साइकिल का आविष्कार मनुष्य के लिए काफी महत्वपूर्ण रहा है। उसने हमारे रोजमर्रा की जिंदगी में काफी परिवर्तन लाया है। साइकिल के उस दौर में लोग घुड़सवारी, बैलगाड़ी छोड़ कर के कम दूरियों तक जाने के लिए साइकिल का इस्तेमाल करते थे। साइकिल जितनी साधारण दिखती है, उसका अविष्कार उतना साधारण नहीं था। साइकिल के अविष्कार करने में लोगों को काफी माथापच्ची करनी पड़ी थी। Invention of cycle to motorcycle
अगर आप पुरानी साइकिल है और आज के आधुनिकतम साइकिल की तुलना करते हैं तो आप साइकिल के अविष्कार में आए परिवर्तनों को देखने मिलेगा। साइकिल का इतिहास भी बहुत बड़ा है। अगर आप सोच रहे हैं कि साइकिल की खोज करने में कौन सा बड़ा इतिहास बन गया तो आप गलत सोच रहे हैं। ऐसा हम लोग इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि, साइकिल का आविष्कार आसानी से और सरल तरीके से नहीं हुआ है। इतिहास में ऐसे कई लोग पैदा हुए जिन्होंने साइकिल बनाने का दावा किया। और आज से पुराने साइकिलें कई तरह की अजीबोगरीब हुआ करती थी। तो आज क्या हमारे इस लेख में हम लोग Cycle से Motercycle तक हमारे सफर की इतिहास पर नजर डालेंगे।
Cycle का इतिहास
साइकिल का आविष्कार के लिए कई लोगों ने दावा किया था। लेकिन पहली बार दो पहियों वाली मशीन 1816 में जर्मनी में देखी गई थी। यह एक साइकिल का ही रूप था। इसे चलाने के लिए चालक पहले साइकिल को लेकर के दौड़ता था, तब जाकर कि वह साइकल पर बैठकर उसे चला पाता था। इस नई साइकिल के आविष्कार के बाद, कई तरह की अजीबोगरीब साइकिल भी बनाई गई। सन 1819 के आसपास जिन थेसन द्वारा एक अलग ही तरह की साइकिल बनाई गई। जो साइकिल से ज्यादा एक मोटर कार की तरह थी क्योंकि इसमें चार पहिए हुआ करते थे। लेकिन माना जाता है कि सन 1817 में कार्ल ड्रेस साइकिल का आविष्कार किया था।
सन 1839 में एक स्कोटिश व्यक्ति स्टॉकस्मान कार्कपत्रिक (scottish blacksmith kirkpatrick MacMillan) पहले व्यक्ति थे, जिनके मन में साइकिल में पेडल लगाने की बात आई। इसके बाद सन 1866 में साइकिल में और कई बदलाव किए गए, साइकिल को और तेज बढ़ाने के लिए इसके आगे के पहियों को और बड़ा कर दिया गया। इस दौरान साइकिल में कई सारे परिवर्तन किए गए, यह परिवर्तन ऐसे थे कि जिसमें चालक बैठकर साइकिल को चला भी नहीं पाता था। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि शुरुआती दौर में साइकिल के पहिए 5 फुट तक बड़े हुआ करते थे।
साइकिल में यह सारे बदलाव इतने सफल साबित नहीं हुए, क्योंकि यह बदलाव साइकिल सवार के लिए सुविधा पूर्ण नहीं हुआ करता था, इससे साइकिल सवार को साइकिल चलाने में काफी कठिनाइयां और तकलीफ झेलनी पड़ती थी। जिसके चलते साइकिल सवार को कई सारे गंभीर चोटें भी आ जाया करती थी। सन 1895 में जॉन कैम्प स्टारले द्वारा एक ऐसी साइकिल का निर्माण किया गया जिसमें इन सारी बातों का ध्यान रखा गया था कि साइकिल सवार को कम से कम हानि पहुंचे। इस साइकिल का डिजाइन काफी लोकप्रिय भी हुआ। क्योंकि इसे चलाने में काफी सहूलियत होती थी। इसमें पेडल लगा हुआ था। और यह साइकिल लगभग आज के साइकिल की तरह ही दिखती थी। तो इस तरह आधुनिकतम साइकिल का रूप लोगों के सामने आया था।
