क्या आपने कभी सोचा है कि हमारे आसपास की चीजों का द्रव्यमान कैसे हो गया है? क्यों, Photon जो प्रकाश हमें देता है द्रव्यमान रहित होते हैं। या अगर ब्रह्मांड में कुछ भी द्रव्यमान नहीं होता तो क्या होता? ” हिग्स बॉसन को गॉड पार्टिकल भी कहा जाता है। हिग्स क्षेत्र मानव जाति के लिए ज्ञात सबसे अनूठा बल क्षेत्र में से एक में माना जाता है”। आज के हमारे इस आर्टिकल में हम What is Higgs Boson? हिग्स बोसान क्या है? इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं। ऊपर हमने कुछ अजीब से प्रश्न आपसे पूछे हैं? शायद आपको अटपटा लगा हो। लेकिन यह सारे प्रश्नों के जवाब अंत में उस कण की ओर ले जाते हैं जिसे अब हम हिग्स बॉसन (Higgs Boson) के नाम से जानते हैं।
What is Higgs Boson? हिग्स बोसान क्या है?
आज से लगभग 50 साल पहले हिग्स बॉसन की शुरुआत हुई थी जब वैज्ञानिक प्राथमिक कण को समझने के लिए कई सारे शोध कर रहे थे। यह पार्टिकल या कण हमारे ब्रह्मांड में मौजूद पदार्थ और उर्जा की बुनियादी निर्माण का इकाई है।
वैज्ञानिकों ने एक ऐसे मॉडल पर काम करना शुरू कर दिया था जिससे उन्हें इन कणों को चाटने और उनका अध्ययन करने में मदद मिली जिसे उन्होंने मानक मॉडल का नाम दिया। इस मॉडल में दो प्रकार के कण होते हैं।
- पदार्थ कण (Matter Particles)
- बल वाहक कण (Force Carrier Particles)
कुल मिलाकर के 4 मूलभूत बल होते हैं। जिसके अंतर्गत तीन बल को मॉडल के अंदर रखा जाता है जिसमें है इलेक्ट्रोमैग्नेटिक, कमजोर और मजबूत परमाणु बल। इसके अलावा प्रत्येक मौलिक बल गणित, क्वांटम भौतिकी और सभ्यता के विशेष सिद्धांत द्वारा परिभाषित नियम के अपने सेट पर निर्भर करता है।
सामान्य शब्दों में कह तो इन नियमों को क्वांटम का सिद्धांत कहा जाता है। इस मानक मॉडल पर काम करते हुए प्रत्येक बल के लिए क्वांटम क्षेत्र सिद्धांत का निर्माण करते हुए वैज्ञानिकों ने कुछ अजीब महसूस किया। दो मूलभूत बलों, विद्युत चुंबकीय और कमजोर परमाणु बल, एक ही क्वांटम क्षेत्र सिद्धांत के अंतर्गत आने लगे थे। इसका साफ मतलब था कि दोनों की उत्पत्ति एक ही थी जिसे इन्होंने इलेक्ट्रोवीक बल (Electroweak Force) का नाम दिया।
वैज्ञानिकों द्वारा किया गया परीक्षण एवं उसमें पाया गया परिणाम काफी अजीब था, क्योंकि एक फोटोन जो भी तो चुंबकीय बल का बल वाहक है, द्रव्यमान रहित होता है। दूसरी ओर W और Z बोसोन कमजोर बल के बल वाहक होते हैं। मॉडल में इनका द्रव्यमान कुछ काम था।
यदि उनकी उत्पत्ति सामान थी तो दोनों बल को किस कारण विभाजित किया गया, जिससे कि एक्ने द्रव्यमान प्राप्त किया और दूसरे ने नहीं? भौतिक विज्ञान इक रॉबर्ट ब्रॉट, फ्रैंकोइस और पीटर हिग्स ने प्रस्तावित किया कि द्रव्यमान किसी अन्य बल से आया होगा जो इलेक्ट्रॉवीक बल को विभाजित करने के लिए भी जिम्मेदार थी। उन्होंने इस बल क्षेत्र को हिग्स फील्ड स्रोत का नाम दिया।
हिग्स फील्ड क्या है? What is Higgs field?
