Signs and Symptoms of Personality Disorders – पर्सनैलिटी डिसऑर्डर क्या है?

किसी की भी पर्सनैलिटी वह सब कुछ बता देती है जो आप उसके बारे में जानना चाहते हैं? कैसे वह सोचता है, कैसे महसूस करते हैं कोई भी काम किस तरह से करते हैं, यह सारी चीजें पर्सनैलिटी का ही एक हिस्सा है। आपके सामाजिक परिवेश, शिक्षा, परिवार, दोस्त हालात यह सब आपके व्यक्तित्व में कहीं ना कहीं शामिल होते हैं। पर्सनैलिटी आपके व्यक्तित्व से हर जगह दिखाई देती है। ठीक इसके उल्टा पर्सनैलिटी डिसऑर्डर आपके अंदर एक मानसिक विकार होता है। जो किसी भी सामान्य से दिखने वाले व्यक्ति को हो सकता है। किसी भी आम इंसान को अगर पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होता है तो उसके काम करने का तरीका, उसका व्यवहार इत्यादि एकदम से बदला हुआ दिखाई देता है। आज के हमारे इस लेख में हम इसी बारे में बात करेंगे कि, Signs and Symptoms of Personality Disorders – पर्सनैलिटी डिसऑर्डर क्या है?

इंसान एक सामाजिक प्राणी है। किसी भी इंसान को एक अच्छा जीवन जीने के लिए खुश रहने की काफी जरूरत होती है। खुश रहने के लिए भी अपने समाज में रहता है, दोस्त बनाता है शादी करता है और उनके बच्चे होते हैं। इन सब के बावजूद भी बहुत से लोग हैं जो अपनी जिंदगी से ना खुश होते हैं। क्या हो जब इस तरह का कोई इंसान अपनों के बीच में रहकर ही ना खुश हो। अपने आप को और उसे कमतर समझने की फितरत इंसान को स्ट्रेस और इंजाइटी और डिप्रेशन के दलदल में धकेल देती है। कई बार ऐसी परिस्थिति में लोग आत्महत्या तक करने की कोशिश कर बैठना है। इसी समस्या को पर्सनैलिटी डिसऑर्डर भी कहा जाता है। आज के हमारे इस लेख में हम इसी बारे में जानकारी हासिल करने वाले हैं।

Signs and Symptoms of Personality Disorders – पर्सनैलिटी डिसऑर्डर क्या है?

Personality Disorder (व्यक्ति विकार) पर्सनैलिटी डिसऑर्डर को हिंदी में व्यक्ति विकार भी कहते हैं। इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति को परिस्थितियों और लोगों को समझने में और उन सारी चीजों को उन से जोड़ने में कई तरह की परेशानी होती है। पर्सनैलिटी डिसऑर्डर जैसी बीमारी से ग्रसित व्यक्ति अपनों के रिश्तो में, सोशल एक्टिविटीज, काम और स्कूल आदि सब जगह परेशानी का कारण बनता है। कई बार इस तरह के लोग परेशानी के साथ-साथ अपने लिए एक दायरा बना लेते हैं। जिससे कि वे उसी दायरे के अंदर घुट घुट के रह जाते हैं।

पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से ग्रसित लोगों में कई बार ऐसा भी देखा गया है कि उन्हें किसी तरह का डिसऑर्डर नहीं है? इस बात को वह मानने से भी मना कर देते हैं। इस तरह के लोगों में अपनी सोच और व्यवहार करने का तरीका काफी नेचुरल लगता है। हालांकि, उनके सामाजिक व्यवहार में कई सारी दिक्कतें होती है तो इसके लिए वे सामने वाले को दोषी ठहरा देते हैं।

Personality Disorder को अगर सरल शब्दों में परिभाषित किया जाए तो इसे हिंदी में व्यक्ति विकार कहते हैं, जो मानसिक स्वास्थ्य की समस्याओं का एक समूह है। इस बीमारी से ग्रसित इंसान सोच, भावनाओं और व्यवहार की जीत और अनहेल्दी पैटर्न से पहचाना जा सकता है। मरीज में होने वाले आंतरिक अनुभव और व्यवहार अक्सर उसे संस्कृति में रहने वाले बाकी लोगों से अलग बना देती है।

