कौन खोल सकता है?

जैसा कि हमने ऊपर बताया है इस योजना को सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था। बाद में इसे अन्य कर्मचारी जैसे पीएसयू, एवं प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों के लिए भी खोल दिया गया।एनपीएस के अंतर्गत निम्नलिखित कर्मचारी अपना खाता खुलवा सकते हैं। NPS in Hindi

  1. केंद्र सरकार के कर्मचारी
  2. राज्य सरकार के कर्मचारी
  3. कॉरपोरेट सेक्टर के कर्मचारी
  4. अनोर्गनाइज्ड सेक्टर के कर्मचारी
  5. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी
  6. छोटे उद्योगों के कर्मचारी
  7. कोई भी व्यक्ति खुलवा सकता है।

NPS खाता खुलवाने के लिए लगने वाले दस्तावेज?

एनपीएस खाता खुलवाने के लिए, आपको इन सारे निम्नलिखित दस्तावेजों की जरूरत होती है। जैसे कि

  • Address proof -जिसमे वोटर आईडी, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस आदि में से कोई भी एक दस्तावेज।
  • Identity proof – आईडेंटिटी प्रूफ के तौर पर आप वोटर आईडी दे सकते हैं।
  • इसके अलावा पैन कार्ड डिटेल और बैंक डिटेल की आवश्यकता भी होती है।
  • Birth certificate – जन्म प्रमाण पत्र के लिए आप दसवीं का सर्टिफिकेट भी जमा कर सकते हैं।

एनपीएस के टियर 1 और टियर 2 खाते में कितना पैसा सालाना रखना आवश्यक है?

सरकारी नियम अनुसार आपको इन खातों को चलाए रखने के लिए सालाना कुछ पैसे इन खातों में जमा करने होते हैं। इसलिए इन खातों की एक न्यूनतम सालाना राशि भी निश्चित की गई है। तो चलिए जानते हैं इन खातोंपर सालाना न्यूनतम राशि कितनी होनी चाहिए:-

  • टियर 1 खाते में कम से कम ₹500 प्रति माह जमा करना अनिवार्य होता है। जबकि आपको Tier-2 खाते में हर माह कम से कम ₹1000 जमा करना अनिवार्य होता है।
  • पूरे 1 साल के अंदर Tier 1 खाते में कम से कम ₹6000 क्षमा करना अनिवार्य होता है, वही आपको टियर 2 खातों में ₹2000 की जमा राशि अनिवार्य होती है।
  • यहां पर अधिकतम राशि की कोई सीमा नहीं होती है।
  • टियर 1 खाते में आपको टैक्स में कटौती भी मिलती है। लेकिन, टियर 2 खाते में आपको टैक्स की कटौती नहीं मिलती।

NPS पर निवेश के कौन-कौन से विकल्प उपलब्ध है?

एनपीएस NPS in Hindi में आपके द्वारा जमा की गई राशि को आप तीन विकल्पों के आधार पर निवेश कर सकते हैं, जो कि निम्नलिखित है:-

  1. NPS Equity Class – एनपीएस इक्विटी क्लास :-इस विकल्प में आपको high return high risk होता है। इस पर निवेश की गई राशि को Equity यानी कि stock market पर निवेश किया जाता है।
  2. Corporate class or C-Class-कॉर्पोरेट क्लास :- इस विकल्प में जमा रकम को सरकारी security को छोड़कर के फिक्स्ड इनकम वाले स्रोत या instrument पर लगाया जाता है। यानी केवल उच्च गुणवत्ता वाली और प्लेटफार्म में ही पैसों का निवेश किया जाता है।
  3. G -class or Government/Gilt bond :- इस विकल्प के अंतर्गत आपके द्वारा लगाए गए पैसों को सरकारी बांड पर निवेश किया जाता है।

