नोबेल जीतने वाले भारतीय की सूची

नोबेल पुरस्कार कई क्षेत्रों में दिया जाता है, जैसे कि शांति, साहित्य, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, चिकित्सा, और अर्थशास्त्र। यह पुरस्कार उन व्यक्तियों को दिया जाता है जिन्होंने अपनी विशेषज्ञता या सेवाओं से मानवता के लिए महत्वपूर्ण योगदान दिया हो। आज के हमारे इस लेख में हम लोग ऐसे भारतीयों के बारे में जानेंगे जिन्हें नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही नोबेल जीतने वाले भारतीयों की सूची भी तैयार करेंगे।

नोबेल पुरस्कार, जो एक प्रतिष्ठित अनुप्राणित पुरस्कार है, कई श्रेणियों में प्रदान किया जाता है। इसका इतिहास उत्तर के शुरू में एल्फ्रेड नोबेल, एक स्वीडिश उद्योगपति, वैज्ञानिक, और अर्थशास्त्री, के प्रयासों तक जाता है। नोबेल पुरस्कार की स्थापना 1895 में हुई, जब उन्होंने अपनी वसीयत में एक धन निर्धारित किया, जिससे विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता का प्रोत्साहन किया जा सकता था।

नोबेल पुरस्कारों के पहले वितरण 1901 में हुआ था। इस प्रक्रिया में एल्फ्रेड नोबेल के उद्दीपन से, पुरस्कारों का वितरण स्वीडन की स्टॉकहोम में होता है। प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक अलग समिति बनाई जाती है जो प्राधिकृत व्यक्तियों का चयन करती है।

नोबेल पुरस्कार का महत्वपूर्ण हिस्सा उसका पुरस्कार धरातल प्राप्तकर्ताओं के लिए है। प्रतिष्ठित पुरस्कार राशि के अलावा, विजेताओं को सम्मानित किया जाता है जो उनके क्षेत्र में अत्यधिक योगदान किया है।

नोबेल पुरस्कारों की प्रमुख श्रेणियों में साहित्य, शांति, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान, वाणिज्य, और चिकित्सा शामिल हैं। इनमें से प्रत्येक क्षेत्र में अन्य साधारण उत्कृष्टता की बजाय विशेष अद्वितीयता की एक उच्च गुणवत्ता का प्रतिनिधित्व करता है।

नोबेल पुरस्कार की प्राप्तकर्ता विशेष गर्व के साथ इस महान सम्मान का अर्थ महसूस करते हैं, क्योंकि यह उनके कार्य की प्रशंसा करता है और उनके योगदान को मान्यता प्रदान करता है। नोबेल पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं की सूची में कई महान वैज्ञानिक, लेखक, शांतिकार, और चिकित्सक शामिल हैं, जो अपने श्रेष्ठता के लिए सम्मानित किए गए हैं।

नोबेल पुरस्कार के साथ-साथ, कई विवाद भी जुड़े हैं, जैसे कि पुरस्कार की चयन प्रक्रिया, पुरस्कार के प्राप्तकर्ताओं का चयन, और पुरस्कार के नामकरण पर। विवादों के बावजूद, नोबेल पुरस्कार का महत्व और अद्वितीयता उसके इतिहास में स्थापित है।

नोबेल पुरस्कार एक अद्वितीय संस्कृति का प्रतीक है जो उत्कृष्टता, शांति, और मानवीयता की प्रोत्साहना करता है। इसका अर्थ और महत्व विश्व समुदाय में ऊंचा है और यह वास्तविक विज्ञान, साहित्य, और सामाजिक परिवर्तन की भावना को प्रोत्साहित करता है।

नोबेल जीतने वाले भारतीय की सूची

यहाँ वे भारतीय प्रतिभागी हैं जो नोबेल पुरस्कार जीतने के लिए सम्मानित हुए हैं:

  1. रवींद्रनाथ टैगोर – साहित्य में (1913)
  2. सर सीवी रमन – फिजिक्स में (1930)
  3. हर गोविंद खोराना – फिजिक्स में (1968)
  4. चंद्रशेखर वेंकट रामन – फिजिक्स में (1983)
  5. सुब्रह्मण्यन चंद्रशेखर – फिजिक्स में (1983)
  6. अमर्त्या सेन – आर्थिक विज्ञान में (1998)
  7. कैलाश सत्यार्थी – शांति के क्षेत्र में (2014)
  8. अबीजीत बनर्जी – चिकित्सा में (2019)
  9. एस. अब्दुल कलाम – शांति के क्षेत्र में (2002, जो नोबेल पुरस्कार नहीं है, लेकिन वह नोबेल पुरस्कार समर्पित समारोह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं)

नोबेल पुरस्कार जीतने वाले भारतीयों की सूची सारणी में

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नोबेल पुरस्कार जीतने वाले को क्या-क्या दिया जाता है?

