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What is Lithium? लिथियम के बारे में कुछ रोचक तथ्य

Lithium मनुष्य के द्वारा ज्ञात सबसे उपयोगी तत्व में से एक माना जाता है। सबसे रहस्यमई धातुओं में से एक के रूप में भी लिथियम को जाना जाता है। आप में से बहुत सारे लोगों को यह भी जानकारी होगी कि लिथियम को ‘ सफेद सोना’ White Gold भी कहते हैं। आखिर, लिथियम इतनी महंगी वस्तु क्यों है? आज के हमारे इस लेख में हम इसी बारे में जानकारी लेंगे की What is Lithium? लिथियम के बारे में कुछ रोचक तथ्य

लिथियम का वर्गीकरण अल्कली मेटल के रूप में किया जाता है। लिथियम का इस्तेमाल हमारे मोबाइल में इस्तेमाल की जाने वाली बैटरी में भी होता है। इस चलते लिथियम का उपयोग काफी व्यापक है। यही वजह है को सफेद सोना भी कहा जाता है। लिथियम से जुड़े अन्य रोचक तथ्यों के बारे में जानकारी लेने से पहले, हमें इस बारे में जानकारी होनी चाहिए कि लिथियम धातु क्या होता है? एवं इसके अनुप्रयोग क्या है?

What is Lithium? लिथियम क्या है?

धातुओं में जब लिथियम का वर्गीकरण किया जाता है, तो इसे अल्कली मेटल (Alkali Metal) के रूप में वर्गीकृत किया जाता है। असल में लिथियम एक रसायनिक तत्व होता है। इसे सफेद सोना भी कहते हैं। इसके पीछे की वजह यह है कि लिथियम का रंग सिल्वर यानी कि चांदी की तरह होता है। यह बहुत ही हल्की धातु होती है और इसका घनत्व 0.534 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर होता है।

लिथियम धातु सामान्य तापमान पर एक ठोस अवस्था में पाई जाती है। लिथियम धातु गलनांक यानी कि पिघलने का तापमान 180.5 डिग्री सेल्सियस और इसका क्वथनांक यानी कि उबलने का तापमान 1342 डिग्री सेल्सियस होती है।

रसायन शास्त्र में लिथियम को ‘Li ‘ से निरूपित किया जाता है। लिथियम की परमाणु संख्या 3 और इसका परमाणु भार 6.941 amu होता है। लिथियम के परमाणु में तीन इलेक्ट्रॉन, तीन प्रोटोन, चार न्यूट्रॉन और दो एनर्जी लेवल होते हैं। आवर्त सारणी यानी कि periodic टेबल में लिथियम ग्रुप 1, पीरियड दो और ब्लॉक S में अवस्थित है।

लिथियम धातु की खोज जोहनन अगस्ट अरफवेडसन (Johann August Arfvedson) द्वारा साल 1817 में किया गया था।

लिथियम धातु के प्रमुख गुण

  • लिथियम धातु एक हल्की एवं चमकदार चांदी के रंग की धातु होती है।
  • लिथियम धातु बहुत ही हल्की एवं नरम धातु है। इसे आप आसानी से चाकू से भी काट सकते हैं। यहां तक कि आप अपने हथेली के नाखून से भी इसे खरोच सकते हैं।
  • लिथियम धातु पानी से बहुत अधिक प्रतिक्रियाशील होती है। लिथियम धातु को गर्म पानी में डालेंगे तो यह पानी के साथ में प्रतिक्रिया करके हाइड्रोक्साइड और हाइड्रोजन गैस बनाती है। हाइड्रोक्साइड पानी में घुलनशील होती है।
  • लिथियम धातु ऊष्मा का बहुत अच्छा संवाहक होता है।
  • लिथियम धातु की विशिष्ट ऊष्मा जितने भी ठोस पदार्थ हैं उनमें सबसे अधिक होती है।
  • लिथियम धातु उन धातुओं में गिना जाता है जिन का गलनांक यानी कि पिघलने का तापमान और क्वथनांक यानी कि उबलने के तापमान में काफी अधिक अंतर होता है।
  • लिथियम धातु वातावरण में मौजूद ऑक्सीजन से भी बड़ी आसानी से प्रतिक्रिया कर लेती है। ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया करने पर लिथियम धातु मोनोऑक्साइड और पैरऑक्साइड जैसे गैस बनाती है।
  • लिथियम धातु रासायनिक रूप से एक सक्रिय धातु की श्रेणी में रखा जाता है।
  • लिथियम धातु कमरे के तापमान में ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया नहीं करती लेकिन, अगर आप इस धातु को 100 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर गर्म करते हैं तो यह आसानी से ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करती है। इस प्रतिक्रिया से उत्पन्न होने वाला उत्पाद लिथियम ऑक्साइड होता है।
  • कुछ विशेष परिस्थितियों में लिथियम धातु, सल्फर, हाइड्रोजन, नाइट्रोजन और हेलोजींस से दी प्रतिक्रिया करती है।
  • लिथियम धातु 500 डिग्री सेल्सियस से भी अधिक तापमान पर हाइड्रोजन से क्रिया करके लिथियम हाइड्रेट बनाती है।

