हर वह व्यक्ति जो टैक्स भरता है, उसकी व्यक्तिगत आय पर टैक्स का प्रभाव जरूर पड़ता है। उसके इनकम पर इसका प्रभाव ना पड़े इसके लिए हमें पहले से ही एक टैक्स की प्लानिंग करने की जरूरत होती है। इसीलिए हर व्यक्ति जो टैक्स भरते हैं उन्हें अपने टैक्स की प्लानिंग पहले से ही करने की जरूरत होती है। आज हम अपने इस लेख में इसी बारे में चर्चा करने वाली है। Why do you need Tax Planning? टैक्स प्लानिंग की आवश्यकता क्यों है?
इसके अलावा आज हम अपने इस लेख में इस बारे में भी बात करेंगे कि आप निवेश का कौन-कौन से संसाधनों का इस्तेमाल करके अपने लगने वाले टैक्स की बचत कर सकते हैं। ऐसे तो बाजार में बहुत से लोकप्रिय संसाधन मौजूद हैं जिन पर आप निवेश करके अपने टैक्स पर छूट पा सकते हैं। इनमें से सबसे लोकप्रिय संसाधन जीवन बीमा पॉलिसी है, जिस पर ज्यादातर लोग निवेश करके अपने टैक्स की बचत करते हैं। जिसके अंतर्गत किसी भी लाभार्थी को लाभ के रूप में प्रदान किया जाता है जिसमें आपको आय की सुरक्षा, व्यापक जीवन कवर, भुगतान की गई राशि में कमी इत्यादि चीजें मिलती है। इनकम टैक्स की धारा 1961 के अंतर्गत इसमें आपको टैक्स में छूट भी मिलता है। यह कुछ इंस्ट्रूमेंट है जिस पर आप निवेश करके अपने टैक्स की प्लानिंग एवं छूट प्राप्त कर सकते हैं। हम आगे इसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं।
Why do you need Tax Planning? टैक्स प्लानिंग की आवश्यकता क्यों है?
भारत जैसे देश में दो तरह के टैक्स किसी भी नागरिक को चुकाना होता है।
- प्रत्यक्ष कर या डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax)
- अप्रत्यक्ष कर या इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax)
प्रत्यक्ष कर से आप कैसे भी बच सकते हैं। लेकिन इन दोनों ही तरह के टैक्स में आप अप्रत्यक्ष कर से बचने का कोई भी तरीका नहीं निकाल सकते हैं। इनडायरेक्ट टैक्स आगे आय पर सीधे लगती है। लेकिन डायरेक्ट टैक्स को कम जरूरी किया जा सकता है, हालांकि इसके लिए खास प्लानिंग की जरूरत होती है। जिसके अंतर्गत आप विभिन्न इंस्ट्रूमेंट में निवेश करके अपने इनकम पर लगने वाले टैक्स की प्लानिंग एवं उसमें छूट पा सकते हैं। ज्यादातर लोग अपने टैक्स की प्लानिंग करने के लिए PPF, NSC, LIC इत्यादि चीजों पर निवेश करते हैं।
अगर आप भी उन सारे लोगों में से हैं जो मार्च के महीने में टैक्स से परेशान है तो वह स्मार्ट तरीके से या प्लानिंग कर सकते हैं कि वह अपने टैक्स की बचत किस तरह से कर सकेंगे। जैसा कि हमने ऊपर आप लोगों को इस बारे में जानकारी दी है कि भारत जैसे देश में दो तरह के टैक्स लगाए जाते हैं। इसके अंतर्गत भारतीय नागरिकों को प्रत्यक्ष कर और अप्रत्यक्ष कर दोनों ही तरह के टैक्स देने होते हैं। आप प्रत्यक्ष कर से तो बच सकते हैं, लेकिन अप्रत्यक्ष कर जो सीधे आपके इनकम पर लगाया जाता है इससे आप बच नहीं सकते हैं। लेकिन प्लानिंग के साथ में अगर आप निवेश करेंगे तो आप अवश्य रूप से अपने आय पर लगने वाले टैक्स पर छूट अवश्य रूप से प्राप्त कर सकते हैं।
हम अपने इस लेख में आपको 10 ऐसी योजनाओं के बारे में भी जानकारी देंगे जिन पर आप निवेश करके आयकर अधिनियम 1961 के 80D या 80C के अंतर्गत टैक्स में छूट पा सकते हैं। सालाना लगने वाले टैक्स की रकम को आप बचा सकते हैं।
