Types of Business Loan – बिजनेस लोन कितने प्रकार के होते हैं?

Types of Business Loan – बिजनेस लोन कितने प्रकार के होते हैं? अगर आप एक व्यापारी हैं तो आपने भी विभिन्न बैंकों में बिजनेस लोन के लिए अप्लाई किया होगा? बिजनेस लोन के प्रकार की बात करें, तो कई प्रकार के बिजनेस लोन होते हैं।

जैसा कि हम जानते हैं कि बिजनेस चाहे वह छोटा हो या बड़ा लेकिन इसे हमेशा फंड यानी धन की आवश्यकता होती ही है। बिजनेसमैन या व्यापारी इस धन की आवश्यकता को पूरा करने के लिए या तो अपने परिवारिक सदस्यों से पैसे लेते हैं या फिर किसी बैंक से लोन लेते हैं।

हर बिजनेस के लिए फंड की आवश्यकता तो होती ही है। यह पैसा कितना होगा या इस बात पर निर्भर करता है कि वह बिजनेस का आकार कितना बड़ा है। एक साधारण व्यापारी एक छोटे से बिजनेस से शुरुआत करता है और धीरे-धीरे उसे एक बड़े बिजनेस के रूप में आकार देता है। इसलिए हमें किसी भी बिजनेस को स्टार्ट करने के लिए धन की आवश्यकता तो होती ही है।

आज के हमारे इस लेख में हम यह जानेंगे कि, Types of Business Loan – बिजनेस लोन कितने प्रकार के होते हैं?

किसी भी व्यापारी को बिजनेस के लिए कितने पैसों की आवश्यकता है यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि उसका व्यवसाय की प्रकृति क्या है? क्या यह अधिक पूंजी गहन व्यवसाय है और इसकी विकास की अवस्था क्या रहने वाली है। आमतौर पर किसी भी बिजनेस को पूंजी की आवश्यकता सबसे अधिक तब होती है जब उसका बिज़नेस आगे बढ़ रहा हो। यानी कि सीधे शब्दों में कहें तो उसके बिजनेस में ग्रोथ (Growth) हो।

ऐसे में किसी भी व्यापारी या उद्यमी बिजनेसमैन को लोन के प्रकार के बारे में जानकारी होना जरूरी होता है। इसलिए आज के हमारे इस लेख में हम बिजनेस लोन कितने प्रकार के होते हैं? इस बारे में चर्चा करने वाले हैं।

Types of Business Loan – बिजनेस लोन कितने प्रकार के होते हैं?

भारत जैसे देश में, बिजनेस लोन के प्रकार बहुत सारे हैं। लेकिन प्रमुख रूप से किसी भी बिजनेस के लिए लोन को हम दो प्रकारों में वर्गीकृत कर सकते हैं :-

  1. प्रोफेशनल ऋण – Professional Loan
  2. व्यापार के लिए ऋण – Trade Loan

हालांकि, प्रोफेशनल लोन और व्यापार के लिए लिया गया लोन दोनों ही सुरक्षित या असुरक्षित हो सकते हैं। इसी के अंतर्गत शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कुछ भी हो सकते हैं। हम इनके बारे में आगे विस्तार से जानकारी लेंगे।

1. प्रोफेशनल ऋण – Professional Loan

प्रोफेशनल (Professional) शब्द से आपने यह अंदाजा तो लगा लिया होगा कि इस तरह का लोन ऐसे व्यक्तियों को दिया जाता है जो पेशेवर रूप से किसी एक विशेष प्रकार के बिजनेस से जुड़े हुए होते हैं। ऐसे व्यक्ति जो अपना बिजनेस स्थापित करना चाहते हैं। और साथ में उस क्षेत्र से डिग्री उन्हें प्राप्त होती है। जैसे कि डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील इत्यादि। इन क्षेत्रों से जुड़े लोगों को प्रोफेशनल लोन या पेशेवर लोन दिया जाता है। कोई भी वित्तीय संस्थान प्रोफेशनल लोन देने से पहले संबंधित व्यक्ति की क्रेडिट हिस्ट्री को ध्यान में रखकर के देती है।

