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What is Form 16 Hindi – फार्म 16 क्या होता है?

अक्सर लोग, आयकर रिटर्न दाखिल करते हुए फॉर्म 16 और फॉर्म 15G भरते हैं। लेकिन इसका क्या मतलब है कि आईटीआर दाखिल करने के लिए फार्म 15G और Form16 क्यों भरा जाता है? अगर आपके पास में form16 नहीं है तो आपको परेशान होने की जरूरत नहीं? आज के हमारे इस लेख में हम इस बारे में जानकारी देने वाले हैं कि What is Form 16 Hindi – फार्म 16 क्या होता है?

भारत सरकार, समय-समय पर अलग-अलग नियम कानून इनकम टैक्स को लेकर के लाती रहती है। इसी में से एक फॉर्म है, फॉर्म 15G और फॉर्म 16. अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते हैं तो आपने Form 16 का नाम तो जरूर सुना होगा। आइटीआर फाइल करने के लिए क्या एक जरूरी दस्तावेज माना जाता है।

इस फॉर्म में, आपके सभी तरह के टैक्स का लेखा-जोखा होता है। सीधे शब्दों में कहें तो यह एक सर्टिफिकेट होता है जिससे आपके द्वारा किसी फाइनेंशियल ईयर में की गई कमाई और कंपनी द्वारा उस पर काटे गए टैक्स का लेखा-जोखा होता है। यह सर्टिफिकेट नियोक्ता की तरफ से आयकर अधिनियम की धारा 203 के तहत एंप्लॉय के लिए जरूरी माना जाता है। आज के हमारे इस लेख में हम यह जानकारी लेंगे कि फार्म 16 क्या है?

What is Form 16 Hindi – फार्म 16 क्या होता है?

अगर आपका टीडीएस काटा है तो फिर इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय आपको Form 16 और Form 16A पढ़ने की जरूरत पड़ती है। क्योंकि टीडीएस कटौती के समय इस फॉर्म में आपके द्वारा की गई इनकम की सारी जानकारी होती है।

अगर आप किसी सैलरी लेने वाले व्यक्ति है या किसी कंपनी या संस्थान में काम करते हैं तो आपकी तरह से टीडीएस काटा जाता है। उसके प्रमाण के लिए एक सर्टिफिकेट दिया जाता है। यह सर्टिफिकेट फॉर्म 16 के रूप में दिया जाता है।

जिस टीडीएस सर्टिफिकेट के नाम से भी जाना जाता है। क्योंकि यहां इस बात का प्रमाण होता है कि आपकी आमदनी पर टैक्स काट लिया गया है और उसे सरकार के पास जमा कर दिया गया है।

इस Form के अंदर आपका नाम, पता, पैन नंबर के साथ-साथ आपकी सैलरी और उस पर काटे गए इनकम टैक्स के सारी जानकारी दी गई होती है। साथ में टीडीएस काटने वाले के नाम, पता, TAN नंबर इत्यादि चीजों की दर्ज की गई होती है।

इस फोन के अंदर में ही यह भी जानकारी दी गई होती है कि आपने कितना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करते समय इससे आप अपनी और से भुगतान की  टैक्स के रूप में दिखा सकते हैं।

भारत जैसे देश में सामान्य तौर पर किसी व्यक्ति की ₹250000 तक की सालाना आमदनी पर टैक्स नहीं लगता है। लेकिन इससे अधिक की आमदनी पर आपको टैक्स स्लैब के हिसाब से भारत सरकार को टैक्स जमा करना पड़ता है।

टैक्स देनदारी बनने पर टैक्स भी देना पड़ता है। आप के वेतन पर टीडीएस की कटौती के लिए भी आमदनी किया सीमा मानी जाती है। ₹250000 से कम आमदनी पर इनकम टैक्स या टीडीएस नहीं काटा जाता है।

Form 16 की जरूरत क्यों पड़ती है?

Form16, से यह पता चलता है कि आपने अब तक कुल कितने टैक्स जमा किया है। कितना टैक्स चुकाना बाकी है। बकाया टैक्स को आप self Assessment Tax के रूप में भी जमा कर सकते हैं। इस वजह से इनकम टैक्स रिटर्न भरते समय इसकी जरूरत पड़ती है।

यह form16 यह प्रमाणित करता है कि आपके नियुक्त आने टीडीएस के रूप में उतना पैसा काट कर सरकार के पास जमा कर दिया है।

सामान्य तौर पर कोई भी कंपनी या संस्थान अपने कर्मचारियों को form16 तभी जारी करती है जब उनकी तनख्वाह टैक्स काटने लायक होती है। जिनकी सैलेरी टैक्स काटने लायक होती है उनका सामान्यतया फॉर्म दिया जाता है।

लेकिन अगर किसी कर्मचारी का किसी अन्य आमदनी के स्रोत जैसे कि ब्याज, किराया, पुरस्कार वगैरह पर टीडीएस काटा है तो उसके लिए form 16A दिया जाता है।

