What is Derivatives? – डेरिवेटिव क्या है? विनिवेश उद्योग मे ‘ डेरिवेटिव एक कॉन्ट्रैक्ट की तरह है, जिसका मूल्य एक या अधिक अंतर्निहित पर संपत्ति के आधार पर तय की जाती है। इसके अंतर्गत परिसंपत्ति मुद्रा, स्टॉक, वस्तु या प्रतिभूति जिससे हमें ब्याज मिलता है हो सकता है।
कभी-कभी हम डेरिवेटिव का प्रयोग इस तरह के क्षेत्रों में भी करते हैं जैसे कि विदेशी मुद्रा, इक्विटी, बिजली, मौसम, तापमान, आदि के रूप में कारोबार के लिए उपयोग किया जाता है उदाहरण के लिए, ऊर्जा बाजार के लिए डेरिवेटिव को ऊर्जा डेरिवेटिव कहा जाता है। आज हम अपने इस लेख में जाने दीजिए डेरिवेटिव क्या होता है? What is Derivatives? – डेरिवेटिव क्या है? इसके साथ ही डेरिवेटिव के कितने प्रकार होते हैं इसके बारे में भी जानकारी लेंगे।
What is Derivatives? – डेरिवेटिव क्या है?
शेयर बाजार या स्टॉक मार्केट में निवेशक जोखिम से बचने के लिए डेरिवेटिव और फ्यूचर जैसे वित्तीय साधनों का उपयोग करते हैं। यह जोखिम वित्तीय देनदारी, कमोडिटी मूल्य में उतार-चढ़ाव और भी बहुत सारे कारक हो सकते हैं। अगर डेरिवेटिव को परिभाषित किया जाए तो “Derivative एक ऐसा उत्पाद है, जिसे आप शेयर बाजार में एक इंस्ट्रूमेंट और कॉन्ट्रैक्ट की तरह देख सकते हैं।” जैसे कि फ्यूचर एंड ऑप्शन, जिससे की प्राइस अंडरलाइनिंग ऐसेट यानी स्टॉक या फिर इंडेक्स से तय किया जाता है।
उदाहरण – निफ़्टी फ्यूचर एक डेरिवेटिव है। जिसका बाजार मूल्य भाव निफ़्टी के भाव से निकाला जाता है या आप कह सकते हैं derive किया जाता है।
अगर अभी भी आपको डेरिवेटिव क्या होता है? यह समझ में नहीं आया है तो हम चलिए इसे कुछ उदाहरण द्वारा तो समझते हैं।
उदाहरण 1. – सोने की रिंग और ज्वेलरी सोने से बनती है। कच्चे सोने का भाव उसके बाजार के भाव पर तय होता है। और जो ज्वेलरी और रिंग हमें बाजार से खरीदते हैं उसका भाव अलग से होता है।
इस उदाहरण से आप थोड़ा समझ गए होंगे कि, सोने का ज्वेलरी जो कच्चे सोने से बना होता है उसका बाजार भाव अलग होता है। और ज्वेलरी की कीमत बाजार पर अलग होती है। यहां पर ज्वेलरी की कीमत कच्चे सोने के बाजार भाव पर निर्भर करता है। इसी के बाद ज्वेलरी की कीमत कच्चे सोने से derive होती है। यही वजह है कि अच्छे सोने की अगर कीमत घटती है तो सोने की ज्वेलरी की कीमत भी घटेगी। इस तरह से देखा जाए तो कच्चा सोना एक डेरिवेटिव है सोने के ज्वेलरी का।
इस उदाहरण के जरिए हमने आप लोगों को यह समझाने की कोशिश की है कि डेरिवेटिव का, यहां पर सोना underlying asset होता है, सोने के रिंग और जेवर का।
इस कांसेप्ट का, शेयर बाजार पर इस्तेमाल किया जाता है। जिससे कि निवेशक सही डेरिवेटिव पर अपना पैसा लगाकर के कम जोखिम उठाकर के अच्छी लाभ कमा सकें। क्योंकि स्टॉक मार्केट में दो सिग्मेंट होते हैं।
- Cash segment ( कैस सिग्मेंट)
- Derivative segment ( डेरिवेटिव सिग्मेंट)
आगे बढ़ने से पहले हम यह दोनों सेगमेंट के बारे में थोड़ी बहुत जानकारी ले लेते हैं ताकि आप लोगों को यह अच्छी तरह से समझ में आ जाएगी डेरिवेटिव क्या होता है? What is Derivatives? – डेरिवेटिव क्या है?
