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Domain रजिस्ट्रेशन करवा कर के कैसे Blog या Website बनाएं? What is web hosting?

दोस्तों अगर आप एक नया डोमेन खरीद करके इंटरनेट पर अपना ब्लॉग या वेबसाइट बनाना चाहते हैं। तो आपके मन में भी यह सवाल कई बार आया होगा। कि किस तरह से डोमेन रजिस्ट्रेशन करवा करके Blog या Website बनाया जा सकता है। हम लोगों ने यहां पर Step by step आपको यह जानकारी देने की कोशिश की है कि किस तरह से आप अपने लिए ब्लॉग या वेबसाइट बना सकते हैं। अगर आपको writting लिखने का शौक है। या फिर आप किसी विषय में अच्छी जानकारी रखते हैं। तो आप उसे related Blog या Website बना सकते हैं।

Domain Registration कहां से करें?

इंटरनेट में बहुत सारे वेबसाइट उपलब्ध है जहां से आप डोमेन रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं। आपको इन वेबसाइट से डोमेन रजिस्ट्रेशन करवाने के लिए ₹99 से लेकर के ₹800 तक खर्च करने पड़ सकता है। आपको इन वेबसाइट से डोमेन मिल जाएगा जिनका लिस्ट नीचे दिया गया है।

Godaddy.com

hostgator.com

bluehost.com

bigrock.com

यह कुछ ऐसा वेबसाइट है जहां से आप अपने लिए Domain Registration करवा सकते हैं। जैसे कि, अगर आप Godaddy.com से अपने लिए डोमेन खरीदते हैं। तो सबसे पहले आप Godaddy पर अपना एक अकाउंट बना ले।

या तो आप डायरेक्ट Godaddy के सर्च बार में जाकर अपने लिए डोमेन सर्च कर सकते हैं। यहां पर आपको हर तरह के Domain Extension मिल जाएंगे। Domain Extension जो डोमेन नेम के बाद लगते हैं।जैसे कि- .com, .in, .org, .xyz, आदि। यह सारे डोमेन एक्सटेंशन कहलाते हैं।

हमारी असला रहेगी कि आप .com डोमेन एक्सटेंशन ही खरीदें। क्योंकि, यह कमर्शियल Purpose के लिए होता है। और एक बहुत बेहतर डोमेन एक्सटेंशन है। उदाहरण के तौर पर हमने Godaddy पर technobit नाम का डोमेन सर्च किया है। तो गोडैडी आपको सारे डोमेन दिखा देगा जो उपलब्ध है। यानी कि ऐसे डोमेन जो इस नाम से रजिस्टर्ड नहीं है।

आप इस तरह सर्च करके अन्य वेबसाइट जो डोमेन नेम उपलब्ध कराती है। उस पर भी सर्च करके देख सकते हैं। और अपने हिसाब से आप जिस से रिलेटेड ब्लॉग या वेबसाइट बनाना चाहते हैं। उस नाम का डोमेन खरीद सकते हैं। अपने वेबसाइट या ब्लॉग को बनाने के लिए आपको यह Step पूरा होने के बाद। Webhosting की जरूरत पड़ेगी।

Next Step में जाने से पहले, आपको यह जान लेना जरूरी है कि Webhosting होता क्या है?

Webhosting होता क्या है? What is web hosting?

जो लोग Blogging या website की दुनिया में नए हैं उन्हें इसके बारे में ज्यादा जानकारी नहीं होगी। और इसी कारण व उनके जरूरतों के हिसाब से गलत होस्टिंग चुन लेते हैं। जिसकी वजह से आगे जाकर के आपको कई सारी परेशानियां झेलनी पड़ सकती है। वेब होस्टिंग सारे वेबसाइट या ब्लॉक को इंटरनेट में जगह देने की सेवा प्रदान करता है। Web hosting की मदद से पूरी दुनिया में उस वेबसाइट या ब्लॉग को access किया जाता है। जगह देने से मेरा मतलब यह है कि आपके वेबसाइट या ब्लॉग मैं मौजूद जितने भी files, images, videos etc. को एक अलग ही कंप्यूटर जिसे हम Web Server कहते हैं, उसमें स्टोर करके रखता है। यह वेब सर्वर 24 घंटे यानी कि 24 * 7 इंटरनेट से जुड़ा रहता है। यह एक ऐसा सरवर है जिसकी मदद से हमारी वेबसाइट या ब्लॉग हमेशा ऑनलाइन रहती है।

