Subhash Chandra Bose Biography Hindi – सुभाष चंद्र बोस की जीवनी

Subhash Chandra Bose Biography Hindi – सुभाष चंद्र बोस की जीवनी सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक नाम का स्थान पर हुआ था। उनके पिता जानकीनाथ बोस एक प्रसिद्ध वकील थे तथा उनकी माता का नाम प्रभावती देवी था। 14 बाई पहनो में से 9 वीं संतान थे सुभाष चंद्र बोस! उनके पिता कटक की महापालिका में लंबे समय तक रहे थे। वे बंगाल विधानसभा के सदस्य भी रहे और अंग्रेजों ने जानकीनाथ बोस को राय बहादुर का खिताब भी दिया था। सुभाष चंद्र बोस स्कूल और कॉलेज स्तर में काफी प्रतिभाशाली छात्र रहे थे।

सुभाष चंद्र बोस विवेकानंद की शिक्षाओं से काफी ज्यादा प्रभावित रहे तथा छात्र जीवन से ही देश प्रेम की भावना के लिए काफी प्रसिद्ध भी रहे थे। साल 1919 में हुए इंडियन सिविल सर्विस की प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए इंग्लैंड चले गए और वहां उन्होंने चौथा स्थान प्राप्त किया। जलियांवाला बाग हत्याकांड से व्यथित होकर उन्होंने सिविल सर्विस से त्यागपत्र दे दिया और फिर पुनः अपने देश लौट आए। साल 1921 में कोलकाता के स्वतंत्रता सेनानी देशबंधु चितरंजन दास के कार्य से प्रेरित होकर के वह स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े।

20 जुलाई 1921 को सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गांधी से मिले जो उस समय अंग्रेजों के विरुद्ध असहयोग आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे। साल 1922 में चितरंजन ने स्वराज पार्टी की स्थापना की, जिस से जुड़कर के सुभाष चंद्र बोस ने महापालिका का चुनाव लड़ा और उसमें वे जीत गए थे। अपने कार्यालय में वह का पूरा ढांचा बदला और काम करने का तरीका भी बदल डाला । कोलकाता के रास्तों के अंग्रेजी नाम बदलकर के भारतीय नाम दिया गया है। बहुत शीघ्र ही है पर एक महत्वपूर्ण युवा नेता बन गए थे। आइए नजर डालते हैं सुभाष चंद्र बोस के जीवन के बारे में।

Subhash Chandra Bose Biography Hindi – सुभाष चंद्र बोस की जीवनी

सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को उड़ीसा के कटक नामक स्थान पर हुआ था। उनके पिता का नाम जानकीनाथ बोस था जो एक प्रसिद्ध वकील थे, उनकी माता का नाम प्रभावती देवी था। सुभाष चंद्र बोस के कुल 14 भाई बहनों थे जिनमें सुभाष चंद्र बोस जानकीनाथ बोस की नवी संतान थी। सुभाष चंद्र बोस अपने स्कूल और कॉलेज सर पर एक योग्य छात्र रहे थे। Subhash Chandra Bose Biography Hindi

ज्वाला नेहरू के साथ सुभाष चंद्र बोस ने कांग्रेस के अंतर्गत युवाओं की एक इंडिपेंडेंस लीग शुरू की। साल 1928 में जब साइमन कमीशन भारत आया तो कांग्रेस ने काले झंडे दिखाए। अपने सौजन्य जीवन में उन्हें 11 बार कारावास हुआ है। इटली के नेता मुसोलिनी से मिले जिन्होंने उन्हें भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सहायता करने का वचन दिया। साल 1938 में कांग्रेस का वार्षिक अधिवेशन हरिपुरा में हुआ था जहां उसे अध्यक्ष बने थे।

बाद में गांधीजी से मतभेद होने पर उन्होंने त्यागपत्र दे दिया था। साल 1940 में फिर से अध्यक्ष पद के चुनाव में वे जीत गए। कांग्रेस से त्यागपत्र देने के बाद 3 मई 1939 को फॉरवर्ड ब्लॉक के नाम से अपनी एक पार्टी की स्थापना सुभाष चंद्र बोस ने की थी। फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी की स्थापना के बाद जैसे मानव स्वतंत्रता संग्राम को तेज गति मिल गई थी। जिसके बाद अंग्रेजों ने उन्हें अपने ही घर में नजरबंद करके रखा था। 1 दिन में अंग्रेजों को चकमा देकर के मॉस्को होते हुए बर लेने पहुंचे तथा रिबन फ्रॉक जैसे नेताओं से मिले। जर्मनी में उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संगठन और आजाद हिंद रेडियो की स्थापना की। 29 मई 1942 को एडोल्फ हिटलर से भी सुभाष चंद्र बोस ने मुलाकात की थी। साल 1944 मे वे सिंगापुर आए तथा स्वतंत्रता आंदोलन की बागडोर अपने हाथ में ले लिए। मुख्य का भारतीय युद्ध बंदियों को लेकर के आजाद हिंद फौज का गठन किया गया था जिसमें औरतों के लिए झांसी की रानी रेजिमेंट बनाई गई थी। पूर्व एशिया में जगह-जगह भाषण देकर के फौज में भर्ती होने के लिए स्थानीय लोगों को हवन किया तथा संदेश दिया ” तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा” । लेकिन द्वितीय विश्व युद्ध में जापान जर्मनी की हार के बाद उन्हें आजाद हिंद फौज को लौटाना पड़ा। इस प्रकार वे निश्चित लक्ष्य नहीं पा सके। 18 अगस्त 1945 को ताइपे ताइवान की भूमि पर उनका हवाई जहाज दुर्घटनाग्रस्त हो गया। उनके मारे जाने की खबर मिली पर यह विवादास्पद है कि उनकी मृत्यु कैसे हुई? Subhash Chandra Bose Biography Hindi

सुभाष चंद्र बोस की उपलब्धियां

  • सुभाष चंद्र बोस इंडियन सिविल सेवा परीक्षा में सफल चुने गए थे और उन्होंने उस में चौथा स्थान हासिल किया था।
  • साल 1938 से लेकर के साल 1939 में वे दो बार कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए थे।
  • ऑल इंडिया फॉरवर्ड पार्टी का गठन कर स्वतंत्रता संग्राम को उन्होंने गति दी थी।
  • भारत से ब्रिटिश साम्राज्य को बाहर निकाल फेंकने के लिए उन्होंने आजाद हिंद फौज का गठन किया था।
  • सुभाष चंद्र बोस का नाम नेताजी के नाम से भी काफी प्रसिद्ध है। जय हिंद का नारा उन्होंने दिया था तथा गांधीजी को सर्वप्रथम राष्ट्रपिता का करके सुभाष चंद्र बोस ने संबोधित किया था।
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