क्या कभी भविष्य को हमारी जरूरत होगी? कुछ दशक पहले प्रसिद्ध कंप्यूटर विज्ञानिक बिल जॉय ने यही सवाल किया था। अगर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में मीडिया में पढ़ी गई बातों पर विश्वास किया जा सकता है, तो इसका उत्तर निश्चित रूप से नहीं है। स्मार्ट कंप्यूटर पहले से ही हमारी परीक्षाओं को ग्रेड देते हैं। अगर आप एक यूट्यूबर तो आप अपना अगला वीडियो कौन सा बनाएंगे यह चुनने में भी आपकी मदद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कर सकता है। साथ में यह भी तय करता है कि हम सोशल मीडिया पर क्या पोस्ट कर सकते हैं, और वे जल्दी ही रोबोट सैनिकों की विशाल सेनाओं को सुरक्षित रूप से हमारी कारों और घरों में चलाने के लिए हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का ही इस्तेमाल करते हैं। लेकिन सिर्फ इसलिए कि इस तरह की मशीनें हमारे जीवन को और भी ज्यादा तेज और स्मार्ट बनाती है। क्या इसका मतलब यह है कि हम मनुष्य वास्तव में बुद्धिमान नहीं है? आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल आज आप अपने जीवन शैली में कहीं भी देख सकते हैं। जैसे कि हमने ऊपर उदाहरण दिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे कारों से लेकर के हमारे घरों की सुरक्षा करता है। ऐसे में आप सब पाठकों को के मन में यह सवाल तो जरूर आता होगा कि आखिर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है? आज के हमारे इस लेख में हम इसी बारे में चर्चा करने वाले हैं कि What is Artificial Intelligence? – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
What is Artificial Intelligence? – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अगर सरल शब्दों में परिभाषित किया जाए तो या एक मशीन में सोचने समझ में और निर्णय लेने की क्षमता का विकास करना है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कंप्यूटर साइंस का सबसे उन्नत रूप माना जाता है और इसमें एक ऐसी दिमाग बनाई जाती है जिससे कंप्यूटर खुद सोच और समझ सके। इसलिए कई बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की तुलना इंसानी दिमाग से की जाती है।
पिछले कुछ दशकों में विभिन्न कारण और मुद्दे को लेकर के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की चर्चा समाचार और मीडिया में हमेशा से होती रही है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर विज्ञान के क्षेत्र में एक ऐसी शाखा है, जिसका काम बुद्धिमान मशीन बनाना होता है। हाली के समय में सरकार के थिंक टैंक नीति आयोग और गूगल के बीच इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों भारत की उदीयमान कृत्रिम बुद्धिमता और मशीन लर्निंग के परिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कई पहलू पर मिलकर के एक साथ काम करेंगे। से कि भारत जैसे देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का परिस्थितिकी तंत्र निर्मित हो सके।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इतिहास के बारे में अगर हम बात करें तो वर्ष 1950 के दशक में “कृत्रिम बुद्धिमता” शब्द का इस्तेमाल सबसे पहले अमेरिकी कंप्यूटर विज्ञानिक जॉन मेकार्थी द्वारा किया गया था। इस दौरान उन्होंने कहा था कि बुद्धिमान मशीनें विशेष रूप से बुद्धिमान कंप्यूटर प्रोग्राम बनाने का विज्ञानिक इंजीनियरिंग है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के संस्थापक में से एक एलन टयूरिंग ने अनिवार्य रूप से कृत्रिम बुद्धिमता को एक मशीन की क्षमता के रूप में परिभाषित किया है। जो पूरी तरह से अस्वस्थ मानव के रूप में खुद को पारित कर सकती है।
