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What is Welding? वेल्डिंग क्या है?

अक्सर कभी हमारे घर में, कोई लोहे की चीज टूट जाती है तो हम उसे वेल्डिंग करवाने के लिए हमारे नजदीकी लोही के भंडार की दुकान में पहुंच जाते हैं। आज के समय में कोई भी इंडस्ट्री, कंपनी फैब्रिकेशन शॉप या कोई भी मैन्युफैक्चरिंग उद्योग वेल्डिंग के बिना अधूरा है। वेल्डिंग का काम हर जगह किया जाता है चाहे वह इमारत का काम हो, हवाई जहाज का काम हो या गाड़ियों में काम हो सभी जगह वेल्डिंग की जरूरत पड़ती है। आज के हमारे इस लेख में हम इस बारे में जानकारी लेंगे कि What is Welding? वेल्डिंग क्या है? इसके साथ ही हम यह भी जानकारी देंगे कि कितने तरह से वेल्डिंग किए जाते हैं?

What is Welding? वेल्डिंग क्या है?

वेल्डिंग (Welding) एक ऐसी प्रक्रिया होती है जहां दो या दो से अधिक धातु को आपस में गर्मी या उस्मा की मदद से जोड़ा जाता है। इस पूरी प्रक्रिया को वेल्डिंग कहते हैं। इस प्रक्रिया में किसी दो धातु को अधिक तापमान पर गर्म करके या इसमें तीसरे धातु का उपयोग करके जोड़ने की प्रक्रिया को झलाई या वेल्डिंग कहते हैं।

कभी-कभी धातुओं को एक दूसरे से जोड़ने के लिए हमें अत्यधिक तापमान एवं दबाव की आवश्यकता होती है। वेल्डिंग निर्माण की एक ऐसी प्रक्रिया है जिसका उपयोग करके हम चीजों को वेल्डिंग कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के अंतर्गत दो या दो से अधिक धातुओं को आपस में जोड़ने के लिए तापमान और गर्म करके पिछला लिया जाता है और इसमें एक फिलर धातु को पिघला करके मिलाया जाता है। पिघली हुई धातु और फिलर जब ठंडी हो जाती है तो वह एक मजबूत जोड़ बनाती है। जिससे धातु आपस में जुड़ जाते हैं।

लेकिन सभी तरह के धातुओं पर एक ही तरह की वेल्डिंग करना मुश्किल होता है। इसलिए अलग-अलग धातुओं और अलग-अलग जगहों पर वेल्डिंग अलग-अलग प्रकार से की जाती है। इसी के आधार पर हम वेल्डिंग की प्रक्रियाओं को बांटते हैं।

  • आर्क वेल्डिंग (Arc Welding)
  • आर्क वेल्डिंग मशीन
  • आर्क वेल्डिंग ज्वाइंट टाइप
  • गैस वेल्डिंग

यह कुछ तरीके है जिस्म का इस्तेमाल अलग-अलग धातुओं को वेल्डिंग करने के लिए किया जाता है। हम इनके बारे में विस्तार से नीचे की जानकारी लेंगे।

Arc Welding – आर्क वेल्डिंग

इस तरह की वेल्डिंग को आपने जरूर अपने घर के अगल-बगल की दुकानों में काम होते हुए तो देखा होगा। इसे वेल्डिंग का सामान्य रूप माना जाता है। यह इलेक्ट्रोड के माध्यम से बेस मेटल को अलग-अलग संयोजन ओं में उच्च वोल्टेज और धाराओं की आपूर्ति करके धातु को धातु को पीघला जाता है। इसके लिए इलेक्ट्रोड में फीलर्स का इस्तेमाल किया जाता है। जिसकी आपूर्ति इलेक्ट्रोड द्वारा की जाती है और इस प्रक्रिया में उनका उपयोग किया जाता है।

इस पूरी प्रक्रिया में वेल्डिंग के लिए बिजली का इस्तेमाल होता है। इलेक्ट्रिक आर्क को इलेक्ट्रोड और वेस्ट मेटेरियल के बीच में वेल्डिंग पॉइंट पर बुलाया जाता है। जिससे कि इलेक्ट्रिक आर्टिकल कर वेल्डिंग पॉइंट पर लग जाती है और बाद में पीघली हुई धातु ठंडी होने पर ठोस और मजबूत हो जाती है।

इस तरह की प्रक्रिया के दौरान उत्पन्न वेल्डिंग दोष के लिए अति संवेदनशील होते हैं और इसलिए उन्हें एक परिरक्षण माध्यम से संरक्षित किया जाना चाहिए जो वेल्ड को ठंडा होने और जमने तक कवर करता हो। आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले आर्क वेल्डिंग तकनीक में शामिल होता है।

