बैक्टीरिया इन हिंदी में जीवाणु की कहा जाता है। पृथ्वी पर पाए जाने वाले कुछ सबसे छोटे जीव में से एक है। बैक्टीरिया एकल कोशिकीय जीव होते हैं, जिन्हें हम नंगी आंखों से नहीं देख सकते हैं। बिटिया हमारी इस धरती पर हर तरह के वातावरण में हर जगह में पाए जाते हैं। मिट्टी से लेकर के पानी, कचरे जमीन के आंतरिक हिस्सों में भी यह बैक्टीरिया उपस्थित रहते हैं। यहां तक कि बैक्टीरिया दूसरों जीवों के अंदर भी निवास करते हैं। जैसे जानवर, पशु पक्षी, मनुष्य इत्यादि। आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि बैक्टीरिया पौधों के अंदर भी परजीवी के तौर पर जीवित रहते हैं। आज के हमारे इस लेख में हम Interesting fact about Bacteria – बैक्टीरिया के बारे में रोचक तथ्य।
What is Bacteria? – बैक्टीरिया क्या है?
बैक्टीरिया को हिंदी में जीवाणु भी कहा जाता है। यह सूक्ष्म जीव होते हैं जो एक कोशिकीय होते हैं। इनका आकार कुछ मिली मीटर तक हो सकता है। इनकी आकृति गोल या मुक्त चकराकार से लेकर के छड़ के आकार की भी हो सकती है।
यह पृथ्वी पर मिट्टी में, एसिडिक, गर्म जल धाराओं में, नाभिकीय पदार्थों में, पानी में, भूपर्पटी में, यहां तक कि कार्बनिक पदार्थ में तथा पौधे एवं जीव जंतु के शरीर के भीतर भी पाए जाते हैं।
पूरी पृथ्वी पर जवानों की कुल संख्या कितनी है जिसकी गणना हम साधारण गिनती से भी नहीं कर सकते। जो संसार के बायोमास का एक बहुत ही बड़ा भाग है। यह सारे बैक्टीरिया कई तत्वों के चक्कर में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका भी निभाते हैं। जैसे कि वायुमंडल के नाइट्रोजन को स्थानांतरित करने में।
हालांकि बहुत सारे अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया को अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया या प्रकारों में हम विभाजित कर सकते हैं। और बहुत सारे बैक्टीरिया को तो हम अपने आधुनिक प्रयोगशाला में भी बना सकते हैं। बैक्टीरिया या जीवाणु के अध्ययन को बैक्टीरियोलॉजी कहा जाता है जो कि सूक्ष्म जीवों की एक शाखा के अंतर्गत आती है।
मानव शरीर में जितने भी मानव कोशिकाएं हैं उसका लगभग 10 गुना संख्या तो बैक्टीरिया का ही है। इनमें से अधिकांश बैक्टीरिया त्वचा और आहार नल में मनुष्य में पाए जाते हैं। हानिकारक बैक्टीरिया हमारे पाचन तंत्र के रक्षा प्रभाव के कारण शरीर को नुकसान नहीं पहुंचा पाते हैं। कुछ बैक्टीरिया लाभदायक भी होते हैं। अनेक प्रकार के परजीवी बैक्टीरिया कई रोग उत्पन्न करते हैं जैसे कि हैजा, निमोनिया, टीवी की बीमारी और प्लेग की बीमारी इत्यादि।
बैक्टीरिया का इतिहास
बैक्टीरिया का सबसे पहले खोज एक डच वैज्ञानिक एंटीनो वान लयूवोनहूक द्वारा किया गया था। इसके लिए उन्होंने एक एकल लेंस वाले सूक्ष्म दर्शी यंत्र का इस्तेमाल किया था जिसे उन्होंने स्वयं बनाया था। इसके बाद उन्होंने बहुत सारे शोध पत्र रॉयल सोसाइटी को भेजें।
वर्ष 1838 में सबसे पहली बार बैक्टीरिया शब्द का इस्तेमाल किया गया था। जिसका अर्थ है छोटी छड़ी। ऐसा इसलिए है क्योंकि सबसे पहले खोजे गए बैक्टीरिया का आकार एक छड़ के समान था। बैक्टीरिया की खोज सबसे पहले एक डच वैज्ञानिक द्वारा 17वीं शताब्दी के आसपास की गई थी। उन्होंने एक प्रोटोजोआ एक कोशिकीय वाले जीव की खोज की थी। उन्होंने इस बैक्टीरिया का नाम Animalcules नाम दिया था। उन्होंने सूक्ष्मदर्शी में भी सुधार किया और सूक्ष्म जीव विज्ञान की नींव रखी।
बैक्टीरिया डायनासोर से भी पुराने हैं?
