अगर आपने इतिहास पढ़ा होगा तो आपको इस बारे में जानकारी होगी कि कुत्ता पहला ऐसा पालतू जानवर है जिसे मनुष्य ने पाला है। वैज्ञानिकों का मानना है कि वे पूर्व एशिया में भेड़ियों की एक ही आबादी से आए थे और अब दुनियाभर में एक विस्तृत विविधता में पाए जाते हैं। दोस्तों, आज के हमारे इस लेख में हम इस बारे में जानकारी लेंगे की How Did We Domesticate Dogs? हमने कुत्ते को पालतू कैसे बनाया? इसके अलावा हम इनके इतिहास के बारे में भी चर्चा करने वाले हैं।
कई सारे टीवी में दिखाए जाने वाले शो जैसे कि पॉप कल्चर शो में एयर बर्ड और टर्न और कुछ मूवीस में हम कुत्ते को पालतू बनाने की बात करते हैं। बच्चों के लिए टीवी में बहुत से कार्टून भी दिखाए जाते हैं जिसमें हम कुत्ते को पालतू जानवर के रूप में रखते हैं। क्या आपको पता है कि कुत्ता मनुष्य का सबसे अच्छा दोस्त माना जाता है।
कुत्ता पहला ऐसा जंगली जानवर है जिसे मनुष्य ने पालतू बनाया है। लेकिन मनुष्य की सभ्यता में कुत्ते को पालतू बनाने का सिलसिला कब शुरू हुआ? क्या कोई एक घटना या कई घटना थी जिनके कारण हम कुत्ते को पालतू बना सके? उनके पालतू बनने का क्या कारण था? आज के हमारे इस लेख में हम इन्हीं विषयों के ऊपर में चर्चा करने वाले हैं।
कुछ पुरातात्विक, अनुवांशिक और विकासवादी साक्ष्य मौजूद हैं जिनकी मदद से हम यह जान सकते हैं कि हमने कुत्ते को ही फालतू क्यों बनाया है?
How Did We Domesticate Dogs? हमने कुत्ते को पालतू कैसे बनाया?
कुत्ते को आमतौर पर भेड़िया कुल की एक प्रजाति माना जाता है। यह मनुष्य के पालतू पशुओं में से एक महत्वपूर्ण प्राणी माना जाता है। कुत्ते को कई साल पहले पश्चिमी यूरोप में भेड़िया को पालतू बनाने से शुरू हुई थी। यह वह समय था जब मानव शिकार करते थे। यह वह समय था जब मानव अधिकार के दौरान बचे कुचे शिकार को छोड़ दिया करते थे तब कुत्ते उन्हें खाने आते होंगे।
इस तरह धीरे-धीरे कुत्ते इंसान से मेलजोल अधिक रखने लगे। जिससे कि मनुष्य और कुत्तों में निकटता बढ़ती चली गई। हो सकता है कि कुत्ते मनुष्य को अन्य शिकार पकड़ने में भी मदद करते होंगे। निकटता के साथ ही कुत्ते को पालतू बनाने में मनुष्य को ज्यादा समय नहीं लगा होगा।
कुत्ते के इतिहास का हाल ही में माइटोकांड्रियल डीएनए का उपयोग करके अध्ययन किया गया है। जो बताता है कि भेड़िए और कुत्ते लगभग 100000 साल पहले विभिन्न प्रजातियों में विभाजित हो गए थे। हालांकि इस विश्लेषण ने 40000 और 20000 साल पहले हुए घरेलू घटनाओं पर कुछ प्रकाश डाला है। कुछ विश्लेषकों से पता चलता है कि कुत्तों को पालतू बनाने का मूल स्थान पूर्व एशिया में था।
अनुवांशिकी डाटा ने आज तक जो भी दिखाया है वह यह कहता है कि कुत्तों का इतिहास उतना ही जटिल है जितना कि वे मनुष्य की सभ्यता के साथ रहते आ रहे हैं।
साल 2016 में, जैव पुरातात्विक ग्रेगर लार्सन के नेतृत्व में एक शोध दल ने घरेलू कुत्तों के ऊपर शोध किया था। इस शोध दल में से एक दल पूर्व यूरेशिया में खोजबीन करने गया और दूसरा दल पश्चिमी यूरेशिया में। उन्होंने अपने शोध में पाया कि कुत्तों की उत्पत्ति कम से कम 12500 साल पहले एशियाई भेड़िया के एक पालतू बनने की घटना से हुई थी। जबकि यूरोपीय पहले थैली कुत्ते कम से कम 15000 साल पहले यूरोपीय भेड़ियों से एक स्वतंत्र फालतू बनने की घटना से उत्पन्न हुए थे।
उन्होंने अपनी रिपोर्ट में यह भी बताया कि नवपाषाण काल कम से कम 6400 साल पहले कुछ एशियाई कुत्तों को मनुष्य द्वारा यूरोप ले जाया गया था जहां उन्होंने यूरोपीय पुरापाषाण कुत्तों को विस्थापित कर दिया था।
कैसे कुत्ते पूरे विश्व में फैल गए?