इसके अंतर्गत आपको दो विकल्प मिलते हैं। जोकि निम्नलिखित है:-

  1. Active choice
  2. Auto choice

Active choice या सक्रिय विकल्प

आपको आपके द्वारा जमा की गई राशि को निवेश करने के लिए ऊपर दिए गए हैं तीन विकल्पों या वर्गों के बीच में अपना निवेश चुनने का विकल्प है। जिसमें आप Equity class, G class, C class वैसे कोई भी विकल्प चुन सकते हैं। इसमें आपको दिए निर्धारित करते हैं कि कितना पैसा किस क्लास में लगेगा। हालांकि अगर आपने Equity class चुना है, तो आपको अधिकतम इक्विटी एक्स्पोज़र 50% ही होगा।

ऑटो चॉइस – Auto choice

इस विकल्प के अंतर्गत आप निवेश उम्र के मुताबिक की जाती है। यानी कि जैसे जैसे आपकी उम्र बढ़ती जाएगी इसके साथ ही इक्विटी में एक्सपोजर कम कर दिया जाता है। जैसे कि 18 से लेकर के 35 की उम्र तक इसमें 50% इक्विटी और बाकी राशि कॉरपोरेट बॉन्ड और सरकारी सिक्योरिटीज पर निवेश किया जाता है।35 साल के बाद जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जाएगी इक्विटी में निवेश 2% हर साल कम होते जाता है।

निवेशक किसी भी समय दोनों ही योजना में निवेश कवि कल ले सकते हैं या फिर इसमें बदलाव कर सकते हैं। परंतु आप ऐसा 1 वर्ष में केवल एक बार ही कर सकते हैं। यहां तक कि आप अपने फंड मैनेजर को किसी भी समय बदल सकते हैं। यह परिवर्तन 1 वर्ष में केवल एक बार ही किया जा सकता है।

NPS से रिटायरमेंट के समय होने वाले फायदे!

रिटायरमेंट की अधिकतम उम्र वर्तमान समय में 60 वर्ष निर्धारित की गई है। अगर आप एनपीएस में निवेश या एनपीएस के जरिए पेंशन प्राप्त करने के लिए आवेदन देते हैं तो इसके निम्नलिखित फायदे आपको सेवानिवृत्ति के दौरान प्राप्त होगी। NPS in Hindi

  1. जब आप 60 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेते हैं, तो आप 60% रकम को एकमुश्त के तौर पर वापस निकाल सकते हैं और बाकी बचे 40% रकम पर आप पेंशन प्राप्त करते हैं।
  2. यदि आप 60 वर्ष से पहले एनपीएस से पैसा निकालना चाहते हैं, तो आपको केवल 20% संचित राशि का भाग ही निकाल सकते हैं। इसके साथ ही आपको 80% हिस्सा को अपने insurance कंपनी से लाइव एनयूटी लेनी पड़ती है।
  3. यदि निवेशक की मृत्यु हो जाती है, तब ऐसी स्थिति में 100% एनपीएस को नॉमिनी को वापस दे दिया जाता है।

एनपीएस होने वाला Tax Benefit

वर्तमान समय में टियर 1 खाते में किया गया निवेश के अंतर्गत आपको टैक्स में छूट भी दी जाती है।इसके अंतर्गत आपको ₹100000 की सीमा तक सकल कुल आय से कटौती के पात्रता रखते हैं। 80c के अनुसार आपको टैक्स में छूट प्रदान की जाती है।

एनपीएस और पुरानी पेंशन व्यवस्था को लेकर के विवाद क्यों?

