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What is Super Computer? सुपर कंप्यूटर क्या है?

आज के इस आधुनिक युग में हम सभी कंप्यूटर शब्द से अवगत तो अवश्य रूप से हैं। आज कंप्यूटर में हमारी जिंदगी को और अधिक आसान बना दिया है। घंटों के काम को हम मिनटों में कंप्यूटर की सहायता से करने में सक्षम होते हैं। आज के हमारे इस लेख में हम इस बारे में जानकारी इन लेंगे की What is Super Computer? सुपर कंप्यूटर क्या है? उसकी क्या विशेषता है? कीमत और इसका इतिहास क्या है?

वर्तमान समय में लगभग सभी लोग कंप्यूटर शब्द से अवगत होंगे। कंप्यूटर के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी तो आप सभी पाठक भी अवश्य रूप से रखते होंगे। कंप्यूटर के क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों को सुपर कंप्यूटर के बारे में अवश्य रूप से जानकारी होगी। की सुपर कंप्यूटर क्या होता है और उसका इस्तेमाल किन किन क्षेत्रों में किया जाता है। आज के हमारे इस लेख में हम आप सभी लोगों को सुपर कंप्यूटर के ऊपर ही विस्तृत जानकारी देने वाले हैं। हम अपने इस लेख में सुपर कंप्यूटर क्या होता है? इसकी कीमत, यह कैसे काम करती है?, किन-किन क्षेत्रों में सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल होता है इन सारे पहलुओं पर अपने इस लेख में बात करने वाले हैं।

What is Super Computer? सुपर कंप्यूटर क्या है?

हमें से ज्यादातर लोग जिस कंप्यूटर का इस्तेमाल अपने घरों में करते हैं वह एक साधारण कंप्यूटर है। यह साधारण सा कंप्यूटर हमारे निजी कार्य यह में काफी सहायता प्रदान करती है। हम अपने घर में इस्तेमाल होने वाले कंप्यूटर की सहायता से छोटे गणना करते हैं। एवं घरेलू चीजों के लिए ही इसका इस्तेमाल ज्यादातर किया जाता है।

एक छोटे कंप्यूटर की सहायता से आप वैज्ञानिक शोध एवं बड़े से बड़े संगठनों नेक कार्य ज्यादा तेजी से एवं पारदर्शिता के साथ नहीं कर सकते हैं। लेकिन, जब सुपर कंप्यूटर की बात आती है तो यहां कंप्यूटर आसानी से बड़ी से बड़ी गणितीय गणना करने में सक्षम होती है। सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल इसीलिए ज्यादातर शोध के क्षेत्र में किया जाता है।

बड़े-बड़े संगठन एवं रिसर्च इंस्टीट्यूट में इन्हीं सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल कई तरह के कार्यों को करने के लिए किया जाता है। एक सुपर कंप्यूटर मल्टीटास्किंग काम करने के साथ-साथ तू बता और शुद्धता पूर्ण तरीके से कार्य करने में सक्षम होती है।

एक सुपर कंप्यूटर साधारण कंप्यूटर की तुलना में अधिक शक्तिशाली प्रोसेसिंग के सिद्धांत के ऊपर कार्य करती है। एक सुपर कंप्यूटर में कई सारे काम एक साथ किए जा सकते हैं। किसी भी सुपर कंप्यूटर में अगर आपको एक कमांड देते हैं तो वहां सेकंड की स्पीड से भी कम स्पीड में यह कार्य करके दिखाता है। जिस वजह से इतना आ रही है बहुत ही तेज गति से एवं शुद्धता पूर्ण तरीके से होता है।

साधारण कंप्यूटर की तुलना में एक सुपर कंप्यूटर थोड़ा बड़ा होता है। ज्यादातर मामलों में सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल आमतौर पर बड़े-बड़े संगठन और वैज्ञानिक शोध एवं इंटरप्राइजेज द्वारा किया जाता है। सामान्य कंप्यूटर से तेजी से कार्य करने एवं शुद्धता पूर्ण तरीके से करने की विशेषताएं इसे सुपर कंप्यूटर का रूप प्रदान करती है।

