How Wifi Invented? वाईफाई का आविष्कार कैसे हुआ?

इंटरनेट की दुनिया में, लोगों को इंटरनेट से आसानी से जोड़ने के लिए बहुत सारी जगहों पर वाईफाई तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है। वाईफाई शायद एक ऐसी चीज है जिसकी बिना दुनिया इंटरनेट का लुफ्त नहीं उठा पाती। एक शोध में यह पता चला है कि पूरी दुनिया में 3.8 बिलियन इंटरनेट उपयोग करता है और लगभग 8 बिलियन गैजेट्स हर दिन इंटरनेट से जुड़ते हैं। इतने सारे गैजेट्स में से एक कुछ गैजेट्स पैकेट डाटा का इस्तेमाल करके इंटरनेट से जोड़ते हैं तो कुछ वाईफाई तकनीक से इंटरनेट से जुड़े हुए होते हैं। दोस्तों, आज हमारे इस लेख में हम इस बारे में जानकारी देने वाले हैं कि How Wifi Invented? वाईफाई का आविष्कार कैसे हुआ? इसके साथ ही हम अपनी इस लेख में यह भी जानकारी लेंगे कि वाईफाई का अविष्कार कैसे हुआ और यह कैसे काम करता है?

How Wifi Invented? वाईफाई का आविष्कार कैसे हुआ?

वाईफाई (Wifi) के अविष्कार के पीछे लोगों की अलग अलग कहानी है। कोई कहता है कि वाईफाई का आविष्कार अलग-अलग लोगों द्वारा किया गया था, तो कोई इसे संयोग मानता है, तो कुछ लोग ऐसे भी है जो यह मानते हैं कि एक शोधकर्ताओं की टीम के प्रयास से ही हम वाईफाई का इस्तेमाल आज कर पा रहे हैं।

ऑस्ट्रेलियाई रेडियो खगोलशास्त्री जॉन ओसुलीवन और प्रतिज्ञा निकों का एक समूह वर्ष 1900 के दशक में, यह साबित करना चाहते थे कि ब्लैक होल और उनकी रेडियो तरंगों को वाष्पित करने पर स्टीफन हॉकिंस का सिद्धांत सही है। उनके शोध किया पता चला कि यह छोटी तरंगे और उनके बाद के संकेत बड़ी दूरी तक की यात्रा कर सकते हैं। लेकिन इन छोटी तरंगों को मजबूत तरंगों से अलग करना मुश्किल था। इस प्रकार, इन शोधकर्ताओं ने एक ऐसा उपकरण बनाने के बारे में सोचा जिसमें उपकरण छोटी तरंगों को मजबूत तरंगों से अलग कर सके। साथ ही में ब्लैक होल की रेडियो तरंगों की पहचान करने में मदद कर सके। लेकिन दुर्भाग्य से वे असफल रहे।

अगला उल्लेखनीय व्यक्ति, जिसे “ वाईफाई के पिता” के रूप में जाना जाता है, विक हेस (Vic Hayes) है। इन्होंने ही वाईफाई के आविष्कार का श्रेय जाता है। इन्होंने 802.11 मानकों के संस्थापक में से एक थे, मानकों का एक सेट जो वास्तव में वायरलेस संचार कार्य सुनिश्चित करता है। इससे पहले की आप लोग वायरलेस संचार की अवधारणा को समझें, विक पहले से ही ऐसी तकनीक बढ़ाने के बारे में सोच रहे थे। लेकिन इस तकनीक को पेटेंट कराने की जरूरत थी।

साल 1922 में, शोधकर्ता जॉन सुलीवन, ग्राहम डेनियल, टेरेंस पारसीवॉल, डायथेलम ओस्टी, जॉन डिन, जो CSIRO कंपनी में काम कर रहे थे। उन्होंने जॉन सुलीवन द्वारा किए गए प्रयास को आगे बढ़ाने के बारे में सोचा। इन सभी शोधकर्ताओं द्वारा मिलकर के एक तरह की चिप बनाई गई, जो सबसे कमजोर रेडियो सिग्नल उठा सकती थी। इस तरह से इन शोधकर्ताओं द्वारा पहली बार वाईफाई का आविष्कार किया गया था।

वाईफाई (Wifi) का आविष्कार वर्ष 1997 में हुआ था। भले ही इसके अविष्कार के पीछे कई सारे लोगों का हाथ हो, लेकिन वाईफाई के अविष्कार ने इंटरनेट से जुड़ी तमाम चीजों में क्रांतिकारी ला दी थी।

What is Wifi? – वाईफाई क्या है?