बेशक इस तरह की परिभाषा ओं को समझने के लिए हमें इस पर थोड़ा चिंतन करने की आवश्यकता है कि हम बुद्धि से क्या मतलब रखते हैं। जब हम कहते हैं कि कोई ‘ चतुर’ है तो आमतौर पर हमारा मतलब है कि वे दिमागी और किताबी ज्ञान से भरपूर होगा। हालांकि आप निश्चित रूप से एक चतुर फुटबॉल खिलाड़ी, कोई बेहतरीन खाना बनाने वाला, या बस कुछ और हो सकते हैं। अगर हम कहते हैं कि कोई प्रतिभाशाली है तो हमारा मतलब है कि उनके पास किसी प्रकार की कुछ अलग ही टैलेंट होगी। जो उन्हें जन्मजात और सबसे बेहतर बनाती है।
What are the types of Artificial Intelligence – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के प्रकार
आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी कई प्रकार में बांट सकते हैं। जैसा कि हमने ऊपर उदाहरण दिया है कि जब हम चतुर शब्द का इस्तेमाल करते हैं। तो हम से ज्यादातर लोगों के मन में या ख्याल आता है कि वह दिमागी या किताबी ज्ञान से ज्ञानी होगा। लेकिन कई मामलों में जैसे कि हमने ऊपर फुटबॉल खिलाड़ी और एक बेहतरीन खाना बनाने वाले कुक के उदाहरण के जरिए यह समझाने की कोशिश की है कि किसी भी कार्य को मशीन बेहतर ढंग से करें तो उसे हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की संज्ञा देते हैं। मशीन की क्षमता के अनुसार ही हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को विभिन्न प्रकारों में बांटते हैं।
- Purely Reactive ( पूर्णतः प्रतिक्रियात्मक) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- Limited Memory ( सीमित स्मृति) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- Brain Theory ( मस्तिष्क सिद्धांत) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
- Self Conscious ( आत्म चेतना) आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की शुरूआत वर्ष 1950 के दशक के आसपास हुई थी। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का अर्थ बनावटी या कृत्रिम तरीके से बनाई गई या विकसित की गई बौद्धिक क्षमता होती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जॉन मैकार्थी के अनुसार यह बुद्धिमान मशीनें, विशेष रूप से विद्यमान कंप्यूटर प्रोग्राम को बनाने का विज्ञान और इंजीनियरिंग है यानी कि मशीनों द्वारा प्रदर्शित की गई इंटेलिजेंस होती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से कंप्यूटर सिस्टम या रोबोटिक सिस्टम तैयार किया जा सकता है। जिससे कि उन्हें तर्कों के आधार पर चलाने का प्रयास किया जाता है, जिसके आधार पर मानव मस्तिक काम करता है।
ऐसा सवाल उठता है तब इंटेलिजेंस का क्या अर्थ है? प्रभावी रूप से यदि चतुराई को हम कृत्रिम बुद्धिमता से जोड़ करके देखते हैं। तो वर्तमान समय में आपको ऐसे कई सारे मशीन दिख जाएंगे जो वाकई में चतुराई से हम इंसानों की सुरक्षा एवं सहायता करते हैं। चाहे हम मशीन में बैठ कर के, किसी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के सामने उनसे सलाह ले सकते हैं। या फिर आप किसी रोबोटिक कृत्रिम मशीन की मदद से अपने घर में होने वाले विभिन्न कार्यों को संपादित भी कर सकते हैं।
How Artificial Intelligence used in our Life – आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल हमारे जीवन में कैसे होता है?
