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What is Sovereign Gold Bond – गोल्ड बांड क्या है?

What is Sovereign Gold Bond – गोल्ड बांड क्या है? आप लोगों में से बहुत सारे लोग गोल्ड यानी कि सोने के ऊपर में निवेश करना चाहते हैं। लेकिन अगर आपको यह समझ में नहीं आ रहा था कि आप सोने के ऊपर में किस तरह से निवेश कर सकते हैं। ताकि आपको ज्यादा से ज्यादा लाभ भविष्य में मिल सके। तब, आपके मन में गोल्ड बांड मे निवेश करने के बारे में जरूर आया होगा।

आज के हमारे इस लेख में हम इस बारे में बात करेंगे कि What is Sovereign Gold Bond – गोल्ड बांड क्या है? इस पर निवेश करके आपको किस तरह से फायदा पहुंचता है। इसके अलावा आप गोल्ड बॉन्ड कहां से खरीद सकते हैं? इसके साथ ही हम गोल्ड बॉन्ड से जुड़ी कुछ सवालों पर भी नजर दौड़ आएंगे।

What is Sovereign Gold Bond – गोल्ड बांड क्या है?

Sovereign Gold Bond – सॉवरेन गोल्ड बांड भारत सरकार की और से भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा जारी की गई एक प्रतिभूति या सिक्योरिटी मानी जाती है। जिसके जरिए आप विशेष रूप से सोना पर निवेश करते हैं। गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम के अंतर्गत इस योजना को साल 2015 में लांच किया गया था।

इस योजना के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति अपने पास में भौतिक रूप में सोना रखने के बजाय यहां वह व्यक्ति आभासी रूप में गोल्ड बॉन्ड खरीद करके सोना रख सकता है। इस तरह का गोल्ड बॉन्ड हमेशा बाजार में उपलब्ध नहीं होता, बल्कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) द्वारा समय-समय पर वह इस तरह की योजना भारतीय नागरिकों के लिए निवेश करने के इच्छुक से लाती रहती है।

गोल्ड बांड योजना के अंतर्गत आप सोने में निवेश करने के बजाए आप गोल्ड बॉन्ड खरीद करके उसमें आभासी रूप से निवेश करते हैं। जिस प्रकार से आप सोने (Physical) रूप में खरीदते हो ठीक उसके उल्टी आप यहां पर आभासी (Virtual) रूप में सोने को खरीद करके रखते हैं। अगर आप इस गोल्ड बांड योजना को किसी बैंक या फिर किसी सरकारी संस्थान से खरीदते हैं तो इसके बदले में आपको एक सर्टिफिकेट दिया जाता है। इस सर्टिफिकेट में आपके द्वारा खरीदे गए सोने का वजन एवं उसका मूल्य लिखा हुआ होता है। यह ठीक उसी तरह का सर्टिफिकेट होता है जब आप किसी पोस्ट ऑफिस से किसान विकास पत्र खरीदते हो और आपको सर्टिफिकेट मिलता है।

गोल्ड बांड योजना के अंतर्गत सोने की कीमत ठीक उसी तरह से बढ़ती है जिस तरह से मार्केट में सोने की कीमत बढ़ रही होती है। यह योजना उन लोगों के लिए बहुत ही बेहतरीन है जो सोने में निवेश करके लंबी अवधि के लिए सोने से अच्छी खासी कमाई करना चाहते हैं। क्योंकि गोल्ड बॉन्ड पर आपको मैच्योरिटी के बाद वही पैसे मिलते हैं जो उस समय सोने की कीमत होती है।

How to Buy Sovereign Gold Bonds – गोल्ड बॉन्ड कैसे खरीद सकते हैं?

सॉवरेन गोल्ड बांड पर वह व्यक्ति निवेश कर सकता है जो कि भारत का निवासी हो, वह अपने स्वयं के लिए किसी दूसरे व्यक्ति के लिए या फिर संयुक्त रूप से सावरेन गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है। गोल्ड बॉन्ड खरीदते वक्त ध्यान रहे कि भारत में निवास करने वाले व्यक्ति को विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम 1999 की धारा 2(U) उसके साथ 2(V) के अंतर्गत परिभाषित किया गया है। इसके अंतर्गत बोर्ड धारक के रूप में विश्वविद्यालय, धार्मिक संस्थाएं या कोई ट्रस्ट भी हो सकता है।

अगर आप गोल्ड बॉन्ड पर निवेश करने के बारे में सोच रहे हैं। तो हम आपको यह बता दे कि सॉवरेन गोल्ड बांड सभी बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, डाकघरों और मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज जैसे कि NSE, BSE के माध्यम से भी आप खरीद सकते हैं।

हम आपको यह बता देना चाहते हैं कि स्मॉल फाइनेंस बैंक (Small Finance Bank) और एनबीएफसी या पेमेंट बैंक को गोल्ड बॉन्ड बेचने की अनुमति नहीं है।

सॉवरेन गोल्ड बांड के अंतर्गत आप कितना सोना खरीद सकते हैं?

