पृथ्वी की आन्तरिक हलचलों के कारण परतदार शैलों में वलन पड़ते हैं। वलित परतदार शैलों के ऊपर उठने के परिणामस्वरूप बनी पर्वत श्रेणियों को वलित पर्वत कहते हैं ।
वलित परतदार शैलों पर लाखों वर्षों तक आन्तरिक क्षैतिज संपीडन – बल लगे रहते हैं तो वे मुड जाती हैं और उनमें उद्वलन तथा नतवलन पड़ जाते हैं ।
कालान्तर में ये अपनतियों और अभिनतियों के रूप में विकसित हो जाते हैं । इस प्रकार की हलचलें समय – समय पर होती रहती हैं और जब वलित शैलें बहुत ऊँचाई प्राप्त कर लेती हैं तो वलित पर्वतों का जन्म होता है ।
एशिया के हिमालय , यूरोप के आल्प्स , उत्तरी अमरीका के रॉकी और दक्षिणी अमरीका के एंडीज संसार के प्रमुख वलित पर्वत हैं । इन पर्वतों का निर्माण अत्यन्त आधुनिक पर्वत निर्माणकारी युग में हुआ है , अतः ये सभी नवीन वलित पर्वतों के नाम से जाने जाते हैं । इनमें से कुछ पर्वत श्रेणियाँ जैसे हिमालय पर्वत अब भी ऊपर उठ रहे हैं ।
वलित पर्वत किसे कहते हैं?
पर्वतों का वर्गीकरण निर्माण प्रक्रिया के आधार पर
निर्माण प्रक्रिया के आधार पर पर्वतों को निम्न रूप में विभाजित किया जाता है
- वलित पर्वत ( Folded Mountains )
पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों द्वारा जब चट्टानों में मोड़ या वलन पड़ जाते हैं तो उन्हें मोड़दार या वलित पर्वत कहते हैं । इनका निर्माण भू – सन्नतियों में होता है , जिसे पर्वतों का पालना कहते हैं । ये विश्व के प्रमुख पर्वत तंत्र हैं तथा सबसे युवा पर्वत हैं ।
उदाहरण : यूरोप में आल्पस , एशिया में हिमालय , अफ्रीका में एटलस , ऑस्ट्रेलिया का ग्रेट डिवाइडिंग रेंज , दक्षिण अमेरिका का एण्डीज , उत्तरी अमेरिका का रॉकी ।
- भ्रंशोत्थ पर्वत ( Block Mountains )
पृथ्वी की आंतरिक शक्तियों के प्रभाव से धरातल विकसित दो समानान्तर भ्रंशों के भ्रंशतलों के सहारे उस्थित स्थलखण्ड भ्रंशोत्थ पर्वत के रूप में विकसित होते हैं । उदाहरण : भारत में नीलगिरि , कैलिफोर्निया में सियरा नेवादा , पाकिस्तान में साल्ट रेंज , जर्मनी का ब्लैक फारेस्ट
3. ज्वालामुखी पर्वत ( Volcanic Mountains )
लावा एवं पायरोक्लास्टिक पदार्थों के निष्कासन से ज्वालामुखीय पर्वत बनते हैं । यदि ये लंबे समय तक जारी रहते हैं तो इनसे अति विशाल ज्वालामुखीय अम्बार बन जाता है ।
उदाहरण : अफ्रीका के किलिमंजारो , संयुक्त राज्य अमेरिका में माउन्ट रेनियर , हुड और शास्ता , जापान में फ्यूजीयामा , एन्डीज का कोटोपेक्सी , चिली का एकांकागुआ ।
- गुम्बदाकार ( Domed Mountains )
जब पृथ्वी धरातलीय में चाप के आकार में उभार होने से धरातलीय ऊपर उठ जाता है तो उसे गुम्बदनुमा पर्वत जाता है । जैसे संयुक्त राज्य अमेरिका की ब्लैक पहाड़ियाँ , सिनसिनाती और हेनरी पर्वत