जब हम अपने लिए कोई वेबसाइट या ब्लॉग बनाते हैं, हम अपने नॉलेज और उसे जुड़ी जानकारियां लोगों से बांटना चाहते हैं। तो उसके लिए हमें अपने files , web hosting पर upload करके रखना पड़ता है। इसी के बाद ही आपके वेबसाइट या ब्लॉक को आपका यूजर या विजिटर किसी ब्राउज़र पर आपके वेबसाइट को ऑनलाइन देख पाता है। आपकी वेबसाइट में मौजूद इनफॉरमेशन और फाइल्स को पढ़ पाता है। इससे आपको यह तो समझ में आ ही गया होगा कि आपके ब्लॉग या वेबसाइट के लिए Web hosting कितनी जरूरी है। आपको Web hosting भी खरीदना पड़ता है। वेब होस्टिंग भी आपको डोमेन रजिस्ट्रेशन वाली वेबसाइट पर मिल जाएंगे जहां से आप अपनी जरूरत के हिसाब से वेब होस्टिंग को खरीद सकते हैं। आप नीचे दिए गए वेबसाइट से भी वेब होस्टिंग ले सकते हैं।

Godaddy.com

hostgator.com

bluehost.com

bigrock.com

अब आप Next step 2 पर आ जाइए। आपने अब यह जान लिया है की वेब होस्टिंग होती क्या है? वेब होस्टिंग किसी भी वेबसाइट या ब्लॉग के लिए क्यों जरूरी है? आपको वेब होस्टिंग कहां से खरीदनी है? मान लिया कि आपने Domain रजिस्ट्रेशन करवाने के साथ-साथ आप उन वेबसाइट से Web hosting भी खरीद सकते हैं। आप वेब होस्टिंग यहां से खरीद ले। वेब होस्टिंग कितने प्रकार के होते हैं और आपको कौन सी वेब होस्टिंग लेनी चाहिए।

Web hosting कितने प्रकार के होते हैं?

आपको अभी अच्छी तरह से समझ में आ गया होगा कि web hosting होती क्या है? चलिए अब यह भी जान लेते हैं कि वेब होस्टिंग कितने प्रकार की होते हैं? वेब होस्टिंग बहुत से प्रकार का होता है। लेकिन आज के वक्त में जो सबसे ज्यादा प्रचलित है हम उन्हीं के बारे में जानेंगे। वेब होस्टिंग मुख्यतः 4 प्रकार के होते हैं।

Shared web hosting

VPS (Virtual Private Server)

Dedicated hosting

Cloud web hosting

हम नीचे में एक-एक करके चारों वेब होस्टिंग के प्रकार के बारे में जानेंगे। उसके नफा एवं नुकसान के बारे में बात करेंगे। और हमारे ब्लॉग या वेबसाइट के लिए सबसे बेहतर वेब होस्टिंग कौन सी है यह जानने की कोशिश करेंगे।

Shared Hosting

अगर आप न्यू ब्लॉगर या वेबसाइट ओनर है। तो आपको shared hosting लेनी चाहिए। इससे पहले इसके बारे में कुछ हम जान लेते हैं। shared hosting असल में वह वेब सर्वर होता है, जिसका इस्तेमाल हम लोग दूसरे वेबसाइट के साथ share करके इस्तेमाल करते हैं। इसको समझने के लिए चलिए मैं आपको एक उदाहरण देता हूं।

मान लिया कि आप किसी दूसरे शहर में पढ़ने के लिए जाते हैं। आपके पास इतने पैसे नहीं कि आप किसी होटल या कोई पूरा का पूरा मकान किराए पर ले सकें। इसके लिए आप अपने कुछ दोस्तों के साथ कमरा शेयर करते हैं। ताकि उस कमरे का किराया बाकी आपके दोस्त आपके साथ मिलकर के शेयर कर सके। ठीक इसी तरह ही Shared hosting भी होती है। इसी कारण इस होस्टिंग का नाम shared hosting पड़ा है। शेयर्ड होस्टिंग के वेब सर्वर पर दूसरे वेबसाइट के फाइल्स और इंफॉर्मेशन भी वहां स्टोर रहते हैं। जिस तरह से आप के वेबसाइट का फाइल और इंफॉर्मेशन स्टोर रहता है।

