‘बुदु बाबू’ मुण्डारी साहित्यकारों की जीवनी
तमाड़ आते सिंगि रकब सअः रे बवैकुण्डी नुतुम मियद् हातु मेनअः । ने हातु रे गे 19 वीं शताब्दी हलाजोला रे बुदु बाबूए : जोनोम …
तमाड़ आते सिंगि रकब सअः रे बवैकुण्डी नुतुम मियद् हातु मेनअः । ने हातु रे गे 19 वीं शताब्दी हलाजोला रे बुदु बाबूए : जोनोम …
मुंडारी ग्रामर के अंतर्गत, कारक जिसे मुंडा में गनलङ भी कहते हैं। हिंदी व्याकरण के अनुसार कारक “वाक्य में प्रयुक्त वह शब्द जिसका क्रिया के …
वस्तुओं और विचारों की पहचान को संज्ञा कहते हैं । चिलका ( जैसे ) मेता रेअः हनटिङ ( संज्ञा के भेद ) 1. सुपट मेता …
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किसी की भी पर्सनैलिटी वह सब कुछ बता देती है जो आप उसके बारे में जानना चाहते हैं? कैसे वह सोचता है, कैसे महसूस करते …
ब्रिटिश शासन के दौरान झारखंड में अधिकतर आदिवासियों के हितों की रक्षा करने के लिए, भूमि संबंधी कानून लाए गए थे. आज भी यह भूमि …
मसाज तो मस्तिष्क और शरीर को तनावमुक्त रखने का एक अचूक तरीका है. यह मस्तिष्क और शरीर को पुनर्जीवन देने का एक इतना प्राचीन तरीका …