Public Provident Fund (PPF) – पब्लिक प्रोविडेंट फंड में निवेश
बहुत से लोग अपने टैक्स की प्लानिंग करने के लिए, पीपीएफ (PPF) पर निवेश करना पसंद करते हैं। इसके अंतर्गत आप अधिकतम ₹1,50,000 सालाना निवेश कर सकते हैं। इस धनराशि पर आपको इनकम टैक्स की धारा 1961 के तहत 80C के अंतर्गत आपको इनकम टैक्स पर छूट दी जाती है।
इस पर निवेश करने का सबसे अच्छा कारण यह भी है कि इसमें आपको 7 से 9% तक का भी रिटर्न हासिल होता है। ज्यादातर लोग इसमें निवेश करना इसलिए भी पसंद करते हैं क्योंकि यह एक सरकारी योजना है। इस चलते लोग इसे सुरक्षित निवेश और टैक्स बचत विकल्प के रूप में चुनते हैं।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर निवेश करने का सबसे अच्छा फायदा यह है कि इसमें जो भी राशि या पूंजी जमा की जाती है। जैसे कि ब्याज और मैच्योरिटी राशि इत्यादि चीजें यह सभी की सभी कर मुक्त यानी कि टैक्स फ्री होती है। लेकिन यह ध्यान देने योग्य बात यह है कि पब्लिक प्रोविडेंट फंड पर निवेश आप लंबे समय के लिए करते हैं। इसलिए यह निवेश ऐसे निवेशक और ऐसे लोगों के लिए सही नहीं है जो कम अवधि के लिए इसमें निवेश करना चाहते हो।
National Pension Scheme (NPS) – नेशनल पेंशन स्कीम पर निवेश
NPS यानी कि नेशनल पेंशन स्कीम भारत सरकार द्वारा स्पॉन्सर किया गया एक पेंशन योजना है, अगर आप नेशनल पेंशन स्कीम पर निवेश करते हैं तो इस पर भी आपको इनकम टैक्स की धारा 1961 के अंतर्गत 80CCD (1B) के तहत ₹50000 के डिडक्शन का दावा कर सकते हैं और यह फायदा धारा 80C के तहत मिलने वाले बेनिफिट के अलावा भी उठा सकते हैं।
एलआईसी (LIC) पर निवेश
वर्तमान समय में लोगों के बीच में जीवन बीमा काफी लोकप्रिय इंस्ट्रूमेंट में से एक में गिना जाता है। अगर आपने भी जीवन बीमा लिया है तो आप इसे इनकम टैक्स भरते वक्त दिखा सकते हैं। जीवन बीमा के प्रीमियम पर इनकम टैक्स की धारा 80C के अंतर्गत ₹1,50,000 तक के कटौती का फायदा उठा सकते हैं। लेकिन आप इस बात का ध्यान रखने की इंश्योरेंस कवर प्रीमियम राशि से करीब 10 गुना अधिक होनी चाहिए।
National Saving Certificate (NSC) – राष्ट्रीय बचत पत्र में निवेश
ऐसे करदाता जो ज्यादा अधिक रिस्क नहीं लेना चाहते हैं, वे राष्ट्रीय बचत पत्र पर निवेश कर सकते हैं। राष्ट्रीय बचत पत्र पर भी आपको टैक्स कटौती में फायदा पहुंचता है। इसमें निवेश के लिए न्यूनतम राशि की कोई भी बाध्यता नहीं है लेकिन आप इनकम टैक्स की धारा 80C के अंतर्गत केवल ₹1,50,000 तक के जमा पर ही टैक्स बचत का दावा कर सकते हैं। इसमें निवेश करते बात आप इस बात का भी ध्यान रखें कि Tax Saver Fixed Deposit की तरह ही इसमें भी 5 सालों का लॉक इन पीरियड होता है। यानी कि 5 साल से पहले इसे तोड़ नहीं सकते हैं। यह योजना उन लोगों के लिए काफी फायदेमंद है जो अल्प अवधि के लिए निवेश करके अपना इनकम टैक्स बचाना चाहते हैं।
Equity Linked Saving Scheme (ELSS) – इक्विटी लिंक्ड सेविंग योजना पर निवेश
