शतरंज का खेल भारत में काफी प्राचीन काल से ही खेला जाता रहा है। भारतीय संस्कृति में इसके कई सारे सबूत भी मिलते हैं। इसे पहले चौसर के नाम से जाना जाता था। शतरंज के खेल में शतरंज का बोर्ड समान आकार के 64 वर्ग कार खानों से बना हुआ होता है। जिसमें मोहरे रखी जाती है। मोहरे चाल के रूप में खेल खेलते हैं। इसमें लंबाई में खानों की 8 लाइन फाइल्स तथा चौड़ाई के खाने रैंक्स कहलाती है। एक ही रंग के खानों की लाइन डायग्लस कहलाती है। सफेद रंग के मोहरों से खेलने वाला खिलाड़ी पहले चल चल कर के खेल की शुरुआत करता है। शतरंज के खेल में बादशाह केवल एक खाने में चल सकता है। अगर उसे एक किला बनाना है तो वह उसे छोड़कर चल सकता है। बस शर्त यह है कि किसी विपक्षी मोहरे का जोर ना हो। शतरंज में माहिर हमारे देश के विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) ने शतरंज के खेल पर पूरे दुनिया में नाम कमाया है।आज के हमारे इस लेख में हम लोग विश्वनाथन आनंद के जीवन के बारे में विस्तृत जानकारी उपलब्ध करा रहे हैं। Biography of Viswanathan Anand in Hindi
वजीर, शतरंज के खेल में सीधा और टेढ़ा किसी भी तरह से चलता है। हाथी सीधा, ऊंट तिरछा, घोड़ा ढाई चाल चलता है। प्यादा सीधे चलकर तिरछी चाल चलता है। विपक्षी मोरे यदि बादशाह को जोर डालकर मारना चाहता है तो उसे शाह कहते हैं। अगली चाल में बादशाह को उस मार के दायरे से हटना ही पड़ता है। यदि नहीं हटता तो उसे मात खाना पड़ता है। दूसरे को मात देने वाला खिलाड़ी जीत जाता है। जब चाल चलने का कोई रास्ता शेष नहीं रहता, तो उसे जीच या ड्रॉ कहते हैं।
आजकल शतरंज के एक से एक नए नियम बनते जा रहे हैं। विश्व शतरंज की चैंपियनशिप और ओलंपिक शतरंज की विभिन्न प्रतियोगिताएं है। इसमें विश्व के महानतम ग्रैंड मास्टर बॉबी फिशर, काशपैरों और हमारे देश के विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) भी शामिल है।
Biography of Viswanathan Anand in Hindi – विश्वनाथन आनंद की जीवनी
विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) भारत के मशहूर शतरंज खिलाड़ी है। इनका जन्म 11 दिसंबर 1969 में हुआ है। विश्वनाथन आनंद भारतीय शतरंज खिलाड़ी और वह एक भूतपूर्व शतरंज विजेता भी है। विश्वनाथन आनंद ने पांच बार विश्व शतरंज प्रतियोगिता जीती है और वह निर्विरोध विजेता रहे हैं। विश्वनाथन आनंद एक अद्भुत प्रतिभा वाले तेजतर्रार शतरंज खिलाड़ी है, या अपनी एक चाल से ही पूरे शतरंज का पासा पलट देते हैं और अपने प्रतिद्वंदी पर दबाव डालकर उसे गलती करने पर मजबूर कर देते हैं।
इसलिए उन्हें शतरंज का जादूगर या शहंशाह भी कहा जाता है। वह खेल के क्षेत्र में मिलने वाली सबसे बड़े राजीव गांधी खेल रतन पुरस्कार पाने वाले पहले शतरंज खिलाड़ी भी है। इन्होंने 5 बार वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप भी अपने नाम कर अपनी खेल प्रतिभा का लोहा मनवा चुके हैं।
इस महान शतरंज खिलाड़ी का जन्म 11 दिसंबर, 1969 को माइलादुत्रीयी, तमिलनाडु मैं हुआ है। इनके पिता का नाम विश्वनाथन अय्यर और माता का नाम सुशीला है। इनकी पत्नी का नाम अरुणा आनंद और इनका एक बेटा भी है जिसका नाम अखिल आनंद है।