शोध से पता चला है कि बैक्टीरिया 3.50 अरब साल पहले से ही हमारे इस धरती पर मौजूद है। शोधकर्ताओं के अनुसार वे जीवाणु कन मानव जाति के विनाश के बाद भी लंबे समय तक धरती पर रहते रहेंगे।
बायनरी विखंडन के माध्यम से अभिक्रिया काफी तेजी से प्रजनन करने की क्षमता रखते हैं। यह प्रक्रिया जिसे आधे में विभाजन के रूप में भी जाना जाता है, एक प्रकार का अलैंगिक प्रजनन है और प्रोकैरियोटिक के बीच सबसे आम रूप है। हालांकि, यह कुछ एकल कोशिकीय वाले यूकैरियोटिक में भी ट्रांसफर हो सकते हैं।
बैक्टीरिया के प्रकार उनके आकार संरचना और खिला तंत्र के अनुसार निर्धारित होता है। बैक्टीरिया साकार छड़ के आकार, गोल आकार के भी हो सकते हैं। पौधों में पाए जाने वाले बैक्टीरिया जंतुओं में पाए जाने वाले बैक्टीरिया से अलग होते हैं।
बैक्टीरिया के बारे में रोचक तथ्य
- हमारी इस धरती पर 5 मिलियन ट्रिलियन से भी अधिक बैक्टीरिया की प्रजाति पाई जाती है। धरती पर इनकी तादाद कितनी है जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
- बैक्टीरिया की प्रजाति लगभग 10 अरब प्रकाश वर्ष तक फैले हुए हैं। शाब्दिक रूप में कह तो दृश्यमान ब्रह्मांड के हर कोने में बेतिया मिल जाएंगे।
- बैक्टीरिया हमारी इस धरती पर 3.5 अरब वर्षों से मौजूद है। जिससे आप यह कह सकते हैं कि हमारी इस पृथ्वी पर सबसे पुराना अज्ञात जीवन बैक्टीरिया के रूप में ही पनपा था।
- बैक्टीरिया एक कोशिकीय जीव होते हैं, जिन्हें मोनेरा जाति में परिभाषित किया जाता है।
- आप एक व्यक्ति रिया को केवल एक शक्तिशाली माइक्रोस्कोप की मदद से ही देख सकते हैं। क्योंकि बैक्टीरिया कोशिकाओं में सबसे छोटे जीव होते हैं।
- हमारे ब्रह्मांड में बैक्टीरिया को जीवन के सबसे प्रचूर रूपों के लिए भी जाना जाता है।
- बैक्टीरिया हर जगह रहते हैं, जमीन पर, पानी में, हवा में और अन्य जीवों के शरीर के अंदर भी।
- कुछ बैक्टीरिया हमारे लिए उपयोगी एवं लाभदायक होते हैं, तो कुछ बैक्टीरिया हमारे लिए बीमारियों का कारण बनते हैं।
- हमारे शरीर में अगर बैक्टीरिया का वजन निकाला जाए तो यह लगभग 4 पौंड तक हो सकते हैं।
- किसी भी जीव में बैक्टीरिया उनके शरीर में मुंह, नाक, कान और त्वचा के माध्यम से प्रवेश करते हैं।
- कुछ बैक्टीरिया एंटीबायोटिक बनाने में भी उपयोगी होते हैं।
- वातावरण में ऑक्सीजन की अधिक मात्रा के उत्पादन का आश्रय बैक्टीरिया को ही जाता है।
- प्रसव के दौरान बच्चे के शरीर में 0 बैक्टीरिया होता है।
- जीवाणु रोधी घटक ईयर वैक्स बनाते हैं, यही वजह है कि कान के अंदर बैक्टीरिया या फंगस बढ़ने की संभावना नहीं होती है।
- मनुष्य के मुंह में भी लाखों करोड़ों बैक्टीरिया होते हैं, इस वजह से इंसान के काटने को दुनिया में सबसे जहरीले मैं से एक बनाती है।
- मोबाइल फोन में टॉयलेट के हैंडल से ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं।
- एक रुपए के सिक्के में कम से कम 300 अलग-अलग तरह के बैक्टीरिया मौजूद रहते हैं।
- ब्रश करने के बावजूद हमारे दांतों में 10,000 से भी ज्यादा बैक्टीरिया होते हैं।
- आपके मुंह में मौजूद बैक्टीरिया की संख्या दुनिया में रहने वाले इंसानों की संख्या से भी ज्यादा है।
- एक शौचालय में आपके सामान्य कार्यालय टेबल की तुलना में 400 गुना कम वायरस होते हैं।
पृथ्वी पर जीवन बैक्टीरिया का बिना नहीं रह सकता?
विज्ञान की मानें तो हमारे धरती पर जीवन का प्रारंभिक बैक्टीरिया से ही हुआ है। जीवन चक्र की शुरुआत मिट्टी में पाए जाने वाले बैक्टीरिया से नाइट्रेट्स के निकलने से होती है। प्रत्येक पौधे को अमीनो एसिड नामक आवश्यक तत्वों का उत्पादन करने में सक्षम होने के लिए उस पदार्थ की आवश्यकता होती है। यही वजह है कि पेड़ पौधे प्रचुर मात्रा में ऑक्सीजन बना पाते हैं। तभी यह संभव हो सका है कि इतने सालों से हमारी धरती पर हर जीव एवं जीवन जीवित है।
धरती पर मौजूद 99% बैक्टीरिया लाभदायक होते हैं एवं केवल 1% बैक्टीरिया रोगाणुजनक माने जाते हैं?
