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क्या होगा अगर आप अपना होम लोन नहीं चुका पाते हैं?

यह एक ऐसा सवाल है जो हर किसी व्यक्ति के मन में सबसे पहले आता है जब वह अपने लिए सपनों का घर बनाने के लिए होम लोन लेता है? क्या आप जानते हैं जब आप अपना होम लोन चुकाने में असमर्थ होते हैं तो क्या होता है? What happens when you are not able to repay your home loan? क्या होगा अगर आप अपना होम लोन नहीं चुका पाते हैं?

इसके साथ ही आपके मन में यह भी सवाल आता है कि कितने छूटे हुए EMI के बाद ऋण दाता आपकी संपत्ति पर कब्जा कर सकता है और आपको आपके घर से बाहर निकाल सकता है? इसके साथ ही एक उपभोक्ता होने के नाते आप के क्या अधिकार है और इसमें कोर्ट की क्या प्रक्रिया है? इस बारे में आज के हमारे इस लेख में हम विस्तार से जानकारी लेंगे।

यदि कोई व्यक्ति होम लोन के साथ अपना घर खरीदता है, या फिर वह अपनी जमीन पर अपने सपनों का महल खड़ा करता है। तब वह काफी उत्साहित होता है क्योंकि हम अपने सपनों के घर के मालिक बनने जा रहे होते हैं। हमें अपना भविष्य उज्जवल दिखता है। लेकिन जीवन की वास्तविकता यह है कि कई घर मालिक हैं जो अपने जीवन में वित्तीय कठिनाइयों का सामना करते हैं। नौकरी छूटने, दुर्घटनाओं, चिकित्सा समस्याओं के कारण वे कई महीने तक अपने होम लोन की EMI का भुगतान नहीं कर पाते हैं। अंतर ऐसी स्थिति में आ जाते हैं जब वे अपने होम लोन को चुकता करने में असमर्थ होते हैं।

इन सारे सवालों के जवाब आज के हमारे इस लेख में हम देने वाले हैं। इसके साथ ही हम अपने इस लेख में यह जानेंगे कि क्या होगा अगर आप अपना होम लोन नहीं चुका पाते हैं? एक उपभोक्ता होने के नाते आपका क्या अधिकार है? इन सारी चीजों के ऊपर हम विस्तार से जानकारी लेंगे।

What happens when you are not able to repay your home loan? क्या होगा अगर आप अपना होम लोन नहीं चुका पाते हैं?

क्या होगा अगर आप 3 महीनों तक अपने होम लोन की ईएमआई जमा नहीं करते हैं?

कई बार ऐसा होता है कि आप किसी कारण से अपने होम लोन की ईएमआई दो-तीन महीने नहीं देते हैं। ऐसे में बैंक आपको इसके बारे में रिमाइंडर देगा या छूटे हुए ईएमआई को अगले महीने वापस भुगतान करने के लिए एक छोटी सी चेतावनी देगा। लेकिन अगर आप लगातार तीन महीनों तक यह माई का भुगतान करने से चूक जाते हैं। तो यह एक बहुत बड़ा रेड सिग्नल है और इस बिंदु पर आपके रिन खाते को ऋण दाता की खाते में एनपीए (NPA) के रूप में चिन्हित किया जाएगा।

यह एक गंभीर स्थिति है, बैंक आप को डिफाल्टर के रूप में चिन्हित करेगा और बैंक आपको इसके बारे में एक नोटिस भेजेगा। ऐसी स्थिति में आप सुनिश्चित करें कि आपका बैंक नोटिस को अनदेखा नहीं करते हैं और उन्हें अपनी स्थिति के बारे में बताते हुए उन्हें जवाब देते हैं और कारण बताते हैं कि आपने यह EMI का भुगतान क्यों नहीं किया, यदि आपको अपना क्रिकेट स्कोर बनाए रखना है तो आप अपना वास्तविक कारण बता सकते हैं। तो संभावना है कि ऋण दाता जैसे कि बैंक आपको पुनर भुगतान के लिए कुछ छूट अवधि दे सकता है।

अगर आप ऐसा करते हैं तो आपके CIBIL रिपोर्ट पर इसका नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। क्योंकि आप डिफाल्टर के रूप में चिन्हित किए जाते हैं।

बैंक द्वारा नोटिस भेजने के 60 दिन बाद

बैंक द्वारा नोटिस भेजने के बाद अगर आप इसका कुछ जवाब नहीं देते हैं। तो बैंक या ऋण दाता आपको डिफाल्टर के रूप में चिन्हित करता है। प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हुए SARFESI अधिनियम (Securitization and Reconstruction of Financial Assets and Enforcement of Security Interest Act) नामक कानून के अंतर्गत आपको अंतिम 60 दिनों का नोटिस भेजेगा।

SARFESI अधिनियम के अंतर्गत बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों को आवासीय या वाणिज्य संपत्ति को सीधे नीलामी करने का अधिकार देता है, जिन्हें लोन लेने वाले व्यक्ति ने बैंक के सामने गिरवी रखी हो। जाहिर सी बात है कि अगर आपने हाउसिंग लोन लिया है तो आप घर के पेपर एवं जमीन बैंक को गिरवी रखते हैं।

