स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है? How stock exchange work in Hindi

Stock Exchange को किसी भी अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर कहा जा सकता है। स्टॉक एक्सचेंज में होने वाले उतार-चढ़ाव से आप किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में होने वाले बदलाव का पैमाना नाप सकते हैं।इस चलते शेयर बाजार किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन जाता है।शेयर की खरीद-फरोख्त स्टॉक एक्सचेंज के माध्यम से ही की जाती है।किसी भी मार्केट में शेयर की खरीद और बिक्री उसकी डिमांड और सप्लाई पर आधारित होती है। इसका रिकॉर्ड रखने के लिए स्टॉक एक्सचेंज होता है। आज हम जानेंगे कि स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है? How stock exchange work in Hindi

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है? How stocks exchange work in Hindi

भारत में सबसे पहला स्टॉक एक्सचेंज साल 18 सो 75 में मुंबई के स्थानीय दलालों के रूप में सामने आया था। उसमें इसका नाम ‘native share and stock broker association’रखा गया था। फिर बाद में इसे बी एस ई (BSE, Bombay Stock Exchange) के नाम से जाना जाने लगा। अभी पूरे भारत में 24 से लेकर के 25 स्टॉक एक्सचेंज है। लेकिन दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज में BSE और NSE आते हैं। भारत में दो बड़े स्टॉक एक्सचेंज जो निम्नलिखित है।

  1. BSE – Bombay Stock Exchange
  2. NSE – National Stock Exchange

मुंबई स्टॉक एक्सचेंज भारत और एशिया का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। जैसा कि हम ऐसे ऊपर बताया है इसकी स्थापना साल 1875 में की गई थी। भारत की पूंजी बाजार में इस एक्सचेंज की महत्वपूर्ण भूमिका है। कुछ साल पहले तक BSE पर सीधी शेयर की खरीद बिक्री करनी पड़ती थी।पिछले कई दशकों में कई बदलाव हुए और शेयर मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज को पूरी तरह से कंप्यूटर एवं इंटरनेट से जोड़ दिया गया है। इस चलते आप घर बैठे अब आसानी से अपने कंप्यूटर और इंटरनेट के जरिए शेयर की खरीद बिक्री आसानी से कर सकते हैं।इसका संचालन मैनेजिंग डायरेक्टर के देखरेख में बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स द्वारा किया जाता है। इसके बोर्ड में ट्रेनिंग मेंबर्स के प्रतिनिधि औरत प्रतिष्ठित प्रोफेशनल शामिल होते हैं।

स्टॉक ब्रोकर्स इसके रजिस्टर्ड सदस्य होते हैं। BSE का सूचकांक Sensex के नाम से जाना जाता है। सेंसेक्स में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज यानी कि BSE के 30 सबसे सक्रिय और बड़े मार्केट कैपिटल कैपिटल रखने वाले शेयर को शामिल किया जाता है।

Sensex के बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए आप नीचे दिए गए लिंक से हमारा अन्य पोस्ट पढ़ सकते हैं। How stock exchange work in Hindi

Sensex क्या होता है? सेंसेक्स कैसे कार्य करती है?

Of को National Stock Exchange के नाम से जाना जाता है। उसकी स्थापना साल 1992 में की गई थी। या मुंबई में स्थित है। NSE भारत का सबसे बड़ा और तकनीकी रूप से बेहद सक्षम शेयर बाजार या स्टॉक एक्सचेंज के रूप में जाना जाता है। इसका सूचकांक Nifty 50 है। इसमें 22 अलग-अलग सेक्टर के 50 कंपनियों के शेयर शामिल किए जाते हैं। Niftyसे संबंधित अधिक जानकारी के लिए आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करके इसके बारे में विस्तार से पढ़ सकते हैं।

NIFTY क्या होता है?