Form16 मैं आपके सभी तरह के टैक्स का लेखा-जोखा होता है। आसान भाषा में समझे तो या एक सर्टिफिकेट होता है जिसमें आपके द्वारा किसी एक वित्तीय वर्ष में की गई कमाई और कंपनी द्वारा उस पर काटे गए टैक्स का लेखा-जोखा दिया गया होता है। Form16 के दो भाग होते हैं:-

  • PART A
  • PART B

PART A:- फार्म 16 के इस भाग को पहला भाग माना जाता है। इसमें कंपनी का नाम उसका पता, पैन नंबर, TAN नंबर के साथ में कर्मचारी का पैन नंबर व रोजगार की अवधि लिखी हुई होती है।

इसके अलावा यह भी लिखा हुआ होता है कि इस अवधि के दौरान आपको तनखा के तौर पर कितनी आमदनी हुई है। उस पर उस अवधि के दौरान आप की तनखा से कितनी टैक्स काटी गई है।

इस बात का भी ध्यान रखना जरूरी है कि यदि आप किसी वित्तीय वर्ष में नौकरी बदलते हैं तो आपको यह तय करना होता है कि दोनों कंपनियों से इस फॉर्म का PART B जरूर हासिल कर ले। चलिए जानते हैं कि form16 के पार्ट बी में क्या होता है?

PART B :- form16 के पार्ट बी में, आपकी तनख्वाह का पूरा ब्यौरा दिया गया होता है। सेक्शन 10 के तहत छूट प्राप्त अलाउंस का पूरा लेखा-जोखा और आयकर अधिनियम के तहत हासिल होने वाली छूट की जानकारी दी होती है।

आइटीआर फाइल करने के लिए Form 16 कितना जरूरी है?

जैसा कि हमने इस बात की जानकारी आप सभी लोगों को दे दी है कि, Form 16 के अंदर, किसी एक वित्तीय वर्ष में आपके द्वारा की गई कुल आमदनी का लेखा-जोखा होता है। इसमें यह जानकारी भी दी गई होती है कि उस वित्तीय वर्ष के अंतर्गत आपने कितना टैक्स भरा है।

इसी वजह से आईटीआर दाखिल करते वक्त इसकी आवश्यकता होती है। लेकिन ऐसा भी नहीं है कि बिना form-16 के आफ इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर सकते हैं। मान लीजिए कि आपका form16 खो जाता है या आप नौकरी बदल लेते हैं और किसी कारण से पुरानी कंपनी से form16 नहीं ले पाते हैं तो भी आप इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

इसके लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट तभी खट्टे करने की आवश्यकता पड़ सकती है जैसे कि, आपका सैलरी स्लिप, फॉर्म 26 AS, टैक्स क्रेडिट स्टेटमेंट इत्यादि चीजें। वही रिटर्न फाइल करते वक्त आपको रेंट एग्रीमेंट और आपने कहां-कहां निवेश किया है उन सारी चीजों की भी सारी डॉक्यूमेंट आपके पास होना जरूरी होता है। जिसके बाद आप आसानी से अपना रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

अगर form16 नहीं है तो आइटीआर फाइल कैसे करें?

अगर आप यह सोच रहे हैं कि आपके पास में form16 नहीं है तो घबराने की कोई जरूरत नहीं आप इसके बिना भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

खासकर, नौकरी पेशा लोगों को प्रत्येक वर्ष इनकम टैक्स रिटर्न भरना होता है जिसके लिए उन्हें form16 की जरूरत पड़ती है। अगर आपके पास में form16 नहीं है या उसमें आपको मिलने में देरी हो रही है तो आप उसके बिना भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

बिना Form 16 इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए आपको कुछ डॉक्यूमेंट इकट्ठा करने की जरूरत होगी। जोकि निम्नलिखित है:-

  1. आपकी सैलरी स्लिप (Salary Slip)
  2. Form 16 AS
  3. Tax Credit Statement etc.

आपको इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त अपना रेंट एग्रीमेंट, और आपने अपने पैसों को कहां-कहां निवेश किया है इससे संबंधित डॉक्यूमेंट भी आपको एकत्रित करके आप रिटर्न फाइल कर सकते हैं।

वैसे तो, Form 16 काफी जरूरी डॉक्यूमेंट होता है जिसमें आपके सभी तरह के टैक्स का रिपोर्ट एवं रिकॉर्ड होता है। जो आपकी कंपनी आपकी सैलरी से डिडक्ट करती है। इसे अन्य भाषा में सैलेरी सर्टिफिकेट भी कहा जाता है। जिस तरह से हर महीने मिलने वाली सैलरी स्लिप जरूरी होती है उसी तरह से फॉर्म 16 भी काफी जरूरी होती है। बिना form16 के आप रिटर्न फाइल नहीं कर सकते हैं।

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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