वर्तमान समय में लोगों के बीच में यह योजना भी काफी लोकप्रिय है। यार एक बहुत ही बढ़िया बाजार आधारित टैक्स बचाने की योजना है। इस तरह की योजना में आपको शानदार रिटर्न मिलने के साथ आप अपनी टैक्स की बचत भी कर पाते हैं। इसके अलावा या लोगों के बीच में इसलिए भी लोकप्रिय है क्योंकि बाकी योजनाओं और स्कीम की तुलना में इसका लॉक इन पीरियड भी कम होता है। आप इसके अंतर्गत 3 सालों का लॉक इन पीरियड होती है।
इस स्कीम के अंतर्गत भी आपको इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत ₹150000 तक का टैक्स में कटौती ले सकते हैं। कम लॉकिंग पीरियड होने की वजह से यह लोगों के बीच पर टैक्स बचाने का सबसे बढ़िया साधन वर्तमान समय में है।
Home Loan पर भी आप टैक्स में बचत कर सकते हैं
अगर आपने अपना घर बनाने के लिए, किसी बैंक या वित्तीय संस्थान से लोन ले रखा है तो, तो भी आप टैक्स पर कटौती करवा सकते हैं। होम लोन के अंतर्गत इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत ₹1,60,000 तक का टैक्स कटौती का फायदा उठा सकते हैं। इसके अलावा आप होम लोन पर चुकाए गए ₹2,00,000 तक के ब्याज पर इनकम टैक्स के धारा 24B के तहत भी अपना टैक्स बचा सकते हैं।
इन सबके अलावा आप Tax Saver Fixed Deposit पर भी निवेश कर सकते हैं। इस पर भी आपको इनकम टैक्स की धारा के अंतर्गत छूट मिलती है। इसमें लॉक इन पीरियड 5 सालों का होता है यानी कि 5 साल से पहले आप पैसों को को तोड़ नहीं सकते हैं। टैक्स सेवर स्कीम के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके, इसके बारे में पढ़ सकते हैं।
What is Tax Saver Fixed Deposit? टैक्स सेविंग फिक्स डिपाजिट क्या है?
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश
अगर आपकी कोई बेटी है तो आप सुकन्या समृद्धि योजना पर भी निवेश कर सकते हैं। भारत सरकार द्वारा सुकन्या समृद्धि खाते की सुविधा पर भी इनकम टैक्स पर छूट दिया जाता है। सुकन्या समृद्धि खाते के तहत इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपए तक का इनकम टैक्स में छूट प्राप्त कर सकते हैं। सुकन्या समृद्धि योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके इसके बारे में पढ़ सकते हैं।
Sukanya Samriddhi Yojana Hindi – सुकन्या समृद्धि योजना
इन सबके अलावा अगर आपके दो बच्चे हैं तो भी आप अपनी इनकम टैक्स पर उनके ट्यूशन फी के लिए इनकम टैक्स की धारा 80C के अंतर्गत ₹150000 तक का टैक्स पर छूट प्राप्त कर सकते हैं। यहां तक की आप अपने बचत खाते पर मिलने वाले ब्याज पर भी आपको टैक्स का लाभ मिलता है। 60 साल से कम उम्र के कर दाता ₹10000 तक के ब्याज पर और इससे अधिक उम्र वाले करदाता यानी की सीनियर सिटीजन ₹50000 तक के ब्याज पर टैक्स बचा सकते हैं।
निष्कर्ष
अप्रत्यक्ष कर के रूप में आपकी इनकम पर सरकार द्वारा हर साल टैक्स वसूला जाता है। अगर आप सही प्लानिंग और सही निवेश करते हैं तो आप अवश्य रूप से अपने कुल इनकम टैक्स का अधिकांश हिस्सा बचा सकते हैं। आज के हमारे इस लेख में हमने आप लोगों को इस बारे में जानकारी उपलब्ध कराई है कि Why do you need Tax Planning? टैक्स प्लानिंग की आवश्यकता क्यों है? इससे संबंधित अगर आपकी कुछ सवाल एवं सुझाव है तो आप हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट करके बता सकते हैं।