2002 में इस अधिनियम के आने के पहले, ऋण दाताओं को जैसे कि बैंक को ग्रह स्वामी के खिलाफ मामला दर्ज करना पड़ा और मामला अदालत में चला गया जो एक लंबी प्रक्रिया थी और बहुत समय लेने वाला कोर्ट कचहरी के चक्कर में चला जाता था। लेकिन SARFESI अधिनियम के आने के बाद यह प्रक्रिया काफी सरल हो गई है। जितने भी सरकारी बैंक है वह सरफेसी अधिनियम के दायरे में ही आते हैं।

यह 60 दिनों की अवधि आपके यमाई चुकाने का अंतिम मौका होता है, अन्यथा ऋण दाता संपत्ति पर कब्जा कर सकता है और 60 दिनों के नोटिस के बाद इसे बेच सकता है। 61 दिन की अवधि के बाद आपके उपेक्षा की जाती है कि आप बैंक को दिया गया सभी पैसों का भुगतान कर दें, जो कि बकाया ऋण राशि है। या तो आप इसे अपने आप ऋण दाता को वापस भुगतान करें या ऋण दाता घर की नीलामी करेगा और अपने पैसे वापस वसूल करेगा।

इस 60 दिनों की नोटिस की अवधि के दौरान आप अपना मामला सौंपा गया अधिकारी के सामने रख सकते हैं और उनके साथ साझा कर सकते हैं कि जल्द ही यह माई का भुगतान करने के लिए आप सबसे अच्छा क्या कर सकते हैं? यदि वे आपके स्पष्टीकरण को स्वीकार करते हैं तो ठीक है और अच्छा है अन्यथा उन्हें आपको 7 दिनों के भीतर और स्वीकृति का एक लिखित पत्र देना होगा जिसके बाद अगला कदम शुरू होगा।

इस 60 दिन की अवधि के दौरान आपको अपने दरवाजे पर रिकवरी एजेंट भी मिल सकता है जो आपसे अपने बकाए का निपटान करने की मांग कर सकता है। ध्यान रहे कि जब वसूली एजेंटों की बात आती है तो आरबीआई के नियमों के अनुसार आपके पास कुछ अधिकार होते हैं।

  • आप कलेक्शन करने आए, एजेंट की पहचान पूछ सकते हैं और उससे आप उसका आई कार्ड और बैंक से एक प्राधिकरण पत्र के बारे में जानकारी ले सकते हैं।
  • भारतीय बैंक और वित्तीय संस्थान के अनुसार रिकवरी एजेंट एक अधिकृत एजेंट होना चाहिए।
  • रिकवरी एजेंट केवल सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे के बीच में ही आ सकता है और केवल डिफॉल्टर से बात करेगा और परिवार के सदस्यों से नहीं। जब तक कि डिफॉल्टर पहुंच से बाहर ना हो।
  • ऋण वसूली एजेंट अपमानजनक नहीं हो सकता है या किसी भी अपमानजनक भाषा या आपत्तिजनक भाषा या व्यवहार का प्रयोग नहीं कर सकता है।

वास्तविक जीवन में, उपरोक्त नियमों का ठीक से पालन नहीं किया जाता है और वसूली एजेंट ग्रीन ग्राहकों को धमकाने और अपमानित करने के लिए जाने जाते हैं। यदि ऐसा होता है तो आप बैंक से शिकायत करेंगे और मामले को बैंकिंग लोकपाल के समक्ष उठा सकते हैं।

नीलामी के लिए अखबारों में 30 दिनों का नोटिस

अगले चरण के रूप में बैंक संपत्ति के उचित मूल्य का पता लगाने के लिए अपने मूल्यांकन के मूल्य प्राप्त करेगा। अब संपत्ति की नीलामी की प्रक्रिया शुरू होगी।

बैंक संपत्ति के विवरण का विज्ञापन करेगा और आरक्षित मूल्य यानी कि संपत्ति के उचित मूल्य के आसपास उसका मूल्य रखेगा, तिथि और समय संपत्ति की नीलामी के लिए पता जैसे सभी विवरणों का उल्लेख करेगा।

यदि संपत्ति के मालिक को लगता है कि संपत्ति का उचित मूल्य बहुत कम है या सही नहीं है तो वह आपत्ति कर सकता है और ऋण दाता से बात कर सकता है।

संपत्ति की नीलामी और अतिरिक्त धन की वापसी

बैंक अंतिम चरण के रूप में संपत्ति को खुले बाजार में नीलामी करती है। बैंक अपने सभी बकाया की वसूली इस नीलामी के द्वारा करती है। ध्यान रहे कि बैंक केवल बकाया राशि की वसूली के लिए उत्तरदाई है, ना की अतिरिक्त राशि के लिए। यदि कोई शेष बचा है तो उसे घर के मालिक को वापस करना होगा। इसलिए नीलामी की राशि पर आप नजर रखने। आजकल अधिकांश घरेलू नीलामी ऑनलाइन होती है और आपके पास डाटा ऑनलाइन होता है।

