Home » बायोग्राफी » आइज़क न्यूटन की जीवनी – Biography of Isaac Newton

आइज़क न्यूटन की जीवनी – Biography of Isaac Newton

आइज़क न्यूटन, एक महान विज्ञानिक के तौर पर पूरी दुनिया में जाने जाते हैं। इन्होंने विज्ञान को बहुत कुछ दिया है। सर आइज़क न्यूटन ने विज्ञान के क्षेत्र में तीन क्रांतिकारी खोज किए हैं। जिसकी बदौलत आज हम सभी गुरुत्वाकर्षण (gravitational force) बल को समझने में कामयाब हो पाए हैं। आज के हमारे इस लेख में हम इस महान विज्ञानिक के जीवन के बारे में विस्तार से जानेंगे। Biography of Isaac Newton in Hindi

Isaac Newton (आइज़क न्यूटन) ने विज्ञान के क्षेत्र में 3 क्रांतिकारी खोज किए है। जो कि इस प्रकार है:-

  1. प्रकाश संबंधी नियम
  2. द्रव्य स्थिति एवं गुरुत्वाकर्षण
  3. डिफरेंशियल कैलकुलस

आइज़क न्यूटन द्वारा जो प्रमुख सिद्धांत प्रतिपादन किया गया था उसे गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत (Universal Gravitation) कहा जाता है। गुरुत्वाकर्षण के सिद्धांत के अनुसार विश्व की समस्त प्रकृति शक्तियां -सूर्य, पृथ्वी, ग्रह नक्षत्र, तारे स्थिर और गतिमान रहते हैं। इस महान खोज के लिए तथा खगोल विज्ञान से संबंधित उनकी खोज के लिए आइज़क न्यूटन को हमेशा याद रखा जाएगा। आइए जानते हैं इस महान विज्ञानिक के जीवन के बारे में। Biography of Isaac Newton in Hindi

आइज़क न्यूटन की जीवनी – Biography of Isaac Newton in Hindi

महान वैज्ञानिक आइज़क न्यूटन (Isaac Newton) का जन्म लिंकनशायन के निकट वुल्सथो्रप मैं 25 दिसंबर 1942 को हुआ था। उनके पिता हन्नाह न्यूटन एक मामूली किसान थे। जो न्यूटन के जन्म से 2 माह पूर्व ही चल बसे थे। जब आइज़क न्यूटन मात्र 3 वर्ष के थे तो उनकी माता ने गरीबी और मजबूरी के कारण दूसरा विवाह कर लिया और आइजक न्यूटन को दादी की देखरेख में छोड़ कर के नये पादरी पति के साथ चली गई थी। दादी के लाड प्यार से बड़े हुए आइज़क न्यूटन का मन पढ़ाई में नहीं लगता था। उन्हें तो फूलों पत्तों को इकट्ठा करना, मशीनों के कल पुर्जों की जानकारी पाने में आनंद आता था।

शारीरिक रूप से कमजोर होने के कारण उनके मन में काफी हीनता की भावना पैदा हो गई थी। उनके सौतेले पिता जो कि पादरी थे, पादरी पत्ती की मृत्यु होने पर आइज़क न्यूटन की मां ने उन्हें खेती करने के लिए अपने पास बुलवा लिया था। आइज़क न्यूटन का मन खोजी मन खेतों की वजह गणित और अन्य अविष्कारों में लगा रहता था।एक न्यूटन के मामा ने जब उनकी या दशा देखी तो उसने अपनी बहन की सहमति ले करके उन्हें स्कूल में भर्ती करवा दिया था। मां के एक परिचित कलर के दंपत्ति के साथ रहते हुए आइज़क न्यूटन ने 5 जून 1661 को मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद कैंब्रिज विश्वविद्यालय के त्रिनिटी कॉलेज में दाखिला लिया था। Biography of Isaac Newton in Hindi

साल 1665 में उन्होंने बीए की परीक्षा उत्तीर्ण की, उनके गणित के अध्यापक मिस्टर बैरी ने उन्हें काफी प्रोत्साहित किया था। आइज़क न्यूटनने बिनोमियल प्रमेय की खोज साल 1666 में की थी। वक्र रेखा हो तथा ठोस पदार्थों से संबंधित कुछ नियमों का उद्घाटन किया था। प्लेट और महामारी के फैलने से न्यूटन विश्वविद्यालय छोड़कर के गांव चले आए।

