कोविड-19 लोग, विभिन्न तरह की बीमारियों से काफी सतर्क हो गए हैं। हाल फिलहाल में भारत के केरला राज्य में पहला मंकीपॉक्स का मामला सामने आया है। कॉविड की तरह ही लोग मंकीपॉक्स के बारे में जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं। दूसरे देशों में मंकीपॉक्स की खबरें अक्सर हमें इंटरनेट के माध्यम से एवं न्यूज़पेपर से मिलती रहती है। इस बीमारी के लक्षण क्या होते हैं और यह इंसानों के बीच कैसी फैलती है। इसके बारे में भी जानकारी होना बेहद जरूरी है। आज के हमारे इस लेख में हम इस बारे में जानकारी देने वाले हैं कि What is Monkeypox? मंकीपॉक्स क्या है इसके लक्षण और यह कैसे फैलती है?
What is Monkeypox? मंकीपॉक्स क्या है इसके लक्षण और यह कैसे फैलती है?
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से होती है। मंकीपॉक्स वायरस वेरीयोला वायरस के वायरस के ही एक परिवार का हिस्सा होते हैं। यह वायरस जो चेचक का कारण बनता है। मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षणों के समान होते हैं, लेकिन हल्के और मंकीपॉक्स शायद ही कभी घातक होते हैं। मंकीपॉक्स का चिकन पॉक्स से कोई भी संबंध नहीं है।
मंकीपॉक्स की खोज वर्ष 1958 मे हुई थी, जब शोध के लिए रखे गए बंदरों की कॉलोनी में चेचक जैसी बीमारी के दो प्रकोप हुए थे। “Monkeypox” नाम दिए जाने के बावजूद इस बीमारी के होने का स्रोत अज्ञात है।
दुनिया में मंकीपॉक्स से संक्रमित पहला मामला साल 1970 में आया था। इसके बाद साल 2022 के में पहले कई मध्य और पश्चिमी अफ्रीका देशों के लोगों को मंकीपॉक्स होने की सूचना मिली थी। पहले अफ्रीका के बाहर के लोगों में लगभग सभी मंकीपॉक्स के मामले उन देशों की अंतरराष्ट्रीय यात्रा से जुड़े थे जहां या बीमारी आमतौर पर होती है। यह बीमारी इन देशों में आयात किए गए जानवरों के माध्यम से ज्यादा फैलने की गुंजाइश होती है।
भारत में मंकीपॉक्स का मामला
हाल फिलहाल में भारत में पहला मंकीपॉक्स का मामला केरला राज्य में दर्ज किया गया है। इसके मद्देनजर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने स्थिति से निपटने में अधिकारियों का सहयोग करने के लिए राज्य में एक हाई लेवल टीम भी भेजी है।
केरल के स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने कहा है कि विदेश से राज्य में लौटे एक 35 साल के व्यक्ति में मंकी पहुंच के लक्षण देखने के बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया है। लेकिन इस बीमारी के लक्षण क्या है और यह इंसानों के बीच कैसी फैलती है इसके बारे में लोगों को जानकारी होना भी बेहद जरूरी है।
मंकीपॉक्स के क्या लक्षण है?
मंकीपॉक्स एक दुर्लभ बीमारी है जो मंकीपॉक्स वायरस के संक्रमण से फैलती है। मंकी पॉक्सवायरस चेचक के समान वायरस के परिवार का हिस्सा होता है। मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक के लक्षण के समान होते हैं। मंकीपॉक्स के लक्षण चेचक की तुलना में सामान्य होते हैं। इस चलते यह चेचक की तुलना में घातक नहीं होते हैं। ध्यान देने योग्य बात यह है कि मंकीपॉक्स का चिकन पॉक्स से कोई संबंध नहीं है। मंकीपॉक्स के निम्नलिखित लक्षण संक्रमित व्यक्ति में देखने को मिलते हैं।
- बुखार
- सिर दर्द
- मांसपेशियों में दर्द और पीठ दर्द
- सूजी हुई लसीका ग्रंथि
- ठंड लगना
- थकावट
- छोटे छोटे फुंसी दाने जो चेहरे, मुंह के अंदर और शरीर के अन्य हिस्से जैसे कि हाथ, पैर, छाती, जननांग या खुदा पर दिखाई देने वाले फुंसियां या फफोले जैसा दिख सकता है।
मंकीपॉक्स, मे होने वाले दाने कई चरणों से गुजरते हैं। इसे ठीक होने में 2 से लेकर के 4 सप्ताह तक का समय लग सकता है। कभी-कभी संक्रमित व्यक्ति में दाने पहले निकलते हैं। उसके बाद अन्य लक्षण दिखाई देते हैं।
मंकीपॉक्स के अन्य लक्षण
- मंकीपॉक्स के लक्षण स्मॉल पॉक्स या चिकन पॉक्स जैसे ही दिखाई देते हैं।
- मंकीपॉक्स के शुरुआती लक्षण में मरीज को बुखार होता है। लिम्स नोड्स बड़ी हुई लगती है।
- 1 हफ्ते के अंदर मरीज के चेहरे, हथेलियों और तलवों पर चकत्ते दिख सकते हैं।
- मंकीपॉक्स से संक्रमित होने के बाद आंख की कॉर्निया में भी रेसेस हो सकते हैं। जो अंधापन का कारण बन सकता है।
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है?