वहीं कई ऐसे मामले में भी बैंक प्रोफेशनल लोन देने से पहले किसी प्रकार के कॉलेटरल के तौर पर गैर कृषि भूमि, राष्ट्रीय बचत प्रमाण पत्र, जीवन बीमा पॉलिसी, सरकारी बॉन्ड इत्यादि चीजों को कॉलेटरल के रूप में रखती है। कॉलेटरल का हिंदी अर्थ बंधक बनाके रखना होता है। आमतौर पर बंधक के लिए कोई भी वित्तीय संस्थान कॉलेटरल के रूप में किसी भी चीज को तब रखती है जबकि लोन की राशि 15 से 20 लाख या उससे अधिक की हो।

प्रोफेशनल लोन लेने के लिए कौन कौन से डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है?

प्रोफेशनल लोन या पेशेवर लोन लेने के लिए आपको वित्तीय संस्थान जैसे कि बैंक निम्नलिखित डॉक्यूमेंट मांग सकते हैं:-

  • आपके बिजनेस से संबंधित पिछले 2 साल की बैलेंस शीट एवं इनकम टैक्स रिटर्न
  • अगर आपका बिजनेस स्थापित है तो आपसे सर्टिफिकेट आफ इनकॉरपोरेशन, बिजनेस पैन कार्ड की फोटो कॉपी, पता प्रमाण एवं ऐसे दस्तावेज जो यह प्रमाणित करते हैं कि बिजनेस का मालिक ऋण लेने वाला व्यक्ति ही है।
  • यदि बिजनेस के लिए लिए जाने वाला लोन की पूंजी अधिक है तो कॉलेटरल के तौर पर संपत्ति के दस्तावेज मांगे जा सकते हैं।
  • बिजनेस के मालिक से पिछले 12 महीनों का व्यक्तिगत विवरण जिसमें बैंक स्टेटमेंट, सिबिल स्कोर (CIBIL Score) इत्यादि शामिल होते हैं।
  • व्यापार की विस्तार करने की योजना।

2. व्यापार के लिए ऋण – Trade Loan

व्यापार के लिए लोन ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो कि अकेले स्वामित्व वाले कंपनी का मालिक है। या पार्टनरशिप फर्म, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इत्यादि भी आवेदन दे सकते हैं। सीधे शब्दों में कहें तो कोई भी विद्या संस्थान ऐसे व्यक्तिगत स्वामित्व वाली कंपनी को ऋण देती है। व्यापार के लिए दिए जाने वाले लोगों को आप 3 भाग में वर्गीकृत कर सकते हैं :-

  • ओवरड्राफ्ट ऋण – Overdraft Loan
  • कार्यशील पूंजी ऋण – Working Capital Loan
  • टर्म लोन – Term Loan

ओवरड्राफ्ट ऋण – Overdraft Loan – इस तरह का लोन ज्यादातर कोई भी वित्तीय संस्थान कॉलेटरल या सिक्योरिटी रख कर के जारी करती है। ज्यादातर वित्तीय संस्थान इस तरह का ओवरड्राफ्ट लोन किसी फिक्स डिपाजिट को कॉलेटरल मेरा करके देती है।

इस तरह का लोन देने से पहले वित्तीय संस्थान संबंधित व्यक्ति या कंपनी की क्रेडिट हिस्ट्री (Credit History), Cash flow, बैंक के साथ संबंध और पुनर भुगतान के इतिहास के आधार पर एक निश्चित ओवरड्राफ्ट सीमा के लिए ऋण प्रदान करती है। बैंक द्वारा स्वीकृत सीमा के आधार पर उद्यमी ओवरड्राफ्ट राशि का इस्तेमाल कर सकता है। और इस्तेमाल में लाई गई राशि पर बैंक द्वारा ब्याज लगाया जाता है।