साधारण तौर पर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को अगर परिभाषित करें तो या एक मशीन क्षमता है जो तर्क, सीखने, योजना और रचनात्मक जैसी मालवीय क्षमता को प्रदर्शित करने की क्षमता रखती है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम की प्रणालियों को उनके पर्यावरण को समझने में सक्षम बनाती है। वह अनुभव करते हैं उसे निपटते हैं, समस्याओं को हल करते हैं और एक विशेष लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य करते हैं।
कंप्यूटर डाटा प्राप्त करता है, पहले से ही तैयार किया अपने स्वयं के संसद जैसे कैमरों के माध्यम से इकट्ठा की गई जानकारी इससे संसाधित करता है और प्रतिक्रिया करता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम पिछले कार्यों के प्रभाव का विश्लेषण करके और खुद उन कार्यों को करने में सक्षम होता है।
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्यों महत्वपूर्ण है? :- अगर देखा जाए तो हमारे दैनिक जीवन में इस्तेमाल होने वाली बहुत सी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस 50 वर्षों से भी ज्यादा पुरानी है। लेकिन कंप्यूटिंग सकती मैं प्रवृत्ति, भारी मात्रा में डाटा और नए एल्गोरिदम की उपलब्धता ने हाल के वर्षों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को जन्म दिया है। कृत्रिम बुद्धिमता को समाज के डिजिटल परिवर्तन केंद्र के रूप में देखा जाता है और यह पूरे विश्व की प्राथमिकता बन गई है। भविष्य के अनुप्रयोगों में भारी बदलाव लाने की उम्मीद है। लेकिन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हमारे दैनिक जीवन में पहले से मौजूद है।
रोजमर्रा की जिंदगी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
नीचे हम कुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के एप्लीकेशन के बारे में बता रहे हैं। जिनके बारे में शायद आपको पहले से ही पता हो, इनका इस्तेमाल आप अपने दैनिक जीवन में भी करते होंगे।
➥ ऑनलाइन शॉपिंग और विज्ञापन
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का व्यापक रूप से इन लोगों को व्यक्तिगत सिफारिशों प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए उनकी इंटरनेट पर पिछले खोजो और खरीदारी या अन्य ऑनलाइन व्यवहार के आधार पर वाणिज्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बेहद महत्वपूर्ण है। उत्पादों का अनुकूलन, योजना सूची रसीद इत्यादि।
➥ जब आप इंटरनेट पर ब्राउजिंग करते हैं
यदि आप इंटरनेट पर किसी चीज को खोजते हैं तो सर्च इंजन प्रसांगिक खोज परिणाम प्रदान करने के लिए अपने उपयोगकर्ताओं द्वारा प्रदान किए गए डाटा के विशाल इनपुट से सीखते हैं। और परिणाम के तौर पर किसी भी इंटरनेट यूजर के सामने डाटा रखते हैं।
➥ डिजिटल व्यक्तिगत सहायक के रूप में
हमारे हाथों पर मौजूद स्मार्टफोन आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग कर उन सेवाओं को प्रदान करने के लिए तत्पर रहते हैं जो यथासंभव प्रसांगिक और व्यक्तिगत है। वर्चुअल असिस्टेंट सवालों के जवाब देना, सिफारिशें देना और दैनिक दिनचर्या को व्यवस्थित करने में मदद करता है। आप इस तरह की सेवाएं जरूर अपने स्मार्टफोन पर उठाते होंगे।
➥ मशीनों द्वारा ट्रांसलेट अनुवाद भाषा
भाषा अनुवाद सॉफ्टवेयर यादव लिखित या बोले गए पाठ पर आधारित होते हैं। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके आप इंटरनेट पर विभिन्न भाषाओं को अलग अलग भाषा में अनुवाद करने की क्षमता रखते हैं। यह स्वचालित उपशीर्षक जैसे कार्यों पर भी लागू होता है। जब आप कोई फिल्म देखते हैं, फिल्मों के सबटाइटल आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता से ही ट्रांसलेट किए जाते हैं।
➥ स्मार्ट घर, शहद और बुनियादी ढांचा
हम अपने घर में बहुत सारे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल अपने जीवन को सरल और सहूलियत भरा बनाने के लिए कहते हैं। स्मार्ट थर्मोस्टेट ऊर्जा बचाने के लिए हमारे घरों में हमारे व्यवहार से सीखते हैं। वही जबकि स्मार्ट शहरों के डेवलपर्स कनेक्टिविटी में सुधार और ट्रैफिक जाम को कम करने के लिए यातायात को विनियमित करने के लिए भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करते हैं।