नोबेल पुरस्कार जीतने वाले को कई प्रकार की प्रतिष्ठा और सम्मान मिलता है। इसमें शामिल हैं:

  1. नोबेल पुरस्कार मेडल: यह मेडल प्रतिष्ठा का प्रतीक होती है और पुरस्कार विजेताओं को सम्मानित करती है।
  2. प्रमाण पत्र: यह पुरस्कार विजेता को उनकी उत्कृष्टता की प्रमाणित करता है और उनके योगदान को मान्यता प्रदान करता है।
  3. सम्मान और विशेष उपहार: कई स्थानिक संस्थान और सरकारें नोबेल पुरस्कार विजेताओं को विशेष सम्मान और उपहार भी प्रदान करती हैं, जैसे कि सार्वजनिक समारोह, विशेष प्रोत्साहन, या आर्थिक सहायता।
  4. विशेष उपस्थिति और उत्सव: नोबेल पुरस्कार विजेताओं को अक्सर विशेष उपस्थिति और उत्सवों में शामिल होने का मौका मिलता है, जहां उन्हें उनकी उत्कृष्टता का सम्मान किया जाता है।

इन सभी उपहारों का संयोजन नोबेल पुरस्कार विजेताओं को उनके महत्वपूर्ण योगदान की मान्यता और सम्मान प्रदान करता है।

नोबेल पुरस्कार वितरण समारोह कहां आयोजित होता है?

नोबेल पुरस्कार वितरण समारोह हर साल दिसंबर महीने में स्टॉकहोम, स्वीडन में आयोजित होता है। यह समारोह विश्व के अनेक प्रमुख वैज्ञानिकों, शास्त्रीय कलाकारों, और अन्य महत्वपूर्ण व्यक्तियों को सम्मानित करने के लिए आयोजित किया जाता है।

समारोह का मुख्य स्थल वास्तव में स्टॉकहोल्म के स्टॉकहोल्म कॉन्सर्ट हाल होता है, जो स्वीडिश रॉयल ओपेरा हाउस के पास स्थित है। यहां प्रमुख व्यक्तित्व, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, और अन्य महत्वपूर्ण अतिथियों को संबोधित किया जाता है और पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।

समारोह का आयोजन स्टॉकहोल्म में होने का कारण है क्योंकि एल्फ्रेड नोबेल, जिनकी वसीयत ने इस पुरस्कार की स्थापना की, स्वीडिश उत्पत्ति थे। उन्होंने स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोल्म को इस पुरस्कार की आधिकारिक स्थान बनाया था।

समारोह की अवधि एक दिन की होती है और यह समारोह आमतौर पर संध्या में होता है। इसका आयोजन स्वीडिश रॉयल फिजिक्स सोसाइटी, स्वीडिश एकेडेमी ऑफ़ साइंसेस, स्वीडिश एकेडेमी ऑफ़ लिट्रेचर, स्वीडिश एकेडेमी ऑफ़ आर्ट्स, और करोलिंस्का इंस्टीट्यूट के द्वारा किया जाता है।

समारोह के महत्वपूर्ण हिस्से में स्वीडिश राजगर्भण का समारोह भी होता है, जिसमें स्वीडन के राजा और रानी शामिल होते हैं, साथ ही स्टॉकहोल्म की सार्वजनिक स्थानीयता और अंतर्राष्ट्रीय उपस्थिति का समर्थन किया जाता है।

समारोह में विभिन्न गतिविधियों और कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाता है, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेताओं के साथ-साथ अन्य प्रमुख व्यक्तियों के बीच विवाद विचारों और विचारों का मूल्यांकन किया जाता है। इसके अलावा, समारोह में नोबेल पुरस्कार विजेताओं के अतिरिक्त पारंपरिक स्वीडिश खाने-पीने का भी आनंद लिया जाता है।

समारोह की वार्षिकता और आयोजन विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह विश्व के सबसे अत्यधिक आदर्शपूर्ण पुरस्कारों में से एक को सम्मानित करता है और विजेताओं को उनके उत्कृष्ट काम के लिए सम्मानित करता है। इसका समारोही और आतिथ्य कार्यक्रम स्वीडिश संस्कृति और समाज के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन बन चुका है जो विश्व स्तर पर महत्वपूर्ण रहता है।

अब तक कितने लोगों को नोबेल पुरस्कार दिया गया है?