स्टॉक एक्सचेंज कंप्यूटरीकृत कारोबार

जैसे से नई तकनीकी ने हमारे देश में कदम रखा वैसे वैसे बाजार के प्रकार में भी बदलाव होते गए। आज हमारा संपूर्ण शेयर बाजार कंप्यूटर आधारित मशीनों पर कार्य करती है। उससे पहले स्टॉक एक्सचेंज एक निर्धारित स्थान पर होते थे। जहां शेयर ब्रोकर आमने सामने बैठ कर के शेयर की ट्रेडिंग क्या करते थे। उसको ट्रेडिंग कर रिंग कहा जाता था।ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज में खड़े होकर शेयरों की बोली लगाया करते थे उसमें बहुत सारी गलतियां होने का डर रहता था। लेकिन अब सारा कारोबार कंप्यूटरीकृत होने से निवेशकों के लिए शेयर में निवेश करना बहुत आसान हो गया है। ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज आने की वजह अपने दफ्तर मैं लगे कंप्यूटर से ही अपने ग्राहकों के लिए शेयर खरीद और बेच सकते हैं।आप अपने ब्रोकर को किसी खास प्रकार के शेयर को खरीदने के लिए आर्डर अपने घर बैठे इंटरनेट के माध्यम से दे सकते हैं। स्टॉक एक्सचेंज का प्रत्येक सदस्य ब्रोकर ट्रेडिंग प्रॉमिनल द्वारा सेंट्रल प्लेस से जुड़ा हुआ होता है। जहां शेयरों की खरीद और बिक्री के आर्डर का मिलान करके सौदों का निपटान किया जाता है।

स्टॉक एक्सचेंज का महत्व

शेयर बाजार में स्टॉक एक्सचेंज की अहम भूमिका होती है। कंपनी प्राइमरी मार्केट के जरिए पहली बार पब्लिक के लिए शेयर जारी करती है और उसकी लिस्टिंग उस स्टॉक मार्केट या स्टॉक एक्सचेंज में होने के बाद उसके द्वारा जारी किया गया शेयर, सेकेंडरी मार्केट पर खरीद-फरोख्त के लिए उपलब्ध हो जाता है। स्टॉक एक्सचेंज में एक बार पंजीकृत होने के बाद किसी भी कंपनी के शेयर की बोली आप आसानी से इंटरनेट के माध्यम से लगा सकते हैं। शेयर खरीदने से आप किसी भी कंपनी पर अपनी हिस्सेदारी खरीदते हैं।एक्सचेंज में ट्रेडिंग डाइट और ओनरशिप राइट एक दूसरे से अलग है। ऐसी परिस्थिति में निवेशकों के हित का विशेष ध्यान रखा जाता है। स्टॉक एक्सचेंज इक्विटी, डिबेट और बहुत से ऑप्शन व्यापार के लिए ढांचा एवं पारदर्शक ट्रेडिंग सिस्टम सुनिश्चित करता है।

शेयर बाजार को प्रभावित करने वाले कारक – Factors Affecting Stock Market

यदि आप किसी कंपनी के स्टॉक में निवेश करके पैसा बनाना चाहते हैं और आपके मन में कई तरह के सवाल होते हैं जैसे कौन सा शेयर खरीदना है? किस मूल्य पर स्टॉक को खरीदना पड़ेगा, स्टॉक को कितना लाभ पर बेचना है,एक कंपनी के शेयर की कीमत दूसरे की तुलना में अधिक क्यों होती है?इन सभी बातों को समझने और स्टॉक से पैसे कमाने की तलाश में आपको शेयर बाजार की मूल बातें समझने की जरूरत है और यह समझना चाहिए कि शेयर मार्केट को प्रभावित करने वाला कारक कौन-कौन सा होता है? How stock exchange work in Hindi

मांग और पूर्ति – Demand and Supply

शेयर की कीमत में उतार-चढ़ाव का एक सबसे आम कारण मांग और आपूर्ति(demand and supply) होती है।यदि स्टॉक मार्केट में शेयर की मांग आपूर्ति से अधिक है इसका साफ मतलब है खरीदार विक्रेता से अधिक है, तो शेयर की कीमत में वृद्धि होती है। यानी जब बाजार में विदेशी संस्थान निवेशक और घरेलू निवेशक कि नहीं शेरों की बड़ी मात्रा में खरीदारी करते हैं जिससे उन शेयरों की मांग बढ़ जाती है। और मार्केट में इनकी उपलब्धता कम होने के चलते तब ऐसे शेयरों के तत्कालिक दामों पर बढ़ोतरी देखने को मिलती है। दूसरी ओर यदि प्रतिभूतियों या शेरों की मांग आपूर्ति से कम है यानी कि खरीदार विक्रेता से कम है। तो इसका सर सीधे शेयरों की कीमत में देखने को मिलता है और शेयरों की कीमत घट जाती है। यानी कि शेयर मार्केट को प्रभावित करने वाले कारक में मांग और आपूर्ति मुख्य कारण हो सकता है।