जैसा कि हमने आप लोगों को बताया कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा समय-समय पर सॉवरेन गोल्ड बांडSovereign Gold Bond जारी किया जाता है। आप इसे किसी भी बैंक या डाकघर या सरकारी संस्थान जिसको सूची है वहां से खरीद सकते हैं। कोई भी व्यक्ति और हिंदू अविभाजित परिवार अधिकतम 4 kg मूल्य तक का गोल्ड बॉन्ड खरीद सकता है।

वही ट्रस्ट और सामान्य संस्थान के लिए गोल्ड बॉन्ड खरीदने की अधिकतम सीमा 20 kg रखी गई है। जब आप सावरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदते हैं तो आपको उन्हीं सारी प्रक्रियाओं में से गुजरना पड़ता है जब किया आप किसी बैंक पर अपना खाता खुलवाने के लिए KYC इत्यादि फार्म भरते हो।

Benefits of Sovereign Gold Bonds Scheme – सॉवरेन गोल्ड बांड योजना के लाभ

जैसा कि हमने ऊपर इस बारे में बताया है कि सावरेन गोल्ड बॉन्ड योजना के अंतर्गत आप भौतिक रूप में सोने को नहीं खरीदते। बल्कि, यह सोना आभासी रूप से आपके पास में सर्टिफिकेट के रूप में मौजूद रहता है। जिससे चोरी लूटपाट का कोई खतरा नहीं होता। सॉवरेन गोल्ड बांड योजना के अंतर्गत कई सारे फायदे हैं:-

  • सावरेन गोल्ड बॉन्ड भौतिक सोने की अपेक्षा अधिक सुरक्षित माना जाता है।
  • गोल्ड बॉन्ड को आप अपने डीमेट अकाउंट या पेपर फॉर्म दोनों में रख सकते हैं।
  • Sovereign Gold Bond का उपयोग आप बैंक में सिक्योरिटी के रूप में रखकर के लोन ले सकते हैं। क्योंकि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस बांड को भौतिक सोने की तरह ही तवज्जो दिया है।
  • सोने की वाह मात्रा जिसके लिए कोई भी निवेशक भुगतान करता है वह सुरक्षित होता है, क्योंकि ग्राहक इसे बेचते/redeem करते वक्त वही राशि प्राप्त करता है। जो उस समय बाजार भाव चल रही होती है।
  • इस बोर्ड में शुद्धता और मेकिंग चार्ज जैसे कारक नहीं है जो कि सोने के आभूषण के मामले में होते हैं।
  • गोल्ड बॉन्ड को आप डीमेट अकाउंट में रख सकते हैं जिससे कि लाभांश आदि का नुकसान नहीं होता है।

सावरेन गोल्ड बॉन्ड के अंतर्गत कितना निवेश किया जा सकता है?

अगर आप सॉवरेन गोल्ड बांड के अंतर्गत निवेश करना चाहते हैं, तो हम आपको यह बता दें कि आप कम से कम 1 ग्राम न्यूनतम सोना खरीद करके इसमें निवेश कर सकते हैं। इसके अलावा आप सावरेन गोल्ड बॉन्ड के अंतर्गत निम्नलिखित श्रेणियों में निवेशकों को बांटा गया है :-

  1. व्यक्तिगत (Individual) – अगर आप व्यक्तिगत रूप से सोने पर निवेश करना चाहते हैं तो आप अधिकतम 4 किलोग्राम सोने पर निवेश कर सकते हैं। अगर संयुक्त रूप से सॉवरेन गोल्ड बांड खरीदते हैं तो इस मामले में संयुक्त होल्डिंग सीमा पहले आवेदक पर लागू होगी।
  2. हिंदू अविभाजित परिवार (Hindu Undivided Family) – हिंदू अविभाजित परिवार के अंतर्गत आप 4 किलोग्राम सोने तक पर निवेश कर सकते हैं।
  3. ट्रस्ट एवं अन्य संस्थाएं – ट्रस्ट एवं अन्य संस्थाएं सॉवरेन गोल्ड बांड पर 20 किलोग्राम तक निवेश कर सकते हैं।

सॉवरेन गोल्ड बांड पर मिलने वाला ब्याज दर – सॉवरेन गोल्ड बांड के अंतर्गत किसी भी निवेशक को 2.50% की दर से प्रारंभिक निवेश की राशि पर ब्याज दिया जाता है। ब्याज को निवेशक के बैंक खाते पर अर्धवार्षिक रूप से जमा कर दिया जाता है और मूल ब्याज के साथ मैच्योरिटी पर अंतिम प्याज दी जाती है।

Sovereign Gold Bonds FAQ – सॉवरेन गोल्ड बांड के अंतर्गत पूछे जाने वाले सवाल

Q1. मैं सावरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम को कैसे रिडीम/ बेच सकता हूं?