नोबेल पुरस्कार के अब तक कुल में, 930 पुरस्कार विजेताओं को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। यह पुरस्कार विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता के लिए प्रदान किया जाता है, जैसे कि फिजिक्स, केमिस्ट्री, मेडिसिन, साहित्य, और शांति। अल्फ्रेड नोबेल द्वारा स्थापित किए गए पुरस्कारों की श्रेणियों में, सात पुरस्कारों को प्रदान किया जाता है।

रविंद्र नाथ टैगोर को नोबेल पुरस्कार

रवींद्रनाथ टैगोर, भारतीय साहित्य के एक अग्रणी और अद्वितीय कवि, लेखक, और विचारक थे। उन्हें 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार प्रदान किया गया था, जो उनके अद्वितीय साहित्यीकरण और साहित्यिक योगदान को मान्यता देने का प्रतीक है।

रविंद्र नाथ टैगोर नोबेल पुरस्कार विजेता

रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई 1861 को कलकत्ता में हुआ था। उनके पिता, देवेन्द्रनाथ टैगोर, एक प्रमुख बंगाली जनसंग्रहक और सोशियल रिफॉर्मर थे। रवींद्रनाथ ने उच्चतम शिक्षा की प्राप्ति के बाद विभिन्न क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया, जिसमें कविता, कहानी, नाटक, निबंध, और विचारशील साहित्य शामिल है।

रवींद्रनाथ टैगोर की लेखनी व्यापक है और उन्होंने विभिन्न विषयों पर अनेक महान लेखनात्मक योगदान किया। उनकी कविताएँ और गीत सबसे प्रसिद्ध हैं, जिनमें “गीतांजलि” (Gitanjali) उनका प्रसिद्धतम काव्य संग्रह है। इस काव्य संग्रह ने उन्हें विश्व स्तर पर पहचान दिलाई और उन्हें साहित्य में अग्रणी कवि के रूप में स्थापित किया।

नोबेल पुरस्कार उन्हें उनके अद्वितीय साहित्यीकरण के लिए प्रदान किया गया, जो उनके द्वारा उत्कृष्टता के स्तर पर प्रस्तुत किए गए विभिन्न काव्य और लेखनों में देखा जा सकता है। “गीतांजलि” के अतिरिक्त, उनकी कविताएँ, नाटक, और गाने उनके समाजवादी और मानवतावादी दृष्टिकोण को उजागर करते हैं।

रवींद्रनाथ टैगोर का लेखन भारतीय समाज को उनके आध्यात्मिक और सामाजिक आदर्शों के प्रति जागरूक किया और उन्होंने उसे विकास और सुधार की ओर प्रेरित किया। उनकी लेखनी में विविधता और साहित्यिक ऊर्जा का अद्वितीय संगम है, जो आज भी समाज को प्रेरित करता है और प्रभावित करता है।

नोबेल पुरस्कार के लिए चुना जाना एक महत्वपूर्ण क्षण था और यह उनके साहित्यिक और सामाजिक प्रतिबद्धता को मान्यता देने का एक स्वर्णिम मौका था। उनका लेखन विश्व साहित्य के इतिहास में अद्वितीय स्थान रखता है और उनकी साहित्यिक उत्कृष्टता ने उन्हें एक महान स्थान प्राप्त किया है।

डॉक्टर सीवी रमन को नोबेल पुरस्कार

भारतीय वैज्ञानिक डाॅ. सी. वी. रमन को 1930 में नोबेल पुरस्कार फिजिक्स के लिए प्रदान किया गया था। उन्हें शांतिकलित रैमन प्रभाव की खोज के लिए सम्मानित किया गया था, जो प्रकाश के साथ इंटरैक्शन करते समय प्रकाश की वैविकीयता में परिवर्तन को विश्लेषित करता है। इसे उनके नाम पर रमन प्रभाव कहा जाता है। इस योगदान के लिए, उन्हें नोबेल पुरस्कार की सर्वोच्च प्रतिष्ठा से सम्मानित किया गया। रमन प्रभाव की खोज ने वैज्ञानिक समुदाय में महत्वपूर्ण योगदान किया और विज्ञान के क्षेत्र में नई दिशाएँ स्थापित की।

सीवी रमन वर्ष 1930 में भौतिकी के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार

चंद्रशेखर वेंकट रमन, भारतीय वैज्ञानिक और शिक्षाविद्, नोबेल पुरस्कार विजेता थे। उन्हें 1930 में फिजिक्स में नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ था। रमन को उनके द्वारा शांतिकलित रैमन प्रभाव की खोज के लिए सम्मानित किया गया था। इस खोज ने प्रकाश के साथ इंटरैक्शन करते समय प्रकाश की वैविकीयता में परिवर्तन को विश्लेषित किया।

रमन 7 नवंबर, 1888 को तमिलनाडु के तिरुचिराप्पल्ली में जन्मे थे। उन्होंने अपनी शैक्षिक कार्यक्षेत्र में उच्च योगदान दिया और विज्ञान में नई दिशाएँ स्थापित की। रमन ने महाराष्ट्र संस्कृति समिति के बिहार और उत्तर प्रदेश के प्रांतीय कार्यक्रमों में साझा भागीदारी की और बार-बार पारित गंधी पुरस्कार जीता।

