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ATM कैसे काम करता है? How ATM work in Hindi

आप में से बहुत सारे लोग हमेशा पैसे निकालने के लिए बैंक या फिर एटीएम जाते होंगे। बैंक से नकद क्या निकालने के लिए आपको लंबी कतारों का सामना करना पड़ता है। लंबी कतारों से बचने के लिए एटीएम के लाइन में लग जाते हैं और नकद पैसे निकाल पाते हैं। लेकिन, क्या आपने कभी सोचा है कि एटीएम मशीन कैसे काम करती है? एक ना एक बार तो जरूर आपके दिमाग में यह बात आई होगी। आज के हमारे इस लेख में हम इसी बारे में बात करने वाले हैं ,कि ATM कैसे काम करता है? How ATM work in Hindi

आज के आधुनिक युग में, ऐसा कुछ भी नहीं है जो नामुमकिन सा लगे। आज से 50 साल पहले की बात करें तो किसी मशीन से बस कुछ शब्द और पिन नंबर डाल कर के पैसे निकल जाए यह सिर्फ कल्पना भर लगती थी। एटीएम मशीन इसका जीता जागता सबूत है कि हमने इस आधुनिक तकनीकी युग में बहुत कुछ ऐसा बना लिया है जो पहले शायद नामुमकिन सा लगता हो। हम ऐसे बहुत से लोग पैसे निकालने के लिए एटीएम मशीनों का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन क्या आप में से ज्यादातर लोगों ने इस बारे में सोचा है कि एटीएम मशीन कैसे काम करती है? आज हम अपने इस लेख में इसी बारे में बात करने वाले हैं कि कोई भी एटीएम मशीन की कार्यप्रणाली क्या है? अक्सर जब भी हम किसी एटीएम मशीन से पैसे निकालते हैं तो एटीएम मशीन के अंदर कई सारी चीजें एक साथ चल रही होती है।

आज इसी बार में हम आप सभी लोगों को जानकारी देंगे। कोई भी एटीएम मशीन किस तरह से काम करती है। आप ATM कार्ड को स्कैन करने के साथ-साथ, आपके बैंक में आपके खाते को अपडेट करते हुए एक बैंक एटीएम मशीन में बहुत सारे कार्य होते हैं।

ATM कैसे काम करता है? How ATM work in Hindi

जब भी आप कभी एटीएम मशीन से पैसे निकालने जाए तो हमेशा याद रखें कि जब भी आप एटीएम मशीन में अपना एटीएम कार्ड डालते हैं तो उसमें लगे हुए चीप या मैग्नेटिक स्ट्रिप जो एक काली पट्टी होती है उसको एटीएम मशीन मैं लगे हुए स्कैनर द्वारा स्कैन कर लिया जाता है।

इसके बाद इस स्कैन के जरिए आपके एटीएम कार्ड में मौजूद जरूरी डेटा आपके बैंक तक सिग्नल के रूप में जानकारी पहुंचाती है। जब आप एटीएम मशीन पर अपना एटीएम कार्ड डालते हैं तो आपने यह जरूर देखा होगा कि एटीएम मशीन पर लिखा हुआ आता है कि कृपया थोड़ी देर प्रतीक्षा करें।

इसका मतलब यह है कि आपका जो एटीएम कार्ड है उसकी जांच की जा रही है तो एटीएम मशीन आपके बैंक के सरवर तक यह जानकारी देता है कि एटीएम कार्ड वैलिड है या नहीं! इसके बाद आप एटीएम मशीन पर पिन डालते हैं।

फिर एटीएम मशीन, इस पिन नंबर को आपके बैंक के सरवर तक पहुंचाती है और एटीएम मशीन के साथ आपका एटीएम कार्ड आपके बैंक से जुड़ जाता है। जैसे ही या रिक्वेस्ट आपके बैंक के सरवर तक पहुंच जाती है तो बैंक का सर्वर बैंक के डेटाबेस में से जो इसका atm.pin है उसकी जांच करता है और अगर आपने एटीएम पिन सही नहीं डाला है तो बैंक द्वारा आपकी रिक्वेस्ट को कैंसिल कर दिया जाता है। जिससे आपको फिर से एटीएम पर डालने के लिए कहा जाता है अगर आप 3 बार से ज्यादा गलत एटीएम पिन डालते हैं तो 24 घंटों के लिए आपके एटीएम कार्ड को ब्लॉक भी कर दिया जाता है।

एटीएम मशीन से पैसे निकालना

अगर आप एटीएम मशीन पर सही पिन कोड डालते हैं। आपके संबंधित बैंक के सर्वर द्वारा अगर पिन कोड सही पाया जाता है। तो कई सारे विकल्प एटीएम मशीन के अंदर खुल करके आ जाते हैं।

अब आपके सामने कई सारे विकल्प मौजूद हैं। आप चाहे तो एटीएम से पैसे निकाल सकते हैं। या फिर, एक एटीएम से दूसरे एटीएम में पैसे भेज सकते हैं, कहने का मतलब यह है कि एक एटीएम कार्ड से आप दूसरे एटीएम कार्ड में भी पैसे भेज सकते हैं। आप चाहे तो यह भी जा सकते हैं कि आपके खाते में कितने पैसे मौजूद हैं।

अगर आप निकासी या पैसे निकालने के लिए का विकल्प का चुनाव करते हैं। उसके बाद आप पैसे डालते हैं। फिर से यह रिक्वेस्ट आपके बैंक से जुड़े सरवर तक पहुंचता है अगर आप के खाते में कितने पैसे मौजूद होंगे तो आपका बैंक का सर्वर इस रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लेगा। अगर आपके खाते में इतने पैसे मौजूद नहीं है तो इंसफिशिएंट बैलेंस करके मैसेज आ जाएगा। इस तरह आप किसी भी एटीएम से पैसे निकाल पाते हो।

