वर्तमान समय में भारत में डिजिटल क्रांति आ गई है। इस डिजिटल क्रांति में कई सारी बड़ी कंपनियां उभरकर के सामने आई है। जैसे-जैसे डिजिटल वातावरण बढ़ता और विकसित होता जा रहा है वैसे वैसे प्रतिद्वंदिता भी बढ़ती जा रही है। उद्यमियों की बढ़ती संख्या सामान्य रास्ते से हटकर कुछ करने के लिए तैयार होती है। प्रौद्योगिकी के उद्भव ने, इसके सभी लाभों के साथ, उद्योग की एक विस्तृत श्रृंखला के लिए संभावनाओं और अवसर की दुनिया खोल दी है। जो समकालीन दुनिया की प्रकृति की नींव प्रदान करती है। इंटरनेट भुगतान व्यवसाई एक ऐसा ही उद्योग है। जिसमें वर्तमान समय में Razorpay ने एक अलग ही कारनामा कर दिखाया है। आज के हमारे इस लेख में हम Harshil Mathur Success Story – How he Founded Razorpay के बारे में बात करने वाले हैं। इसके साथ ही हम अपने एक लेख में विस्तृत रूप से Biography of Harshil Mathur – रेजरपे (Razorpay) के संस्थापक हर्षिल माथुर की जीवनी के ऊपर भी नजर डालने वाले हैं।
एक समय था जब एक खाते से दूसरे खाते में पैसा ट्रांसफर या हस्तांतरित करना काफी मुश्किल भरा और जटिल हुआ करता था। सरल और सुरक्षित ऑनलाइन मनी ट्रांसफर सेवा को स्थापित करने की मांग करने वाले प्लेटफार्म की अधिकता के कारण, ऑपरेशन अब हमारी उंगलियों के एक ही स्वीप के साथ पूरा हो सकता है। आज इंटरनेट पर ऐसे कई सारे प्लेटफॉर्म मौजूद है जहां से आप बड़ी आसानी से पैसों को हस्तांतरण कर सकते हैं। जब भी हम ऐसे प्लेटफार्म की बात करते हैं और भारतीय होने के नाते हमारे दिमाग में सबसे पहला नाम Razorpay, का ही आता है। रेजरपे पेमेंट गेटवे प्लेटफॉर्म है जो भारत में सभी ग्राहकों को एक सुरक्षित और सुरक्षित भुगतान प्रणाली प्रदान करती है। और इस यूनिकॉर्न स्टार्टअप के पीछे के अद्भुत युवा को बहुत ही कम लोग जानते हैं। लेकिन इस क्षेत्र में उनका एक बहुत ही बड़ा योगदान है। जी हां हम हर्षिल माथुर के बारे में बात कर रहे हैं। जो रेजरपे के संस्थापक भी है।
Biography of Harshil Mathur – रेजरपे (Razorpay) के संस्थापक हर्षिल माथुर की जीवनी
Razorpay के संस्थापक के रूप में हर्षिल माथुर को जाना जाता है, वह एक भारतीय व्यवसायी, लेखक और उद्यमी के रूप में जाने जाते हैं। फिनटेक के क्षेत्र में उन्होंने अपनी कंपनी को सफलता के शिखर पर पहुंचा दिया है। माथुर उन लोगों को सलाह देते हैं जो व्यवसाय में सफल होना चाहते हैं और उनकी तरक्की को समझना चाहते हैं। वह बातों को छुपा कर नहीं रखते, इसके बजाय वह व्यवसाई उद्देश ओक तक पहुंचने के लिए अपने तरीके का खुलकर खुलासा करते हैं। उनकी या भावना उन लोगों के साथ में है जिनके साथ में काम करते हैं।
हरसिल माथुर शुरुआती दिनों में एक साधारण युवक की तरह ही 9:00 से 6:00 का कॉर्पोरेट नौकरी करना चाहते थे। उसके लिए हर दिन एक नया संघर्ष उन्हें करना पड़ता था। यह एक उद्यमी के बीच की तरह लग सकता है, लेकिन हर दिन एक नई समस्या को संबोधित करने के लिए अपने पैर की उंगलियों पर धकेलने का आग्रह कि उन्हें आगे बढ़ने के लिए मजबूत करता था। इसी वजह से वह कॉर्पोरेट की 9:00 से 6:00 वाली नौकरी नहीं करना चाहते थे।
Razorpay जैसी कंपनी की स्थापना करने के लिए, उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी थी। आप यकीन नहीं मानेंगे अपना खुद का बिजनेस मॉडल को उन्होंने 100 से भी अधिक निवेशकों के पास रखा था। हर बार उन्हें निराशा ही मिली। वे एक इंटरव्यू में बताते हैं कि उन्हें 100 से भी अधिक निवेशकों ने रिजेक्ट किया था। इन सबके बावजूद उन्होंने कभी हार नहीं मानी। उनका मानना था कि उनके पास एक अच्छा और बेहतरीन आईडिया है जो एकीकृत भुगतान प्रणाली फार्म के लिए एक महान अवधारणा साबित होगी। जो उद्योग को बदल कर के रख देगी। अपने इस आइडिया को धरातल पर उतारने के लिए उन्हें निवेशक की आवश्यकता थी। लेकिन 100 से भी अधिक निवेशक द्वारा उनका प्रोजेक्ट रिजेक्ट करने के बावजूद वे इस प्रोजेक्ट पर लगे रहे। वह खुद से शुरू करने के बारे में सोचते रहे और उन्होंने खुद का धन इसमें लगाने के बारे में सोचा।
Harshil Mathur Education – हर्षिल माथुर की शिक्षा
