Bulb और Current का आविष्कार, मनुष्य के लिए एक वरदान

जरा ऐसी दुनिया की कल्पना कीजिए जो बिना रोशनी की हो। या फिर आप यह सोच लीजिए कि अगर दुनिया में बिजली यानी कि Current का आविष्कार नहीं हुआ होता, तो हमारी दुनिया कैसी होती है।

बस एक कल्पना भर से हम यह समझ सकते हैं। पूरी दुनिया अंधेरे में डूबी रहती है। अगर करंट का आविष्कार हो भी जाता, तो आज जिस तरह से हम लोग बिजली की खपत करते हैं वह खपत नहीं होती। आज भी हम लोग घर में सिर्फ टीवी, फ्रिज, पंखे चलाते . लेकिन रोशनी के लिए बल्ब का उपयोग नहीं करते। आज के इस आर्टिकल में चलिए हम लोग चलते हैं। इन दोनों अविष्कारों के इतिहास के बारे में जानने की कोशिश करते हैं। यह जानने की कोशिश करते हैं कि बल्ब और करंट का अविष्कार ने किस तरह से हमारी जिंदगी बदल दी। और दोनों ही अविष्कारों के बाद इसने हमारी दुनिया को कैसे बदल दिया।

Bulb का आविष्कार

बल्ब तो हम सभी अपने घरों में रोशनी के लिए उपयोग करते हैं । लेकिन कभी भी हमने यह नहीं सोचा होगा कि यह बहुत बड़ी खोज कैसे हुई? ज्यादातर तो हम लोग ये मानते आते हैं कि इलेक्ट्रिक बल्ब का आविष्कार 1878 में थॉमस अल्वा एडिसन ने किया था। लेकिन इससे पहले भी कई वैज्ञानिकों ने इसके ऊपर काम किया था। लेकिन इसके बावजूद बल्ब का अविष्कार का श्रेय थॉमस अल्वा एडिसन को दिया जाता है। इसके पीछे भी कुछ कारण है। जैसे कि-

◆ थॉमस अल्वा एडिसन द्वारा बनाया गया बल्ब मुख्यतः तीन कारकों पर खरे उतरे थे। थॉमस अल्वा एडिसन द्वारा बनाया गया बल्ब आकर्षक चमकती हुई रोशनी देती थी।

◆ थॉमस अल्वा एडिसन द्वारा बनाए गए बल्ब दूसरे बल्ब की तुलना में काफी उच्च वेक्यूम वाला था।

◆ इस बल्ब में इस्तेमाल किया गया मेटल की प्रतिरोधक क्षमता काफी अधिक थी।

यही तीन कारण थे, कि उनके द्वारा बनाया गया बल्ब काफी लोकप्रिय हुआ। इसी वजह से थॉमस अल्वा एडिसन को ही बल्ब का आविष्कारक का श्रेय दिया जाता है।

थॉमस अल्वा एडिसन का बल्ब बनाने के पीछे कई रोचक तथ्य भी छुपे हुए हैं। थॉमस अल्वा एडिसन एक विज्ञानिक होने के साथ-साथ एक व्यवसायिक भी थे। इनका जन्म 11 फरवरी 1847 को हुआ था। इस महान वैज्ञानिक के नाम 1000 से भी ज्यादा पेटेंट है। जो उनकी मेहनत की बदौलत है। बचपन से ही एक गरीब परिवार में जन्मे थॉमस अल्वा एडिसन ने कभी हार नहीं मानी। वही इलेक्ट्रिक बल्ब की खोज इनकी सबसे बड़ी खोज मानी जाती है। इनकी जीवनी कुछ ऐसी है जो कई सारे लोगों को प्रेरणा देती है। जैसे कि इनके बल्ब के अविष्कार से जुड़ी एक घटना जो आपको भी जीवन में प्रेरणा देगी।

थॉमस अल्वा एडिसन जब बल्ब का आविष्कार कर रहे थे, तब उन्होंने कई सारे प्रयोग भी किए थे। उन्होंने बल्ब का आविष्कार करने से पहले 10000 बार अलग अलग तरीकों से बल्ब बनाने की कोशिश की थी। लेकिन वे 10000 बार असफल हुए। जब उन्होंने सफलतापूर्वक बल्ब का आविष्कार कर लिया तब अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा था,

” इलेक्ट्रिक बल्ब का अविष्कार करने में उन्हें कड़ी मेहनत करनी पड़ी, बल्ब का आविष्कार करने के लिए मैंने 10000 बार प्रयोग किया, और 10000 बार में असफल हुआ। लेकिन मैं कभी भी असफल नहीं हुआ। बल्कि मैंने 10000 ऐसे रास्ते निकाले जिससे बल्ब का आविष्कार नहीं हो पाता”

आज भी उनकी यह कथनी कई सारे लोगों को प्रेरणा देती है। उन्हें यह बुलंद हौसला देती है कि वह जिंदगी में हार ना माने। उन्होंने कभी यह नहीं सोचा होगा कि उनका या अविष्कार दुनिया को रोशनी से भर देगा। बल्ब का आविष्कार के बाद सन 1882 में थॉमस अल्वा एडिसन के नाम पर पहला पावर थर्मल स्टेशन जिसका नाम Edison Electric Light Station था इसकी शुरुआत की गई। यह वह दौर था, जब पहली बार बिजली Commercial रूप से लोगों तक पहुंचाई गई थी। और इसी के साथ ही पूरी दुनिया में बिजली व्यवसायिक रूप से उत्पादन होने लगा था। लोग इसका इस्तेमाल करके अपने घरों घरों को रोशनी देने में उपयोग करने लगे। जरा सोचिए अगर बिजली नहीं होती तो हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाली इलेक्ट्रिकल मशीन कैसे चलती? हम लोग बिजली की उपयोगिता को नहीं समझ पाते। दुनिया में कोई भी देश विकास की गति की ओर आगे नहीं बढ़ पाता। चलिए अब जानते हैं की, बिजली यानी कि Current का अविष्कार कैसे हुआ?

