भारत का जो गांव 170 सालों से वीरान पड़ा है :- कुलधारा

भारत के कई जगहों को भूतिया या रहस्यमय जगह के रूप में जाना जाता है। ऐसी जगहों में से एक है भारत के राजस्थान में बसा कुलधारा गांव, जो रहस्यमय होने के साथ-साथ भूतिया जगह भी कहलाती है। यह रहस्यमई और भूतिया गांव राजस्थान के जैसलमेर जिले में स्थित है। कहते हैं कि या गांव एक रात में ही विरान हो गया था और अब तक पिछले 170 सालों से विरान पड़ा है। आइए जानते हैं इस राशमी गांव में रातों-रात ऐसा क्या हो गया किया विरान पड़ गया.

जैसलमेर जिले में मौजूद कुलधारा गांव अब टूरिस्ट प्लेस का रूप ले चुका है, हर साल लाखों लोग इस जगह पर घूमने आते हैं। यह गांव जैसलमेर शहर से 17 किलोमीटर दूर पर स्थित है।जैसलमेर के आसपास लगभग 84 गांव मौजूद थे जिनमें से एक कुलधारा गांव भी था।इस रहस्यमय गांव को लेकर करके कई तरह की प्राचीन कहानियां भी प्रचलित है। इस गांव के पिरान होने की 2 कहानियां जो बहुत ही ज्यादा प्रचलित है।

कुलधारा गांव के वीरान होने के पीछे का कारण

कुलधारा को लेकर के प्राचीन काल से ही कई तरह की कहानियां लोगों के बीच में काफी ज्यादा प्रचलित है,कई लोग तो इस जगह को भूतिया भी मानते हैं। कई लोग इसके इतिहास को भूत-प्रेतों से भी जोड़ते हैं। तो चलिए आइए जानते हैं कुलधारा की पीछे की दो फेमस कहानियां।

पहली कहानी

कहा जाता है यहां का शासक सलीम सिंह को अपने ही गांव की एक खूबसूरत लड़की पर गति नजर पड़ गई थी। वह उस लड़की से जबरदस्ती शादी करना चाहता था।इसके लिए सलीम सिंह ने ब्राह्मणों पर दबाव बनाना शुरू कर दिया और उसने उस लड़की से शादी करने के लिए चंद दिनों की मोहलत दी।

यह जबरदस्ती की शादी उनके समुदाय के सम्मान और गौरव के खिलाफ था। इसलिए गांव के मुखिया ने क्या फैसला लिया कि वह रातोंरात इस गांव को छोड़ कर के चले जाएंगे। जाते वक्त उन लोगों ने इस गांव को शराब दिया कि इस जगह कोई भी बस नहीं पाएगा। उस रात के बाद या गांव कुलधारा विरान हो गया और आज तक यहां कोई नहीं बस पाया है।

दूसरी कहानी

दूसरी कहानी के मुताबिक कहा जाता है कि यह का शासक सलीम सिंह ब्राह्मणों पर काफी अत्याचार करता था। उसने ही यहां के गांव में रहने वाले लोगों पर कर और लगान इतना ज्यादा बढ़ा दिया था कि ब्राह्मणों का व्यापार और खेती करना काफी मुश्किल भरा हो गया था।

वह उन को गुलाम बना करके रखता था।उसकी इन अत्याचारों से दुखों करके ब्राह्मणों ने गांव छोड़ने का फैसला किया,गांव छोड़ते हुए इन ब्राह्मणों ने इस गांव को श्राप दिया कि इस जगह कोई भी बस नहीं पाएगा। इस तरह पूरा का पूरा गांव एक दिन में ही विरान पड़ गया।

आज भी इस गांव में श्राप का है असर

इस गांव पर आज भी श्राप का असर है, कई लोग इसे रूहानी और भूतिया ताकतों का जगह बताते हैं। हर साल कई टूरिस्ट यहां आते हैं उन्होंने यहां कई भूतिया और अद्भुत घटनाएं होने का दावा भी किया है। वहीं कई लोग यह भी मानते हैं कि शायद इस गांव में रहने वाले ब्राह्मणों के साथ रातो रात अचानक कोई अनहोनी घटना जरूर हुई थी। जिसके चलते यह ब्राह्मणों की आहटें रात में भूतिया अनुभूति की तरह महसूस होती है। कहीं लोग तो इस जगह पर रात में जाने से भी डरते हैं।

हमारे अन्य आर्टिकल जो रोचक और ज्ञानवर्धक है

Sharing Is Caring:

दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

अमित शाह की जीवनी

अमित शाह की जीवनी

अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता हैं और भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति…

बिरसा मुंडा का जीवन परिचय

बिरसा मुंडा का जीवन परिचय

बिरसा मुंडा एक महत्वपूर्ण भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी थे, जो झारखंड के मुक्तिसेना आंदोलन के नेता थे। उन्होंने आदिवासी और दलितों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी और उनके समर्थन…

राजा राममोहन राय

राजा राममोहन राय

राजा राममोहन राय भारतीय समाज सुधारक, विद्वान, और समाजशास्त्री थे। वे 19वीं सदी के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यमी और समाज सुधारक थे। उन्होंने समाज में अंधविश्वास, बलात्कार, सती प्रथा, और दाह-संस्कार…

महर्षि दयानंद सरस्वती

महर्षि दयानंद सरस्वती की जीवनी

महर्षि दयानंद सरस्वती, जिन्हें स्वामी दयानंद सरस्वती के नाम से भी जाना जाता है, 19वीं सदी के महान धार्मिक और समाज सुधारक थे। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की, जो…

एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी

एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, भारतीय राष्ट्रपति और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष के रूप में प्रसिद्ध थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम…

डॉ भीमराव आंबेडकर जीवनी

डॉ भीमराव आंबेडकर जीवनी

डॉ. भीमराव आंबेडकर, भारतीय संविधान निर्माता, समाजसेवी और अधिकारिक हुए। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महाराष्ट्र के एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में अनेक क्षेत्रों…

Leave a Comment