कोई भी ऐसा व्यक्ति जिसे पर्सनैलिटी डिसऑर्डर है वह आमतौर पर दूसरों के साथ रहने और अपने समाज या कल्चर के हिसाब से रोजमर्रा के कामों को करने में समस्या होने लगती है। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि इस तरह के लोगों का सोचने और व्यवहार करने का तरीका पूरी तरह से सामान्य सा दिखाई देता है। लेकिन उनके पास दुनिया के लिए एक दृष्टिकोण होता है जो दूसरों की तुलना में काफी अलग हो सकता है।

जिसके परिणाम स्वरुप यह होता है कि उनकी सामाजिक शिक्षा और परिवारिक गतिविधि में भाग लेने में मुश्किल हो सकती है। वे अपनी मुसीबतों का ठेका रद्द दूसरों के सिर पर फोड़ना चाहते हैं। या अपनी गलती के लिए दूसरों के ऊपर दोषारोपण करते हैं। जिसकी वजह से उनके रिश्तो में काफी खटास आना शुरू हो जाता है।

पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के क्या लक्षण है?

डॉक्टर और वैज्ञानिकों को इस बारे में किसी भी तरह की कोई जानकारी नहीं है कि पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होने के पीछे क्या कारण हो सकता है। कई सारे लोगों का यह मानना है कि इस तरह की पर्सनैलिटी डिसऑर्डर अनुवांशिक कारणों से भी हो सकती है। इसमें से सबसे प्रमुख यह हो सकता है कि वह व्यक्ति को बचपन में किसी तरह का कोई आघात लगा हो।

किशोरावस्था या व्यस्क आयु की शुरुआत में ही पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण उभरने लगते हैं। यह लक्षण खास तरह के पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के आधार पर अलग अलग हो सकते हैं। इन समस्याओं के उपचार के लिए आम तौर पर टॉक थेरेपी और दवा को शामिल किया जाता है। डॉक्टरों के मुताबिक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति के अंदर कई तरह की लक्षण देखने को मिलते हैं, इन्हीं के आधार पर डॉक्टर या निश्चय करते हैं कि व्यक्ति को व्यक्ति विकार जैसी समस्या है।

इस बीमारी से ग्रसित लोग अजीब और सनकी बर्ताव करते हैं जैसे कि –

  • ग्रसित व्यक्ति पागलपन के लक्षण दिखाई देते हैं।
  • इस तरह की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति जिसे schizoid भी कहते हैं जिसका मतलब यह होता है कि वह अपने समाज एवं आस-पड़ोस के लोगों से घुलना मिलना पसंद नहीं करता है
  • इस तरह की बीमारी से ग्रसित व्यक्ति या नहीं समझ पाता है कि वह अपने नजदीकी संबंध को कैसे निभा सकता है और उनके बर्ताव का दूसरों पर क्या असर पड़ेगा। इस तरह के लक्षण को पहले वर्ग के पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में शामिल किया जाता है।
  • पर्सनैलिटी डिसऑर्डर जिसमें रोगी नाटकीय, भावनात्मक और अनियमित बर्ताव करता है जैसे कि आत्ममुग्धता वाले व्यक्ति विकार।
  • नाटकीय चरित्र होने का व्यक्ति विकार।
  • इस तरह के मरीज में आमतौर पर देखा जाता है कि वह व्यक्ति अपने बर्ताव, व्यवहार संबंधों को लेकर के बेहद अस्थाई व्यवहार करने का व्यक्ति विकार होता है इसे वर्ग 2 पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के अंतर्गत रखा जाता है।
  • उद्विग्न और भय से भरा हुआ बर्ताव करने के विकार को एक तीसरे वर्ग के पर्सनैलिटी डिसऑर्डर में शामिल किया गया है।
  • इस तीसरे वर्ग के पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के अंतर्गत मरीज सामाजिक जीवन में असहज हो जाना और लोगों से व्यक्तिगत संबंध ना बना पाना इत्यादि शामिल होता है।
  • कई लोगों से सलाह लिए बिना खुद निर्णय ना ले पाना यह भी एक गंभीर समस्या है।
  • हर एक चीज को बहुत अधिक सुव्यवस्थित और निर्धारित जगह पर रखने पर अत्यधिक जोर देने का दबाव देते हैं।