इनके पिता विश्वनाथन अय्यर, दक्षिण रेलवे के एक रिटायर्ड मैनेजर थे। जबकि उनकी मां सुशीला देवी शतरंज ट्रेनर और प्रभावशाली समाज सुधारक के रूप में जानी जाती है। विश्वनाथन आनंद अपनी मां की वजह से ही शतरंज के खेल की तरफ आकर्षित हुए थे। Biography of Viswanathan Anand in Hindi
उनकी मां ने 6 साल की उम्र से ही उन्हें शतरंज खेलने की ट्रेनिंग देना शुरू कर दिया था। विश्वनाथन आनंद के एक बड़े भाई शिवकुमार और बहन अनुराधा भी है।विश्वनाथन आनंद अपनी शुरुआती पढ़ाई चेन्नई के एगमोरे मैं स्थित डॉन बॉस्को मैट्रिकुलेशन हायर सेकेंडरी स्कूल (Don Bosco Matriculation Higher Secondary School) से की है और उन्होंने कॉमर्स विषय में ग्रीष्म की पढ़ाई चेन्नई के ही (Loyola College) से पूरी की है। Biography of Viswanathan Anand in Hindi
पूरा नाम | विश्वनाथन आनंद (Viswanathan Anand) |
जन्म | 11 दिसंबर, 1969 माइलादुत्रयी, तमिलनाडु |
पिता का नाम | विश्वनाथन अय्यर |
माता का नाम | सुशीला अय्यर |
पत्नी का नाम | अरुणा आनंद |
बच्चे का नाम | अखिल आनंद |
शिक्षा | स्नातक (Graduation) कॉमर्स विषय में |
विश्वनाथन आनंद का निजी जीवन – Viswanathan Anand Marriage life
विश्वनाथन आनंद के पिता ‘विश्वनाथन अय्यर’ दक्षिणी रेलवे के रिटायर्ड कर्मचारी मैनेजर थे। उनकी माता सुशीला अय्यर शतरंज खिलाड़ी होने के साथ-साथ शतरंज की ट्रेनिंग भी देती थी। विश्वनाथन आनंद को उनकी माता ने ही शतरंज की ट्रेनिंग दी थी। उनकी माता सुशीला अय्यर नहीं विश्वनाथन आनंद को शतरंज खेलने के लिए प्रेरित किया था।
वर्ल्ड शतरंज चैंपियंस विश्वनाथन आनंद ने अरुणा आनंद के साथ शादी की थी। दोनों ने शादी करने के बाद साल 2011 में उनका एक बेटा हुआ, जिसका नाम उन्होंने अखिल रखा है। Biography of Viswanathan Anand in Hindi
विश्वनाथन आनंद का कैरियर – Viswanathan Anand Career
विश्वनाथन आनंद ने शतरंज में कई सारे रिकॉर्ड और वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाए हैं। वह शतरंज की एक बेहतरीन खिलाड़ी है। उन्होंने कई सारे चैंपियनशिप अपने नाम भी किए हैं। हम विस्तृत रूप से इसकी सूची नीचे दे रहे हैं।
- विश्वनाथन आनंद ने साल 2000 से लेकर के 2002 तक विश्व शतरंज चैंपियनशिप (Fide World Chess Championship) का खिताब अपने नाम किया है।
- साल 2007 में विश्वनाथन आनंद ने वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप जीतकर के पूरी दुनिया में अपने प्रतिभा का लोहा मनवाया था। जिसके बाद उन्हें शतरंज का “बादशाह” “शहंशाह” इत्यादि नामों से संबोधन किया गया।
- 2008 में आयोजित वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप में विश्वनाथन आनंद ने ब्लादिमीर को हरा करके अपने जीत का खिताब बरकरार रखा। इस चैंपियनशिप को जीतने के बाद में विश्वनाथन आनंद नॉकआउट, टूर्नामेंट और मैच में जीतने वाले वर्ल्ड शतरंज इतिहास के पहले खिलाड़ी बन गए।
- साल साल 2010 में विश्वनाथन आनंद का मुकाबला बुल्गारिया के दिग्गज वेसलिन टोपालोव से हुआ और उन्हें वर्ल्ड चेस चैंपियनशिप का खिताब अपने नाम किया।
- लगातार अपने बेहतरीन प्रदर्शन से सफलता हासिल करके विश्वनाथन आनंद ने साल 2012 में भी अपने शानदार प्रदर्शन जारी रखा और बोरिस गेलफेंड को हरा करके एक बार फिर से शतरंज चैंपियनशिप अपने नाम की।
- साल 2013 से लेकर के साल 2014 तक विश्वनाथन आनंद के लिए निराशाजनक रहा। इस दौरान दोनों बार वे मैगनस कॉललर्न से हार गए।