उत्तर :- गोल्ड बॉन्ड की मैच्योरिटी की अवधि अधिकतम 8 वर्षों की होती है। हालांकि कोई भी व्यक्ति बांड खरीदने के 5 वर्षों के बाद बांड को बेच या रिडीम कर सकता है।

Q2. मैच्योरिटी पर मुझे सॉवरेन गोल्ड बांड को किस तरह से रिडीम करना होगा?

उत्तर :- निवेशक को मैच्योरिटी से एक महीना पहले सलाह दी जाएगी। मैच्योरिटी पर, भारतीय बांड और ज्वेलर्स एसोसिएशन लिमिटेड द्वारा प्रकाशित बिक्री मूल्य के आधार पर भारतीय बॉन्ड में सोने के बांड को रिडीम किया जाता है। इसके बाद राशि को उसके बैंक खाते पर हस्तांतरित कर दी जाती है।

Q3. क्या मैं समय से पहले सॉवरेन गोल्ड बांड को रिडीम कर सकता हूं?

उत्तर :- जी हां आप समय से पहले सॉवरेन गोल्ड बांड को रिडीम कर सकते हैं। इसके लिए आपको कूपन भुगतान की तारीख से 30 दिन पहले संबंधित बैंक, जहां से आपने गोल्ड बॉन्ड खरीदा है से संपर्क करने की आवश्यकता होती है। समय से पहले रिडीम करने के अनुरोध को तभी प्रोसेस किया जाएगा जब निवेशक कूपन भुगतान की तारीख से कम से कम 1 दिन पहले संबंधित बैंक से संपर्क करें।

Q4. क्या मैं सॉवरेन गोल्ड बांड को सिक्योरिटी के रूप में बैंक में रख सकता हूं?

उत्तर :- जी हां आप सॉवरेन गोल्ड बांड को सिक्योरिटीज के रूप में बैंक में लोन लेने के लिए रख सकते हैं। सॉवरेन गोल्ड बांड बैंक, वित्तीय संस्थानों में लोन की गारंटी के लिए सिक्योरिटीज के रूप में रखा जाता है।

Q5. गोल्ड बॉन्ड योजना को बेचने वाली अधिकृत एजेंसी कौन है?

उत्तर :- सॉवरेन गोल्ड बांड राष्ट्रीय कृत बैंकों, अनुसूचित निजी बैंकों, अनुसूचित विदेशी बैंक, नामित डाकघरों और स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड और अधिकृत स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से गोल्ड बॉन्ड बेची जाती है।

Q6. अगर मुझे सावरेन गोल्ड बॉन्ड से संबंधित कोई प्रश्न पूछना है तो मैं रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से कैसे संपर्क कर सकता हूं?

उत्तर :- आप बड़ी आसानी से रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को संपर्क कर सकते हैं। इसके लिए आप रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर के सॉवरेन गोल्ड बांड योजना पर क्लिक कर सकते हैं। या फिर आप sbg@rbi.org.in पर ईमेल भेज करके अपने प्रश्न एवं जानकारी मांग सकते हैं।

Q7. क्या सॉवरेन गोल्ड बांड पर निवेश करने से कोई जोखिम है?

उत्तर :- अगर सोने के बाजार मूल्य में गिरावट आती है, तो जाहिर सी बात है कि सॉवरेन गोल्ड बांड की कीमत में भी गिरावट आएगी। जिस से हानि का खतरा होता है। इस परिस्थिति मे भी निवेशक की सोनी की इकाइयों में हानि नहीं होती है, जिसके लिए उसने भुगतान किया हो।

Q8. निवेशक की मृत्यु के मामले में क्या होता है?

उत्तर :- सावरेन गोल्ड बॉन्ड पर निवेश करते वक्त आपको नॉमिनी रखने की भी अनुमति दी जाती है। नॉमिनी व्यक्ति अपने क्लेम के लिए संबंधित कार्यालय से संपर्क कर सकता है और सरकारी प्रतिभूति अधिनियम 2006 में निर्धारित मानदंडों के अनुसार क्लेम की राशि प्राप्त कर सकता है।

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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