दुनिया में पहला बाई साईकिल शॉप सन 1892 को खोला गया था, इस बाई साईकिल शॉप का नाम Wright Cycle Exchange रखा गया था। यहां पर यह कथनी सही बैठती है, “ आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है” क्योंकि, लोगों को जिस तरह से साइकिल से असुविधा होती गई साइकिल से जुड़ी हुई प्रयोगों में भी और सुधार किए जाने लगे।
अब साइकिल में मोटर जोड़े जाने लगे, और पहला मोटरसाइकिल जो भांप की मदद से चलाया गया उसका भी अविष्कार किया गया, यहां से शुरू होता है हमारे MotorCycle का आविष्कार।
Motorcycle का आविष्कार
मोटरसाइकिल का आविष्कार साइकिल के साथ ही शुरू हुआ। पहला मोटरसाइकिल 1855 को बनाया गया था, यह मोटरसाइकिल साइकिल का ही एक परिवर्तित रूप था। एक साधारण से साइकिल में मोटर लगाकर के उसे भाप water vapour से चलाने की कोशिश की गई थी। इस प्रयोग के बाद कई सारे ऐसे प्रयोग किया गए और तरह-तरह की चीजों से मोटरसाइकिल के चलाने की कोशिश की गई। लेकिन सफलता 1885 मे मिली, यह मोटरसाइकिल Gottlieb Daimler और Wilhelm Maybach ने Germany में 1885 मैं बनाया गया था।
पहला मोटरसाइकिल का नाम Daimler Petroleum Reitwagen Motorcycle रखा गया था। इस मोटरसाइकिल में 264 सीसी का फोर स्ट्रोक इंजन लगा हुआ था। इस मोटरसाइकिल की अधिकतम स्पीड 11 किलोमीटर प्रति घंटा थी। इसमें साधारण सा ब्रेक जो आज भी साइकिलों इस्तेमाल होता है, का प्रयोग किया गया था। इस मोटरसाइकिल में कोई भी suspension system नहीं था।
इसमें लगे हुए टायर्स लकड़ी के हुआ करते थे, इस मोटरसाइकिल का वजन लगभग 90 किलो के आसपास था। 21वीं सदी में डेमलर reigtwagen मोटरसाइकिल को दुनिया का पहला मोटरसाइकिल माना जाता है। मोटरसाइकिल के रूप में उद्योग मुख्य रूप से चीनी मोटरसाइकिल उद्योग और जापानी मोटरसाइकिल कंपनी द्वारा मोटरसाइकिल बनाई जा रही है। आज भी मोटरसाइकिल में कई सारे प्रयोग किए जा रहे हैं। बाजार में आपको 100 सीसी इंजन वाले मोटरसाइकिल से लेकर के 300 सीसी या उससे भी ज्यादा सीसी वाले इंजन के मोटरसाइकिल देखने को मिल जाएंगे।
सन 1958 को जापानी कंपनी होंडा ने हौंडा सुपर क्यूबा बनाना शुरू किया, यह कंपनी दुनिया में सबसे ज्यादा मोटरसाइकिल बनाने वाली कंपनियों में शुमार है। इस जापानी कंपनी होंडा ने 2008 में 60 मिलियन यूनिट मोटरसाइकिल का उत्पादन करके रिकॉर्ड कायम कर दिया था। इसके अलावा भी दूसरे सारी कंपनियां भी आज बाजार में अपने मोटरसाइकिल बनाते हैं।
आज के वक्त में जहां मोटरसाइकिल हर घर घर में पहुंच गई है, भारत में 2010 2011 में लगभग 11 मिलीयन मोटरसाइकिल बेची गई थी। दोस्तों यह था हमारा साइकिल से लेकर के मोटरसाइकिल तक का सफर, हमने किस तरह से एक साधन से साइकिल से शुरुआत की, और आज शाम से मोटरसाइकिल पर निकलते हैं। लेकिन इसके विकास में कई सारे उतार-चढ़ाव इतिहास में देखे गए। और आज के आधुनिकतम मोटरसाइकिल का रूप आज इसे मिल पाया है।
आप हमारे दूसरे आर्टिकल यहां से पढ़ें
◆LITHIUM बैटरी जिस ने हमारी दुनिया बदल दी।
◆मोबाइल फोन का इतिहास। मोबाइल फोन कैसे काम करता है?
◆Facebook से कैसे पैसे कमाए?
◆रेडियो का इतिहास और रेडियो के बारे में कुछ रोचक तथ्य- History of Radio