एक दिन बाद में खाली बैठे बैठे न्यूटन कुछ सोच रहे थे, तभी अचानक सेब के वृक्ष से एक से उनके सिर पर आकर गिर गया। इसे उठाकर वे सोचने लगे कि यह से नीचे ही क्यों गिरा? ऊपर की ओर क्यों नहीं गया? आज न्यूटन की इस बात को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने यह बात अपने भतीजी कैथरीन को बताई और यह भी बताया कि पृथ्वी उसे खींच रही है। पृथ्वी की नहीं सूर्य, चांद, तारों में भी यह शक्ति होती होगी। लगाकर सोचते हुए न्यूटन ने सूर्य के चारों ओर निश्चित दूरी पर चक्र लगाने वाले ग्रहों के संबंध में गुरुत्वाकर्षण के नियम को प्रतिपादित कर दिया था।

सर आइज़क न्यूटन ने एक रस्सी में गेंद को बांधकर गोल गोल घूम आया। गेंद की दूरी पर गिरते ही उन्होंने पृथ्वी की चंद्रमा से दूरी का आकलन किया। यह बताया कि 2 वस्तुओं के बीच दूरी के वर्ग के उलट अनुपात में गुरुत्वाकर्षण बल होता है। समुद्र में उठने वाले ज्वार भाटा और लहरों मैं भी सूर्य और चंद्रमा के गुरुत्वाकर्षण का प्रभाव देखने को मिलता है।

साल 1667 को आइज़क न्यूटन ने कैंब्रिज विश्वविद्यालय वापस चले गए। प्रोफेसर बैरी के अवकाश ग्रहण करने के पश्चात 26 वर्ष की अवस्था में आइज़क न्यूटन को प्रोफेसर नियुक्त किया गया था। अजक न्यूटन को दूरबीन से तारे देखने में काफी रूचि थी। वे चाहते थे कि ऐसी दूरबीन का निर्माण किया जाए, जो अत्यंत बारीकी से सटीक अध्ययन कर सकें। इसी विचार से उन्होंने शीशों के लेंस को बार-बार घिसा और उन चीजों के लेंस को विभिन्न आकारों में ढाला। उन्होंने एक नई दूरबीन तैयार कर ली थी जिसे रिफ्लेक्टिंग टेलीस्कोप (Reflecting Telescope) का नाम दिया गया था। इसमें प्रकाश को लेंस की वजह से सो के द्वारा एकत्रित किया जाता था।

उनके इस अविष्कार की चर्चा रॉयल सोसायटी (Royal Society) तक जा पहुंची थी। इस सोसाइटी द्वारा वे Fellow चुने जा चुके थे। आइज़क न्यूटन ने प्रिज्म की तरह लेंस के के किनारों को इस्तेमाल किया था। जिससे सफेद प्रकाश की समाने कितने अनेक रंगों में बदल जाती थी। ऐसे में परेशान होकर के उन्होंने रंगों की उत्पत्ति का कारण ढूंढ निकाला था। उन्हें ज्ञात हुआ कि सामान्य प्रकाश की किरणें जब एक प्रिज्म से गुजरती है तो वह सात रंगों में बट जाती है। रंगीन किरणों को उन्होंने दूसरे प्रिज्म से निकलने दिया तो पाया कि रंगों किरणों का पथ थोड़ा बदल जाता है पर कोई नया रंग नहीं निकलता है। Biography of Isaac Newton in Hindi

उन्होंने साबित कर दिया था कि सफेद प्रकाश वस्तुतः सात रंगों का मिश्रण होता है। सभी रंग अलग अलग है। मौलिक है मिश्रण नहीं, इंद्रधनुष का कारण भी सरल भाषा में समझाया गया। आइज़क न्यूटन के द्वारा तैयार की गई दूरबीन जो 9 इंच लंबी 2 इंच शीशे से बनी थी काफी लोकप्रिय हुई थी। आइजक न्यूटन के सिद्धांतों पर काफी बहस हुई किंतु इस सभी को प्रमाण साबित कर दिखाया था। उनकी इस विधि का नाम विज्ञान विधि पड़ा,आइज़क न्यूटन ने यह भी पता लगाया कि ज्वलनशील पदार्थ की किरने 186000 मील प्रति सेकंड की गति से खाली स्थान में चलती है। प्रकाश की किरणें पारदर्शी माध्यम से गुजरते समय परिवर्तित हो जाती है जो अपार करती है। उनका पथ बदल जाता है।