सरकार द्वारा कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना के लागू किए जाने के बाद भी यह कर्मचारियों के बीच में विवाद का कारण शुरू से ही बना हुआ है।इस व्यवस्था के तहत पेंशन के लिए कर्मचारियों के वेतन से 10% की कटौती की जाती है। इस पर सरकार पहले की नियम अनुसार 10% धनराशि अपने तरफ से जमा कर दी थी। हाल ही के दिनों में सरकार ने इस राशि को बढ़ाकर के 14% कर दी है।

एनपीएस उसकी तुलना में बहुत से एक कर्मचारी पुरानी पेंशन व्यवस्था को बेहतर भी मानते हैं। नई पेंशन व्यवस्था को कई लोग बाजार के जोखिम के अधीन मानते हैं जिस चलते लोगों को अपने सेवानिवृत्ति के समय घाटा उठाना पड़ सकता है, ऐसा माना जाता है। इसे बेहतर तरीके से जानने के लिए हम चलिए पुरानी पेंशन व्यवस्था एवं एनपीएस में क्या अंतर है इस बारे में जानना जरूरी है। NPS in Hindi

पुरानी पेंशन व्यवस्था में मिलने वाले लाभ

  • पुरानी पेंशन के लाभार्थियों को जनरल प्रोविडेंट फंड (GPF) की सुविधा मिलती है।
  • पुरानी पेंशन के तहत कर्मचारियों के वेतन से कोई कटौती नहीं की जाती है।
  • पुरानी पेंशन के लाभार्थी को अंतिम वेतन के समय 50 फ़ीसदी के बराबर ग्रांटेड पेंशन मिलता है।
  • पुरानी पेंशन पूरी तरह सरकार द्वारा दी जाती है।
  • पुरानी पेंशन में विवाद होने पर सरकार के खिलाफ केस भी किया जा सकता है।
  • पुरानी पेंशन वालों को रिटायरमेंट पर अंतिम वेतन के अनुसार 16.5 गुना राशि ग्रेजुएटी के रूप में मिलती है।
  • पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत ड्यूटी के दौरान आकाश मिक मृत्यु पर भी ग्रेजुएटी प्रदान की जाती है। सातवें वेतन आयोग के बाद इस राशि को ₹1000000 से बढ़ाकर के 2000000 रुपए कर दिया गया है।
  • पुरानी पेंशन व्यवस्था के अनुसार यदि कर्मचारी की मृत्यु सेवाकाल के दौरान हो जाती है तो परिजनों को परिवारिक पेंशन मिलता है।
  • पुरानी पेंशन वालों को महंगाई भत्ता और वेतन आयोग का भी लाभ मिलता है।
  • पुरानी पेंशन वालों को GPF पर लोन की सुविधा भी प्रदान की जाती है।
  • पुरानी पेंशन व्यवस्था के अनुसार आपको सेवानिवृत्ति के समय निकाले गए GPF की राशि पर किसी भी प्रकार का इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है।
  • GPF पर आपको एक नियमित ब्याज दर मिलता है।

नई पेंशन व्यवस्था यानी कि एनपीएस पर सुविधाएं

वही जब हम पुरानी पेंशन व्यवस्था को NPS या नया पेंशन व्यवस्था से तुलना करते हैं तो हमें बहुत ही सुविधाएं इस पर प्राप्त नहीं होती है। इसके साथ ही एनपीएस पर मिलने वाला ब्याज दर निश्चित नहीं होता है। जोकि बाजार जोखिमों के आधीन कई लोगों द्वारा मानी जाती है। ऐसी ही कई सारी खामियां होने के चलते पुरानी पेंशन व्यवस्था और नई पेंशन व्यवस्था को ले करके आज भी कर्मचारियों के बीच में विवाद बना हुआ है।

निष्कर्ष

दोस्तों आज के हमारे इस लेख में हमने आप लोगों को यह बताने की कोशिश की है कि NPS क्या है? इसके साथ ही हमने पुरानी पेंशन व्यवस्था और नई पेंशन व्यवस्था पर क्या क्या अंतर है इसके बारे में भी थोड़ी बहुत चर्चा की है। What is NPS in Hindi इस लेख के जरिए आपको जरूर कुछ नया सीखने को मिला होगा।

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Admin Desk

दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है।

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