सबसे पहले, आइए बात करते हैं कि जब हम कुत्ते कहते हैं तो हमारा क्या मतलब होता है। कुत्ते कैनिडी के नाम से जाने जाने वाले परिवार से संबंधित रखते हैं। जो कुत्ते जैसे प्रजाति का एक परिवार है जैसे लोमड़ी, सियार, भेड़िया आदि।
Canids की विशेषता उनके लंबे मुंह, सीधे कान और लंबे पतले पैर होते हैं। वे उत्तरी अमेरिका में लगभग 40 मिलियन वर्ष पहले मियासिडे नामक परिवार से अलग हो गए थे।
वैज्ञानिकों द्वारा प्राचीन कुत्ते को तीन परिवार में विभाजित किया गया है:-
- हड्डी कुचलने वाले कुत्ते
- हेस्परोसायनिने कुत्ते
- और केवल सामान्य कुत्ते
इन उप प्रजाति के कुत्तों में केवल केनाइन वंशज आज भी जीवित हैं। कुत्तों की यह प्रजाति लगभग 8 मिलियन वर्ष पहले बेरिंग जलडमरूमध्य का उपयोग करके यूरोप और एशिया में चले गए थे। लगभग 3 मिलियन वर्ष पहले वे पनामा के इस्तुम के गठन के समय के आसपास, दक्षिण अमेरिका में चले गए।
केनाइन केबल 3500 साल पहले ऑस्ट्रेलिया को पार कर गए थे, लेकिन हम थोड़ी देर बाद उस पर चर्चा करेंगे।
हमने कुत्ते को कहा पालतू बनाया था?
वर्तमान कुत्तों और उनके व्यवहार के साथ पुरातात्विक और अनुवांशिक सबूतों से हमने पालतू कुत्ते को कहां पर पहली बार पालतू बनाया था इसके सबूत एवं अनुमान लगाए हैं। हालांकि, यह निर्धारित करना काफी कठिन हो गया है कि कहां और कब हमने पहली बार कुत्ते को पालतू बनाया था।
32000 साल पहले से लेकर के 10000 साल पहले तक वैज्ञानिकों ने जिस समय सीमा के बारे में कुत्तों को पालतू बनाने का जिक्र किया है उसे भी ले कर के वैज्ञानिकों के बीच में विवाद है।
वैज्ञानिकों का एक दल यह मानता है कि यूरोपीय, मध्य पूर्वी या पूर्वी एशियाई मूल कहता है की पूर्वी एशियाई क्षेत्र से ही कुत्तों को पालतू जानवर बनाए जाने की घटना घटी थी।
हाल ही में शोधकर्ताओं ने पाया कि पूर्व यूरेशिया में पैदा होने वाले कुत्तों के ऊपर शोध करने पर दिखता है कि सबसे पहले इन भुरे भेड़िया को पालतू बनाया गया था। बाद में यही कुत्ते आदिम कुत्तों में विकसित हो गए। मनुष्य ने शिकार और सुरक्षा के लिए कुत्तों का इस्तेमाल किया और बदले में कुत्तों ने मनुष्य को भोजन के स्रोत के रूप में इस्तेमाल किया। इस प्रकार की परस्पर एक रूप से लाभप्रद प्रणाली को कमेन्सल डॉमेस्टिकेशन (Commensal Domestication) कहा जाता है।
कुत्तों को पालतू बनाने का एक अन्य कारण यह भी था कि उनके पूर्वज ग्रे भेड़िया थे। उस दौरान इन्हें एक अच्छा शिकारी माना जाता था। मनुष्य जी उस दौरान शिकार करके ही अपना भरण-पोषण करते थे। जिस वजह से ही हम इंसानों को कुत्तों को समझना आसान हो गया था। इसलिए हम जहां भी शुरू में मिले इसमें कई अत्य व्यापी कारकों के साथ मदद मिली।
कुत्तों को पालतू बनाने की यात्रा