➥ कार एवं गाड़ियों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल
आज आप देख सकते हैं कि बाजार में ऐसी बहुत सी गाड़ियां आ गई है जो खुद ब खुद चलती है। जो अपने आप में एक मानक है। देखा जाए तो गाड़ियां पहले से ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित सुरक्षा कार्यों का उपयोग करती है। उदाहरण के लिए यूरोप में बनी गाड़ियों में VI -DAS, का इस्तेमाल आई के रूप में किया जाता है। जिसके अंतर्गत किसी भी गाड़ी में स्वचालित सेंसर होते हैं जो किसी भी काट दुर्घटना में खतरनाक परिस्थिति में डाटा का आकलन करके किसी भी दुर्घटना मे कम जोखिम होने की संभावना रहती है।
➥ साइबर सुरक्षा
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम डाटा के निरंतर इनपुट, टाइटन को पहचानने और हम लोगों को पीछे करने के आधार पर साइबर हमले और अन्य साइबर छात्रों को पहचानने और लड़ने में मदद कर सकता है।
➥ दुष्प्रचार से लड़ना
कुछ आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस एप्लीकेशन सोशल मीडिया सूचनाओं को खनन करके, सनसनीखेज या खतरनाक शब्दों की तलाश करके और या पहचान करके की कौन सी ए ऑनलाइन स्रोत को अधिकारिक माना जाता है। इस बारे में पता लगाने की क्षमता रखते हैं। नकली समाचारों और गलत सूचनाओं का पता लगा सकते हैं।
इन सारे, चीजों के अलावा भी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। जैसे कि स्वास्थ्य, यातायात, मैन्युफैक्चरिंग, फूड एंड फार्मिंग, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन सेवाएं आदि जगहों पर आप आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल देख सकते हैं।
आप इस उदाहरण से समझ सकते हैं कि हम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किस तरह से अपने जिंदगी को और भी आसान बनाने के लिए कर रहे हैं। आज दुनिया भर में हवाई जहाज की आवाजाही पूर्णता कंप्यूटर पर निर्भर करती है। कौन सा हवाई जहाज कब किस रास्ते से गुजरेगा… कहां सामान पहुंचाएगा, यह सब मशीन द्वारा तय की गई निर्देशों द्वारा किया जाता है। यानी एयर ट्रैफिक कंट्रोल के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जाता है।
भारत जैसे देश में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस
भारत में रोबोटिक्स, क्लाउड टेक्नोलॉजी, वर्चुअल रियलिटी, बिग डाटा और मशीन लर्निंग इत्यादि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति निकट भविष्य में देखी जा सकती है।
भारत में नीति बनाने वाली नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत के अनुसार कृत्रिम बुद्धिमता देश में व्यवसाय करने के तरीकों को बदलने जा रही है। विशेष रूप से देश के सामाजिक और समावेशी कल्याण के लिए नए विचारों में विशिष्ट रूप से इनका उपयोग किया जा रहा है।
कुछ ही दिनों पहले नीति आयोग एवं गूगल के बीच समझौता के तहत इंडियन स्टार्टअप के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किया गया था। इस समझौते के तहत नीति आयोग ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस जैसे फ्यूचर टेक्नोलॉजी में विचार और उसके विकास को लेकर के पूरे देश में एक राष्ट्रीय राजनीति का प्रारूप तैयार किया है। रिसर्च इको सिस्टम को बढ़ावा देने के लिए भारतीय रिसर्च और यूनिवर्सिटी को वित्तीय मदद भी दी जाएगी।
स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्षमता बढ़ाने, शिक्षा में सुधार लाने, नागरिकों के लिए अभिनव शासन प्रणाली विकसित करने और देश को समृद्ध आर्थिक उत्पादकता में सुधार के लिए देश आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने में तत्पर्य है। ऐसे में गूगल के साथ नीति आयोग की साझेदारी से कई प्रशिक्षण पहले से ही शुरू किए जा चुके हैं। स्टार्टअप को समर्थन मिलेगा और पीएचडी छात्रवृत्ति के माध्यम से एआई अनुसंधान को बढ़ावा दिया जाएगा।