सुपर कंप्यूटर का इतिहास क्या है? – History of Super Computer

जब हम कंप्यूटर के इतिहास को पलट कर के देखते हैं। तो हम यह पर जानकारी मिलती है कि कंप्यूटर का इतिहास काफी बड़ा एवं विकासशील रहा है। सीधे शब्दों में कहें तो किसी एक व्यक्ति के द्वारा इसे नहीं बनाया गया है कई लोगों के योगदान की वजह से कंप्यूटर का साधारण स्वरूप सुपर कंप्यूटर में तब्दील हुआ है।

इसलिए हम यह कह सकते हैं कि बहुत से लोगों के योगदान से ही इस अत्याधुनिक सुपर कंप्यूटर मशीनरी का अविष्कार होना संभव हो सका है। मगर जब बात एक कंप्यूटर की आती है तो सुपर कंप्यूटर के निर्माण में सबसे ज्यादा और महत्वपूर्ण योगदान सेयमोर क्रे द्वारा वर्ष 1925 से लेकर के वर्ष 1926 तक दिया जाता है। यही वजह है कि सेयमोर क्रे को कंप्यूटर का पिता भी कहा जाता है।

सुपर कंप्यूटर का मतलब ऐसे कंप्यूटर से है जो कि आधुनिक तकनीकों से लैस होता है, गन्ना शक्ति में सबसे तेज हो और 500 मेगा फ्लॉप्स की क्षमता से कार्य करता हो, जो डाटा को बहुत तेजी से प्रोसेस भी करता हो।

एक साधारण कंप्यूटर से बहुत आगे होता है इतना कि जिस काम को करने में साधारण कंप्यूटर सालों लगा देता है उन काम को सुपर कंप्यूटर सेकंड में कर सकने में सक्षम होते हैं।

सुपर कंप्यूटर वह काम करते हैं जहां पर बहुत अधिक पावर और तेज गति से बड़े गणितीय गणना करने की जरूरत होती है। यह साधारण कंप्यूटर की तरह एक समय में एक काम नहीं करते बल्कि एक समय में अनगिनत काम करते हैं क्योंकि यह सीरियल प्रोसेसिंग के जगह पर पैरेलल प्रोसेसिंग पर काम करने में सक्षम होते हैं।

सिगनल प्रोसेसिंग में एक काम को एक ही समय में किया जा सकता है। कुछ काम के खत्म होने के बाद ही दूसरा काम शुरू किया जा सकता है। लेकिन सुपर कंप्यूटर में सैकड़ों प्रोसेसर लगे होते हैं जो कि सैकड़ों में करोड़ों और गणना करने की क्षमता रखता है।

किसी भी सुपर कंप्यूटर की कीमत उसके FLOPS के गति के ऊपर निर्भर करती है। यानी कि अगर इसकी गति तेज होगी तो उसकी कीमत उतनी ही अधिक होती है।