Current का आविष्कार

बिजली का आविष्कार हमारे लिए एक महानतम अविष्कार है। हम लोग बिजली के बिना इस दुनिया में सुख सुविधा की कल्पना नहीं कर सकते। यह विज्ञान का दिया हुआ एक ऐसा वरदान है, जिसे तकरीबन सभी बड़े-बड़े आविष्कार कहीं ना कहीं जुड़े हैं।

बिजली, Current या Electricity सारे एक ही चीज है। बिजली का करंट का आविष्कार किसी ने नहीं किया यह प्रकृति में मौजूद एक ऊर्जा है। बस इसकी खोज की गई। यह एक ऐसी हो जो है जो इंसान के लिए वरदान के समान है। अगर बिजली नहीं होती तो इंसान के पास आज कुछ नहीं होता, ना ही अत्याधुनिक तकनीक होती, ना ही लोग एक दूसरे से संपर्क कर पाते, ना ही आप और हम जैसे लोग अपने घर में बैठकर इंटरनेट या कंप्यूटर चला पाते, अस्पतालों में ना ही बड़े-बड़े मशीन चीन की मदद से इंसान का इलाज किया जाता है वह होते।

एक नजर में देखे तो बिजली के आविष्कार ने हमारी जिंदगी को एकदम से बदल कर रख दिया। इसकी उपयोगिता इतनी ज्यादा है, की हम लोग अपने इस छोटे से लेख में उसकी सारी उपयोगिता के बारे में भी सूचीबद्ध नहीं लिख सकते।

Electricity की खोज

करंट इलेक्ट्रिसिटी एक ऊर्जा का रूप है जो प्राकृतिक रूप से धरती पर पहले से ही मौजूद है। इसका अविष्कार नहीं हुआ बल्कि इसकी खोज की गई थी। लेकिन इसकी खोज का श्रेय बेंजामिन फ्रैंकलीन को दिया जाता है। लगभग 600 ईसा पूर्व में एक यूनानी निवासी कैलिस ने इस बात से परिचित हैं कि कुछ वस्तुएं रगड़ने के बाद वह दूसरे उनसे हल्की वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है। यहां पर स्टैटिक करंट की बात की गई थी।

सन 1930 के आसपास तांबे के बर्तन पाए गए जिनका इस्तेमाल प्राचीन बैटरी बनाने के लिए किया जाता था। इनका इस्तेमाल प्राचीन रोमन स्थलों पर रोशनी करने के लिए किया जाता था। यह प्राचीन बैटरी बगदाद में खुदाई के दौरान मिला था। सन 1752 में बेंजामिन फ्रैंकलीन की महान प्रयोग सामने आए। बेंजामिन फ्रैंकलिन ने एक पतंग की मदद से, पतंग में एक चाबी लटका कर के यह प्रयोग किया था, बादलों द्वारा चमकने पर इलेक्ट्रिसिटी उत्पन्न होती है। इसके बाद सन 1800 के आसपास के आसपास इटालियन विज्ञानिक एलेक्जेंड्रा वोल्टा ने एक प्रयोग किया जिसमें पाया कि रासायनिक प्रतिक्रियाओं द्वारा भी बिजली बनाई जा सकती है।

इसके बाद कई सारे प्रयोग किए गए और इससे संबंधित कई सारे मशीनें आदि भी बनाई गई, जैसे कि- Electricity Generator, Positive और Negative आदि चीजों का।

सन 1831 में इलेक्ट्रिसिटी की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया जाने लगा और महान विज्ञानिक Michael Faraday द्वारा इलेक्ट्रिक Dynamo का आविष्कार किया गया। इलेक्ट्रिक डायनेमो एक ऐसा यंत्र था जिस पर चुंबक और कॉपर के तार की मदद से बिजली का उत्पादन कुछ मात्रा पर किया जाने लगा। इसके बाद इलेक्ट्रिसिटी अ करंट के क्षेत्र पर बहुत सारे प्रयोग किए जाने लगे, सन 1878 को Thomos Edison द्वारा बिजली के बल्ब की खोज की गई। यह वैज्ञानिक जिन्होंने पहला कोयला से चलने वाला थर्मल पावर स्टेशन की स्थापना की थी। व्यवसायिक रूप से लोगों तक बिजली पहुंचाने का काम किया था।

बिजली की खोज वास्तव पर यह हमारे लिए वरदान ही है, यह बहुत सारे वैज्ञानिकों का अथक प्रयास है जो आज हम लोग इसका इस्तेमाल बहुत उस सुगम तरीके से कर पा रहे हैं। आज इसकी उपयोगिता हर तरह के क्षेत्र पर है। और बिजली के बिना आज हर आम इंसान अपनी सुविधा से भरी जिंदगी की कल्पना नहीं कर सकता है।

यह कहना गलत नहीं होगा कि bulb और Electricity का आविष्कार या खोज हमारे लिए एक वरदान के समान है जिसने हमारे जिंदगी को बदल कर रख दिया है।

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