अगर आप विभिन्न परीक्षाओं की तैयारी कर रहे हैं तो कई बार आपने अर्थशास्त्र के विषय में नीति आयोग के बारे में सुना होगा। प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले छात्रों को तो यह नाम रठ गया होगा। अक्सर प्रतियोगिता परीक्षाओं में नीति आयोग से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। आज हम अपने इस लेख में इस बारे में चर्चा करेंगे कि What is NITI Aayog? नीति आयोग क्या है? नीति आयोग किस तरह से भारतीय अर्थव्यवस्था इनमें योजनाओं को बनाती है। इसके अलावा हम यह भी जानकारी लेंगे की नीति आयोग की कार्यप्रणाली क्या है?
What is NITI Aayog? नीति आयोग क्या है?
नीति आयोग योजना आयोग का ही बदला हुआ नाम है। दरअसल, आज से करीब 70 साल पहले यानी मार्च 1950 में योजना आयोग का गठन किया गया था। देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु इसके पहले अध्यक्ष थे। इसका कार्य देश में उपलब्ध संसाधनों का आकलन करना और पंचवर्षीय योजनाओं को बनाना था। इनकी जरूरत के हिसाब से उन संसाधनों का आवंटन करना भी था। बाद में योजना आयोग पर काहिली के आरोप लगे। कहां गया कि योजना आयोग की योजनाएं धरातल पर फलीभूत नहीं हो रही है।
इसके अलावा भी योजना आयोग पर कई तरह के आरोप लगाए गए कि देश की आर्थिक संसाधनों का समुचित इस्तेमाल एवं उनका आवंटन भी नहीं हो पा रहा है। आखिरकार 30 साल बाद पूर्ण बहुमत पा करके सत्ता में आए बीजेपी की सरकार ने 2014 से 2015 के बीच में या घोषणा की कि योजना आयोग को खत्म करके एक नई आयोग की स्थापना की जाए। जिसके अंतर्गत नीति आयोग की स्थापना की गई।
नीति आयोग की स्थापना
केंद्र सरकार द्वारा सरकार के थिंकटैंक के रूप में उसे नीतिगत एवं निर्देशात्मक गतिशीलता प्रदान करने तथा केंद्र और राज्य स्तरों पर सरकार को नीति के प्रमुख कारकों के संबंध में प्रसांगिक, महत्वपूर्ण, रणनीति एवं तकनीकी प्रमाण उपलब्ध कराने की मूल उद्देश्य के साथ नीति आयोग की स्थापना एवं उसका गठन किया गया।
- 1 जनवरी , 2015 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा एक प्रस्ताव के माध्यम से योजना आयोग पर ‘ नीति आयोग’ ( पूरा नाम – ‘राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान’ NITI – National Institute for Transforming India ) इंडिया की स्थापना किए जाने की घोषणा की गई थी। इस आयोग की गठन भी 15 मार्च, 1950 को मंत्रिमंडल लिए प्रस्ताव के माध्यम से ही किया गया था।
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गत वर्ष 68 में स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर की गई महत्वपूर्ण घोषणाओं के अनुरूप केंद्र सरकार द्वारा विभिन्न राज्य सरकारों, संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों और प्रासंगिक संस्थानों सहित सभी हित धारकों से व्यापक विचार विमर्श के पश्चात ‘ नीति आयोग’ का गठन किया गया है।
नीति आयोग के गठन की आवश्यकता क्यों पड़ी?
- नए भारत के परिवर्तित माहौल में शासन और नीति निर्माण संस्थानों को नई चुनौतियों को अपनाने और उनके अनुसार शासन और गतिशीलता नीति परिवर्तनों में संस्थागत सुधारों की आवश्यकता थी ताकि अभूतपूर्व सकारात्मक बदलाव की रूपरेखा तैयार हो सके।
- भारत जैसे देश में प्रशासनिक प्रतिमान की आवश्यकता है जिसमें सरकार सक्षम कारी होना की पहली और अंतिम उपाय का प्रश्न कर सके।
- देश में केंद्र से राज्य की और नीतियों के एकतरफा प्रवाह के अस्थान पर एक महत्वपूर्ण विकासवादी परिवर्तन के रूप में राज्यों को वास्तविक और सतत भागीदारी और राज्यों के साथ सतत आधार पर संरचनात्मक सहयोग के साथ सहकारी संघवाद को बढ़ावा देने की जरूरत है।
- खाद सुरक्षा से आगे बढ़ते हुए अब कृषि उत्पादन के मिश्रण के साथ किसानों को अपने उत्पाद से प्राप्त होने वाले वास्तविक प्रति फलों पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।
नीति आयोग के उद्देश्य एवं कार्य
उद्देश :-
- नीति निर्माण और सहकारी संघवाद को बढ़ावा देना।
- सभी के लिए एक केंद्रीकृत ढांचा सृजित करना।
- विदेशों से सही पद्धति सीखना।
- विकास सतत, सहयोगात्मक समावेशी
- लघु उद्योग को बढ़ावा देना एवं गरीबी दूर करना।