साल 1684 तक न्यूटन ने अपने सारे सिद्धांतों का प्रमाण प्रस्तुत कर दिया था। उनका नाम सोसाइटी के रजिस्टर में दर्ज हो गया था। न्यूटन ने धार्मिक विरोध का भी सामना किया, उनके द्वारा लिखित पुस्तक अर्थात प्राकृतिक दर्शन के गणितीय सिद्धांत है। साल 1687 को इस पुस्तक के प्रकाशन के साथ ही न्यूटन की प्रतिष्ठा भी बढ़ गई। साल 1689 में वह सांसद चुने गए। साल 1690 से लेकर के 1692 तक वे गणित संबंधी शोध में जुटे रहे। इसी दौरान उन्हें मानसिक बीमारी हो गई थी। Biography of Isaac Newton in Hindi

सामान्य होने पर उन्होंने अपना शोध कार्य जारी रखा। साल 1697 में, उनके द्वारा हल किए गए गणितीय सूत्र उनकी प्रतिभा का प्रमाण थे। साल 1705 में आज एक न्यूटन को सर की उपाधि से सम्मानित किया गया था। उनकी पुस्तक के कई संस्करण छपे इसके साथ ही साल 1727 में आइज़क न्यूटन फिर से बीमार पड़ गए। उन्हें पथरी की बीमारी हो गई थी। 20 मार्च 1727 को मरणोपरांत वेस्ट मिस्टर में उन्हें दफनाया गया। सर आइज़क न्यूटन ले अपनी प्रकाश संबंधी, गुरुत्वाकर्षण तथा गणितीय खोज से समस्त विश्व को नया ज्ञान दिया है।अपने जीवन का पूरा समय महान खोजो और अविष्कारों को देने वाले आइज़क न्यूटन आज भी संसार के महानतम वैज्ञानिक को मे विशिष्ट स्थान रखते हैं। Biography of Isaac Newton in Hindi

आइज़क न्यूटन के बारे में रोचक तथ्य – Interesting Fact About Isaac Newton

महान वैज्ञानिक, गणितज्ञ, खगोल शास्त्री और भौतिक विद आइज़क न्यूटन ने विज्ञान के कई सारे आयामों को बदल कर के रख दिया है। यहां हम आइज़क न्यूटन से संबंधित कुछ रोचक तथ्यों के बारे में बता रहे हैं:

