आज हम लोग एक ऐसे शख्स के बारे में जानने वाले हैं उनके जीवन के बारे में, जिन्होंने बहुत ही कम समय में राजनीति जीवन में सफलता पाई है। एक नई सोच ले कर के वे इस राजनीति में आए थे।
Biography of kanhaiya kumar
कन्हैया कुमार की जीवनी, कन्हैया जी का जन्म 2 जनवरी 1987 को बिहार के एक छोटे से शहर बेगूसराय में हुआ था। उनके पिता का नाम जय शंकर सिंह और माता का नाम मीना देवी है। उनके पिता जयशंकर सिंह एक किसान है और वही उनकी माता मीना देवी एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता। कन्हैया कुमार के अलावा उनके एक भाई और एक बहन है। कन्हैया कुमार की प्रारंभिक शिक्षा बरौनी शहर में हुई । उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा औद्योगिक शहर बरौनी में आरकेसी हाई स्कूल में की मदनपुर में कक्षा छठी तक पढ़ाई की अपने स्कूली जीवन के दौरान ही उन्होंने आईपीटीए इंडियन पीपल्स थियेटर एसोसिएशन द्वारा आयोजित कई नाटकों और गतिविधियों में भाग भी लिया । उन्होंने दसवीं 2002 में पास की। मोकामा से इंटर और पटना से स्नातक वर्ष 2007 में किया, नालंदा खुला विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में एमए, JNU से अफ्रीकन स्टडीज में फरवरी 19, 2016 मैं पीएचडी की।
कन्हैया कुमार का सपना था कि वे बड़े आईपीएस अधिकारी बने, अपने एक भाषण में भी उन्होंने इसके बारे में बताया था। लेकिन आर्थिक स्थिति और गरीबी होने के कारण वह अपने पढ़ाई के लिए कई जगह नौकरी भी किया करते थे। यूपीएससी द्वारा परीक्षा का पैटर्न सीसैट लागू कर देने के बाद, बहुत दिनों से यूपीएससी की परीक्षा के लिए तैयारी कर रहे कन्हैया कुमार ने यूपीएससी की परीक्षा देना छोड़ दिया। सीसैट के आने से उन्हें काफी दुख था क्योंकि, पुराने सिलेबस से यूपीएससी की तैयारी कर रहे थे। इस चलते उन्होंने यूपीएससी की परीक्षा छोड़ दी।
कन्हैया कुमार का राजनीतिक जीवन
अगर कन्हैया कुमार की राजनीतिक जीवन को देखा जाए तो उनकी राजनीतिक जीवन की शुरुआत आज से 13 साल पुरानी है। वर्ष 2007 में छात्र संघ AISF से वे जुड़े। जो कि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की स्टूडेंट विंग है। वह इसके नेता भी रहे। वर्ष 2015 में जेएनयू ( जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए भी चुने गए थे। फरवरी 2016 में जेएनयू में एक कश्मीरी अलगाववादी, जिसने 2001 में भारतीय संसद पर हमला किया था। मोहम्मद अफजल गुरु को फांसी के खिलाफ एक छात्र रैली में राष्ट्र विरोधी नारे लगाने के आरोप में देशद्रोह का मामला उन पर दर्ज किया गया था। इस घटना के बाद उन्हें दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था। 2 मार्च 2016 में अंतरिम जमानत पर कन्हैया कुमार को रिहा कर दिया गया, क्योंकि राष्ट्र विरोधी नारों में भाग लेने का पुलिस द्वारा कन्हैया कुमार का कोई सबूत नहीं पाया गया। इसके अलावा जेएनयू में गठित एक समिति द्वारा भी उन पर लगाए गए आरोप विवादास्पद घटना की जांच कर रही है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के आधार पर कन्हैया कुमार समेत उनके साथ अन्य दोस्तों को अकादमिक तौर पर वंचित कर दिया गया। वही विश्व के सबसे बड़े छात्र संघ अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने कन्हैया कुमार का विरोध किया। उनके ऊपर देशद्रोह का मुकदमा चल रहा है। 2016 में ही उनके ऊपर एक किताब भी लिखी गई, बिहार टू तिहार।