- जनसांख्यिकी अंतर का लाभ उठाना एवं रोजगार कौशल बढ़ाना।
- निगरानी , प्रतिपुष्टि सही करना, अंतर विभागीय मामलों का निपटारा करना।
कार्य :-
- लोक हितेषी समाज और व्यक्तिगत आकांक्षाओं को पूरा करना।
- अति सक्रियता नागरिकों की जरूरतों को जानना और उन्हें दूर करना।
- सहयोग नागरिकों की भागीदारी।
- सशक्तिकरण सभी क्षेत्र में महिलाओं का सशक्तिकरण।
- सर्व समावेशी – SC, ST, OBC, अल्पसंख्यक, गरीब, गांव, किसान सब का समावेश।
- युवाओं के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना
- पारदर्शिता सरकार को जवाबदेही और सुलभ बनाना।
नीति आयोग का संगठन
नीति आयोग का संगठन इस प्रकार निर्धारित किया जा सकता है।
- अध्यक्ष – प्रधानमंत्री
- शासी परिषद (Regional Council) – क्या सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और संघीय क्षेत्रों के उपराज्यपाल से मिलकर के बना है।
- क्षेत्रीय परिषद – ऐसे विशिष्ट मुद्दों और आकाश मिक मामलो, जो 1 से अधिक राज्य या एक क्षेत्र को प्रभावित करता हो, के संदर्भ में यह परिषद आवश्यकता आधार और विशिष्ट कार्यकाल हेतु गठित की जाएगी। इससे संबंधित क्षेत्र के राज्यों के मुख्यमंत्री एवं संघीय क्षेत्रों के राज्यपाल शामिल होंगे। इनका संयोजन प्रधानमंत्री द्वारा किया जाएगा और इनकी अध्यक्षता नीति आयोग के अध्यक्ष या उनके द्वारा नामांकित व्यक्ति द्वारा की जाएगी।
- विशेष आमंत्रित – नीति आयोग से संबंधित कार्य क्षेत्र का ज्ञान रखने वाले विशेषज्ञ, विशेष जानकारी और पेशेवर विशेष आमंत्रित के रूप में प्रधानमंत्री द्वारा नामांकित किए जाएंगे।
- पूर्णकालिक संगठनात्मक ढांचा – अध्यक्ष के रूप में प्रधानमंत्री के अध्यक्ष नीति आयोग के पूर्णकालिक संगठनात्मक ढांचा निम्नलिखित शामिल होंगे। उपाध्यक्ष जो कि प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाएगा। पूर्णकालिक सदस्य जो प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त किया जाएगा। अंशकालिक सदस्य। पदेन सदस्य जो कि प्रधानमंत्री द्वारा नाम अंकित केंद्रीय मंत्री परिषद के अधिकतम 4 सदस्य होंगे। मुख्य कार्यकारी अधिकारी जो प्रधानमंत्री द्वारा नियुक्त कार्यकाल के लिए भारत सरकार के सचिव स्तर के अधिकारी को नियुक्त किया जाएगा। सचिवालय आवश्यकता के अनुसार होगा।
नीति आयोग के बारे में रोचक तथ्य?
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 15 अगस्त, 2014 को लाल किले से अपने संबोधन के दौरान योजना आयोग को समाप्त कर उसकी जगह एक नई संस्था नीति आयोग की स्थापना की गई थी। 1 जनवरी वर्ष 2015 को भारत सरकार ने योजना आयोग के स्थान पर नीति आयोग (National Institute for Transforming India – NITI) का गठन करने की घोषणा की थी। योजना आयोग की तरह ही नीति आयोग का गठन भी केंद्रीय मंत्रिमंडल के निर्णय द्वारा हुआ है।
- नीति आयोग का मुख्यालय नई दिल्ली में है।
- नीति आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी वर्तमान समय में है।
- गवर्निंग काउंसिल सभी मुख्यमंत्री, केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल आते हैं।
- विशेष आमंत्रित सदस्य विशेषज्ञ, को प्रधानमंत्री खुद नामांकित करते हैं।
- नीति आयोग के उपाध्यक्ष की नियुक्ति भी प्रधानमंत्री द्वारा की जाती है।
- पदेन सदस्य के रूप में अधिकतम चार केंद्रीय मंत्रियों को नियुक्त किया जाता है।
- नीति आयोग का सीईओ केंद्र के सचिव स्तर का अधिकारी होता है। प्रधानमंत्री द्वारा एक निश्चित कार्यकाल के लिए इसे नियुक्त किया जाता है।
- नीति आयोग में तीन विभाग होंगे। पहला इंटर स्टेट काउंसिल की तर्ज पर होगा।
- दूसरा लंबे समय की योजना बनाने के लिए एवं उसकी निगरानी करने के लिए होगा।
- तीसरा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर व यूआईडीएआई को मिला करके बनेगा।
- ग्राम स्तर पर योजना बनाने को तंत्र विकसित करना नीति आयोग के अंतर्गत है।
- राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों और आर्थिक नीतियों में तालमेल बैठाना भी इसका एक प्रमुख कार्य है।
- आर्थिक प्रगति से वंचित रहे हो विशेष वर्गों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।