हालिया में ही, नूपुर शर्मा का नाम आपने अपने टीवी और समाचार पत्रों में जरूर पढ़ा होगा। हाल में ही एक टीवी बहस में पैगंबर मोहम्मद साहब पर दिए गए विवादित बयान के कारण नूपुर शर्मा की चर्चा चारों तरफ हो रही थी। अपने द्वारा दिए गए बयान की वजह से उन्हें भारतीय जनता पार्टी से बाहर निकाल दिया गया और उन्हें पुलिस सुरक्षा भी दी गई। क्योंकि कई इस्लामिक संस्थानों द्वारा उन्हें मारने की धमकी दी गई थी। वहीं कई मुस्लिम देश जैसे कि अफगानिस्तान, इराक ईरान और सऊदी अरब मे नूपुर शर्मा के बयान को लेकर के प्रोटेस्ट भी किया गया था। आज के हमारे इस लेख में हम Who is Nupur Sharma? नूपुर शर्मा कौन है? Biography of Nupur Sharma नूपुर शर्मा की जीवनी, के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले हैं।
Who is Nupur Sharma? नूपुर शर्मा कौन है?
नूपुर शर्मा भारतीय राजनेता एवं एक वकील के रूप में जानी जाती है। नूपुर शर्मा भारतीय जनता पार्टी से तालुकात रखती है। नूपुर शर्मा का जन्म 23 अप्रैल 1985 को नई दिल्ली में हुआ है। नूपुर शर्मा भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता भी रही है। लेकिन, पैगंबर मोहम्मद के ऊपर दिए गए विवादित बयान के चलते उन्हें भारतीय जनता पार्टी से निकाल दिया गया है।
बहुत से लोग नूपुर शर्मा को भारतीय जनता पार्टी की प्रवक्ता के रूप में ही जानते हैं। आपने भी इनको टेलीविजन में एक ना एक बार जरूर देखा होगा। तेजतर्रार और स्पष्ट वादी के रूप में इन्हें वर्णित एवं आधिकारिक प्रवक्ता के रूप में अक्सर भारतीय टेलीविजन में भाजपा पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए आप में से बहुत से लोगों ने इन्हें देखा होगा।
साल 2022 के जून में इस्लामिक पैगंबर मोहम्मद और उनकी तीसरी पत्नी आयशा की उम्र के बारे में विवादास्पद टिप्पणी के कारण उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया था। उनकी इस टिप्पणी को लेकर के विदेशों में भी काफी विरोध किया गया था। भारत में भी उनके बयान को लेकर के लोगों द्वारा काफी निंदा की गई थी। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी द्वारा उन्हें निकाल दिया गया था।
नूपुर शर्मा का आरंभिक जीवन संक्षिप्त में
नूपुर शर्मा का जन्म वर्ष 1985 को 23 अप्रैल के दिन नई दिल्ली भारत में हुआ है। नूपुर शर्मा के पिता का नाम विनय शर्मा है। इनका परिवार से ज्यादातर लोग भारत के सिविल सेवा एवं व्यवस्थाओं के परिवार से जुड़े हुए हैं।
नूपुर शर्मा ने दिल्ली पब्लिक स्कूल मथुरा रोड से पढ़ाई की है। इसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से अर्थशास्त्र में कला स्नातक के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से कानून में डिग्री हासिल की है।
जब वह अपने कॉलेज की शिक्षा ग्रहण कर रही थी तो उन्हें पॉलिटिक्स का भी काफी शौक था इसलिए वह छात्र के रूप में संघ परिवार की छात्र शाखा अखिल भारतीय परिषद में शामिल हो गई। साल 2008 में दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई छात्र संघ का चुनाव में उन्हें जीत हासिल हुई और वे दिल्ली विश्वविद्यालय की अध्यक्ष बन गई। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्र संघ का चुनाव का 8 साल के बाद उनकी पार्टी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने जीता था।