इन सारी घटनाओं के बाद कन्हैया कुमार अब बढ़-चढ़कर के राजनीतिक कार्यक्रम में भाग लेना शुरू कर दिया, उनके वन नेशन और कम्युनिस्ट थॉट्स लोगों को काफी प्रभावित करती है। इस तरीके से राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई। राजनीतिक जीवन में उनकी लोकप्रियता और बढ़-चढ़कर के हिस्सा भागीदारी लेने के चलते, 2019 में हुए आम चुनाव में कन्हैया कुमार लोकसभा सीट के लिए बेगूसराय से भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की ओर से लड़े थे।
कौन है कन्हैया कुमार
◆ कन्हैया कुमार का जन्म बेगूसराय बिहार के एक छोटे से गांव में हुआ। उनके पिता एक किसान और माता आंगनबाड़ी सेविका है। उनका गांव तेघरा विधानसभा क्षेत्र में आता है जहां की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया का समर्थन दिया जाता है।
◆ कन्हैया कुमार के पिता जयशंकर सिंह एक किसान है वहीं उनकी माता मीना देवी एक आंगनवाड़ी सेविका है। उनके पिता जयशंकर सिंह को पैरालिसिस है वह काफी सालों से बिस्तर पर ही रहते हैं।
◆ कन्हैया कुमार की माता मीना देवी एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है वहीं उनके भाई एक प्राइवेट सेक्टर कंपनी में काम करते हैं। कन्हैया की पढ़ाई बरौनी के आरकेसी हाई स्कूल में हुई।
◆ अपनी प्रारंभिक शिक्षा के दौरान उन्हें अभिनय और नाटक में काफी रुचि थी इस चलते उन्होंने इंडियन पीपल्स थियेटर एसोसिएशन से जुड़ गए। जो नाटक और नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों में जागरूकता फैलाने का कार्य करती थी।
◆ वर्ष 2002 में कन्हैया ने पटना कॉलेज ऑफ कॉमर्स में दाखिल लिया था, जॉन से उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत हुई, कन्हैया कुमार ने पटना कॉलेज ऑफ कॉमर्स से भूगोल में बैचलर डिग्री फर्स्ट क्लास में पास की।
◆ पटना में रहते हुए ही उन्होंने पोस्ट ग्रेजुएशन खत्म किया, पटना में रहते हुए उन्होंने पोस्ट गिब्सन खत्म करने के बाद जेएनयू ( जोहार लाल नेहरू विश्वविद्यालय) से अफ्रीकन स्टडीज में पीएचडी की।
◆ वर्ष 2015 में कन्हैया कुमार ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन के ऐसे पहले सदस्य बनने जो जेएनयू मैं छात्र संघ के अध्यक्ष पद के लिए चुने गए।
◆ कन्हैया कुमार सोशल मीडिया पर भी काफी लोकप्रिय है। समाज में लोगों की परेशानियां को अक्सर सोशल मीडिया पर लिखते हैं। उनके लाखों फॉलोअर्स फेसबुक पर है, अल्लाह को फॉलोअर्स ट्विटर पर भी, उन्होंने 1127 ट्वीट ट्विटर पर किया है।
कन्हैया कुमार का राजनीतिक जीवन विवादों से भरा है। उनके राजनीतिक जीवन की शुरुआत भी विवाद पूर्ण ही शुरू हुई। लेकिन एक नई सोच और उनके मन मुक्त कर देने वाले भाषण कई लोगों को प्रभावित करते हैं। उनके द्वारा तर्क वितर्क मे काफी डीप सेंस होता है। इसके बावजूद कई सारे लोग उन्हें देशद्रोही भी मानते हैं।
दोस्तों मैं आशा करता हूं कि आपको हमारा यह लेख Biography of kanhiya kumar जरूर पसंद आई होगी। आप हमारे इस आर्टिकल को अपने दोस्तों के साथ सोशल मीडिया पर भी शेयर कर सकते हैं।