हिग्स फील्ड को समझने के लिए हम आपको एक उदाहरण देते हैं। मान लीजिए कि आपने एक कपड़े का सेट लिया है, इस कपड़े के सेट में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी एक क्रीज या एक लहर या एक डेंट हिग्स बॉसन होगा।
आइए अब कल्पना करते हैं कि एक कण इस क्षेत्र पर चलते हुए एक मार्बल के रूप में है। हम सभी जानते हैं कि कैसे एक मार्बल कपड़े को बदल देता है और उसमें थोड़ा सा डेंट या बदला ला सकता है।
किसी भी प्रकार की गड़बड़ी जो इस मामले में कपड़े में बदलाव करती है को हिग्स बोसन के कण के रूप में देखा जा सकता है। संक्षेप में, हिग्स क्षेत्र में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को हम हिग्स बॉसन कण के रूप में ही देखते हैं। इसीलिए जब कोई कण हिग्स बोसन कण के क्षेत्र के साथ संपर्क करता है या इसे किसी भी तरह से परेशान करता है तो यह हिग्स बोसन के साथ संबंध स्थापित कर रहा होता है।
यह जितना बड़ा विक्षोभ उत्पन्न करता है कण की गति उतने ही अधिक बाधित होती है। जैसे कि एक विशाल मार्बल कपड़े में अधिक गड़बड़ी पैदा करता है और इस प्रकार धीरे-धीरे यात्रा करता है वहीं प्राथमिक काणों के लिए भी जिम्मेदार रहता है।
केवल इस बार, या दूसरी तरफ यानी जितना अधिक कण हिग्स बोसन क्षेत्र में बाधा उत्पन्न करती है उतनी ही धीमी गति से यात्रा भी इस क्षेत्र में करती है। जिस वजह से वह उतनी ही अधिक द्रव्यमान भी प्राप्त करेगी।
लेकिन हिग्स बोसन क्षेत्र अन्य क्षेत्रों से क्या से अलग है? इसके लिए हमें दो प्रकार के बल क्षेत्रों के बारे में भी जानकारी होनी चाहिए।
- अदिश क्षेत्रीय बल (Scalar field)
- सदीश क्षेत्रीय बल (Vector field)
सदीश क्षेत्रों की दिशा होती है, यानी हम जानते हैं कि एक बल एक दिशा से दूसरे दिशा में जा रहा है जैसे चुंबकीय क्षेत्र। हालांकि अदिश क्षेत्र के मामले में कोई दिशा नहीं होती है। हिग्स क्षेत्र की खोज से पहले हम किसी अदिश क्षेत्र के बारे में नहीं जानते थे। तो, यह सबसे अनूठा क्षेत्र है। जो कणों को द्रव्यमान प्रदान करने के विशेष कार्य के लिए भी जिम्मेदार है।
हिग्स ने ब्रह्मांड को द्रव्यमान कैसे दिया?
बिग बैंग के बाद के क्षण में ब्रह्मांड का तापमान बहुत अधिक बढ़ गया था। यह और कुछ नहीं बल्कि प्राथमिक कणों से भरा एक घनीभूत समुद्र था। जिसका कोई भी द्रव्यमान नहीं था। यह तब था जब इलेक्ट्रॉवीक बल बराबर था और photon ,w और z कण द्रव्यमान रहित थे। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह आता है कि इस दौरान हिग्स फील्ड कहां था?