Shared hosting नये ब्लॉगर या वेबसाइट ओनर के लिए सही है। क्योंकि, वेबसाइट बनाने के शुरुआती समय में आपके वेबसाइट पर उतनी ज्यादा ट्रैफिक नहीं रहती। जिसके चलते आपको इतनी परेशानी नहीं होगी। लेकिन जैसे ही आप के वेबसाइट पर visitor बढ़ने लगते हैं, या फिर traffic आपके वेबसाइट पर बढ़ने लगेगा। तब आपको परेशानी होगी। क्योंकि यह एक शेयर्ड होस्टिंग है, जिसके चलते अगर एक वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ेगा तो बाकी वेबसाइट भी स्लो हो जाएंगी। इसलिए अक्सर देखा जाता है, shared hosting का इस्तेमाल करने वाली वेबसाइट ज्यादा ट्रैफिक होने पर ठीक से इंटरनेट पर अपलोड नहीं होती।

Shared hosting के फायदे

◆ इस होस्टिंग का इस्तेमाल करना काफी सस्ता होता है। साथ ही मे आप इस होस्टिंग की मदद से अपने वेबसाइट या ब्लॉग को आसानी से setup कर सकते हैं।

◆ अगर आप New Blogger या website ऑनर है तो यह आपके लिए बहुत फायदेमंद होता है। क्योंकि उस दौरान आप ब्लॉगिंग और वेबसाइट के बारे में सीख रहे होते हैं। इसकी कीमत भी बहुत कम होती है। इसलिए नए ब्लॉगर या वेबसाइट ओनर इसे खरीदना पसंद करते हैं।

shared hosting का control panel काफी user friendly होता है। आप अपने वेबसाइट के बेसिक सेटिंग्स इसके कंट्रोल पैनल से बहुत आसानी से कर सकते हैं।

◆ जैसे ही आपके वेबसाइट या ब्लॉग पर ट्रैफिक ज्यादा बढ़ने लगे, तो आप दूसरी होस्टिंग ले सकते हैं।

Shared hosting के नुकसान

◆ जब तक आपके वेबसाइट या ब्लॉग पर ज्यादा ट्रैफिक नहीं होता, तब तक आपको शेयर्ड होस्टिंग से कोई परेशानी नहीं होगी। लेकिन जब आपके वेबसाइट या दूसरे वेबसाइट पर ट्रैफिक बढ़ जाता है, तब आपका ब्लॉग या वेबसाइट स्लो होने लगता है।

◆ shared hosting में आपको लिमिटेड रिसोर्सेज मिलते हैं। क्योंकि दूसरे वेबसाइट जो उस वेब सर्वर पर हैं वह भी उसी रिसोर्सेज का इस्तेमाल कर रहे होते हैं। वहीं अगर सिक्योरिटी की बात करते हैं तो उस होस्टिंग में उतनी ज्यादा सिक्योरिटी आपको नहीं मिलती है।

◆ इस होस्टिंग में आप हाई ट्रेफिक वेबसाइट नहीं चला सकते। क्योंकि, रिसोर्सेस लिमिटेड और सिक्योरिटी कम होने के कारण, दूसरी बड़ी कंपनियों द्वारा आपको इतना सपोर्ट नहीं मिल पाता।

VPS Hosting

VPS का फुल form Virtual Private Server होता है। यह होस्टिंग, शेयर्ड होस्टिंग से अलग होती है।

मेरा अलग होने से मतलब यह है कि shared hosting में जहां आप, web server को दूसरे वेबसाइट ब्लॉग ओनर के साथ शेयर कर रहे थे। इस होस्टिंग में ऐसा नहीं होता। उदाहरण के तौर पर, जैसे कि आप किसी बड़े होटल को बुक करते हैं। होटल के कमरे में मौजूद सारे सामान का इस्तेमाल केवल सिर्फ आप और आप ही कर सकते हैं। दूसरा और कोई नहीं कर सकता।