ज्यादातर लोगों का यह मानना है कि बैक्टीरिया मानव शरीर के लिए हानिकारक होते हैं। लेकिन ज्ञात हो कि केवल 99% बैक्टीरिया हमारे लिए लाभदायक होते हैं। बाकी, 1% बैक्टीरिया जिनकी वजह से विभिन्न प्रकार की बीमारी होती है, जैसे कि तपेदिक, निमोनिया, हैजा, प्लीज इत्यादि।
उदाहरण के तौर पर बैक्टीरिया का एक रूप ई कोली एक सामान्य जठरांत्र संबंधी मार्ग का बेतिया होता है और सामान्य जीवाणु वनस्पतियों का बहुत बड़ा हिस्सा होता है। हालांकि, इसके कुछ उपभेद विषाक्त पदार्थ का उत्पादन कर सकते हैं जो गंभीर संक्रमण का कारण बनते हैं।
वर्ष 1920 के दशक में, एलेग्जेंडर फ्लेमिंग ने एंटीबायोटिक दवाइयों के लिए बैक्टीरिया के संभावित प्रतिरोध के बारे में चेतावनी दी थी।
कई डॉक्टर और स्वास्थ्य देखभाल करने वाले पेशेवरों द्वारा वर्षों से हमें ऐसी स्थिति का इलाज करने के लिए एंटीबायोटिक दवाओं के अत्यधिक उपयोग के बारे में चेतावनी दे रहे हैं। जिन्हें हमें में अत्यधिक मात्रा में इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
इन दवाओं के दुरुपयोग से बेतिया का निर्माण होता है जो उपचार के लिए प्रतिरोधी बन जाते हैं। हम इन्हें सुपरबग क्या सकते हैं और इनके मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। हालांकि, स्कॉटिश जीवविज्ञानिक ने बीसवीं शताब्दी में पेनिसिलिन की अद्भुत खोज की और चेतावनी दी है जो अनुचित अति प्रयोग का कारण हो सकता है।
बैक्टीरिया सर्दी या गले में खराश का कारण नहीं बनते हैं। बल्कि ऐसा वायरस के वजह से होता है। इसीलिए एंटीबायोटिक लेने से यह स्थिति आर्थिक नहीं हो सकती और वास्तव में आपके स्वास्थ्य को वास्तविक नुकसान पहुंच सकता है।
आपको यह जानकर भी हैरानी होगी कि, मनुष्य के नाभि में 1458 नई बैक्टीरिया प्रजाति पाई जाती है। मानव पसीना मूल रूप से गंध हीन होता है। हालांकि, मानव पसीने के साथ मिलकर के मानव त्वचा पर कुछ बैक्टीरिया एक तरह की बदबू पैदा करते हैं। इसी बदबू के कारण हमें पसीना का गंध आता है। यह बैक्टीरिया मुख्य रूप से बगल जैसे पसीने वाले हिस्से में रहते हैं, लेकिन यह आपके नथुने और आपकी पीठ में भी हो सकते हैं।
गोनोरिया बैक्टीरिया एक प्रकार का ऐसा बैक्टीरिया है जो अपने वजन का 100000 गुना तक अधिक वजन उठा सकता है। जब भी हमारे ध्यान में सबसे अधिक वजन उठाने वाले किसी जीव का नाम पूछा जाता है। तो चीटियां हमें याद आती है जो अपने शरीर के वजन से 100 गुना तक अधिक वजन उठा सकती है।
जब भी आप सुबह सुबह अपने मुंह पर सफेद जमी हुई चीज देखते हैं। यह असल में बैक्टीरिया द्वारा बनाया हुआ होता है। कई मामलों में यार दुर्गंध भी पैदा करती है। यह बैक्टीरिया टॉन्सिल से बने हुए और पसीने से बनते हैं जो रात भर में सख्त हो जाते हैं।
कई खाद्य पदार्थ के निर्माण में भी बैक्टीरिया का उपयोग किया जाता है। अनुसंधान खाद पदार्थों में अच्छे बैक्टीरिया होने के कई लाभ होते हैं और उनकी उपस्थिति से हमारी पाचन शक्ति में भी सहायता मिलती है। बैक्टीरिया से भरपूर दही, कई तरह के स्नैक्स इत्यादि शामिल है।
आपको यह भी जानकार हैरानी होगी की अंडे के अंदर बैक्टीरिया प्रवेश कर सकते हैं और बढ़ सकते हैं। एक पतली कार्बनिक पर दूज अंडों की रक्षा करती है जिन्हें कभी ध्वजा नहीं गया हो। यह खबर उनके लिए एक सुरक्षित सेल्फ स्टोरेज की अनुमति देता है। हालांकि, अंडों को धोने से सुरक्षात्मक परत हट जाती है, अंडा तब बैक्टीरिया के संपर्क में आता है जो सत्ता के छोटे छिद्रों के माध्यम से प्रवेश कर सकता है।