डिफॉल्टर बनने पर आप अपना घर बेच दें

अगर मान लेते हैं कि आप अपना होम लोन नहीं चुका पाते हैं और आप डिफाल्टर के रूप में चिन्हित हो जाते हैं। तो हमारी यार राय रहेगी कि आप इस परिस्थिति में आप अपना घर खुद बेच सकते हैं। इसमें सबसे अच्छी बात यह है कि आप अपने घर को अपने दाम पर बेच देंगे और बैंक को बकाए का भुगतान करेंगे।

हम यहां पर आपको दो कारण बता रहे हैं कि आपको अपना घर क्यों बेचना चाहिए।

  1. आपको नीलामी में सबसे अच्छी कीमत नहीं मिलेगी, ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक की ओर से संकटकालीन बिक्री होती है। बैंक सिर्फ अपने बकाया कर्ज की वसूली करना चाहता है। इसलिए उनका ध्यान आपके घर की सबसे अच्छी कीमत पाने पर नहीं होगा। अगर आप खुद घर बेचते हैं तो आपको काफी बेहतर कीमत मिल सकती है।
  2. घर की नीलामी में काफी समय लग जाता है। संपत्ति बैंक के हाथ में फस जाएगी। नीलामी की प्रक्रिया लंबी है और इसे बहुत समय लग सकता है जो आपकी टाइमलाइन के लिए उपयुक्त नहीं हो सकता है। यदि आप खुद घर बेच देते हैं तो आप इसे तेजी से कर सकते हैं क्योंकि आप बातचीत के लिए खुले हो सकते हैं और संभावित खरीदारों को कुछ बेहतरीन सौदे देने के लिए तैयार हो सकते हैं। आप दलालों को अतिरिक्त या दोहरी कमीशन भी दे सकते हैं ताकि वह अपनी सारी ऊर्जा खरीददार खोजने में लगा सके।

How to avoid getting into the defaulter list in future? – भविष्य में डिफॉल्टर की सूची में आने से कैसे बचें?

होम लोन लेने से पहले, आप अपने आप में यह सुनिश्चित कर लें कि आप किस तरह से डिफॉल्टर की सूची में भविष्य में ना आ सके। इसके लिए आप अपने लिए एक योजना बना सकते हैं। उसी योजना के अंतर्गत आप होम लोन लेने के बारे में सोचें। फिर भी हमने नीचे कुछ बिंदु के जरिए आपकी मदद करने की कोशिश की है।

  • अपनी EMI राशि को अपने टेक होम के 40% से कम रखने की कोशिश करें।
  • हमेशा सुनिश्चित करें कि EMI की राशि आपके लिए बड़ा बोझ ना हो। आप इतने की रकम होम लोन के रूप में ले जितनी आपको जरूरत है। ताकि आप इसका उपयोग सही तरीके से कर सकें।
  • जितना हो सके सेट डाउन पेमेंट का भुगतान करने का प्रयास करें।
  • यदि संभव हो तो सुनिश्चित करें कि आप एक बड़ा डाउन पेमेंट का भुगतान करते हैं ताकि आपका बकाया ऋण एक छोटी राशि हो जो आपके लिए प्रबंधन हो।
  • मेरा आपसे सुझाव रहेगा कि आप डाउन पेमेंट में कम से कम 40 से 45% तक का भुगतान करें।
  • लोन का पुनर्गठन – यदि EMI राशि आपके लिए एक बड़ी राशि है और हर महीने आप डिफॉल्ट के कगार पर हैं तो आप संबंधित बैंक से संपर्क करके लोन रीपेमेंट पीरियड को बढ़ा सकते हैं और ईएमआई की राशि को कम करने का प्रयास कर सकते हैं।
  • अगर आपने फिक्स डिपोजिट, सेविंग अकाउंट, इंश्योरेंस पॉलिसी इत्यादि चीजों में निवेश किया है। तो आप बकाया लोन की रकम को पहले भुगतान करके कम कर सकते हैं। यह केवल उन लोगों के लिए है जो हर महीने उच्च EMI राशि के बोझ तले दब जाते हैं।

निष्कर्ष

दोस्तों आज के हमारे इस लेख में हम लोगों ने आप लोगों को इस बारे में जानकारी दिया है कि What happens when you are not able to repay your home loan? क्या होगा अगर आप अपना होम लोन नहीं चुका पाते हैं? उम्मीद करता हूं कि आपको हमारे इस लेख से इस बारे में जानकारी मिल गई होगी। अगर आप अपने होम लोन का पुनर भुगतान करने में असमर्थ हैं तो आप इसके लिए क्या कर सकते हैं? इस बारे में भी हमने इस में जानकारी दी है। अगर आपको हमारा यह लेख पसंद आया है, तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कर सकते हैं। इससे संबंधित अगर आपकी कुछ सवाल एवं सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं।

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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