क्या आपको पता है कि वाईफाई (Wifi) एक अर्थहीन शब्द है। तो बहुत से लोग कहते हैं कि वाईफाई का मतलब वायरलेस फेडिलिटी होता है। लेकिन दुनिया की सबसे बड़ी वाईफाई एलाइंस के संस्थापक मे से एक फिल बेलांगर इसे नकारते हैं। वे कहते हैं कि या वाईफाई नाम केवल एक संक्षिप्त नाम है जिसका कोई भी मतलब नहीं होता। हालांकि, वाईफाई की शुरुआत वर्ष 1997 में हुई थी। लेकिन वर्ष 1999 तक इसे “Wifi” के नाम से ही नहीं जाना जाता था।

वाईफाई (Wifi) रेडियो तरंगों की मदद से नेटवर्क और इंटरनेट तक पहुंचने की एक युक्ति है। यह वाईफाई एक्सेस प्वाइंट के इर्द-गिर्द मौजूद मोबाइल फोन को वायरलेस इंटरनेट उपलब्ध कराने का काम करता है। इस तकनीक की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी गति सामान्य सेवा प्रदाताओं की ओर से दी जाने वाली गति से काफी तेज होती है, जो इंस्टीट्यूट ऑफ इलेक्ट्रिकल एंड इलेक्ट्रॉनिक्स इंजिनियर्स मानकों पर निर्भर करती है। जिसे 802.11 प्रोटोकॉल भी कहते हैं। इन प्रोटोकॉल की संख्या में सबसे नया प्रोटोकोल 802.11ag है जिसे साल 2018 में जारी किया गया था। इस तकनीक का इस्तेमाल आजकल आपको स्मार्टफोन, लैपटॉप और कंप्यूटर, टेलीविजन इत्यादि चीजों में देख सकते हैं।

How Wifi Work? वाईफाई कैसे काम करता है?

वाईफाई को आप एक शानदार नेटवर्किंग तकनीक मान सकते हैं। यह सूचना भेजने के लिए radio-frequency सिग्नल कमाल करती है। आपके मोबाइल फोन, स्मार्टफोन, लैपटॉप और टेलीविजन और उसके साथी और भी बहुत से आधुनिक उपकरण पर यह तकनीक लगी हुई रहती है। आप इस तकनीक की मदद से अपने गैजेट्स की एक नेटवर्क बना सकते हैं। या फिर आप अपने गैजेट्स को इंटरनेट की दुनिया से जोड़ सकते हैं। जब एक कनेक्शन बनाया जाता है तो इन गैजेट्स के बीच में संचार हो सकता है।

ठीक वैसे ही जैसे कि अगर आप रेडियो सुनते हैं, तो रेडियो में चलने वाले सभी चैनल एक अलग-अलग radio-frequency पर काम करते हैं। और उस फ्रीक्वेंसी पर हुए एक नेटवर्क बनाते हैं। वाईफाई भी इसी तरह का एक नेटवर्क तैयार करता है।

इसी तरह आपके डिवाइस इंटरनेट से कनेक्ट होने के लिए ऐसे high-frequency सिग्नल उठा सकते हैं। और वे हाई फ्रिकवेंसी सिगनल भेजने में भी सक्षम होते हैं। इस तरह से हम इस पूरे नेटवर्क को वाईफाई (Wifi) का नाम देते हैं। असल में वाईफाई दो फ्रीक्वेंसी सिग्नल पर चलती है, 2.4GHz और 5GHz बैंडविथ। 2.4GHz बहुत ही दूर तक यात्रा कर सकता है और वाईफाई को मोटी दीवारों के माध्यम से उठाया जा सकता है। 5GHz बैंड में छोटी दूरी पर तेज कनेक्शन गति होती है। लेकिन या आम तौर पर अधिक हस्तक्षेप का अनुभव करता है।

Why do We Need A Wifi Router? इंटरनेट कनेक्शन के लिए तब हमें वाईफाई राउटर की आवश्यकता क्यों?

सबसे पहली बात वाईफाई जादुई रूप से कभी भी हवा में प्रकट नहीं होता। इसके लिए हमें वाईफाई सिगनल जोकि वाईफाई चिप से आता है की आवश्यकता पड़ती है। यही वजह है कि आप के गैजेट्स को इंटरनेट से कनेक्ट होने के लिए वायरलेस राउटर की आवश्यकता होती है।

वायरलेस राउटर एक उपकरण का टुकड़ा है जो बहुत ही ग्रुप से एक इंटरनेट केबल या मॉडेम के माध्यम से इंटरनेट से जुड़ा होता है। राउटर वाईफाई सिगनल को प्रसारित करता है जो इंटरनेट से सूचनाओं को जोड़ता है और पहुंचाता है। इस जानकारी को ले जाने के दौरान, आपका राउटर इस जानकारी को डिकोड करने में कठिन काम करता है। आप जिस भी डिवाइस का उपयोग कर रहे हैं उसमें एडाप्टर इस प्रसारण सिग्नल को उठाता है, डिकोड की गई जानकारी प्राप्त करता है, और इससे आपके राउटर पर वापस भेजता है ताकि जाए इंटरनेट पर चला जाए। अनिवार्य रूप से, आपका राउटर एक बिचौलिए की तरह है, या आप कह सकते हैं कि यह आपके गैजेट्स और इंटरनेट के बीच में एक डिस्पेचर की तरह काम करता है।

क्या वाईफाई इंटरनेट की तरह ही काम करती है?