VPS hosting की यही खास बात होती है। या उस वेब सर्वर से जुड़ा होता है जिसका रिसोर्स सिर्फ आप इस्तेमाल कर सकते हैं। होस्टिंग में आप किसी दूसरे वेबसाइट या ब्लॉग के साथ शेयर नहीं करते हैं। VPS यानी कि Virtual private server को Virtual Dedicated Server भी कहा जाता है। इसलिए आप इन दोनों में कभी कंफ्यूज मत होइए। जैसे किसके नाम से ही आप यह जान सकते हैं किस के आगे Virtual जुड़ा हुआ है, या किसी फिजिकल सर्वर या वास्तविक server से नहीं जुड़ा हुआ होता। VPS hosting में visualization technology का इस्तेमाल होता है। जिसके चलते यह Secure server को virtually अलग अलग कई हिस्सों में बांट दिया जाता है।

VPS को Shared hosting का रिप्लेसमेंट आप नहीं मान सकते, ऐसा इसलिए है क्योंकि VPS एक powerfull और महंगी सर्विस है। जिसका इस्तेमाल आप छोटे वेबसाइट को होस्ट करने या एक सिंपल ब्लॉग बनाने के लिए नहीं कर सकते हैं। क्योंकि अगर हम ऐसा करते हैं तो यह हमें अपनी वेबसाइट के हिसाब से काफी महंगा हो जाएगा। हम इसकी पूरी रिसोर्सेज Resources का इस्तेमाल भी नहीं कर पाएंगे।

VPS के फायदे

◆ इस के Server पर आपका Control ज्यादा रहेगा। VPS की सबसे अच्छी बात यह है कि इससे आपका शेयर्ड होस्टिंग पर कंट्रोल ज्यादा रहता है। क्योंकि इसमें आप हर चीज लगभग अपने हिसाब से कर सकते हैं।

◆ इसमें आपको ज्यादा फ्लैक्सिबिलिटी मिलती है क्योंकि आप इसे अपने तरीके से customize कर सकते हैं। आप अपने हिसाब से इसमें Operating System का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको यहां पर कई तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे- Windows, Linux unbuntu, Debian, Mint मिल जाते हैं।

◆ इसकी प्राइवेसी और सिक्योरिटी बहुत ही ज्यादा बेहतर होती है। इसके अलावा इसमें आपको अच्छा सपोर्ट प्रदान किया जाता है।

VPS के नुकसान

◆ वैसे तो जिस चीज के फायदे होते हैं उसके side effect भी होते हैं। VPS की बात करें तो इसमें भी हमें कई खामियां और कमियां देखने को मिलेगी। इसमें सबसे पहली कमी यह है कि आपको इसमें सब कुछ खुद से मैनेज करना पड़ता है। इसके लिए आपको इसके बारे में Technical Knowledge होना बहुत ही जरूरी है।

◆ अगर आप इसे ठीक से मैनेज नहीं कर पाते। तो इसके बहुत से Server हैक भी हो सकते हैं। Resources की बात करें तो Dedicated Hosting की तुलना में आपको काम Resources मिलते हैं।

Dedicated Hosting

Dedicated hosting सर्विस, जिसमें वेबसाइट या ब्लॉग्स यूजर या फिर बिजनेस ऑर्गेनाइजेशन किसी फिजिकल सर्वर Physical server को रेंट पर लेते हैं।

Shared hosting की तरह इसमें सर्वर को किसी के साथ शेयर नहीं किया जाता। यह शेयर्ड होस्टिंग की तुलना में ज्यादा फ्लैक्सिबल होता है क्योंकि सरवर के हार्डवेयर, और सॉफ्टवेयर जैसे कि Operating System पर Client का पूरी तरह से कंट्रोल होता है। यह डेडीकेटेड सर्वर, data सेंटर में रखे जाते हैं जो कि एक सिक्योर और रिलायबल एनवायरमेंट होता है। Dedicated hosting में जो सर्वर होता है वह सिर्फ एक ही वेबसाइट का फाइल स्टोर करके रखते हैं। यह सबसे तेज server होता है। आप इस सर्वे में दूसरे वेबसाइट के साथ sharing नहीं करते हैं। यह hosting महंगी होती है। ऐसे वेबसाइट जिस पर हर दिन लाखों का ट्रैफिक आता है वैसे वेबसाइट ज्यादातर Dedicated hosting का इस्तेमाल करते हैं। बड़े-बड़े वेबसाइट जैसे कि flipkart, Amazon, snapdeal etc. डेडीकेटेड होस्टिंग का इस्तेमाल करते हैं।