वैज्ञानिक शोध से यह साफ साफ पता चलता है कि हमने कुत्तों की दो अलग-अलग प्रजाति को पालतू बनाया है। एक प्रजाति पूर्व एशिया में थी तो दूसरी प्रजाति यूरोप की प्रजाति थी। आज सभी घरेलू कुत्ते जैसे कि डाबरमैन (Doberman) से लेकर के छोटे पग (PuG) तक यह सारे कुत्ते इन्हीं दो प्रजातियों से निकल कर के आए हैं।
यूरोप और मध्यपूर्व हिस्सों के कुछ कुत्तों को उसी क्षेत्र के भेड़िया के साथ क्रॉस ब्रीडिंग कराया गया था। जो नई नस्ल का निर्माण कर सकते थे। इसी तरह कुत्तों की एक नई नस्ल का निर्माण हुआ। उन्होंने पहली बार उत्तरी अमरीका की यात्रा की या क्रोस ब्रीडिंग के कारण नहीं था।
बल्कि इसलिए कि इस मूल आबादी का केवल एक छोटा सा हिस्सा उनके साथ ले जाया गया था। इस छोटे से समूह ने अनुवांशिक अड़चन को जन्म दिया। एक छोटे से जींन पूल में संभोग करने के लिए केवल इतने ही व्यक्ति थे। इसलिए उनकी विशेषताओं में तेजी और नाटकीय रूप में बदलाव आया।
ऑस्ट्रेलिया को कुत्ते तभी मिले जब मनुष्य उपमहाद्वीप में चले गए। ऑस्ट्रेलिया आदिवासी ऐसे कुत्ते लाए जो या तो पूरी तरह से पालतू थे या आधे पालतू थे। महाद्वीप पर पहुंचने के तुरंत बाद कुत्ते फिर से जंगली हो गए और उन्होंने अपनी अलग आबादी बनाई। जिसे डिंगो के नाम से जाना जाता है।
आज वर्तमान समय में हम अपने चारों तरफ कुत्तों की कई नस्ल को देख सकते हैं। प्रत्येक कुत्ते की नस्ल उनके मूल स्थान को दर्शाती है। जिस जगह पर उन्हें सबसे अच्छा अनुकूलित किया गया था। उदाहरण के लिए, साइबेरियन कुत्ते कोई ले लीजिए। उनके नाम से साइबेरियन की ओर इशारा करता है जो एक बेहद ही ठंडी जगह हुआ करती थी। इस वजह से साइबेरियन कुत्ते के बाल लंबे होते हैं एवं वह ठंडे मौसम में शिकार और रहने के लिए अनुकूलित है।
प्रारंभिक मनुष्य ने इन लक्षणों को चुना और इन कुत्तों को चुनिंदा नस्ल के आधार पर अपना पालतू जानवर बनाया। मूल रूप से यदि किसी कुत्ते में कुछ लक्षण नहीं थे तो उस कुत्ते को पिल्लों के लिए चुना गया। डीएनए विश्लेषण का उपयोग करने वाले शोधकर्ताओं द्वारा पता चलता है कि यह वंशीय लक्षणों वाले पुरुष थे जिन्हें चुनिंदा रूप से पैदा किया गया था। फिर उन्हें यथासंभव अधिक से अधिक महिलाओं के साथ संभोग करने के लिए बनाया गया।
निष्कर्ष
कुत्तों ने हमारे खाने का शिकार करने से लेकर के हमारी सुरक्षा करने तक का लंबा सफर तय किया है। वर्तमान समय में कुत्ते आज हमारे परिवार का सदस्य ही माने जाते हैं। एक और जहां अन्य पालतू जानवर जैसे कि गाय, घोड़े जैसे अन्य पालतू जानवरों की तुलना में अधिक सम्मान के साथ व्यवहार किया जाता है।
कुत्तों को हमने सबसे पहले किस तरह से पालतू बनाया इसे लेकर के भी वैज्ञानिकों के बीच में काफी सारे मतभेद हैं। हर एक शोधकर्ता एवं हर एक विज्ञानिक की अपनी एक अलग अलग राय है। इसे लेकर के वैज्ञानिक हर दिन नई खोज कर रहे हैं। लेकिन हम यह देख सकते हैं कि पालतू कुत्ते हमारे सबसे करीबी मित्र या दोस्त में से एक है।