वलित पर्वत का निर्माण
वलित पर्वत का निर्माण कई सैकड़ों मिलियन वर्षों के लंबे काल के दौरान हुआ है। यह प्रक्रिया प्राचीन समय से ही शुरू हो गई थी और आज भी चल रही है। वलित पर्वत के निर्माण के पीछे कई कारण हैं, जिनमें तकनीकी और भौतिक दोनों प्रकार की प्रक्रियाएं शामिल हैं।
- कृत्रिम गतिविधि: वलित पर्वतों का निर्माण तकनीकी दृष्टिकोण से भी हुआ है। जब भूमिगत गतिविधियाँ या तटीय तल के अन्य विशेषताएँ परिवर्तित होती हैं, तो वह उच्चायुक्त प्रदेश बन सकता है, जिसे पर्वत कहा जाता है।
- टेक्टोनिक दबाव: वलित पर्वतों के निर्माण में प्रमुख कारक टेक्टोनिक दबाव होता है। यह प्रक्रिया जब पृथ्वी की भूमिगत तह के भीतर विभाजन होता है और धारा में धारा के प्रवाह के कारण टेक्टोनिक प्लेटों का हलका चालन होता है। जब दो टेक्टोनिक प्लेटें मिलती हैं, तो एक ऊर्ध्वाधर दबाव उत्पन्न होता है, जो उस क्षेत्र में पर्वत बनाने के लिए कारगर होता है।
- ज्वालामुखी और भूविज्ञानिक प्रक्रियाएँ: ज्वालामुखियों से निकले लाव और आधुनिक अध्ययनों के अनुसार, भूविज्ञानिक प्रक्रियाओं के कारण भी पर्वतों का निर्माण होता है। यह शामिल है उत्तेजित प्रकार की संरचना, जैसे कि तेलचालित प्रक्रियाएं और संकीर्ण कच्चे धातु की उत्पत्ति।
- समुद्री तटीय स्थिति: वलित पर्वत के निर्माण में समुद्री तटीय स्थिति का भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। जब किनारे की परतें संघटित होती हैं, तो वहाँ बड़े पर्वतों के निर्माण के अवसर बढ़ जाते हैं।
- जल-तापीय प्रक्रियाएँ: जल-तापीय प्रक्रियाएँ भी वलित पर्वतों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जब गर्म तापमान या दबाव कारक बदलते हैं, तो इससे बड़े आकार के पर्वतों का निर्माण हो सकता है।
- पारिस्थितिकी फैक्टर्स: पारिस्थितिकी फैक्टर्स भी पर्वतों के निर्माण में अहम भूमिका निभाते हैं। ये फैक्टर्स जैसे कि वायुमंडलीय दबाव, वायुमंडलीय प्रभाव, और अन्य पर्यावरणीय कारक शामिल होते हैं।
वलित पर्वत के उदाहरण
वलित पर्वत | ऊँचाई (मीटर) | स्थान |
---|---|---|
हिमालय | 8,848 | एशिया (नेपाल, भारत, चीन) |
कराकोरम | 8,611 | एशिया (पाकिस्तान, भारत, चीन) |
अंडेस | 6,961 | दक्षिण अमेरिका (पेरू, चिली, बोलीविया) |
रॉकी | 4,401 | उत्तर अमेरिका (कनाडा, अमेरिका) |
अल्प | 4,808 | यूरोप (स्विस, फ्रांस, इटली) |
हिमालयों की खाड़ी | 3,700 | एशिया (भारत, पाकिस्तान, चीन) |
अतलस | 4,167 | अफ्रीका (मोरक्को, अल्जीरिया, ट्यूनिशिया) |
कैस्केडेन | 4,095 | सऊदी अरब |
अरावली | 1,722 | भारत (राजस्थान, हरियाणा, गुजरात) |
विन्डवर्स | 2,228 | दक्षिण अफ्रीका (नामीबिया, दक्षिणी अफ्रीका) |