आपको घबराने की जरूरत नहीं है। कॉविड जितनी तेजी से फैलता है उतनी तेजी से मंकीपॉक्स नहीं फैलता है। इस वजह से आपको घबराने की कोई भी आवश्यकता नहीं है। हां, लेकिन ध्यान रहे की जानकारी ही बचाव है इसलिए आपको मंकीपॉक्स के संक्रमण के बारे में भी जानकारी होना जरूरी है।
- मंकीपॉक्स वायरस जानवरों से इंसानों में फैलती है।
- यह वायरस जानवरों से मनुष्य के बीच संपर्क से फैल सकता है।
- मंकीपॉक्स संक्रमित इंसान के साथ लंबे समय तक आमने-सामने संपर्क से भी या दूसरे व्यक्ति पर फैल सकता है।
- संक्रमित होने वाले व्यक्ति के दाने, चकत्ते या शरीर के तरल पदार्थ के साथ सीधा संपर्क से भी मंकीपॉक्स फैलने का खतरा रहता है।
- लंबे समय तक, आमने-सामने संपर्क के दौरान या अंतरंग शारीरिक संपर्क के दौरान, जैसे चुंबन, गले लगाना या सेक्स के दौरान भी या एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
- छूने वाली वस्तुएं जैसे कि कपड़े इत्यादि जो पहले संक्रमित व्यक्ति द्वारा इस्तेमाल किए गए हो से भी संक्रमण हो सकता है।
- गर्भवती महिला उसे अपने बच्चे को भी मंकीपॉक्स के संक्रमण का खतरा होता है।
ज्यादातर मामलों में देखा गया है कि संक्रमित जानवर से संपर्क में आने से लोगों में मंकीपॉक्स होने की संभावना अधिक होती है। जानवरों द्वारा खरोच जाने या काटने से या मास तैयार करने या खाने या संक्रमित जानवर के उत्पाद का उपयोग करने से भी मंकीपॉक्स होने की संभावना होती है।
मंकीपॉक्स लक्षण शुरू होने के समय से पहले फैल सकता है जब तक कि दाने पूरी तरह से ठीक नहीं हो जाते और त्वचा की एक नई परत नहीं बन जाती। आमतौर पर 2 से 4 हफ्तों के अंदर मंकीपॉक्स से संक्रमित व्यक्ति ठीक हो जाता है।
क्या मंकीपॉक्स से डरने की जरूरत है?
कोरोनावायरस के बाद से पूरी दुनिया डरी और सहमी हुई है। इस वजह से किसी भी बीमारी को लेकर के लोग काफी ज्यादा सतर्क हो गए हैं। लेकिन हम आपको यह बता देना चाहते हैं कि मंकीपॉक्स से आप को डरने की जरूरत नहीं है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक 1 जनवरी से 15 जून 2022 के बीच कुल पूरी दुनिया में 2103 प्रयोगशाला में यह मामले पुष्टि की है। जिसमें डब्ल्यूएचओ ने 42 देशों के संक्रमित लोगों के ऊपर टेस्ट किया अपने इस रिपोर्ट में डब्ल्यूएचओ ने सूचना दी है कि केवल एक व्यक्ति की मृत्यु हुई है। अधिकांश 98% मामले में लोग स्वस्थ हो गए हैं।
इसी के साथ ही ‘The Hindu’ पर छपी एक खबर के मुताबिक मई 2022 तक नाइजीरिया के कांगो में कुल 9 लोगों की मौत मंकीपॉक्स के संक्रमण के कारण हो गई थी।
इससे पहले जब मंकीपॉक्स फैला था तो पूरी दुनिया में लगभग 63 देशों में 9000 से भी अधिक मामले के बारे में रिपोर्ट किया गया था। विश्व स्वास्थ्य संगठन अगले हफ्ता आपातकालीन बैठक आयोजित करने वाला है। तकिया तय किया जा सके कि मंकीपॉक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया जाना चाहिए या नहीं।