तो चलिए फटाफट संक्षिप्त में, सुपर कंप्यूटर के इतिहास को हम जान लेते हैं।

  • सुपर कंप्यूटर सबसे पहले अस्तित्व में 1964 को आया था। वर्ष 1964 में पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी के जॉन मौचली और ज प्रेस्पर के द्वारा एक सामान्य उद्देश्य हेतु ANISC नाम की 25 मीटर लंबी और 30 टन वजनी सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया गया था। इसे दुनिया का पहला सुपर कंप्यूटर माना जाता है।
  • इसके बाद साल 1953 में IPL कंपनी के द्वारा एक डिफरेंस कैलकुलेटर कहे जाने वाले सामान्य उद्देश्य के साथ एक कंप्यूटर का निर्माण कराया गया। इसी के बाद दुनिया के कंप्यूटर में विगत कंपनी IBM द्वारा इंजीनियर जिन अम्दहल द्वारा IBM 704 सुपर कंप्यूटर बनाया गया। इस सुपर कंप्यूटर की गति 5k FLOPS के आसपास थी।
  • इसके बाद वर्ष 1956 में, IBM द्वारा ही एक प्रयोगशाला के लिए एक कंप्यूटर बनाया गया जिसका नाम स्ट्रेच रखा गया था। इस कंप्यूटर का इस्तेमाल शोध कार्य के लिए किया जाना था। इसे भी उसी पर कंप्यूटर का दर्जा दिया जाता है। सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया गया और यह करीब वर्ष 1964 तक दुनिया की सबसे तेज सुपर कंप्यूटर मानी जाती थी।
  • वर्ष 1957 में सीडीएस कंपनी के संस्थापक माननीय सीमोरे मैं एक सबसे तेज ट्रांजिस्टर यू हाई स्पीड परफॉर्मेंस पर कार्य करने वाली कंप्यूटर का निर्माण किया। इसके बाद उन्होंने सीरीज 1604 नामक एक सुपर कंप्यूटर को बना करके अन्य लोगों के सामने पेश किया। ठीक इसी के बाद साल 1964 में इस व्यक्ति ने सीरीज 6600 नाम की एक सुपर कंप्यूटर को बना करके संपूर्ण विश्व चौका दिया था। यह दुनिया में पहला ऐसा कंप्यूटर था जो कि IBM कंपनी के कंप्यूटरों को टक्कर दे सकती थी।
  • वर्ष 1972 में सीमोरे द्वारा कंट्रोल डाटा को छोड़ने के बाद एक सबसे बेहतरीन हाई एंड कंप्यूटर के निर्माण हेतु इन्होंने क्रे नामक एक रिसर्च सेंटर की स्थापना की।
  • इस रिसर्च सेंटर ने वर्ष 1976 मे क्रे -1 नाम तो सुपर कंप्यूटर बनाया जो कि सबसे ज्यादा तेज कंप्यूटर को विकसित करने का कार्य करती थी। इस कंप्यूटर की गति लगभग 160 M FLOPS के आसपास थी।
  • उसके बाद वर्ष 1979 में इस कंपनी ने एक दूसरा नया कंप्यूटर विकसित करने का कार्य किया। इस कंपनी ने क्रे -2 के नाम से सुपर कंप्यूटर में 8 सीपीयू के साथ 1.9 G FLOPS के पीठ के साथ एक नया कंप्यूटर बनाया था। इस कंप्यूटर में तारों की लंबाई 120 सेंटीमीटर से घटाकर के 41 सेंटीमीटर तक कर दी गई थी और यह भी सुपर कंप्यूटर के मुकाबले काफी ज्यादा तेज कार्य करने में सक्षम था।
  • वर्ष 1889 के आसपास सीमोर द्वारा क्रे नाम की कंपनी की शुरुआत की गई और इसी कंपनी ने CRAY -3 और CRAY – 4 नाम से दो और सुपर कंप्यूटर बनाएं।
  • वर्ष 1990 का वर्ष ऐसा व स्थान जब सुपर कंप्यूटर निर्माता कंपनियों के लिए काफी तंगी भरा साबित हुआ। पावरफुल आईआईएससी वर्क स्टेशन को पेश किया गया और जिन्हें सिलिकॉन ग्राफिक द्वारा डिजाइन किया गया था।
  • वर्ष 1993 में 166 वेक्टर प्रोसेसर के साथ Fujitsu numerical wind Tunnel के नाम से और एक सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया गया और यह अब तक का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर के मुकाबले ज्यादा ही तेज और सुपरफास्ट तरीके से कार्य करने में सक्षम था।
  • वर्ष 1994 में थिंकिंग मशीन ने खुद को दिवालिया घोषित कर दिया।
  • वर्ष 1995 में, CRAY कंप्यूटर में भी खुद को दिवालिया घोषित करने के 1 साल बाद फिर से सुपर कंप्यूटर के जनक कहे जाने वाले सीमोरे का स्वर्गवास हो गया। सिलसिले कौन ग्राफिक्स में क्रे रिसर्च को अपने अधीन कर लिया।
  • वर्ष 1997 में इंटेल कंपनी पेटीएम प्रोसेसर द्वारा एक सुपर कंप्यूटर का निर्माण किया और फिर संध्या राष्ट्रीय प्रयोगशाला द्वारा दुनिया का सबसे तेज TFLops की स्पीड से चलने वाला सुपर कंप्यूटर बना करके इन लोगों के सामने पेश किया।
  • वर्ष 2008 में, CRAY रिसर्च और Oak राष्ट्रीय प्रयोगशाला द्वारा जो द्वार सुपरकंप्यूटर दुनिया का सबसे पहला PFlops की गति से चलने वाला सुपर कंप्यूटर विकसित किया गया। बाद में सुपर कंप्यूटर निर्माण के क्षेत्र में जापान और चीन की दिग्गज कंपनियों ने इसे पछाड़ दिया।
  • साल 2011 से लेकर के साल 2013 जैगवार कंप्यूटर को अपग्रेड करके टाइटन सुपर कंप्यूटर का नाम दे दिया गया। उस दौरान तक टाइटन सुपर कंप्यूटर दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर था। इसके बाद सुपर कंप्यूटर के क्षेत्र में चीन के एक सुपर कंप्यूटर Tianhe -2 ने इसका रिकॉर्ड तोड़ते हुए सबसे तेज सुपर कंप्यूटर में अपना नाम दर्ज किया था।
  • साल 2018 के जून महीने तक Oak ridge कंपनी द्वारा आईबीएम सम्मिट 200-petaflop के नाम से एक सुपर कंप्यूटर ने बनाया गया जो अब तक का दुनिया का सबसे तेज सुपर कंप्यूटर माना जाता है। सुपर कंप्यूटर की दुनिया में यहां कंप्यूटर वर्तमान समय में प्रथम स्थान पर है।