Dedicated hosting server को कंट्रोल करने के सभी right , client के पास होता है। क्लाइंट होस्टिंग इन्वायरमेंट को जैसे चाहे वैसे Configure कर सकता है। लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि कब आपको अपने वेबसाइट या ब्लॉग के लिए Dedicated hosting , लेनी चाहिए। अगर आपके वेबसाइट पर आम ट्राफिक है, तो आप शेयर्ड होस्टिंग से ही काम चला सकते हैं। लेकिन जैसे ही आपके वेबसाइट या ब्लॉग पर कुछ ज्यादा ही ट्राफिक आ जाता है। जिसे शेयर्ड होस्टिंग नहीं संभाल पाता तो आप ऐसे में VPS hosting ले सकते हैं। लेकिन ट्रैफिक VPS होस्टिंग से भी नहीं संभल रहा, तभी आप Dedicated web hosting, लेने का सोचे।

Dedicated Web Hosting के फायदे

◆ इस होस्टिंग में Client का Server के ऊपर ज्यादा कंट्रोल Control और flexibility होता है।

◆ सभी होस्टिंग की तुलना में इसमें सिक्योरिटी सबसे ज्यादा होती है। यह होस्टिंग बहुत ही ज्यादा Stable होता है। इसमें Client को full root, administrative access प्रदान किया जाता है।

◆ अगर आप अपनी वेबसाइट के लिए, सबसे अच्छा secure, best performer, great Customization , के साथ साथ अपने वेबसाइट में स्पीड चाहते हैं तो आप यह होस्टिंग ले सकते हैं।

◆ इस तरह की Hosting लेने से आपको High Resources की होस्टिंग मिल जाती है। आप अपने हिसाब से Operating System, Hardware, और कस्टमर सपोर्ट से आपको स्पेशल ट्रीटमेंट भी दिया जाता है।

◆ आप इस तरह की होस्टिंग में किसी दूसरे वेबसाइट के साथ में शेयर नहीं करते, जिसके चलते यह बहुत ही ज्यादा सिक्योर होता है। आपके वेबसाइट किसी भी प्रकार के Virus, malware, website crash जैसी समस्याओं से बचा रहता है।

Dedicated Web Hosting के नुकसान

◆ जहां किसी चीज के कुछ फायदे होते हैं वह उस चीज के नुकसान भी होते हैं। यह होस्टिंग दूसरे होस्टिंग की तुलना में काफी महंगा होता है।

◆ इसे कंट्रोल करने के लिए आपको टेक्निकल नॉलेज होना बहुत जरूरी है। या फिर इसे कंट्रोल करने के लिए आप अपने लिए टेक्नीशियन भी रख सकते हैं। इसी के चलते इस पर ज्यादा खर्च आ जाता है।

◆ इस होस्टिंग पर अगर आपको किसी तरह की परेशानी आती है तो उस प्रॉब्लम का हल आप को खोजना होगा। इसके लिए आपको किसी टेक्नीशियन की मदद लेनी पड़ती है। जो किसके मेंटेनेंस को और भी महंगा कर देता है।

Cloud Web Hosting

इंटरनेट पर होस्टिंग की दुनिया में cloud web hosting नया ही है। क्लाउड वेब होस्टिंग वेवहोस्टिंग की तेजी से उभरती हुई एक Service और trend है। जो कि पूरी दुनिया में अलग ही बिजनेस यूज़ करते हैं।

क्लाउड होस्टिंग वह तरीका है जिसमें ग्राहक की आवश्यकता अनुसार इस आधार पर उसे Customized online Virtual server, Create , modify और उसे रिमूव किया जा सकता है। क्लाउड होस्टिंग को वेबसाइट होस्ट, ई-मेल स्टोर करने के लिए, वेब बेस्ड सर्विस को डिस्ट्रीब्यूटर करने के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है। Cloud hosting में क्लाउड सर्वर असल में फिजिकल सर्वर पर होस्टेड Virtual Machine होते हैं। Basically , इसका मतलब यह है कि आपकी वेबसाइट दूसरे Server के Virtual Resources का इस्तेमाल करती है। जिससे यह आपके हॉस्टल के सभी पहलुओं को पूरा करती है।

