इंडियन इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का प्रथम परिचय 1982 में हुआ था, जब इसे भारतीय चुनाव आयोग द्वारा आधिकारिक रूप से परीक्षण के लिए चयन किया गया था। यह चयन विकास और विवेचन के प्रक्रिया के बाद किया गया था और इसका उद्देश्य वोटिंग प्रक्रिया को और सुरक्षित और स्थिर बनाना था।
EVM को पहली बार 1982 में केरला राज्य के एक उपचुनाव में परीक्षित किया गया था। इसके बाद, इसे अनेक चुनावों में सफलता पूर्वक लागू किया गया। पहली बार सार्वजनिक रूप से इसका प्रयोग 1989 के लोकसभा चुनावों में किया गया था।
इस तकनीकी प्रणाली का उपयोग करने से चुनावों की प्रक्रिया में कई लाभ हैं, जैसे कि तेजी, सुरक्षा, और निर्भरता। हालांकि, कुछ विवाद भी उठे हैं जिनमें सुरक्षा संबंधित मुद्दे शामिल हैं और कुछ वर्ग इस पर संदेह जता रहे हैं।
भारत में EVM ने वोटिंग प्रक्रिया को मौद्रिक बनाया है और इसने चुनाव प्रणाली को और सुधार किया है।
ईवीएम मशीन का आविष्कार किसने किया?
इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) का आविष्कार भारतीय इंजीनियर और आईआईटी डिल्ली (IIT Delhi) के प्राध्यापक डॉ. भारती बी यादव (Dr. Bharat B. Yadav) ने किया था। इन्होंने इस मशीन को 1980 में डिज़ाइन और डेवलप किया था।
डॉ. भारती बी यादव ने इस मशीन का आविष्कार करके भारतीय चुनाव प्रक्रिया में नए और अधिक सुरक्षित तथा तेज़ तरीके से वोटिंग करने की कोशिश की थी। इसका पहला चयन 1982 में केरला राज्य के एक उपचुनाव में किया गया था। इसके बाद, EVM का प्रयोग भारत के विभिन्न हिस्सों में होने वाले चुनावों में किया गया है।
EVM का आविष्कार चुनाव प्रक्रिया को सुरक्षित और प्रभावी बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम था, और इसने वोटिंग प्रक्रिया को सुधारकर तकनीकी रूप से समृद्धि दी।
विदेश में ईवीएम मशीन
भारत के इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) की तकनीक ने अन्य देशों में भी धीरे-धीरे प्रवृत्ति बना दी है। कई देशों ने भी इस तकनीक का अपनाना किया है, जिनमें कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं:
- ब्राजील: ब्राजील ने भी EVMs का प्रयोग किया है और इसे अपनी चुनाव प्रक्रिया में समाहित किया है।
- नेपाल: नेपाल ने भी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों का प्रयोग करना शुरू किया है।
- फिजी: फिजी ने भी EVMs का इस्तेमाल किया है और अपनी चुनाव प्रक्रिया को तकनीकी रूप से सुधारा है।
- नाइजीरिया: नाइजीरिया भी EVMs का प्रयोग कर रहा है ताकि वह अपनी चुनाव प्रक्रिया को मौद्रिक बना सके और बेहतर सुरक्षितता प्रदान कर सके।
यह तथ्य स्पष्ट करता है कि EVMs का प्रयोग विभिन्न देशों में चुनाव प्रक्रिया को और सुरक्षित और दक्ष बनाने के लिए एक व्यापक प्रयास है।
अमेरिका में ईवीएम मशीन का इस्तेमाल
अमेरिका में, वोटिंग मशीनें और वोट काउंटिंग सिस्टम्स विभिन्न राज्यों और क्षेत्रों में अलग-अलग हो सकती हैं। यह विभिन्न स्थानों पर निर्भर करता है क्योंकि चुनाव प्रबंधन अमेरिका में राज्यों और क्षेत्रों की जिम्मेदारी होता है।
कुछ राज्यों में, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें और अन्य तकनीकी साधनों का इस्तेमाल होता है, जिससे वोटिंग प्रक्रिया को सुगम बनाया जा सकता है और नतीजे तेजी से उपलब्ध हो सकते हैं। हालांकि, कुछ राज्यों में पेपर बैलट और ऑप्टिकल स्कैनिंग तकनीक का भी प्रयोग होता है, जिसमें पेपर बैलट को स्कैन करके वोटिंग नतीजे तैयार किए जाते हैं।
अमेरिका में चुनाव प्रणाली बहुस्तरीय होती है और तकनीकी उपायों का इस्तेमाल चुनाव प्रक्रिया को सुधारने के लिए किया जा रहा है।
क्या ईवीएम मशीन को हैक किया जा सकता है?
ईवीएम (Electronic Voting Machine) मशीनें सुरक्षित तकनीकी उपकरण हैं, लेकिन किसी भी तकनीकी सिस्टम को हैक किया जा सकता है, और EVMs भी इस नियम की आपत्ति नहीं हैं।
अगर सुरक्षितता में कमी होती है या कोई व्यक्ति या समूह सुरक्षा प्रणाली को उम्मीद से बाहर करने का प्रयास करता है, तो हैकिंग का खतरा हो सकता है। इसलिए, सुरक्षा को बनाए रखने और तकनीकी प्रणाली को सुरक्षित बनाए रखने के लिए चुनाव प्रबंधन अधिकारियों और तकनीकी विशेषज्ञों ने कई उपायों को अपनाया है।
हालांकि, भारत में EVMs को लेकर कुछ विवाद रहे हैं और कुछ लोग इसमें सुरक्षा संबंधित समस्याएं देख रहे हैं, चुनाव आयोग और सरकार सुरक्षा को मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं।
ईवीएम मशीन को लेकर के भारत में ले गए कानून?
भारत में, ईवीएम (Electronic Voting Machine) को लेकर कई कानूनी प्रावधान हैं जो इसकी उपयोग और सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए बनाए गए हैं। यहां कुछ मुख्य क़ानूनी प्रावधान हैं:
- चुनाव संविधान: ईवीएम के उपयोग को लेकर चुनाव संविधान के अनुच्छेद 324 और 327 में कुछ प्रावधान शामिल हैं, जो चुनाव आयोग को अपने कार्यों के लिए उपाधिकृत करते हैं।
- चुनावी नियम: चुनाव संविधान के साथ ही, चुनाव नियम भी ईवीएम के उपयोग को विवरणीय रूप से व्याख्या करते हैं।
- ईवीएम सुरक्षा नियम, 2013: ईवीएम की सुरक्षा को और बढ़ाने के लिए, भारत सरकार ने 2013 में “ईवीएम सुरक्षा नियम” जारी किए हैं, जिसमें ईवीएम की निर्माण, परीक्षण, और सुरक्षा के लिए निर्देशांक शामिल हैं।
- चुनावी संबंधी अन्य कानून: चुनाव के समय ईवीएम का विनियमन विविध राज्यों में रहता है और राज्यों में चुनावी निर्देशांक और अन्य कानूनी दिशानिर्देश भी होते हैं जो ईवीएम के प्रयोग को नियंत्रित करते हैं।
इन कानूनी प्रावधानों का उद्दीपन करने के लिए, सबसे अच्छा तरीका है विशेषज्ञों और चुनाव प्रबंधन अधिकारियों की सलाह लेना और अधिक नवीन कानूनी अपडेट के लिए स्थानीय चुनाव आयोग या सरकारी स्रोतों की जाँच करना है।