Joint Type – जॉइंट के प्रकार

किसी भी धातु को वेल्डिंग करने का तरीका हर एक वस्तु के आधार पर किया जाता है किसी वस्तु पर कहीं ज्वाइन किया जाता है और किसी वस्तु पर कहीं दूसरी तरफ। इसीलिए वेल्डिंग अलग-अलग प्रकार के होते हैं किसी भी वस्तु पर जिस प्रकार के ज्वाइंट की जरूरत होती है वहां पर वही जॉइंट इस्तेमाल किया जाता है। अगर किसी वस्तु के कार्नर आपस में जोड़ने हैं वहां पर कार्नर जॉइंट का इस्तेमाल होगा।

वेल्डिंग ज्वाइंट के प्रकार

इस तरह से आप देख सकते हैं कि वेल्डिंग करने के लिए 5 तरह के ज्वाइंट के प्रकार है।

  • Tee Joint
  • Edge Joint
  • Corner Joint
  • Lap Joint
  • Butt Joint

Shielded metal arc welding – परीरक्षित धातु चाप वेल्डिंग

आमतौर पर इस तरह की वेल्डिंग प्रक्रिया को स्टिक वेल्डिंग के नाम से जाना जाता है। इस तरह के वेल्डिंग प्रक्रिया में वेल्डिंग वेल्ड बिछाने के लिए एक उपभोग इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल होता है। यहां पर इलेक्ट्रोड फिलर के रूप में कार्य करती है और एक फलक्स के साथ वेल्डिंग किया जाता है।

Submerged arc welding – जलमग्न चाप वेल्डिंग

इस तरह के वेल्डिंग क्रिया में इलेक्ट्रोड का इस्तेमाल किया जाता है जिसमें कॉपर यानी कि तांबा के तार होते हैं। इसमें फ्लक्स के रूप में इतराके पाउडर या बुरादा का इस्तेमाल होता है।

Gas tungsten arc welding – गैस टंगस्टन आर्क वेल्डिंग

जैसा कि आप में से बहुत सारे लोगों को यह पता है कि टंगस्टन एक नोबेल धातु होता है। टंगस्टन अक्रिय गैस (TIG) वेल्डिंग के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है। इस वेल्डिंग प्रक्रिया में टंगस्टन इलेक्ट्रोड को नियोजित करते हैं जिसे वेल्ड को डालने के लिए एक अक्रिय गैस जैसी हीलियम या आर्यन के साथ आपूर्ति की जाती है। फिलर धातु की आपूर्ति बाहरी रूप से की जाती है।

Gas Metal Arc welding – गैस मेटल आर्क वेल्डिंग

इस तरह की वेल्डिंग प्रक्रिया को धातु अक्रिय गैस (MIG) वेल्डिंग के रूप में भी जाना जाता है, यह तकनीक गैस टंगस्टन आर्क वेल्डिंग की तरह ही होती है। बस इसमें इतना अंतर होता है कि हमें इसके लिए बाहर से फीलर्स की आवश्यकता नहीं होती है।

इसकी खतरनाक प्रकृति के कारण आर्क वेल्डिंग काफी हद तक रोबोट टॉयज कर दिया गया है। यह बिल्डिंग का सबसे बहुमुखी और लागत प्रभावी रूप है। यह संरचनात्मक घटकों में उपयोग होता है और इसका उपयोग लोहा और बिना लोहा दोनों सामग्रियों पर किया जा सकता है।

What is Gas Welding – गैस वेल्डिंग क्या है?

गैस वेल्डिंग के अंतर्गत उचित डांसिल अनुपात में ऑक्सीजन और ईंधन गैस का उपयोग किया जाता है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत धातुओं के को उनके गलनांक तक गर्म करने के लिए किया जाता है।

धातुओं में शामिल होने के लिए उसका उपयोग करने वाले सभी तकनीकी ज्ञान वेल्डिंग के अंतर्गत आते हैं। एक दबाव नियंत्रित आदमी उचित अनुपात में ऑक्सी इंधन मिश्रण को बांटती है। जिसके बाद लो प्रज्वलित की जाती है एवं ज्यादातर मामलों में गैस वेल्डिंग फिलर धातु को नियोजित नहीं करते हैं।

ज्यादातर इस्तेमाल होने वाले गैस वेल्डिंग तकनीकी में ऑक्सी एसिटिलीन और ऑक्सी हाइड्रोजन फ्लेम वेल्डिंग का इस्तेमाल किया जाता है। जिस का तापमान 3000 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। इतना ऊंचा तापमान लोहे को गलाने के लिए काफी है।