लेकिन आप मानो या ना मानो, हिग्स फील्ड शुरू से ही हमारे ब्रह्मांड में मौजूद था। इसकी क्रिया में आने के लिए ब्रह्मांड को एक निश्चित तापमान तक ठंडा करने की आवश्यकता थी।
तेजी से ब्रह्मांड ठंडा होने लगा और विस्तार करने लगा। हिग्स फील्ड के लिए ब्रह्मांड के दलित तापमान पर पहुंचने के बाद प्रभाव शुरू हो गया। जिससे कि इस क्षेत्र से प्रभावित होकर के प्रत्येक कण ने द्रव्यमान प्राप्त किया। जितना अधिक कण हिग्स बॉसन के साथ संबंध स्थापित किया उतना ही दिमाग होता चला गया। वह धीमा होना जिसे हम कणों के द्रव्यमान के रूप में जानते हैं।
w और z कणों ने हिग्स फील्ड के साथ बहुत अधिक संबंध स्थापित की जिस वजह से उनका द्रव्यमान बढ़ गया। जबकि photon जैसे कण इस चित्र के साथ किसी भी तरह का संबंध नहीं था। जिस वजह से उसने द्रव्यमान हासिल नहीं की और वह ब्रह्मांड का सबसे तेज कण बन गए और द्रव्यमान रहित भी हो गए।
इस प्रकार विद्युत चुंबकीय बल को इलेक्ट्रॉवीक बल के रूप में विभाजित किया गया एवं उन्हें परिभाषित किया गया।
अगर हिग्स फील्ड नहीं होगा तो क्या होगा?
हिग्स बोसोन को गॉड पार्टिकल के रूप में भी जाना जाता है। इसके पीछे क्या कारण है कि जरा कल्पना कीजिए कि हम किसी परमाणु से बने हैं। उन परमाणुओं में एक भारी नाभि के चारों ओर घूमने वाले इलेक्ट्रॉन होते हैं। अब कल्पना कीजिए कि क्या हिग्स फील्ड नहीं होता तो कोई भारी ना भीख भी नहीं होगा और इसीलिए नाभिक से कोई इलेक्ट्रॉन बाध्य नहीं होगा।
इसका मतलब है कि कोई परमाणु नहीं होगा और फल स्वरुप ब्रह्मांड में कुछ भी नहीं होगा। ना ही कोई तारा होगा, ना ही कोई ग्रह, ना ही कोई ऊर्जा होगी और ना ही कोई पदार्थ होगा।
इस प्रकार, हिग्स बोसोन ने अनिवार्य रूप से ब्रह्मांड को जन्म दिया है। इसी वजह से हिग्स बोसन को गॉड पार्टिकल कहा जाता है। ब्रह्मांड में इसकी अनुपस्थिति से हर चीज गायब हो जाएगी यह बस एक निर्वात होगा। और हमारा ब्रह्मांड एक बेजान वस्तु से अधिक कुछ नहीं होगी।
निष्कर्ष
भले ही हिग्स बॉसन का सिद्धांत लगभग 50 साल पहले प्रस्तावित किया गया हो। लेकिन, पिछले दो दशकों में ही वैज्ञानिकों ने अंतः प्रयोगशाला में कण की खोज की थी। लार्ज रिंग कोलाइडर जहां कणों को एक दूसरे पर बमबारी कर के अन्य कण बनाए जाते हैं। भौतिकविदो ने सबसे पहले इस कण को देखा था।
उन्होंने एक शोषण के निर्माण और क्षय का निरीक्षण करने के लिए एक दूसरे पर प्रोटोन की बमबारी की। तब जाकर उन्हें सटीकता के साथ अवलोकन प्राप्त हुआ और इस पार्टिकल का नाम वैज्ञानिक हिग्श के नाम पर हिग्स बॉसन रखा गया। अब भौतिक विज्ञानी अन्य काल्पनिक कणों की भी खोज कर रहे हैं जो वर्तमान में केवल सिद्धांत रूप में मौजूद है। जैसे कि डार्क मैटर और चुंबकीय मनोपोल। अभी विज्ञान में और भी चमत्कार बचे हुए हैं कौन जानता है, शायद एक दिन हम फिर से एक नए कण की खोज करने में सफलता हासिल कर ले।