इस बार भारत देश 26 जनवरी 2023 को अपना 74 वां गणतंत्र दिवस मनाने जा रहा है। भारत में हर साल 26 जनवरी को पूरे जोश के साथ गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। किस खास मौके पर हर साल इंडिया गेट से लेकर के राष्ट्रपति भवन तक राज्य पथ पर भव्य परेड का आयोजन किया जाता है। इस दिन भारत की तीनों सेनाओं वायु सेना, थल सेना और जल सेना तीनों स्प्रेड में शामिल होती है इसके साथ ही अन्य सेनाओं के रेजीमेंट भी इस परेड में शामिल होते हैं। शायद आप ही मन में भी यह सवाल जरूर आता होगा कि आखिर गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को ही क्यों मनाया जाता है?
आखिर क्यों केवल 26 जनवरी को ही मनाया जाता है गणतंत्र दिवस?
26 जनवरी के दिन ही लागू किया गया संविधान
26 जनवरी 1950 में इस दिन संविधान लागू किया गया था। जिसके पीछे का इतिहास काफी पुराना है। और जिसके पीछे कई सारे कारण थे। देश स्वतंत्र होने के बाद 26 जनवरी 1949 को संविधान सभा ने संविधान अपनाया था। वही 26 जनवरी 1950 को संविधान को लोकतांत्रिक सरकार प्रणाली के साथ लागू किया गया। 24 जनवरी बाद दिन था जिस दिन भारत को पूरी तरह से गणतंत्र देश घोषित कर दिया गया था।
24 जनवरी को संविधान लागू करने का एक प्रमुख कारण यह भी है कि साल 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत की पूरी तरह से आजादी की घोषणा भी की थी।
साल 1929 को पंडित जवाहरलाल नेहरु की अध्यक्षता में इंडियन नेशनल कांग्रेस के जरिए एक सभा का आयोजन किया गया था। जिसमें आम सहमति से इस बात का ऐलान किया गया था कि अंग्रेजी सरकार, भारत को 26 जनवरी 1930 तक डोमिनियन स्टेट का दर्जा दे देगी।
इसी दिन पहली बार भारत का स्वतंत्रता दिवस मनाया गया था। लेकिन पहली बार 15 अगस्त 1947 को आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज घोषित करने की तारीख महत्व देने के लिए 26 जनवरी 1950 को संविधान लागू किया गया और 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस घोषित किया गया।
26 जनवरी के दिन ही 308 सदस्यों ने मिलकर के हमारे संविधान का निर्माण किया था। आज हमारे देश में जिस संविधान के अनुसार कार्य किया जा रहा है उसका मोसादा डॉक्टर भारत रत्न बाबासाहेब अंबेडकर जी ने तैयार किया था जिन्होंने भारतीय संविधान के वस्तु कार्य के रूप में भी जाना जाता है।
इस साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस
गणतंत्र दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है जो प्रतिवर्ष 26 जनवरी को मनाया जाता है। इसी दिन यानी 26 जनवरी 1950 को भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटाकर के भारत का संविधान लागू किया गया था।
इस दिन संपूर्ण भारत में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। एक स्वतंत्र गणराज्य बनने और देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए 2 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा इसे अपनाया गया और 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया था।
26 जनवरी की तिथि को इसलिए चुना गया था क्योंकि साल 1930 में इसी दिन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को पूर्ण स्वराज्य घोषित किया था। इसी दिन हर भारतीय अपने देश के लिए प्राण देने वाले अमर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। स्कूल, कॉलेज आदि में कई सारे कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
भारत के राष्ट्रपति दिल्ली के लाल किले पर भारतीय ध्वज फहराते हैं। राजधानी दिल्ली में बहुत सारे आकर्षक और मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। दिल्ली को अच्छी तरह सजाया जाता है। राजपथ पर बड़ी धूमधाम से परेड निकाली जाती है जिसमें विभिन्न प्रदेशों और सरकारी विभागों की झांकियां प्रस्तुत की जाती है। देश के कोने कोने से लोग दिल्ली में 26 जनवरी की परेड देखने आते हैं। 26 जनवरी के दिन भारतीय सेना अस्त्र शस्त्रों का प्रदर्शन करती है और इस दिन धूमधाम से राष्ट्रपति की सवारी निकाली जाती है तथा बहुत से मनमोहक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। देश के हर कोने से जगह-जगह पर ध्वज फहराया जाता है और कई तरह के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। देशभर में फैले हुए भारतीय मूल के लोग तथा भारत के दूतावास भी गणतंत्र दिवस को हर्ष उल्लास के साथ मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस मनाने का उद्देश्य क्या है?
गणतंत्र दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि 26 जनवरी 1950 को पूरे 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगा कर के भारत का संविधान बन करके तैयार हुआ था और इसी दिन हमारे भारतीय संविधान को लागू किया गया था। साथ ही साथ इसी दिन भारत को पूर्ण रूप से गणतंत्र भी घोषित किया गया था।
वैसे तो हमारा देश 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ था लेकिन आजादी को 26 जनवरी को ही वास्तव में हमें मिली थी। तब से आज तक हम इस दिन को आजादी के दिन के रूप में मनाते हैं आज हमें आजादी मिले हुए पूरे 74 साल हो चुके हैं।
हमारे देश की आजादी किसी भी एक व्यक्ति के कारण नहीं हुई है हमारे देश की आजादी बहुत सारे लोगों की कुर्बानी से हमें मिली है। बहुत सारे क्रांतिकारी लोग जैसे भगत सिंह, महात्मा गांधी आदि जैसे महान पुरुषों के बलिदान का परिणाम है हमारी आजादी।
देशभक्त अपने देश को गुलामी की जंजीरों से बंधा ना देख सके अपने देश को आजाद करने के लिए उन्होंने अपने प्राण त्याग दिए और उनके बलिदानों के कारण अंग्रेजों को अपने घुटने टेकने पड़े और उन्होंने भारत को आजादी दिलाया।
गणतंत्र दिवस के दिन हम इन महापुरुषों के बलिदान को याद करते हैं और प्रण लेते हैं कि हम भी इन्हीं महान पुरुषों की तरह अपने देश के लिए अपने प्राण त्याग देंगे उस की आन बान और शान की रक्षा के लिए हर समय तत्पर तैयार रहेंगे और दोबारा कभी भी अपने देश को गुलामी की जंजीरों में बंधने नहीं देंगे।
प्रत्येक भारतीय वासियों को भारत के शहीदों से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने देश को ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए प्रयास करते रहना चाहिए और हर भारतीय का कर्तव्य बनता है कि वह देश के विकास के लिए अपना पूरा योगदान दें और देश की रक्षा के लिए हर समय खड़े रहे।