कार्यशील पूंजी ऋण लेना – Working Capital Loan – इस तरह की लोन किसी भी बिजनेस को चलाने यानी कि नियमित कार्यशील पूंजी के तौर पर दी जाती है। इस तरह का ऋण देने से पहले कोई भी वित्तीय संस्थान कॉलेटरल या बंधक के तौर पर कुछ संपत्ति बंधक रख कर के जारी करती है।

वही इस इस लोन की तुलना ओवरड्राफ्ट लोन से की जाए तो इसमें किसी भी लोन लेने वाले व्यक्ति को कम ब्याज देना पड़ता है। इस प्रकार के रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज पूरी राशि पर ना लगा कर के, उपयोग की गई राशि पर ही लिया जाता है।

बैंक द्वारा दिए गए कार्यशील पूंजी लोन (Working Capital Loan) एक लिमिट के साथ भी जाती है। या लिमिट एक निश्चित अवधि के बाद समाप्त हो जाता है जिसे फिर से रिनुअल कराना होता है। इस तरह के लोन में दी गई राशि का उपयोग एक निश्चित उद्देश्य के लिए ही किया जाता है। यानी कि किसी भी बिजनेस को चलाने के लिए ही इस तरह के लोन का इस्तेमाल किया जाता है। बैग इस प्रकार के लोन की पूरी निगरानी और नियंत्रण रखते हैं।

अगर कोई व्यापारी या उद्योग बैंकों द्वारा स्थापित किए गए मानक और मानदंडों के अनुसार इस तरह के लोन का उपयोग नहीं करता तो बैंक के पास उस लोन को रद्द करने का भी अधिकार होता है। यही कारण है कि अन्य तरह के लोन की तुलना में बैंक व्यापारी और उद्योग को इस तरह का ऋण देने में अधिक सजता महसूस करती है। ताकि बिजनेस का संपूर्ण याहू वित्तीय लेखा-जोखा उनके नियंत्रण में हो और किसी भी व्यापारी के डिफॉल्टर होने की संभावना भी कम होती है।

टर्म लोन (Term Loan) – टर्म लोन एक स्टैंडर्ड लोन होता है जिस पर इस्तेमाल कोई भी व्यापारी एवं व्यक्ति अपने व्यक्तिगत एवं व्यवसायिक तौर पर कर सकता है।

सीधे शब्दों में करे तो कोई भी लोन लेने वाला व्यक्ति इस तरह के लोन का उपयोग व्यक्तिगत एवं व्यवसाय के दोनों उद्देश्य की पूर्ति के लिए करता है। टर्म लोन के अंतर्गत बैंक द्वारा स्वीकृत राशि व्यापारी या व्यक्ति के संबंधित बचत खाते में संपूर्ण राशि वितरण (disbursement) की जाती है। टर्म लोन पर पूरी स्वीकृत राशि पर ब्याज देना होता है।

बैंकिंग क्षेत्र में टर्म लोन को विदेशी मुद्रा भी कहा जाता है। ज्यादातर मामलों में इस तरह का लोन ऐसे कंपनी और व्यक्तिगत लोगों को दिया जाता है जो निर्यात संबंधी उद्योग से जुड़े हुए होते हैं। और जिन्हें अलग-अलग मुद्राओं (Currencies) पर लेनदेन करना होता है।

निष्कर्ष

आज के हमारे इस लेख में आपने क्या सीखा? आज के हमारे इस लेख में हमने अपने पाठकों को इस बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है कि Types of Business Loan – बिजनेस लोन कितने प्रकार के होते हैं? इसके अलावा हमने अपने इस लेख में इस बारे में भी जानकारी दी है कि आप लोन के लिए आवेदन कैसे कर सकते हैं।

बिजनेस लोन में दिए जाने वाला लोन को कितने प्रकार में वर्गीकृत किया जाता है। बिजनेस के प्रकृति के आधार पर लोन के प्रकार को वर्गीकृत किया गया है। अगर आपको इससे संबंधित कुछ सवाल एवं सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके बता सकते हैं।

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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