सुपर कंप्यूटर की परिभाषा

सुपर कंप्यूटर को हम किस तरह से परिभाषित कर पाएंगे? किसी भी कंप्यूटर को हम साधारण तौर पर इस तरह से परिभाषित करते हैं कि यह एक ऐसी मशीन है जो डाटा इनपुट ले करके उसे प्रोसेस करते हुए यूजर को आउटपुट डाटा प्रदान करती है।

छोटे तौर पर यह परिभाषा छोटे कंप्यूटर के लिए सही साबित होती है। वहीं अगर हम बात करें कि सुपर कंप्यूटर की तो इसका उपयोग वहां पर लाया जाता है जहां पर काम को वास्तविक काल में पूरा करना होता था कंप्यूटर को ज्यादा पावर की जरूरत होती है। सुपर कंप्यूटर बड़े बड़े कामों को नियमित रूप से और तीव्रता और शुद्धता के साथ करने में सक्षम होते हैं।

सुपर कंप्यूटर को हिंदी में महासंगणक कहा जाता हैवही सुपर कंप्यूटर में सीरियल प्रोसेसिंग की जगह पैरेलल प्रोसेसिंग का इस्तेमाल किया जाता है जिसके वजह से यह कंप्यूटर एक समय में अनेकों कार्य करने में सक्षम होता है।

वही एक साधारण कंप्यूटर की तुलना की जाए तो वह एक समय में एक ही कार्य करने में सक्षम होता है क्योंकि उनमें सीरियल प्रोसेसिंग का इस्तेमाल होता है। एक सुपर कंप्यूटर में हजारों प्रोसेसर लगे हुए होते हैं।

यह सुपर कंप्यूटर पैरेलल प्रोसेसिंग का उपयोग करते हुए हर एक कार्य को अलग-अलग हिस्सों में बांट कर सभी माइक्रो प्रोसेसर एक ही समय में बड़े ही तेजी के साथ एक साथ किसी कार्य को पूरा करते हैं।

यह सुपर कंप्यूटर प्रति सेकंड 1000000000(1 अरब) गणना करने में सक्षम होता है। सुपर कंप्यूटर द्वारा की जाने वाली गणना को FLOPS (Floating Point Operation Per Second) मे किया जाता है।

किसी भी सुपर कंप्यूटर की कीमत घरेलू कंप्यूटर से कहीं ज्यादा होती है तथा यहां चार में भी एक सामान्य कंप्यूटर की तुलना में बहुत बड़े होते हैं। इसे ही सुपर कंप्यूटर कहां जाता है। ऊपर दिए गए उदाहरण के आधार पर आपको यह समझ में आ गया होगा कि सुपर कंप्यूटर क्या है? और हम इसे किस तरह से परिभाषित कर सकते हैं?

सुपर कंप्यूटर में पैरेलल प्रोसेसिंग क्या होती है? What is Parallel Processing in Super Computer?