जब नूपुर शर्मा दिल्ली विश्वविद्यालय की एबीपी छात्र संघ की अध्यक्ष थी उसी दौरान एक घटना हुई थी। जिसमें संप्रदायिकता, फासीवाद और लोकतंत्र बयान बाजी और वास्तविकता पर एक संकाय के संगोष्ठी में उन्होंने एससीआर गिलानी को रोकने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की अगुवाई की। इसके बाद वह एक समाचार पत्र के टेलीविजन शो में दिखाई गई जहां पर उन्होंने गिलानी को लेकर के काफी तीखी प्रतिक्रियाएं दी थी।
इसके बाद लंदन विश्वविद्यालय में लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स में उन्होंने मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री प्राप्त करने के बाद वह भारत वापस लौट गई। भारत वापस लौट जाने के बाद उनका रुझान अपनी वकालत की तरफ कम, भारतीय राजनीतिक मे ज्यादा नजर आता है।
नूपुर शर्मा का राजनीतिक कैरियर
अपनी वकालत की डिग्री लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से लेने के बाद नूपुर शर्मा भारत लौट आई। इसके बाद साल 2010 से लेकर के 2011 के बीच हुए भारतीय जनता पार्टी के भाजपा कि कार्यकर्ता बन गई।
इसके बाद नूपुर शर्मा साल 2013 में दिल्ली भाजपा की कार्यसमिति के सदस्य बन गई। बहुत सारे लोग यह मानते हैं कि उन्होंने अरविंद प्रधान अरुण जेटली और अमित शाह जैसे वरिष्ठ नेताओं के साथ काम किया है।
साल 2015 मे जब उनकी उम्र 30 साल थी उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चुनाव लड़ने के लिए टिकट दिया गया था। लेकिन, अरविंद केजरीवाल के आगे उनकी नहीं चली और वह विधानसभा चुनाव 31000 मतों से हार गई।
दिल्ली में हुए चुनाव में हार के बाद नूपुर शर्मा बीजेपी की प्रवक्ता के लिए चुनी गई। उनका साथ इसमें भोजपुरी के महान गीतकार मनोज तिवारी ने भी दिया और उन्हें भी भाजपा का दिल्ली इकाई का प्रवक्ता बनाया गया।
साल 2020 में उन्हें जेपी नड्डा के अध्यक्षता में भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में नियुक्त किया गया था। दिल्ली भाजपा की एक नेता के अनुसार जब दिल्ली काय का हिस्सा थी तब भी उन्हें अक्सर उनके कानूनी कौशल, राष्ट्रीय मुद्दों पर टीवी बहस के लिए भेजा जाता था। टेलीविजन पर होने वाली बहस में नियमित उपस्थिति के साथ उन्हें युवा, ऊर्जावान और तेजतर्रार नेता के रूप में देखा जाने लगा। उन्हें विरोध करने वाले पर्सनैलिटी पर कई अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए रिकॉर्ड किया है जिससे ट्विटर पर आक्रोश फैल गया है।
साल 2017 में, पश्चिम बंगाल की कोलकाता पुलिस ने 2002 के गुजरात दंगों से एक तस्वीर साझा करने और कथित तौर पर इसे पश्चिमी बंगाल में हिंसा को दर्शाने वाले तस्वीर के रूप में प्रसारित करने के लिए नूपुर शर्मा पर केस दर्ज किया था।
पैगंबर मोहम्मद पर गलत टिप्पणी करने का विवाद
26 मई 2022 को टाइम्स नाउ टेलीविजन चैनल पर चल रहे एक बहस के दौरान उन्होंने इस्लामिक धर्म के पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की थी। जिसमें उन्होंने कहा था कि पैगंबर मोहम्मद की पत्नी आयशा की शादी के समय और शादी की समाप्ति के समय उम्र के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की।
इस टिप्पणी के एक दिन बाद सोशल मीडिया पर अल्ट न्यूज के संस्थापक, मोहम्मद जुबेर ने उनकी टिप्पणियों का वीडियो क्लिप को व्यापक आलोचना के लिए साझा किया। टाइम्स नाउ ने अगले दिन कार्यक्रम के वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल से हटा दिया। नूपुर शर्मा ने अपनी टिप्पणियों का बचाव किया और जुबेर पर क्लिप को गलत तरीके से संपादन करने का आरोप लगाया।