रमन की प्रमुखता रैमन प्रभाव की खोज में थी, जिसे उन्होंने 1928 में पेश किया था। इस खोज के द्वारा उन्होंने प्रकाश के साथ इंटरैक्शन करते समय प्रकाश की वैविकीयता में परिवर्तन को परिभाषित किया। इस प्रकार, वे दिखा दिया कि प्रकाश के परावर्तन का विचार बाह्य चुंबकीय क्षेत्र के साथ होता है।

रमन प्रभाव का प्रमुखता रैमन के विज्ञानिक अध्ययन के दौरान प्रकाश की वैविकीयता में परिवर्तन के रूप में स्थापित हुआ। रैमन प्रभाव की खोज ने प्रकाश के परावर्तन का परीक्षण किया और इसे अत्यधिक लघु काण्डों के विकास के लिए आवश्यक ध्यान देने के लिए प्रेरित किया।

रैमन प्रभाव की खोज के बाद, रमन को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसे नोबेल पुरस्कार के सम्मानित वैज्ञानिकों की सूची में शामिल किया गया, जिससे उनका योगदान विश्व स्तर पर मान्यता मिली।

इसके अलावा, रमन को विभिन्न सम्मानों से भी सम्मानित किया गया, जिसमें भारत सरकार द्वारा भारत रत्न (1954) और ब्रिटेन द्वारा नाइटहुड (1929) शामिल हैं। उन्होंने भारतीय विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उच्च योगदान दिया और उनकी खोजें आज भी वैज्ञानिक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण हैं।

अमर्त्या सेन नोबेल पुरस्कार

अमर्त्या सेन, एक प्रख्यात भारतीय अर्थशास्त्री, विज्ञानी, और समाजशास्त्री थे, जिन्हें नोबेल पुरस्कार का सम्मान विशेष सम्मान मिला है। उन्होंने अपने अद्वितीय योगदान के लिए 1998 में नोबेल साहित्य पुरस्कार प्राप्त किया था। उनकी अनूठी विचारधारा, अत्याधुनिक दायरा, और उत्कृष्ट लेखन कौशल ने उन्हें एक अग्रणी साहित्यिक आध्यात्मिकता के रूप में माना जाता है।

अमर्त्या सेन का जन्म 3 नवंबर 1933 को बांग्लादेश के धाका शहर में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था। उन्होंने अपनी उच्च शिक्षा को पश्चिमी दुनिया के विभिन्न विश्वविद्यालयों से प्राप्त किया। उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से अपना बैचलर ऑफ़ आर्ट्स की डिग्री हासिल की और परे के एलीजेबेथ कॉलेज में मास्टर्स और डॉक्टरेट की पढ़ाई की।

उनके समृद्ध शैक्षिक पृष्ठभूमि ने उन्हें विभिन्न विषयों पर अपनी गहरी जानकारी प्राप्त करने का अवसर दिया। अमर्त्या सेन ने व्यापार और अर्थशास्त्र, विकास, धर्म, और न्याय जैसे कई विषयों पर अपनी अनूठी राय प्रकट की।

उनकी प्रमुख किताबों में “प्रगतिशील अर्थशास्त्र: संकट और अनुवाद” (Development as Freedom) शामिल है, जिसे 1999 में नोबेल पुरस्कार के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस पुस्तक में, उन्होंने विकास को विश्वास की मुख्यता के रूप में नहीं, बल्कि लोगों की स्वतंत्रता, न्याय, और आर्थिक स्वाधीनता के माध्यम से मापने का जरिया माना।

उनके कार्य का मुख्य उद्देश्य व्यक्तिगत स्वतंत्रता, न्याय, और उन्नति के माध्यमों को समझना और प्रमोट करना था। उनका योगदान समाज में न्याय, अधिकार, और समानता के लिए महत्वपूर्ण रहा है।

अमर्त्या सेन की समाजशास्त्रीय सोच ने विभिन्न विषयों पर उन्हें एक प्रमुख विचारक के रूप में स्थापित किया है। उनकी रचनाओं में व्यापक समृद्धता, उत्कृष्ट विचारधारा, और समाज के उन्नति के लिए समर्पण का विस्तार दिखाया गया है।

नोबेल साहित्य पुरस्कार उन्हें 1998 में सम्मानित किया गया था, जो उनकी अमूल्य योगदान को सम्मानित करते हुए था। इस पुरस्कार के माध्यम से, उन्हें उनकी महत्वपूर्ण लेखनी और उत्कृष्ट कार्यों के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिली। यह पुरस्कार उनके विचारधारा और शैली के महत्व को प्रस्तुत करता है, जो उन्हें एक अग्रणी और विश्वासी साहित्यकार बनाता है।

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