Cash segment ( कैस सिग्मेंट) –
एक नकद बाजार एक ऐसा बाज़ार है जिसमें खरीदी गई वस्तुओं या प्रतिभूतियों का भुगतान किया जाता है और बिक्री के स्थान पर प्राप्त किया जाता है। उदाहरण के लिए, स्टॉक एक नकद बाजार है क्योंकि निवेशकों एक्सचेंज को नकदी के बदले में तुरंत शेयर मिलते हैं।
नकद बाजारों को स्पॉट मार्केट के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि उनके लेनदेन “मौके पर” तय किए जाते हैं। इसकी तुलना वायदा बाजार जैसे डेरिवेटिव बाजारों से की जा सकती है, जहां खरीदार भविष्य में एक निर्दिष्ट तिथि पर तेल की एक बैरल जैसी वस्तु प्राप्त करने के अधिकार के लिए भुगतान करते हैं।
नकद बाजार को मुद्रा बाजार के साथ भ्रमित नहीं होना चाहिए, जिसमें नकद समकक्षों (अर्थात बहुत ही अल्पकालिक ऋण साधन) जैसे कोषागार और वाणिज्यिक पत्र में व्यापार शामिल है।
डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative segment) – जब हम डेरिवेटिव्स सीमेंट के बारे में बात करते हैं तो यह एक डेरिवेटिव वित्तीय सुरक्षा है। जिसका मूल्य एक अंतर्निहित परिसंपत्ति या संपत्ति के समूह या एक बेंच मार्ग पर निर्भर या उससे प्राप्त होता है।
डेरिवेटिव एक या एक से अधिक पार्टी के बीच में एक कॉन्ट्रैक्ट भी हो सकता है। और डेरिवेटिव की कीमत अंतर्निहित परिसंपत्ति में उतार-चढ़ाव से प्राप्त किया जाता है। डेरिवेटिव के लिए सबसे आम अंतर्निहित संपत्ति स्टॉक, बॉन्ड, कमोडिटीज, मुद्राएं, ब्याज दरें और मार्केट इंडेक्स है। यह संपत्ति आमतौर पर ब्रोकरेज के जरिए आप खरीदते हैं।
डेरिवेटिव सेगमेंट को हम फ्यूचर और ऑप्शन सीमेंट के नाम से भी जानते हैं। यानी स्टॉक मार्केट में स्टॉक फ्यूचर एक डेरिवेटिव है। जिसका मूल्य उसके underlying stock के भाव पर निर्भर करता है, और ऑप्शन के साथ भी ऐसा ही है। ऑप्शन भी एक डेरिवेटिव है, जिस का भाव किसी स्टॉप या इंडेक्स के भाव से निकाला जाता है।
डेरिवेटिव के कितने प्रकार होते हैं? – Types of Derivative
डेरिवेटिव के तीन प्रकार होते हैं:-
- Forward Derivative Contract
- Future Derivative Contract
- Option Derivative Contract
डेरिवेटिव को तीन प्रकार में बांटा गया है। यह प्रकार किसी भी खरीद एवं बिक्री करने वाले के बीच में होने वाले कॉन्ट्रैक्ट के आधार पर इसे अलग-अलग प्रकार मे विभाजित करते हैं।