गैस वेल्डिंग का इस्तेमाल धातु को काटने के लिए भी किया जाता है जब यांत्रिक साधनों के माध्यम से ऐसा करना संभव नहीं होता है। ऑक्सी इंधन वेल्डिंग मुख्य रूप से मरम्मत के कार्य के साथ-साथ धातु की पतली और मध्य मोटाई की चादरों को जोड़ने के लिए भी किया जाता है।

What is Radiant energy welding – दीप्तिमान उर्जा वेल्डिंग

इस तरह के वेल्डिंग प्रक्रिया में उत्तेजित इलेक्ट्रॉन या इलेक्ट्रॉन बीम या धातु चुंबकीय विकिरण जिसे लेजर बीम को एक बिंदु में केंद्रित करके लोहे को पिलाने के लिए केंद्रित किया जाता है।

इस तरह की वेल्डिंग प्रक्रिया में हमें फीलर्स की आवश्यकता नहीं होती है। काम के टुकड़े आमतौर पर एक निर्वात कक्ष में रखे जाते हैं जो परिरक्षण माध्यम की आवश्यकता को समाप्त कर देता है। रेडिएंट एनर्जी बिल्डिंग का उपयोग करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसका उपयोग अलग-अलग मोटाई की धातु को वेल्डिंग करने के लिए किया जा सकता है। जबकि यह अन्य तकनीकों की तुलना में अधिक मांगा है। लेकिन इस तकनीकी द्वारा की गई वेल्डिंग सबसे मजबूत होती है।

What is Resistance Welding – प्रतिरोध वेल्डिंग क्या है?

इस तरह के वेल्डिंग प्रक्रिया में कई सारे काम के टुकड़ों को एक साथ रखने के बाद इसमें दबाव बनाया जाता है। फिर टुकड़ों की सताओं को यूज करने के लिए संपर्क के बिंदु पर विद्युत प्रवाहित की जाती है। इस तरह की वेल्डिंग प्रक्रिया में भी फिलर का इस्तेमाल नहीं होता है।

इस तरह की वेल्डिंग की प्रक्रिया ऑटोमोबाइल उद्योग मैं काफी ज्यादा इस्तेमाल की जाती है। इसके पीछे कारण यह भी है कि इस तरह की वेल्डिंग प्रक्रिया में लागत बहुत कम है।

Thermite Welding – थर्माइट वेल्डिंग प्रक्रिया क्या है?

आपने देखा होगा इस तरह की वेल्डिंग प्रक्रिया का इस्तेमाल रेलवे ट्रैक को जोड़ने के लिए किया जाता है। इस तकनीक में रेल के सिरों को एक साथ पास लाया जाता है और फिर एक साथ में बंद किए गए धातु को पिघलाकर इन दोनों सिरों के बीच में डाल दिया जाता है। इस प्रक्रिया में मोल्ड को गर्म किया जाता है और फिलर मेटल जिसे Thermite भी कहा जाता है उसे दोनों सिरों के बीच में गर्म करके डाल दिया जाता है। जिससे रेल की पटरिया आपस में जुड़ जाती है।

वेल्डिंग करने के दौरान सुरक्षा उपकरण

वेल्डिंग करने के दौरान बहुत ही अधिक मात्रा में उस्मा निकलती है। जिसमें अत्यधिक गर्मी प्रकाश और जहरीली गैस भी शामिल होती है। जिस के संपर्क में वेल्डिंग करने वाले व्यक्ति का बार बार आने से उसके स्वास्थ्य में प्रभाव पड़ता है।

इन सभी कारणों से वेल्डिंग करने के दौरान कुछ सुरक्षा उपकरणों की आवश्यकता होती है। मैनुअल बिल्डिंग प्रक्रिया के लिए सुरक्षात्मक हेलमेट पहनने की आवश्यकता होती है जो एक विशेष कांच की खिड़की का उपयोग करके आंखों को दिखाई देने वाली रोशनी की तीव्रता को कम कर देता है। इसी तरह से वेल्डिंग प्रक्रिया करने के लिए एक विशेष प्रकार की जैकेट, दस्ताने, सांस लेने का यंत्र आदि का उपयोग वेल्डिंग करने के दौरान की जाती है। जो वेल्डिंग करने वाले व्यक्ति को वेल्डिंग करने के दौरान निकलने वाली चिंगारी, जहरीली गैस चीजों से बचाता है।

 

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दोस्तों में, facttechno.in का संस्थापक हूं। मैं अपनी इस ब्लॉग पर टेक्नोलॉजी और अन्य दूसरे विषयों पर लेख लिखता हूं। मुझे लिखने का बहुत शौक है और हमेशा से नई जानकारी इकट्ठा करना अच्छा लगता है। मैंने M.sc (Physics) से डिग्री हासिल की है। वर्तमान समय में मैं एक बैंकर हूं।

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