- साल 2018 में विश्वनाथन आनंद ने कोलकाता में पहला टाटा स्टील शतरंज भारत बिल्टस टूर्नामेंट का खिताब जीता।
- कोलकाता में हुए इस टूर्नामेंट में पहले चरण के बाद चौथे स्थान पर रहे थे।लेकिन आखिरी दिन उन्होंने 6 बाजियां जीती और उन्होंने तीन रोग खेली और भविष्य में तीसरे नंबर के अमेरिकी नाकामुरा की बराबरी पर पहुंच गए थे।
विश्वनाथन आनंद को मिले खेल कैरियर में सफलता एवं उपलब्धियां – Viswanathan Anand Records
- साल 1988 में विश्वनाथन आनंद भारत के पहले ग्रैंड मास्टर (Grandmaster) बने थे।
- साल 2000 में फिडे वर्ल्ड शतरंज चैंपियनशिप (Fide World Chess Championship) को उन्होंने जीता। इस चैंपियनशिप को जीतकर कि वह भारत के पहले चैंपियन बन गए। इसके साथ ही वह इतिहास के उन 9 खिलाड़ियों में शामिल हो गए जिन्होंने यह चैंपियनशिप के पुराने रिकॉर्ड को तोड़ा है। इसके साथ ही वह 21 महीनों तक दुनिया के नंबर वन खिलाड़ी बने रहे।
- विश्वनाथन आनंद ने अपने खेल केरियर में साल 1997, 1998, 2003, 2004, 2007 और 2008 में 6 बार शतरंज ऑस्कर जीता है।
- इसके अलावा विश्वनाथन आनंद ने साल 2000, 2007, 2008, 2010 और 2012 में करीब छह बार विश्व शतरंज चैंपियनशिप जीत चुके हैं। यह किसी भी शतरंज खिलाड़ी के लिए बहुत ही बड़ी उपलब्धि है।
विश्वनाथन सम्मान एवं पुरस्कार – Viswanathan Anand Awards
इस महान शतरंज खिलाड़ी को कई सारे पुरस्कार एवं सम्मान से नवाजा गया है। इन्होंने शतरंज के खेल में भारत को सम्मान और गौरव दिलाया है। इस चलते भारत सरकार ने इन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया है। आइए एक नजर डालते हैं विश्वनाथन आनंद को मिले सम्मान एवं पुरस्कार के बारे में:-
- साल 1985 में विश्वनाथन आनंद को “अर्जुन पुरस्कार” से सम्मानित किया गया है।
- साल 1987 में विश्वनाथन आनंद को भारत के सर्वोच्च सम्मान में से एक “पदम श्री पुरस्कार”से भी नवाजा गया है।
- इसके अलावा साल 1987 में ही उन्हें राष्ट्रीय नागरिक पुरस्कार और सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार सभी सम्मानित किया गया है।
- साल 1991 से साल 1992 में विश्वनाथन आनंद को राजीव गांधी खेल रतन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।वे खेल के चित्र में मिलने वाले सबसे बड़े पुरस्कार को पाने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी हैं।
- साल 1998 में विश्वनाथन आनंद को स्पोर्ट स्टार मिलेनियम अवार्ड (Sport’s Star Millennium Award) से भी नवाजा गया है।
- साल 2000 में विश्वनाथन आनंद को अपनी अनूठी शतरंज खेल प्रतिभा के लिए “पदम भूषण” से नवाजा गया है।
- इसके इसके अलावा साल 2007 में विश्वनाथन आनंद को भारत सरकार की तरफ से पदम विभूषण पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है।
शतरंज के “बादशाह” “शहंशाह” इत्यादि उप नामों से जाने जाने वाले विश्वनाथन आनंद आज शतरंज में कई सारे खिलाड़ियों के प्रेरणा और आदर्श बन गए हैं। आज पूरी दुनिया भर में शतरंज के खेल में इनके लाखों फैन और प्रशंसक है। शतरंज खिलाड़ियों के लिए यह एक आदर्श और स्रोत है। शतरंज के खेल में इन्होंने भारत का नाम रोशन किया है।
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