जैसे कि हमारे हमारे बुजुर्गों ने कहा है कि सड़े हुए अंडे की पहचान करने के लिए हमें उसे पानी में डाल कर के देखना होता है। यह बात सही भी है। सड़ा हुआ ठंडा को पानी में डालने पर वह पानी के ऊपर तैरने लगता है। वही एक अच्छा और ताजा अंडा पानी में डूब जाता है? क्या सड़ा अंडा और एक ताजा अंडा की पहचान करने का यह सही तरीका है? आज के हमारे इस लेख में हम इसी बारे में जानकारी भी लेने वाले हैं कि Why Do Rotten Eggs Float? – सड़े हुए अंडे पानी में क्यों तैरते है?
इंटरनेट पर भी आपको ऐसी जानकारी मिल जाएगी कि अगर आपको एक सड़ा अंडा और एक ताजा अंडा के बीच में पहचान करना है तो आप इसके लिए फ्लोटिंग टेस्ट कर सकते हैं। फ्लोटिंग टेस्ट ज्यादातर लोगों का मानना है कि अंडा ताजा है या नहीं इसे जानने के लिए आसान तरीका है। बहुत सारे लोग कटोरी में पानी करके उसमें अंडे को डाल कर के देखते हैं। और यह पता लगाने की कोशिश करते हैं कि अंडा सड़ा हुआ है या ताजा है।
लेकिन, विज्ञान के नजरिए से हम देखे तो ऐसा क्या कारण है कि एक ताजा पंडा पानी के अंदर डूब जाता है। वही एक सड़ा हुआ या पुराना अंडा को पानी में डालने पर वह पानी के ऊपर तैरने लगता है। इसके पीछे क्या वैज्ञानिक कारण हो सकता है? आज हम अपने इस लेख में इस पर भी जानकारी लेने वाले हैं। इसके साथ ही हम यहां पर विस्तार से यह भी जानकारी लेंगे की ऐसा होने के पीछे कौन कौन से कारण हो सकते हैं?
Why Do Rotten Eggs Float? – सड़े हुए अंडे पानी में क्यों तैरते है?
अगर हम किसी भी अंडे की संरचना देखे तो उसमें एल्ब्यूमिन जोकि अड्डे पर मौजूद सफेद भाग होता है, इसके अलावा इसमें जर्दी और एक बहुत छोटा एयर पॉकेट भी होता है। जो सभी मिलकर के अंडे के द्रव्यमान में योगदान देते हैं।
किसी भी अंडे में जो ताजा होता है उसमें मौजूद एयर पॉकेट 3.175 मिलीमीटर सीपी पतली होती है। बहुत लोगों की यह धारणा है कि अंडे में हवा या एयर पॉकेट होने की वजह से वह पानी में तैरने लगता है। हालांकि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है, जरा सोचिए अगर ऐसा होता तो ताजा अंडा पानी में नहीं डूबता।
अगर हम पानी में एक ताजा अंडा डालते हैं, तो पहाड़ नीचे की ओर पानी में डूब जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि ताजे अंडा का घनत्व पानी की तुलना में अधिक होता है। घनत्व की मात्रा से विभाजित अंडे का द्रव्यमान के बराबर होता है। जैसे अंडे का द्रव्यमान अधिक होता है घनत्व भी उतना ही अधिक होगा।
अभी पुराने अंडे में या एक सड़े हुए अंडे में, जर्दी और सफेद एल्ब्यूमिन वाला भाग सड़ने लगता है, और इस वजह से अंडे का द्रव्यमान का कुछ हिस्सा गैस में बदल जाता है। इस वजह से पुराने अंडे या सड़े हुए अंडे एक बड़ी एयर पॉकेट अंडे के अंदर बनाते हैं। जिससे कि वे पानी के ऊपर तैरने लगते हैं।
सड़े हुए अंडे में मौजूद बड़ा एयर पॉकेट के कारण ही वह पानी में तैरता है?
ऐसे बहुत सारे लोगों को सही लग रहा होगा? सड़े हुए अंडे में मौजूद बड़ा एयर पॉकेट के कारण ही वह पानी में तैरता है? ऐसा बिल्कुल भी नहीं है।
क्या आप जानते हैं कि अंडे का खोल झरझारा होता है और यह चित्र विकास के दौरान गैसों के आदान प्रदान करने में मदद भी करते हैं? यह हवा या एयर पॉकेट में कुछ गैसों को बाहर निकलने की अनुमति भी देता है। कोई तर्क दे सकता है कि कुछ हवा या गैस को अंडे से अंदर और बाहर जाने की प्रक्रिया होती होगी। हां, बिल्कुल सही सोच रहे हैं। आंशिक रूप में कुछ गैस अंडे के अंदर से अंडे के बाहर जरूर उसके खोल से निकलती है। लेकिन अंडे के सड़क के चलते बड़ा एयर पॉकेट बन जाता है। जिस्म से अधिकतर गैस अंडे से बाहर नहीं निकल पाता। जिस वजह से पांडे के द्रव्यमान को कम कर देता है। और सड़ा अंडा पानी में तैरने लगता है।
अगर हम अंडे के घनत्व पर वापस चलते हैं, तो हम यह देख सकते हैं कि अंडे के खोल के कारण अंडे का द्रव्यमान स्थिर रहता है। हालांकि जैसे ही कुछ गैस इसके अंडे की खोल से बाहर निकल सकते हैं। जिस वजह से अंडे का पूरा द्रव्यमान पानी से कम हो जाता है। इसीलिए अंडे का घनत्व भी पानी के घनत्व से कम हो जाता है, इसके पीछे यही कारण है की अंडे का घनत्व कम होने के कारण कुछ सड़े हुए अंडे पानी में तैरने लगते हैं।
हमें से ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि अंडे में मौजूद एक बड़ा एयर पॉकेट सड़े हुए अंडे को पानी में डालने पर उसे तैरने पर मजबूर कर देता है। भले ही सड़े हुए अंडे बड़े एयर पॉकेट और गैस के चलते बड़ी हो जाए लेकिन उसका द्रव्यमान भी उतना ही रहेगा। यह सोचना बिल्कुल गलत है।