Signs and Symptoms of Personality Disorders – पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के सामान्य लक्षण

किसी भी सामान्य से दिखने वाले व्यक्ति में पर्सनैलिटी डिसऑर्डर है या नहीं यह जानने के लिए इसके कई सारे लक्षण है जिसे हम नीचे निम्न बिंदुओं द्वारा बता रहे हैं। –

  • पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति की भावना और व्यवहार में अचानक से बहुत ज्यादा बदलाव आ जाना।
  • उसके बारे में यह बदलाव कुछ दिनों तक भी रह सकता है और कुछ घंटों से भी अधिक हो सकता है।
  • दूसरे लोगों पर बहुत अधिक निर्भर हो जाना। यह भी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर का ही एक लक्षण है।
  • अचानक से बहुत अधिक गुस्सा करना यह भी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर से ग्रसित व्यक्ति की एक पहचान है।
  • हमेशा या डर लगा देना कि आपको कोई छोड़ देगा और इसके प्रति बेहद भावुक व्यवहार करना।
  • बेहद आत्ममुग्ध होना, आवेगशील, भयभीत रहने वाला व्यक्ति, खुद को नुकसान पहुंचाने वाला और खतरनाक बर्ताव करने वाला व्यक्ति के अंदर भी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण होते हैं। इसके लक्षण दिखाई देने पर अत्यधिक सावधानी बरतने की जरूरत है।
  • किसी भी परिस्थिति को ले करके तुरंत समाधान और संतुष्टि की चाह रखना भी एक पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण के अंतर्गत आता है।
  • अपने आवेगों को पर नियंत्रण रख पाना, लोगों को संदेश और विश्वास की नजर से देखना, दोस्त बनाने में मुश्किल होना एवं दूसरों के प्रति संवेदनशील ना होना भी पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण हो सकते हैं।

किसी व्यक्ति के अंदर इस तरह के लक्षण है तो उसे डॉक्टर से कब सलाह लेने की आवश्यकता होती है? क्योंकि इस मामले में बहुत सारे लोगों द्वारा काफी देर से डॉक्टर से परामर्श लेते हैं। लेकिन, ऐसा आपको बिल्कुल भी नहीं करना है अगर इनमें से कोई भी लक्ष्य आपको किसी मरीज में दिखाई देते हैं तो आपको तुरंत किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेने की जरूरत है।

निष्कर्ष

आज के हमारे इस लेख में हमने आप सभी लोगों को इस बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है कि, Signs and Symptoms of Personality Disorders – पर्सनैलिटी डिसऑर्डर क्या है? आज के हमारे इस लेख से आपको यह जरूर समझ में आ गया होगा कि पर्सनैलिटी डिसऑर्डर क्या है? और इस बीमारी से ग्रसित व्यक्ति में पर्सनैलिटी डिसऑर्डर होने पर क्या क्या लक्षण दिखाई देते हैं?

हमारे इस लेख में हमने इस बारे में भी आप सभी लोगों को जानकारी दी है कि फिलहाल, पर्सनैलिटी डिसऑर्डर किस वजह से होता है इस बारे में डॉक्टरों और वैज्ञानिकों को ठीक से पता नहीं है। लेकिन किए गए शोध के अनुसार यह स्पष्ट है कि इस तरह की पर्सनैलिटी डिसऑर्डर की बीमारी अनुवांशिक वजह, दिमाग की संरचना और कार्य वातावरण, संस्कृति और सामाजिक परिवेश इसमें एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसलिए हम मोटे तौर पर यह कह सकते हैं कि इन्हीं कारणों के चलते किसी भी व्यक्ति के अंदर पर्सनैलिटी डिसऑर्डर के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। जिसका मतलब यह है कि उसके व्यवहार और बर्ताव में अस्थिरता दिखाई देती है। उम्मीद करता हूं कि आज का हमारा यह लेख आप सभी लोगों को पसंद आया होगा, इससे संबंधित अगर आपकी कुछ सवाल एवं सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं।

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