इसके साथ ही नूपुर शर्मा ने जुबेर अहमद पर यह भी आरोप लगाया कि इसके चलते उन्हें बलात्कार और जान से मारने की धमकी मिल रही है। जिसके कारण दिल्ली पुलिस को सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्रेरित किया गया।
सोशल मीडिया पर हुए इस घटना के बाद अगले दिन मुंबई में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आधार पर एक पुलिस प्राथमिकी दर्ज की गई थी। हैदराबाद में सांसद से सांसद रहे असदुद्दीन ओवैसी द्वारा एक सहित देशभर के विभिन्न शहरों में कई प्राथमिकी दर्ज की गई। इसके बाद 3 जून को टिप्पणी के विरोध में कानपुर में एक मुस्लिम संगठन द्वारा भारत बंद का आह्वान किया गया था।
नूपुर शर्मा द्वारा किए गए इस टिप्पणी का विरोध में मुस्लिम समुदाय द्वारा हर राज्य में बंद का आह्वान एवं इस टिप्पणी का विरोध होना शुरू हो गया। इस टिप्पणी के खिलाफ में कई सारी जगहों पर नारेबाजी एवं पथराव भी किए गए। जिसके बाद 40 लोगों के घायल होने के साथ हिंसा भड़क उठी थी। इस बीच सोशल मीडिया पर खासकर अरब जगत में नूपुर शर्मा के बारे में काफी सारे कमेंट शेयर किए गए। इसके बाद 4 जून तक पैगंबर मोहम्मद का अपमान गर्ल्स कॉरपोरेशन काउंसिल और तुर्की के देशों में भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने शुरू कर दिया।
5 जून को अमन के ग्रैंड मुफ्ती ने नूपुर शर्मा के साथ मुद्दा उठाने वाले भारत के बाहर के पहले महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। इस्लामिक देशों में नूपुर शर्मा के दिए गए बयान को ढीठ और अश्लील और अशिष्टा बताते हुए उन्होंने सभी भारतीय उत्पादों का बहिष्कार करना और अमन में सभी भारतीय निवेशकों को जब करने का आह्वान दे दिया।
कतर सरकार ने भारतीय राजदूत को तलब किया और तत्काल निंदा और माफी के लिए कहा। कथित तौर पर राजदूत ने नूपुर शर्मा को एक पत्र लिखा जो भारत सरकार के विचारों को प्रतिबिंबित नहीं करता था। उसी दिन कुवैत और ईरान ने भारतीय दूतों को तलब किया और उन्हें विरोध नोट दिया।
नूपुर शर्मा के इस विवादित बयान को लेकर के लगभग सारे मुस्लिम देशों ने काफी विरोध किया। इस तरह का विवादित बयान कतई मंजूर नहीं है। 5 जून की शाम तक नूपुर शर्मा को भाजपा से निलंबित कर दिया गया था। भाजपा पार्टी किसी भी धर्म के किसी भी धार्मिक व्यक्तित्व के अपमान की कड़ी निंदा करती है। बाद में, नूपुर शर्मा ने बिना शर्त अपनी टिप्पणी वापस ले ली लेकिन दोहराया कि वे लगातार अपमान के जवाब में इस तरह की टिप्पणी देती रहेगी। कुछ भाजपा नेताओं सहित कई भाजपा समर्थकों ने नूपुर शर्मा के पीछे रैली की और उन्हें छोड़ने और अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुकने के लिए पार्टी और सरकार की आलोचना भी की थी।
नूपुर शर्मा से जुड़े विवाद
नूपुर शर्मा को अपने कॉलेज के जीवन में ही राजनीति में काफी दिलचस्पी थी। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से अपनी कानून की शिक्षा ग्रहण करने के बाद लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से वकालत की डिग्री ली। इसके बाद वे भारत लौट आई। भारत लौटने पर उन्होंने दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा के द्वारा उन्हें टिकट दिया गया था। दिल्ली विधानसभा चुनाव में वह अरविंद केजरीवाल के विरोध में खड़ी हुई थी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में उन्हें अरविंद केजरीवाल से 31000 वोटों से हार मिली थी। इसके बाद नूपुर शर्मा को दिल्ली भाजपा इकाई का प्रवक्ता बना दिया गया।