  • आइज़क न्यूटन का जन्म किस वर्ष हुआ था उसी वर्ष यानी 1642 में 8 जनवरी को गैलीलियो का निधन हो गया था।
  • जन्म के समय न्यूटन का आकार सामान्य से काफी छोटा था, इसलिए इनके जिंदा बचने की उम्मीद बहुत ही कम थी।
  • आइज़क न्यूटन के पिता का भी नाम आइजक न्यूटन ही था। न्यूटन के पिता इनके जन्म से 3 महीने पहले ही मर गए थे।
  • न्यूटन की मां चाहती थी कि, न्यूटन बड़ा होकर के किसान बने। उन्होंने कृषि की परीक्षा दी लेकिन वे फेल हो गए।
  • जिस समय आइज़क न्यूटन ने law of gravitation, three laws of motion और calculus की खोज की उस समय कैंब्रिज विश्वविद्यालय में प्लेग की बीमारी फैली हुई थी।
  • आइज़क न्यूटन ने केवल 23 साल के उम्र में गुरुत्वाकर्षण बल की खोज की थी।
  • धारणा है कि सेव न्यूटन के सिर पर गिरा था।दरअसल सेब उनके सिर पर नहीं बल्कि उनके आगे गिरी थी।
  • आइज़क न्यूटन में अधिकतर शोध पेपर और किताबें इतिहास और धर्म पर लिखें ना कि विज्ञान और गणित पर।
  • अपनी युवावस्था में आज एक न्यूटन में एक बार अपनी मां और सौतेले पिता को जिंदा जला देने की धमकी दी थी।
  • अपनी मां की मौत के बाद आइज़क न्यूटन 6 सालों के बौद्धिक एकांतवास में चले गए थे जब उन्होंने केवल लिखकर थोड़ी बहुत बातचीत की।
  • आइज़क न्यूटन 1 साल के लिए पार्लियामेंट के सदस्य भी रहे थे। इस पूरे 1 साल में उन्होंने सिर्फ एक वाक्य बोला उन्होंने अपने साइड वाले से खुली हुई खिड़की बंद करने के लिए पूछा।
  • धरती सूर्य के चारों और गोल नहीं बल्कि अंडकार घूमती है यह बात आइजक न्यूटन नहीं बताई थी।
  • न्यूटन ने differential and integral calculus की खोज यह बताने के लिए की थी कि सभी ग्रह अंडाकार ही क्यों घूमते हैं।
  • आइज़क न्यूटन ने कभी शादी नहीं कि, माना जाता है कि वे कुंवारे (virgin) मरे थे।
  • आइज़क न्यूटन की मृत्यु 31 मार्च, 1727 को लंदन, इंग्लैंड में हुई थी, जब वे 85 वर्ष के थे।
  • आइजक आइजक न्यूटन के Mathematical सिद्धांत में calculation एक छोटी सी गलती थी, लेकिन 300 साल तक इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। साल 1987 में शिकागो यूनिवर्सिटी के छात्र Robert Garisto ने इस गलती को पकड़ा था।
  • जिस पेड़ से सेब गिरा था उस पेड़ की लकड़ी का एक टुकड़ा अंतरिक्ष में भी भेजा जा चुका है। ताकि गुरुत्वाकर्षण बल की अवहेलना की जा सके, और इस पेड़ को ‘zero gravity’का एहसास दिलाया जा सके।
Sharing Is Caring:

दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है।

अमित शाह की जीवनी

अमित शाह की जीवनी

अमित शाह का जन्म 22 अक्टूबर 1964 को मुंबई, महाराष्ट्र, भारत में हुआ था। वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रमुख नेता हैं और भारतीय राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति…

बिरसा मुंडा का जीवन परिचय

बिरसा मुंडा का जीवन परिचय

बिरसा मुंडा एक महत्वपूर्ण भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और समाजसेवी थे, जो झारखंड के मुक्तिसेना आंदोलन के नेता थे। उन्होंने आदिवासी और दलितों के अधिकारों की लड़ाई लड़ी और उनके समर्थन…

राजा राममोहन राय

राजा राममोहन राय

राजा राममोहन राय भारतीय समाज सुधारक, विद्वान, और समाजशास्त्री थे। वे 19वीं सदी के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यमी और समाज सुधारक थे। उन्होंने समाज में अंधविश्वास, बलात्कार, सती प्रथा, और दाह-संस्कार…

महर्षि दयानंद सरस्वती

महर्षि दयानंद सरस्वती की जीवनी

महर्षि दयानंद सरस्वती, जिन्हें स्वामी दयानंद सरस्वती के नाम से भी जाना जाता है, 19वीं सदी के महान धार्मिक और समाज सुधारक थे। उन्होंने आर्य समाज की स्थापना की, जो…

एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी

एपीजे अब्दुल कलाम की जीवनी

ए. पी. जे. अब्दुल कलाम, भारतीय राष्ट्रपति और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के पूर्व अध्यक्ष के रूप में प्रसिद्ध थे। उनका जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम…

डॉ भीमराव आंबेडकर जीवनी

डॉ भीमराव आंबेडकर जीवनी

डॉ. भीमराव आंबेडकर, भारतीय संविधान निर्माता, समाजसेवी और अधिकारिक हुए। उनका जन्म 14 अप्रैल 1891 को महाराष्ट्र के एक दलित परिवार में हुआ था। उन्होंने अपने जीवन में अनेक क्षेत्रों…

Leave a Comment