लिथियम धातु के उपयोग

लिथियम धातु का अनुप्रयोग का उपयोग बहुत सारे कार्यों में किया जाता है। लिथियम धातु एक सक्रिय धातु के रूप में जानी जाती है। इलेक्ट्रॉनिक उद्योग में इसे सफेद सोना भी कहा जाता है। इलेक्ट्रॉनिक उद्योगी क्षेत्र में इसका उपयोग व्यापक है। चलिए जानते हैं लिथियम धातुओं के उपयोग के बारे में :-

  • लिथियम धातु का उपयोग सबसे अधिक रिचार्जेबल बैटरी बनाने के क्षेत्र में किया जाता है।
  • लिथियम का उपयोग रिचार्जेबल बैट्री बनाने के लिए भी किया जाता है। इस तरह के बैटरी का इस्तेमाल ज्यादातर ह्रदय में लगे पेसमेकर के लिए होता है।
  • परमाणु संयंत्र में भी ठंडक के रूप में लिथियम धातु का इस्तेमाल होता है।
  • लुब्रिकेंट बनाने के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।
  • लिथियम का इस्तेमाल तांबा, केडीमियम, मैग्नीशियम और एलुमिनियम धातु की क्षमता बढ़ाने के लिए भी मिश्रित धातु के रूप में इसका इस्तेमाल होता है।
  • लिथियम धातु की विशिष्ट ऊष्मा सभी ठोस तत्व में सबसे अधिक होती है। इस वजह से इस धातु का इस्तेमाल ऐसे यंत्र में भी किया जाता है जिससे अत्यधिक गर्मी की आवश्यकता होती है।
  • लिथियम और मैग्नीशियम की मिश्रित धातु का उपयोग कवच बनाने के लिए भी होता है।
  • लिथियम और एलुमिनियम के मिश्र धातु का इस्तेमाल एयरक्राफ्ट, उच्च क्षमता वाली साइकिल के फ्रेम और हाई स्पीड ट्रेन आदि बनाने के लिए होता है।
  • लिथियम के योगिक को का उपयोग चीनी मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए होता है।
  • लिथियम ऑक्साइड का उपयोग विशेष तरह के कांच बनाने के लिए किया जाता है कांच को मजबूत बनाने के लिए कांच में लिथियम कार्बोनाइट का इस्तेमाल होता है।
  • लिथियम कार्बोनेट का उपयोग बाइपोलर डिसऑर्डर नामक मानसिक बीमारी के रोगियों के उपचार के लिए भी किया जाता है।
  • लिथियम हाइड्रोक्साइड का इस्तेमाल हाइड्रोजन को ईंधन के रूप में जमा करने के लिए किया जाता है।
  • यहां तक कि रबड़ उद्योग में भी कृत्रिम रबड़ बनाने के लिए लिथियम उत्प्रेरक के रूप में इस्तेमाल किया जाता है।

लिथियम के बारे में रोचक तथ्य

  • वैज्ञानिकों का मानना है कि दुनिया के महासागरों में अनुमानित रूप से 230 बिलियन टन लिथियम गोली हुई है।
  • औसतन , लिथियम पृथ्वी की पपड़ी पर 0.002% या लगभग 45PPM बनता है।
  • वैज्ञानिकों ने पृथ्वी की पपड़ी पर प्रत्येक 1 किलो पदार्थ के लिए इस प्रतिशत को 20 मिलीग्राम लिथियम तक परिष्कृत किया है।
  • वैज्ञानिकों को यह भी लगता है कि लिथियम पृथ्वी पर 25 वें सबसे आम तत्व के रूप में गिना जा सकता है।
  • लिथियम सबसे कम घनत्व वाला ठोस तत्व है। जिसकी घनत्व 0.534 ग्राम प्रति घन सेंटीमीटर है।
  • विलियम थॉमस नाम के एक वैज्ञानिक ने पहली बार 1821 में वैज्ञानिक रूप से शुद्ध की लिथियम को परिष्कृत किया था।
  • द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान लिथियम का इस्तेमाल ग्रीस जैसे देश ने अपने मशीनों में लुब्रिकेंट के तौर पर किया था।
  • जॉन कैंडी ने वर्ष 1949 में उपयोग के लिए लिथियम दवाइयां पेश की थी।
  • शीत युद्ध के दौरान दोनों पक्षों ने परमाणु हथियारों के उत्पादन के लिए लिथियम का इस्तेमाल किया था।
  • उन्नीस सौ नब्बे के दशक में शीतयुद्ध की समाप्ति के बाद लिथियम के बाजार में गिरावट देखी गई।
  • लिथियम आयन बैटरी के विकास ने वर्ष 2000 के दशक में लिथियम बाजार में सुधार किया था।
  • साधारण बटर नाइफ से भी आप लिथियम धातु को आसानी से ही काट सकते हैं।
  • लिथियम मे ज्वलनशील प्रकृति होती है, इसलिए इसे सुरक्षित रूप से स्टार्ट करने के लिए खनिज तेल के अंदर रखा जाता है।
  • लिथियम इंदन तेल और पानी दोनों में तैर सकता है।
  • यह 180.5 डिग्री सेल्सियस के तापमान पर पिघलता है और 1342 डिग्री सेल्सियस पर उबलता है।
  • आवर्त सारणी में लिथियम, हीलियम और हाइड्रोजन के साथ मौजूद पहले तीन तत्वों में से एक है।