Cloud hosting में आपके वेबसाइट पर मौजूद traffic के load को balance किया जाता है साथ ही में सिक्योरिटी का भी खास ध्यान रखा जाता है।साथ ही में इस होस्टिंग में हार्डवेयर रिसोर्सेज वर्चुअल अवेलेबल रहता है।

Cloud hosting के फायदे

◆ इस hosting में Server down जैसी समस्या बहुत ही कम देखने को मिलती है।

◆ यहां बहुत ही ज्यादा ट्रैफिक को भी बहुत आसानी से संभाला जा सकता है।

◆ Cloud hosting की मदद से आपके वेबसाइट ज्यादा से ज्यादा ट्राफिक को आसानी से मैनेज कर लेता है। इस होस्टिंग में आपके वेबसाइट को किसी सिंगल सवर के Resources पर निर्भर नहीं रहना पड़ता है।

Cloud hosting के नुकसान

◆ यहां पर आपको root access की सुविधा प्रदान नहीं की जाती।

◆ बाकी होस्टिंग की तुलना में या होस्टिंग आपको काफी ज्यादा महंगी हो जाती है।

तो दोस्तो यह थी वेब होस्टिंग कितने प्रकार होती है। इसके बारे में जानकारी, जहां अब आप step2 पर पहुंच गए हैं। तो आप अपने हिसाब से Web Hosting खरीद सकते हैं। चलिए हम अब वेब होस्टिंग के कुछ Operating System के बारे में भी बात कर लेते हैं। यह ऑपरेटिंग सिस्टम वे होते हैं जिन पर आप वेब होस्टिंग पर काम करते हैं। ज्यादातर वेब होस्टिंग पर आपको दो तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम देखने को मिलेंगे, Windows और Linux . चलिए अब यह भी जान लेते हैं कि यह दोनों ऑपरेटिंग सिस्टम क्या है?

Windows और Linux Operating system क्या है?

जब भी आप वेब होस्टिंग खरीदते हैं। चाहे वह Shared hosting, VPS Hosting, Cloud hosting हो आपको एक ऑपरेटिंग सिस्टम चुनना पड़ता है। आप दोनों में से कोई भी होस्टिंग का इस्तेमाल कर सकते हो। लेकिन आपको Windows होस्टिंग थोड़ी सी महंगी पड़ जाती है, क्योंकि आप इसके लिए लाइसेंस खरीदते हो। लेकिन Linux एक ओपन सोर्स ऑपरेटिंग सिस्टम है, जिसके चलते आपको यह सस्ती मिल जाती है। अगर आप अपने ब्लॉग या वेबसाइट बनाना चाहते हैं तू मेरी सलाह या रहेगी कि आप Linux की hosting खरीदें। इस ऑपरेटिंग सिस्टम में आपको ज्यादा रिसोर्सेज मिलते हैं, और इसे कंट्रोल करने के लिए ज्यादा ऑप्शन उपलब्ध होते हैं।

इस आर्टिकल में आपको वेब होस्टिंग और डोमेन कैसे खरीदे? और web hosting हमारे लिए क्यों जरूरी होता है? इन सारी चीजों के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अब आप होस्टिंग खरीद करके अपना नया ब्लॉग या वेबसाइट बना सकते हैं।

आप अपने ऑपरेटिंग सिस्टम के Panel मे जाकर के Application section आप अपने लिए वेबसाइट एडिटर जैसे कि WordPress, joomla, एप्लीकेशन डाउनलोड करके अपनी वेबसाइट बनाना शुरू कर सकते हैं। यह सारे एप्लीकेशन आपको वहां पर फ्री में मिल जाएंगे।

दोस्तों आपको हमारी आर्टिकल कैसा लगा हमें कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके जरूर बताएं। अगर आपको हमारा यह आर्टिकल पसंद आया है तो आप इसे सोशल मीडिया साइट पर भी शेयर कर सकते हैं।

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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