नूपुर शर्मा अपने तेजतर्रार एवं भाषण के लिए काफी युवा प्रतिभावन राजनेता मानी जाती है। इसी वजह से उन्हें टीवी शोज में अक्सर भाजपा के प्रवक्ता के रूप में बुलाया जाता रहा है। इसलिए नूपुर शर्मा, अक्सर चर्चा में रहती थी। इसी वजह से वे विवाद में भी आ गई थी।
ऐसे ही एक टीवी डिबेट शो में उन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ में एक विवादित टिप्पणी की थी। जिसका विरोध इस्लामिक देशों के साथ-साथ भारत के हर राज्य में किया गया था।
दरअसल इस टीवी डिबेट शो में एक मुस्लिम स्कॉलर के बार-बार काशी विश्वनाथ मंदिर में मौजूद शिवलिंग को फव्वारा बताए जाने से नूपुर शर्मा की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची। जिसके फलस्वरूप नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर कुछ ऐसा बयान दे दिया जो विवादों में आ गया और इसके बाद से ही सोशल मीडिया के साथ-साथ धरातल पर मुस्लिम समुदाय के द्वारा उस बयान का काफी विरोध किया गया और विरोध होते होते नूपुर शर्मा के द्वारा दिया गया बयान अरब कंट्री में भी जा पहुंचा।
जिसके पश्चात अरब कंट्री के कुछ देशों जैसे की कतर, ओमान और सऊदी अरब के द्वारा इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी गई थी। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई मुस्लिम देशों द्वारा इस बयान को विवादित बताया गया एवं इसकी कड़ी निंदा भी की गई थी। जिसके फलस्वरूप भारतीय जनता पार्टी के ऊपर यह दबाव बनाया गया और उन्होंने नूपुर शर्मा को भाजपा की राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद से हटा दिया।
इस विवाद में शामिल हुए नवीन जिंदल को भी पार्टी ने बाहर कर दिया। हालांकि नूपुर शर्मा को पार्टी से निकालने के बाद उन्हें पुलिस सुरक्षा दे दी गई क्योंकि कई इस्लामिक ग्रुप नूपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी दे रहे थे।
पार्टी से निकल जाने के बाद नूपुर शर्मा के तेवर ठंडे नहीं हुए उन्होंने अपने एक बयान में कहा कि मैंने टीवी डिबेट में वही कहा जो इस्लामी किताब कुरान में लिखा हुआ है। अगर मेरे साथ अन्याय हुआ तो मैं कोर्ट में सारी बातें सबूत के साथ रख दूंगी। उन्होंने कहा कि इस्लामिक लोगों की आस्था पर मेरी भी आता है परंतु हिंदुओं की आस्था आस्था नहीं होती है क्या? यह कैसा दोगला व्यवहार है। नूपुर शर्मा को पार्टी से निकाले जाने के बाद विभिन्न हिंदू समुदाय के लोगों ने भाजपा पार्टी से कड़ी प्रतिक्रिया दर्ज करवाई उन्होंने कहा कि भाजपा ने नूपुर शर्मा के साथ गलत किया।
नूपुर शर्मा से जुड़े रोचक तथ्य
- पैगंबर मोहम्मद साहब पर की गई टिप्पणी की वजह से नूपुर शर्मा का विरोध इस्लामिक आर्गेनाइजेशन ऑफ कंट्री के द्वारा किया गया है। इसके अंतर्गत 56 इस्लामिक देश शामिल है।
- वही डच सांसद गिटार वाइल्डेस ने नूपुर शर्मा का समर्थन भी किया है।
- पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ गलत टिप्पणी करने की वजह से कई इस्लामिक ग्रुप के द्वारा नूपुर शर्मा को जान से मारने की धमकी दी गई है। इसी वजह से शिवपुर शर्मा को अतिरिक्त सुरक्षा भी दी गई है।
- साल 2009 में 26 जनवरी के दिन विशेष कार्यक्रम में नूपुर शर्मा को गेस्ट एंकर के तौर पर टाइम ऑफ इंडिया द्वारा बुलाया गया था।
- साल 2009 में हिंदुस्तान टाइम्स के द्वारा इंडिया की टॉप टेन वूमेन इंस्पिरेशन पर्सनैलिटी की लिस्ट में नूपुर शर्मा को भी जगह दी गई थी।
- नूपुर शर्मा ने साल 2008 में दिल्ली विश्वविद्यालय में हुई छात्र संघ के चुनाव में जीत हासिल किया और दिल्ली विश्वविद्यालय की अध्यक्ष भी रह चुकी है।