हमें ऊपर आपको इस बारे में जानकारी दी है कि आप किस तरह से किसी भी सुपर कंप्यूटर को परिभाषित कर पाएंगे। हमारे घरों में इस्तेमाल होने वाले अधिकतर घरेलू कंप्यूटर में सीरियल प्रोसेसिंग (Serial Processing) का इस्तेमाल किया जाता है। इस तरह के कंप्यूटर एक वक्त में केवल एक ही काम को कर सकने में सक्षम होते हैं।

लेकिन, जब सुपर कंप्यूटर की बात आती है तो सुपर कंप्यूटर पैरेलल प्रोसेसिंग पर आधारित होता है। इसका मतलब यह है कि यहां मल्टीटास्किंग काम को अंजाम दे सकता है। जब हम कोई कमांड का सुपर कंप्यूटर में देते हैं तो इसमें कई सारे प्रोसेसर लगे हुए होते हैं यह प्रत्येक प्रोसेसर को कार्य को बांट देता है। जैसे कि आप किसे पैरेलल प्रोसेसिंग सीरीज बनती है। जिससे कि कंप्यूटर काफी अधिक तेज गति से इसकी गणना करके इसके परिणाम को आउटपुट डाटा के रूप में आपके सामने प्रस्तुत करने में सक्षम होता है।

सुपर कंप्यूटर का उपयोग किन क्षेत्रों में किया जाता है?

अगर हम बात करें सुपर कंप्यूटर के उपयोग की तो जैसे कि आपने ऊपर जाना है कि कैसे सुपर कंप्यूटर बड़े से बड़े कार्यों को निश्चित समय में एवं एकदम शुद्धता के साथ करने में सक्षम होते हैं।

सुपर कंप्यूटर की इसी क्षमता एवं काबिलियत की वजह से इसका उपयोग ऐसे कार्यों के लिए किया जाता है जहां पर बड़े से बड़े गणना करने की आवश्यकता होती है। इसके लिए सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल वैज्ञानिक शोध कार्य और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में किया जाता है।

इसके अलावा सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल बड़े-बड़े सरवर (Servers) का प्रबंधन करने के लिए एवं मौसम संबंधी भविष्यवाणी करने के लिए भी किया जाता है। इन उदाहरणों द्वारा हम यह समझ सकते हैं कि सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल उन क्षेत्रों में किया जाता है जहां किसी भी तरह की गणना को करने के लिए सटीकता एवं तेजी की आवश्यकता होती है। जैसे किसी भी परमाणु से जुड़े मशीनों इत्यादि में।

सुपर कंप्यूटर में किस तरह के ऑपरेटिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है?

जब पहली बार सुपर कंप्यूटर बनाया गया था। उस समय सुपर कंप्यूटर में UNIX Operating System का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन, जैसे-जैसे सुपर कंप्यूटर में विकास किया गया वैसे वैसे इसका ऑपरेटिंग सिस्टम भी बदलता गया। वर्तमान समय में ज्यादातर सुपर कंप्यूटर में Linux, CentOS, BULLX, Operating system का इस्तेमाल होता है।

ऐसा इसलिए क्योंकि ज्यादातर सुपर कंप्यूटर वैज्ञानिक समस्या एवं वैज्ञानिक गणितीय समस्याओं को समाधान करने के लिए किए जाते हैं। वहीं अगर हम बात करें कि इसमें किस तरह के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल होता है। किसी भी सुपर कंप्यूटर में प्रोग्रामिंग लैंग्वेज लिखने के लिए Fortran, C , C++ जैसे प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का इस्तेमाल किया जाता है।

दुनिया के सबसे तेज सुपर कंप्यूटर कौन कौन से हैं?

हम यहां पर आप सभी लोगों को इस बारे में जानकारी देंगे कि दुनिया के 5 सबसे तेज सुपर कंप्यूटर कौन कौन से हैं? जिनके बारे में आपको जानकारी रखना भी जरूरी है। हमारी यह सूची में बदलाव हो सकता है, ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि आज का हमारा यह आधुनिक युग कंप्यूटर के क्षेत्र में लगातार विकासशील है। यानी कि कंप्यूटर एवं प्रौद्योगिकी की दुनिया में लगातार नए शोध किए जा रहे हैं एवं लगातार नया सुपर कंप्यूटर बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

  1. Sunway Taihulight (China)
  2. Tianhe-2 (China)
  3. Piz Daint (Switzerland)
  4. Gyoukou (Japan)
  5. Titan (United State)

भारत के सुपर कंप्यूटर के नाम कौन-कौन से हैं?