दुनिया भर में लिथियम की उपलब्धता

जैसा कि हमने पहले ही इस बारे में उल्लेख किया है कि, लिथियम ब्रह्मांड में मिलने वाली पहले तीन तत्वों में से एक के रूप में गिना जाता है। लेकिन हीलियम या हाइड्रोजन की तुलना में, लिथियम शायद ही कभी खगोल शास्त्री द्वारा अंतरिक्ष में खोजा गया है।

ऑक्सीजन, लिथियम नहीं, ब्रह्मांड में तीसरे सबसे आम तत्व के रूप में गिना जाता है। लिथियम शीर्ष 10 में भी नहीं है। परमाणु वैज्ञानिक सोचते हैं कि इसका परिणाम सितारों के अपने कोर में तत्व को फ्यूज करने के तरीके से होता है।

विशेष रुप से हाइड्रोजन हीलियम के साथ लिथियम का उत्पादन करने के लिए फ्यूज होता है। केवल लिथियम के लिए हाइड्रोजन के साथ फ्यूज करने के लिए बाद में अधिक हीलियम का उत्पादन होता है। कई सारे वैज्ञानिक मानते हैं कि अधिकांश सितारों में शायद ही कभी लिथियम होता है। सबसे छोटे तारे, भूरे रंग के बोनो में वास्तव में बहुत अधिक लिथियम होता है। यह इस तथ्य से आता है कि वे हाइड्रोजन के साथ हाइड्रोजन से भारी किसी भी चीज को आसानी से फ्यूज करने के लिए बहुत छोटे हैं। जिससे कोई भी लिथियम बना रह सकता है।

दुनिया भर में लिथियम का उत्पादन

अर्जेंटीना, बोलीविया और चिल्ली दुनिया के सबसे बड़े लिथियम उत्पादक देशों में गिने जाते हैं। इन देशों में दुनिया के लिथियम भंडार का 75% हिस्सा है। इसने 3 देशों का उद्योग में उनका प्रभुत्व के लिए लिथियम त्रिभुज उपनाम भी दिया गया है।

इन 3 देशों के अलावा, अफ्रीका में कांगो क्षेत्र में हाल ही में साल 2017 में समृद्ध और और शुद्धता वाली निम्न लिथियम आयन की खोज भी की गई है।

साल 2023 में शुरू होने वाले पहले वाणिज्य निर्यात के साथ, भंडार का विकास वर्षों से आगे बढ़ा है। पहले उल्लेख के के देशों के अलावा चीन और संयुक्त राज्य अमेरिका दोनों के पास अपने स्वयं के बड़े घरेलू लिथियम उत्पादन भंडार भी है।

लिथियम आयन बैटरी

साल 2000 के दशक के आसपास लिथियम आयन बैटरी आने के बाद, नई तकनीकों को काफी ऊंची उड़ान मिली है। असल में, सबसे पहली बार वर्ष 1960 के दशक के आसपास नासा द्वारा पहली लिथियम आयन बैटरी बनाई गई थी। हालांकि, उस दौरान बड़े पैमाने पर उत्पादन करने के लिए उत्पादन के तरीके बहुत ही जटिल और महंगे साबित हुए।

लेकिन, इंजीनियरों ने साल 1980 के दशक में बैटरी को और अधिक विकसित किया। इससे प्रक्रिया का सरलीकरण हुआ और लागत कम हुई। सोनी जैसी कंपनी ने साल 1991 में पहली व्यवस्था एक लिथियम आयन बैटरी का उत्पादन किया था।

लिथियम आयन बैटरी का विकास आज भी जारी है। 2000 के दशक में बैटरी मुख्यधारा बन गई थी और उस समय सभी स्मार्टफोन उद्योग के बाजार में उछाल आया था। लिथियम आयन बैटरी के विकास के लिए इंजीनियर जॉन गुडइनफ, राचिद याजमी और अकीरा योशिनो को 2019 में रसायन विज्ञान में नोबेल पुरस्कार दिया गया था।

लिथियम आयन बैटरी 2 रूपों में आती है। जिसे हम आमतौर पर जोड़ करके लिथियम आयन बैटरी कहते हैं। यह आमतौर पर सभी नाम से पुकारा जाए तो लिथियम आयन सेल होता है। यह आमतौर पर एक चपटे या पाउची जैसे आकार में आते हैं जैसे कि सेलफोन और अन्य छोटे इलेक्ट्रॉनिक सामानों में देखा जा सकता है।

आमतौर पर, केवल छोटे एवं पाउच के आकार में ही नहीं बल्कि इन्हें लैपटॉप या कंप्यूटर के लिए बेलनआकार में भी बनाया जाता है। सेल के अलावा बैटरी पैक भी होता है जिसमें एक ही समय में कई सारे सेल काम कर रहे होते हैं।

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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