What is Working Capital? कार्यशील पूंजी क्या होती है? वर्किंग कैपिटल क्या होता है? वर्किंग कैपिटल किसी भी व्यापार में लगने वाला वह पूंजी होता है जो उस बिजनेस के दैनिक कार्य के लिए जरूरी होता है।
वर्किंग कैपिटल को समझने के लिए हम इसे साधारण शब्द में ऐसे समझ सकते हैं। वर्किंग कैपिटल (Working Capital) किसी भी बिज़नस या व्यापार से जुड़ा वह पूंजी होता है, जिससे कि कोई भी व्यापार या बिजनेस बिना किसी रूकावट के चलाएं चलाई जा सकती है। बिजनेस को सही तरह से बिना किसी रूकावट के लगातार चलाने के लिए जो पूंजी की आवश्यकता होती है उसे हम कार्यशील पूंजी (Working Capital) कहते हैं।
किसी भी बिजनेस के लिए वर्किंग कैपिटल के अंतर्गत निम्नलिखित चीजें आती है। जैसे कि :- माल खरीदने के लिए लगने वाला खर्च, कर्मचारियों का वेतन, दुकान या ऑफिस का किराया इत्यादि।
यानी कि किसी भी बिजनेस को चलाने के लिए दैनिक खर्चा से निपटने के लिए वर्किंग कैपिटल या कार्यशील पूंजी की आवश्यकता होती है।
किसी भी व्यापारी या बिजनेस में कार्यशील पूंजी का क्या महत्व होता है?
जैसा कि हमने ऊपर आप लोगों को यह जानकारी दी है कि वर्किंग कैपिटल या कार्यशील पूंजी वह पूंजी होता है जिससे कोई भी कंपनी अपने दैनिक काम को पूरा करती है और जिसके कारण व्यापार या बिजनेस बिना किसी खास समस्या के चलता रहता है। इससे ज्यादा स्पष्ट हो जाता है कि किसी भी बिजनेस को चलाने के लिए वर्किंग कैपिटल का महत्व बहुत ज्यादा होता है।
कोई भी व्यापार या बिजनेस चाहे वह छोटा हो या बड़ा हो उसे चलाने के लिए वर्किंग कैपिटल (Working Capital) की आवश्यकता तो पड़ती ही है। एक अनुभवी बिजनेसमैन कार्यशील पूंजी की महत्वता को अच्छी तरह से समझता है। इस बात का हमेशा ध्यान रखता है कि उसके व्यापार में वर्किंग कैपिटल से संबंधित कोई भी समस्या पैदा ना हो।
इस तरह वर्किंग कैपिटल या कार्यशील पूंजी को अपने व्यापार में बनाए रखने के लिए बहुत से बिजनेसमैन बैंक से Trade Loan लेते हैं। ट्रेड लोन के अंतर्गत वर्किंग कैपिटल लोन भी दी जाती है।
- Types Of Business Loan – बिजनेस लोन के प्रकार, यहां पर क्लिक करके पढ़ सकते हैं।
किसी भी बिजनेस में वर्किंग कैपिटल में कमी आने से किसी भी व्यापार पर बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है। जिसकी वजह से वह बिजनेस को चला पाना संभव नहीं हो पाता है।
वर्किंग कैपिटल में कमी से होने वाले नुकसान
जैसा कि हमने ऊपर इस बारे में बताया है कि किसी भी व्यापार को अच्छी तरह से चलाने के लिए कार्यशील पूंजी या वर्किंग कैपिटल की आवश्यकता होती है।
अगर वर्किंग कैपिटल या कार्यशील पूंजी की कमी हो जाए तो किसी भी बिजनेस को दैनिक कार्यों से लेकर के उसे चलाने तक में कठिनाई होने लगती है।
वर्किंग कैपिटल में कमी होने से बिजनेस तो अच्छी तरह से चलेगा नहीं, साथ ही वह अपने कर्मचारियों को वेतन भी नहीं दे पाएगा और ना ही जरूरी खर्चों को समय पर पूरा कर पाता है। जैसे कि किराया, व्यापार में लगे मशीनों का मेंटेनेंस, बिजली बिल, इत्यादि।
नतीजतन वह बिजनेस जल्दी बड़ी मुसीबत में फंस जाता है। इस तरह की स्थिति उत्पन्न होने पर बिजनेस सही तरीके से नहीं चलता। कर्मचारियों को वेतन का भुगतान नहीं करने पर कर्मचारी कंपनी छोड़ कर के जाने लगते हैं। जिसका असर कंपनी के प्रोडक्टिविटी (Productivity) यानी कि उत्पादन क्षमता पर पड़ता है। इसके साथ ही कई बार तो कंपनी बंद करने तक की समस्या आ जाती है।
वर्किंग कैपिटल या कार्यशील पूंजी की कमी को दूर कैसे किया जाए?
कोई भी अच्छा बिजनेसमैन या व्यापारी वर्किंग कैपिटल की महत्वता को अच्छी तरह से समझता है। इसलिए वह एक नियोजित तरीके से वर्किंग कैपिटल या कार्यशील पूंजी की कमी को दूर करने के लिए प्रबंधन करता है। वर्किंग कैपिटल की कमी को पूरा करने के लिए कुछ नियम तरह के उपाय किए जाते हैं:-
- रिजर्व फंड की व्यवस्था (Management of Reserve Fund) – कोई भी व्यापारी या बिजनेसमैन अपने मुनाफे से कुछ हिस्सा रिजर्व फंड के रूप में जमा करके रखता है। ताकि खर्च अधिक बढ़ जाने पर वह इन पैसों को वर्किंग कैपिटल पर इस्तेमाल कर सके।
- नकदी प्रबंधन (Cash Flow Management) – किसी भी व्यापार में नकदी प्रबंधन बहुत ही जरूरी होता है। जिससे कि उस व्यापार में नकदी – Cash Flow बनी रहती है। उदाहरण के लिए यदि कोई व्यापारी कच्चे माल से किसी प्रकार का सम्मान बनाता है, उस सामान को वह बाजार में ग्राहकों को बेचता है जिससे उसे पूंजी और लाभ मिलता है। इस पूंजी में से वह अपना वर्किंग कैपिटल या कार्यशील पूंजी निकालता है। इस तरह से उसके व्यापार में नकदी प्रबंधन – Cash Flow बनी रहती है।
- प्रॉपर फंड प्लैनिंग – कंपनी को अपने देने की जा सकता हिक या मासिक खर्चों का सही सही आंकलन करके उसके लिए पहले से ही एडवांस में फंड यह प्लानिंग की व्यवस्था कर लेना चाहिए। ताकि कभी भी वर्किंग कैपिटल की कमी से निपटा जा सके।
निष्कर्ष
आज के हमारे इस लेख में आपने क्या सीखा? आज के हमारे इस लेख में हमने आप लोगों को यह बताया है कि What is Working Capital? कार्यशील पूंजी क्या होती है? इसके अलावा हमने अपने इस लेख में यह जानकारी भी दी है कि किसी भी बिजनेस को चलाने के लिए वर्किंग कैपिटल या कार्यशील पूंजी की आवश्यकता क्यों होती है? वर्किंग कैपिटल में कमी होने से किसी भी बिजनेस पर क्या प्रभाव पड़ सकता है? इसके साथ ही हमने आप लोगों को यह जानकारी भी उपलब्ध कराई है कि वर्किंग कैपिटल की कमी से कैसे बचा जा सकता है।
आज के हमारे लिए इस लेख से अगर आपके कुछ सवाल एवं सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके बता सकते हैं।