हमारे देश में भी सुपर कंप्यूटर का निर्माण वर्ष 1991 में किया गया और हमारे देश के पहले सुपर कंप्यूटर का नाम परम 8000 है। आज भी हमारे देश में कुछ सुपरकंप्यूटर हैं, जिनका इस्तेमाल शोध संस्थानों और सुरक्षा प्रशिक्षण केंद्र में इनका इस्तेमाल हो रहा है। तो चलिए जानते हैं भारत के पांच सुपर कंप्यूटर कौन कौन से हैं इनके बारे में।

  1. Sahasra T (Cray xc40)
  2. Aaditya (IBM/Lenova System)
  3. TIFR COLOUR BASON
  4. IIT DELHI HPC
  5. Param Yuva 2

सुपर कंप्यूटर की क्या-क्या विशेषताएं होती है?

जैसा कि साधारण कंप्यूटर की तुलना में सुपर कंप्यूटर कार्य करने में अधिक तेज एवं अधिक सटीकता से करते हैं। इस तरह से देखा जाए तो सुपर कंप्यूटर आम कंप्यूटर की तुलना में किसी भी कार्य को करने के लिए अधिक सक्षम होते हैं। इनकी गणना 99.9% तक शुद्ध होती है। इस तरह से देखा जाए तो उस सुपर कंप्यूटर की बहुत सी विशेषताएं होती है। जिनके बारे में हम नीचे बतला रहे हैं।

  • सुपर कंप्यूटर आम कंप्यूटर की तुलना में बहुत बड़े होते हैं। इस वजह से इसे रखने के लिए एक बड़े स्थान की आवश्यकता होती है। इसके साथ में बहुत सारे प्रोसेसर लगे हुए होते हैं। जिस वजह से इनका वजन भी काफी अधिक होता है।
  • सुपर कंप्यूटर की कार्य करने की क्षमता काफी तेज सटीक होती है और यहां सैकड़ों हजारों मनुष्य के कार्यों को केवल चंद सेकंड में पूरा करने की क्षमता रखता है।
  • सुपर कंप्यूटर की सहायता से आप जटिल से जटिल गणितीय गणना, वैज्ञानिक समीकरण एवं 3D ग्राफिक्स जैसे कठिन से कठिन कार्यों को आसानी एवं तीव्रता के साथ करने में सक्षम होते हैं।
  • सुपर कंप्यूटर एक साथ कई सारे यूजर मल्टी टास्किंग कार्यों को करने में भी सक्षम होती है।
  • एक साधारण कंप्यूटर के मुकाबले सुपर कंप्यूटर का नाम बहुत ज्यादा होता है और इसे एक व्यक्ति विशेष को खरीद पाना असंभव के बराबर है।
  • इसकी उपयोगिता और दाम के आधार पर ही शायद अब तक कुछ कंप्यूटर सुपर कंप्यूटर के नाम से जाने जाते हैं।
  • किसी सुपर कंप्यूटर में बहुत सारे सीपीयू एक साथ कार्य करने में सक्षम होते हैं और यहां सारे नंद प्रोसेसिंग के आधार पर काम करती है। जिसकी वजह से सुपर कंप्यूटर की स्पीड काफी तेज होती है।
  • सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल आप एक अलग अलग ग्रुप के साथ कर सकते हैं।
  • सुपर कंप्यूटर की देखभाल देखरेख करने के लिए बहुत सारे लोगों की आवश्यकता पड़ती है और सुपर कंप्यूटर का ध्यान बहुत ही बारिक तरीके से रखा जाता है।
  • सुपर कंप्यूटर को आप एक अलग तरह का कंप्यूटर मान सकते हैं। जो आम कंप्यूटर की तुलना में बड़ा एवं काफी तेज होता है।
  • सुपर कंप्यूटर को ठंडा रखने के लिए कई हजारों गैलन पानी का इस्तेमाल करना पड़ सकता है।
  • आज के समय में एवं पहले से ही सुपर कंप्यूटर केवल कुछ विशेष स्थानों में पाए जाते हैं।जैसे कि वैज्ञानिक संस्थान, शोध क्षेत्र, मेडिकल रिसर्च एवं प्रयोगशाला आदि में। सुपर कंप्यूटर का इस्तेमाल एक साधारण से स्थान पर करना आम इंसान के बजट के बिल्कुल बाहर है।

 

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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