इसका मतलब यह है कि वाईफाई इंटरनेट के सामान नहीं है। हम अक्सर इन दोनों शब्दों को एक साथ मिलाते हैं लेकिन वास्तव में, यह दोनों दो अलग-अलग चीजें हैं।

वाईफाई फ्रिकवेंसी सिगनल होती है जो हमें इंटरनेट से कनेक्ट करने की अनुमति देता है। वही इंटरनेट जिसे वाइड एरिया नेटवर्क (WAN) के रूप में भी जाना जाता है, जो नेटवर्क का एक विशाल नेटवर्क होता है। यह कई राउटर के माध्यम से विभिन्न स्थानीय नेटवर्क को एक साथ जोड़ता है और एक वैश्विक कनेक्शन बनाता है। मैं आपको एक मजेदार तथ्य भी बताना चाहता हूं कि बहुत से लोग यह भी नहीं जानते कि इंटरनेट वास्तव में कैलिफ़ोर्निया से उत्पन्न हुआ था।

पिछले कुछ सालों में वाईफाई ने इंटरनेट कनेक्शन के मायने ही बदल दिए हैं?

वर्ष 2000 के दशक की शुरुआत में लोगों के बीच में वाईफाई कनेक्शन काफी लोकप्रिय हो गया था। उस दौरान लोग वाईफाई कनेक्शन का इस्तेमाल अपने इंटरनेट की गति को तेज करने एवं इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए मनोरंजन के साधन ढूंढने में काम किया है। बहुत से लोग जो इंटरनेट से हमेशा जुड़े रहना पसंद करते हैं वह मानते हैं कि वाईफाई का आविष्कार एक चमत्कारी घटना है। जिसने हमें अकल्पनीय तकनीकी सीमाओं को पार करने में मदद की है।

वर्ष 1997 में जब वाईफाई बनाया गया था। उस समय वाईफाई मूल रूप 802.11 प्रोटोकॉल पर काम करता था उसकी गति 2 मेगाबाइट प्रति सेकंड थी। और पिछले कुछ वर्षों में यह और भी तेज होती गई और इसकी गति 11 मेगाबाइट प्रति सेकेंड तक वर्ष 1999 मे हो गई थी। साल 2012 तक प्रोटोकॉल 802.11a आ गया था जिसने इसकी गति को 54Mbit/s तक पहुंचा दिया था। इसी तरह हम देख सकते हैं कि लगातार प्रोटोकॉल में नए-नए परिवर्तन होते गए और इसके गति में भी बढ़ोतरी होती गई। साल 2020 में वाईफाई 6, आया है। जो वाईफाई प्रोटोकोल का सबसे नवीनतम प्रोटोकॉल है। जो प्रोटोकॉल 802.11ax पर काम करती है और इसकी गति 9.6GBps पर चलती है। इस तरह से यह हमें अधिक तेज गति से इंटरनेट कनेक्शन उपलब्ध कराने में सक्षम है।

निष्कर्ष

आज के हमारे इस लेख में हमने आप सभी लोगों को इस बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है कि How Wifi Invented? वाईफाई का आविष्कार कैसे हुआ? यह कैसे काम करती है हमने इस बारे में भी जानकारी दी है। वाईफाई के पिता के रूप में विक हेस को जाना जाता है। लेकिन, इन्होंने अपना उपकरण पेटेंट नहीं करवा पाए थे। इसके बाद शोधकर्ताओं की कुछ टीम द्वारा वर्ष 1997 में पहली बार वाईफाई चीप बनाया गया था। वर्ष 1999 तक लगभग दुनिया भर की आबादी द्वारा इस तकनीकी का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गया था।

वाईफाई का मूल प्रोटोकोल 802.11 है, आज हम वाईफाई की वाईफाई 6 पीढ़ी में पहुंच चुके हैं। जिसमें हमको प्रोटोकोल 802.11ax मिल रही है जिससे कि हमारे इंटरनेट की गति 9.6GBps के आसपास पहुंच चुकी है। वाईफाई 7 पर अभी भी शोध कार्य चल रहे हैं जो प्रोटोकॉल 802.11be पर काम करेगी। तकनीकी जानकारों का मानना है कि इसमें हमें लगभग 30GBps की गति प्राप्त करने में सक्षम होंगे। साल 2024 तक हम वाईफाई 7 पीढ़ी में प्रवेश कर जाएंगे।

उम्मीद करता हूं कि आज का हमारा या लेख आप सभी लोगों को पसंद आया होगा। इससे संबंधित अगर आपके सवाल एवं सुधार है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना मत भूलिए।

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