ब्याज दरें – Interest rates

यदि आरबीआई अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार के लिए कुछ समय के लिए ब्याज दरें को नियंत्रित करता है तो उच्च ब्याज दरें कंपनी के मुनाफे को कम कर देगी। जिसका परिणाम स्वरूप शेयर की कीमतों में गिरावट देखी जा सकती है।इसके विपरीत यदि ब्याज दरें कम होगी तो धन की मांग अधिक होगी जिससे कंपनी के शुद्ध मुनाफे में भी इजाफा होता है और शेयर की कीमत पर वृद्धि होती है। How stock exchange work in Hindi

आर्थिक दृष्टिकोण – Economic Outlook

यदि जब ऐसा प्रतीत होता है कि अर्थव्यवस्था की स्थिति में सुधार हो रहा है या देश की जीडीपी बढ़ रही है। तो इसका सकारात्मक प्रभाव स्टॉक मार्केट पर भी देखा जा सकता है और शेयरों की कीमत बढ़ सकती है। वही जीडीपी गिरती है या जीडीपी पर नकारात्मक वृद्धि होती है तो इसका सीधा असर स्टॉक मार्केट पर देखने को मिलता है। जिसके चलते कई बड़े शेयरों के दाम गिरने लगते हैं।

बड़े निवेशक अपने रिसर्च के अनुसार स्टॉक खरीदते हैं क्योंकि उन्हें भविष्य में मुनाफा और शेयर की उचित दाम होने का अनुमान होता है।यदि आर्थिक दृष्टिकोण अनिश्चित दिया अर्थव्यवस्था में मंदी के संकेत बिकते हैं तो बड़े निवेशक अपनी खरीद को कम कर देते हैं या बिक्री शुरू कर देते हैं।

कंपनी का प्रदर्शन

किसी भी कंपनी के शेयर मूल्य इस बात पर निर्भर करता है कि कंपनी का अपना कारोबार कैसा चल रहा है? अगर कंपनी लगातार मुनाफा कमा रही है, तो वह समय-समय पर अपने बाजार पूंजीकरण में बढ़ावा दे रही है और अपने शेयरधारकों को नियमित लाभांश प्रदान करती है। तो इससे शेयर की कीमतों पर वृद्धि होती है।

इसके ठीक विपरीत,अगर कंपनी अपने कारोबार में अच्छा नहीं कर रही है या मुनाफा नहीं कमा रही है और अपने शेयरधारकों को नियमित लाभांश का भुगतान करने में असमर्थ है, तो इसकी शेयर की कीमतों में गिरावट होने की संभावना अधिक होती है।

यह कुछ मुख्य कारण है जिसके चलते किसी भी शेयर की कीमतों पर स्टॉक मार्केट पर असर दिखता है।

निष्कर्ष

हमने यहां पर आप लोगों को स्टॉक मार्केट से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई है। हमें आप पर आपको यह बताने की कोशिश की है कि स्टॉक मार्केट कैसे कार्य करती है? इसके अलावा स्टॉक मार्केट भारत में दो बड़े कौन-कौन से हैं? किसी भी कंपनी के शेयर मार्केट पर शेयर की कीमत किन किन मुख्य कारणों से घट सकती है? आदि विषयों पर जानकारी उपलब्ध कराई है। How stock market works in Hindi शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट कैसे कार्य करती है इसके कार्यप्रणाली के बारे में भी जानकारी दी है।

उम्मीद करता हूं कि आपको हमारे द्वारा दी गई है जानकारी पसंद आई होगी। आप से संबंधित कुछ सवाल एवं सुझाव हमें नीचे दिए गए कमेंट बॉक्स पर कमेंट करके बता सकते हैं।

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