हरसिल माथुर की आरंभिक शिक्षा 1997 से 2009 तक, सीडलिंग पब्लिक स्कूल में हुई है। वर्ष 2009 में गणित पर विशेष ध्यान देते हुए उन्होंने स्नातक की उपाधि प्राप्त की। जब वे वहां थे तब उन्होंने एक्सनोरा एकेडमिक्स में भाग लिया। उन्होंने 2009 में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान रुड़की (IIT, Roorkee) मे दाखिला लिया। यहां पर उन्होंने सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग में पढ़ाई की जब वे स्नातक की पढ़ाई पूरी कर रहे थे तब वे SDSLabs, हॉबीज क्लब और ASME से भी जुड़े रहे।
2013 में, उन्होंने अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने कॉलेज से बीटेक की डिग्री प्राप्त की। साल 2015 में, YCombinator W15 बैच का शीशा भी रहे थे। जहां उन्हें पॉल बुचेट और डाल्टन केल्डवेल उनके मैनटोर थे।
साल 2014 के जून के महीने तक, उन्होंने एक वायरल लाइन फील्ड इंजीनियर के रूप में शालंबर कंपनी के लिए काम करना शुरू कर दिया था। उन्होंने फरवरी 2014 में यहां काम करने से पहले मुंबई के एक कंपनी में काम किया। उन्होंने अन्य व्यावसायिक अवसरों की तलाश के लिए नौकरी पर 1 साल से भी कम समय के बाद इस्तीफा दे दिया था।
उन्होंने तुरंत Razorpay पर काम करना शुरू कर दिया और अपनी खुद की एक कंपनी बनाई, जिसमें उनका सारा समय और ध्यान लगा रहता। उन्होंने अपने कॉलेज के दोस्त सत्संग कुमार के साथ मिलकर छोटी कंपनी के लिए पेमेंट गेटवे बनाया, जिन्हें इंटरनेट खरीदारी में काफी परेशानी हो रही थी।
उनके द्वारा बनाया गया फिनटेक ऑनलाइन पेमेंट गेटवे रेजरपे अब भारत में सभी ऑनलाइन भुगतान का एक तिहाई से अधिक जगहों पर इस्तेमाल किया जाता है, 50 से भी अधिक बैंकों और क्रेडिट कार्ड प्रदाताओं से भुगतान स्वीकार किया जाता है।
यहां तक की कोविड-19 के दौरान Razorpay पेमेंट गेटवे कंपनी ने यूनिकॉर्न कंपनी का दर्जा भी हासिल कर लिया था। जब उन्होंने सिंगापुर के सावरेन वेल्थ फंड जीआईसी द्वारा प्रायोजित फंडिंग राउंड में $100 मिलियन हासिल किए थे। कंपनी का मूल्य वर्तमान समय में लगभग $1 बिलियन था। जीआईसीएस द्वारा अप्रैल के मध्य तक $160 मिलियन डॉलर के एक और दौर का शाह नेतृत्व किया गया, जब भारत कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर से निपट रहा था। जिससे कि रेजरपे पेमेंट गेटवे कंपनी का मूल्य $3 बिलियन हो गया।
हर्षिल माथुर रेजरपे कंपनी बनाने के पीछे क्या विचार था?
हर्षिल माथुर बताते हैं कि, इस कंपनी को बनाने के पीछे वह एक ऐसा बाजार बनाना चाहते थे, जो अंडर सर्विस हो, उन मुद्दों को समझे जो इस बाजार को सामना करते हैं, और एक व्यापक समाधान बनाने का प्रयास करते हैं। जिससे कि बाजार में लेनदेन खासकर इंटरनेट के जरिए और भी आसानी से की जा सके। एक भीड़भाड़ वाले भुगतान उद्योग में रेजरपे पेमेंट गेटवे कंपनी ने यही कर दिखाया है।
वही बड़ी कंपनियां, बहुत ही बड़ी आसानी से अपने लिए भुगतान की प्रणाली स्थापित कर सकने में सक्षम थी। तो वही छोटे व्यापारियों की भूमिका का मूल्यांकन नहीं किया गया। जिससे छोटे व्यापारी को इंटरनेट या ऑनलाइन भुगतान प्राप्त करने के लिए काफी असुविधा होती थी। हर्षल माथुर और उनके साथी ने कुछ ऐसा बनाने का फैसला किया जो इससे बड़े दर्शक को यथासंभव जल्दी और आसानी से ऑनलाइन भुगतान करने की अनुमति देता हो। फिर उन्होंने इस कार्य को पूरा करने में बाधाओं की पहचान की और एक ऐसी प्रणाली बनाने का प्रयास किया जो इन बाधाओं को दूर कर सके।
उन्होंने पूरे समय में कई अन्य विशेषताएं जोड़ी, लेकिन विकास का विचार वही रहा। यह उनकी सफलता में दिखाया गया है, क्योंकि मौजूदा ग्राहक रेजरपे का उपयोग करना जारी रखते हैं और नए ग्राहक साइन अप करते हैं क्योंकि वे रेजरपे पेमेंट गेटवे की सराहना करते हैं।
आप और हम वर्तमान समय में देख सकते हैं कि रेजरपे पेमेंट गेटवे कंपनी ने अपनी एक अलग ही पहचान बना ली है। भारत जैसे देश में इस तरह की कंपनी इंटरनेट और ऑनलाइन भुगतान प्राप्ति के लिए छोटे और बड़े उद्यमी द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।