बहुत सारे लोग ऐसा भी सोचते हैं कि एटीएम मशीन पैसे छपते हैं लेकिन ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। बैंक कर्मचारी या अन्य वित्तीय संस्थान के कर्मचारी प्रतिदिन बैंक के एटीएम मशीन पर पैसे डालते हैं।

एटीएम मशीन के अंदर की बात करें तो किसी भी एटीएम मशीन के अंदर पैसों को रखने के लिए अलग-अलग ट्रे लगे हुए होते हैं। एक प्रकार के ट्रे में केवल एक प्रकार के ही नोट रखे जाते हैं। जैसे कि 2000 का नोट केवल एक तरह के ट्रे में ही रखे जाएंगे। इसी तरह से 500 के नोट एक अलग ट्रे पर, 200 और सो के नोट एक अलग ट्रे में रखे जाते हैं।

कई बार ऐसी घटनाएं भी सामने आई है जिसमें किसी ने ₹500 निकालने के लिए एटीएम में गया हो और उसे ₹2000 का नोट मिला हो। ऐसी गलतियां तभी हो पाती है जब कोई एटीएम मशीन में गलत tray पर कोई दूसरा नोट डाल दिया जाता है। कहने का अर्थ यह है कि ₹500 वाले tray पर ₹2000 का नोट डाल दिया गया हो।

Types of ATM Machine – एटीएम मशीन कितने प्रकार के होते हैं?

एटीएम मशीन की कार्य प्रणाली के आधार पर हम एटीएम मशीन को दो प्रकारों में बांट सकते हैं।

  • साधारण एटीएम मशीन – इस तरह के एटीएम मशीन से केवल आप पैसे निकाल सकते हैं लेकिन, इस तरह के एटीएम मशीन में आप पैसे जमाने कर पाएंगे।
  • ऑल इन वन एटीएम मशीन – इस तरह के एटीएम मशीन के अंदर दोनों ही तरह के कार्यों को किया जा सकता है। कहने का मतलब यह है कि इस तरह के एटीएम मशीन के अंदर दोनों ही तरह के कार्य यानी कि अगर आप पैसे निकालना चाहते हैं तो पैसे भी निकलेंगे और अगर आप नोट यानी नकद जमा करना चाहते हैं तो पैसे नकद भी जमा होंगे।

बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थान के आधार पर एटीएम के प्रकारों को भी अलग-अलग प्रकारों में विभक्त किया गया है। इसलिए आप कह सकते हैं कि एटीएम मशीन के कई प्रकार होते हैं जैसे कि माइक्रो एटीएम, व्हाइट लेबल एटीएम, ब्राउन लेबल एटीएम, ग्रीन लेबल एटीएम, ऑरेंज लेबल एटीएम, यल्लो लेबल एटीएम, पिंक लेबल एटीएम, ऑन साइड और ऑफसाइड एटीएम के आधार पर भी बांटा गया है।

History of ATM – एटीएम मशीन का संक्षिप्त इतिहास

पहली बार एटीएम मशीन को व्यवसायिक रूप में सितंबर 2, 1969 में अमेरिका में पहली बार इस्तेमाल किया गया था। इसके बाद लगभग एटीएम मशीन ने बैंकिंग उद्योग में एक क्रांति ला दी थी। बुनियादी वित्तीय लेनदेन करने के लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं, अब लोग अपने पड़ोस में लगे हुए एटीएम मशीन से ही पैसे निकाल सकने में सक्षम थे।

साल 1980 के दशक ताकि यह मशीनें व्यापक रूप से लोगों के बीच में काफी लोकप्रिय हो गई थी। यह पहला एक ऐसा मशीन था जो स्वचालित टेलर के रूप में काम करने के लिए सक्षम थी और एक साथ कई सारे कार्यों को नियंत्रित कर सकती थी। जैसे कि चेक जमा और खातों के बीच धन पैसों का ट्रांसफर इत्यादि। आज एटीएम मशीन लोगों के बीच में इतनी ज्यादा लोकप्रिय हो गई है जितना कि आप समय मिलने पर फेसबुक चला लेते हैं।

साधारण एटीएम मशीन, पर इतना लोकप्रिय साबित होने के कारण लोग इससे संबंधित और कई सारे कार्यों के लिए शोध में लग गए। कई अविष्कारक कोने क्या डिस्पोजिंग मशीन की शुरुआती संस्करणों पर भी काम करना शुरू कर दिया था। इसके बाद साल 1967 की शुरुआत में, डॉकटेल, नाम की एक कंपनी ने एटीएम मशीन के आधार पर ही एक स्वचालित बैगेज हैंडलिंग उपकरण विकसित किया। जिसे आमतौर पर आधुनिक एटीएम मशीन के विचार के साथ आने का श्रेय दिया जाता है। साथ ही साथ एटीएम मशीन में कई सारे तकनीकी कमियों को दूर किया गया और आज हमारे सामने अत्याधुनिक एटीएम मशीन मौजूद है।

निष्कर्ष

तो दोस्तों आज के हमारे इस लेख में हमने आप सभी लोगों को इस बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है कि ATM कैसे काम करता है? How ATM work in Hindi। आज के हमारे इस लेख से आपको यह जानकारी मिल गई होगी कि जब आप एटीएम मशीन में एटीएम कार्ड डालते हैं तो मशीन के अंदर एक साथ कई सारे काम चल रहे होते हैं। आज के हमारे इस लेख से संबंधित अगर आपकी कुछ सवाल एवं सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं।

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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